रामचरितमानसरुपी आकाश में मृगशिरा नक्षत्ररुपी सुनयनाजी कृत श्रीराम-स्तुति

  Рет қаралды 1,281

RamcharitManas-Kashi

RamcharitManas-Kashi

Күн бұрын

"यह गुणग्राम पाँचवाँ मृगशिरा नक्षत्र है। इसमें तीन तारे चमकते हैं। आकार मृगमुख सा है । यह सुनयनाकृत स्तुति है । इसमें १. जानकीजी का समर्पण २. हाथ जोड़कर विनय और ३. चरण ग्रहण : ये ही तीन तारे चमकते हैं । प्रेम पंक जनु गिरा समानी : कहकर मृगमुखाकार कहा । क्योंकि बोल नहीं सकती ।"

Пікірлер: 1
@pawankumartripathi7336
@pawankumartripathi7336 11 ай бұрын
Jay Shri Ram
UFC 287 : Перейра VS Адесанья 2
6:02
Setanta Sports UFC
Рет қаралды 486 М.
$1 vs $500,000 Plane Ticket!
12:20
MrBeast
Рет қаралды 122 МЛН
अचाह पद ! अष्टावक्र गीता
21:20
सनातन बोध - Sanatan Bodh
Рет қаралды 5 М.
भारतीय दर्शन का सूर्य उदय || Arya Samaj
8:33
Arya Samaj आर्य समाज
Рет қаралды 2 М.
Siddh Choupaiyan
18:24
Suresh Wadkar Official
Рет қаралды 35 МЛН