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राष्ट्रकवि, लेखक और पत्रकार मैथिलीशरण गुप्त की ज़िंदगी पर पहली बार एक घंटे की बायोपिक फ़िल्म। इस फ़िल्म में मैथिलीशरण गुप्त की ज़िंदगी के अनेक अनछुए पहलुओं को उजागर किया गया है। ब्रजभाषा में अपनी कविता शुरू करने वाले मैथिलीशरण गुप्त महावीर प्रसाद द्विवेदी की प्रेरणा से खड़ी बोली हिंदी के अग्रणी कवि बन गए। उन्होंन खड़ी बोली को एक काव्य-भाषा के रूप में विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । साहित्य जगत में दद्दा नाम से लोकप्रिय मैथिलीशरण गुप्त की कालजयी कृति भारत-भारती ने राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान नई राजनीतिक और सामाजिक चेतना जगाई। राष्ट्रवाद और ऐतिहासिक गौरव को आधार बनाकर उन्होंने अनमोल रचनाएं की। अपनी बेबाक लेखनी के लिए मैथिलीशरण गुप्त को आज़ादी के आंदोलन के दौरान जेल भी जाना पड़ा। अपने शानदार साहित्यिक लेखन के लिए पद्म भूषण से सम्मानित राष्ट्रकवि मैथिलीशरण की जीवन गाथा पर बनी एक शानदार फ़िल्म।
Anchor: Rajesh Badal