Sir jab ham gehri neend me hote hai to chetna kaha jati hai please iss par ekk video banaye
@vivekgangaАй бұрын
चेतना तीनों अवस्थाओं में रहती है। गहरी नींद में हमारा मन विलुप्त हो जाता है। मन एक दर्पण के समान होता है। गहरी नींद में दर्पण पर कोई प्रतिबिंब नहीं बनता और हमें लगता है कि चेतना नहीं है।
@RaviKumar-eu4pyАй бұрын
गैहरी नींद को सुषप्ति अवस्था कह सकता हूं क्या सर अगर हा तो गहरी नींद में जब कोई स्वपन नही रहता तब भी यह बोध तो होता ही है की मैं हू क्या ,आप और वीडियो में जो बात बताई गई है उसी की तरफ इशारा है , मेरा उत्तर जरूर दीजियेगा ,आप का दिल से साधुवाद
@vivekgangaАй бұрын
जी गहरी नींद में भी यह आभास रहता है कि मैं हूं। यदि ऐसा न होता तो आप कैसे जागने के बाद यह कह पाते कि मैं गहरी नींद में था। कोई तो गहरी नींद में भी मौजूद था जो उस नींद का अनुभव कर रहा था। धन्यवाद!!
@veerSaini-mo5ysАй бұрын
Mukti kaise milegi
@mayank-stАй бұрын
sir ek question hai , ki sprituality says that , tum aham (me bhav) ko mita do , tum dekh lo ki tum ye bhi nhi ho , vo bhi nhi ho . par dekhne wala to aham hi hai ? aur aham shi artho me hai kya ?
@rajukahtri3404Ай бұрын
Biprit hoo too hii mera may khda hota hai
@rajukahtri3404Ай бұрын
Bishbash nahi hota
@mayank-stАй бұрын
sir ek question hai , ki sprituality says that , tum aham (me bhav) ko mita do , tum dekh lo ki tum ye bhi nhi ho , vo bhi nhi ho . par dekhne wala to aham hi hai ? aur aham shi artho me hai kya ?
@vivekgangaАй бұрын
मयंक जी आप जिसे अहम समझ रहे हैं वो अहंकार है। और अहंकार मन से उत्पन्न होता है। जबकि अहम वो चेतना है जो अनादि अनंत है जिसे ब्रह्म कहा जाता है। मन एक दर्पण की तरह काम करता है। जब अहम या ब्रह्म का प्रकाश मन रूपी दर्पण पर पड़ता है तो वो उसका एक प्रतिबिंब बना लेता है जिसे अहंकार कहते हैं या साधारण भाषा में मैं कहा जाता है। जो वास्तिव नहीं बस एक प्रतिबिंब मात्र है जबकि अहम या ब्रह्म सत्य है।