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रवि दहिया के पहले गुरू ब्रह्मचारी हंसराज पहलवान जी है | रवि अपने बचपन से ही पहलवान जी के अखाड़े मैं आते थे | फिर कुछ वर्षों के बाद हंसराज जी ने उसको तैयार करके छत्रसाल स्टेडियम में भेज दिया उसके बाद रवि दहिया ने मेहनत करके ये स्थान प्राप्त किया है नमन है ऐसे होनहार शिष्य को उसके माता-पिता को भी नमन है|
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