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सुप्रीम कोर्ट के गत 13 फरवरी को दिए गए उस फ़ैसले की जिसके तहत अदालत ने क़रीब 12 लाख वनवासियों और आदिवासियों को बेदखल करने का फैसला सुनाया था मगर बाद में अपने उस फैसले पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने 21 राज्यों से कहा था की वह इन क़रीब 12 लाख वनवासियों और आदिवासियों को आगामी 24 जुलाई तक बेदखल कर दे और कानून के मुताबिक जमीनें खाली कराएं। साथ ही अदालत ने राज्य सरकारों को वनवासियों के दावों को खारिज करने में अपनाई गई प्रक्रियाओं के बारे में ब्यौरा देने के लिए हलफनामे दायर करने का भी निर्देश दिया है।उल्लेखनीय है की सुप्रीम कोर्ट ने क़रीब 12 लाख पारंपरिक वनवासियों द्वारा किए गए भूमि स्वामित्व के दावों को विभिन्न आधारों पर खारिज कर दिया गया था। इनमें वो लोग भी शामिल हैं जो ये सबूत नहीं दे पाए कि कम से कम तीन पीढ़ियों से पुश्तैनी ज़मीन उनके कब्जे में थी।
ANCHOR: क़ुरबान अली , पूर्व एडिटर राज्यसभा टीवी
GUESTS: नरेश चंद्र सक्सेना ,पूर्व सचिव योजना आयोग
संजीव कुमार, सामाजिक कार्यकर्त्ता
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