Fake itihas bata rahe me khud Sikh hu suno Jab gurunanak dev ji yaha aaye the tab yaha shiv mandir tha shiv ji ko Pooja ki or vaha ek garam Pani ki jagah bhi thi Usi garam pani se guru ji ne apne Sevak ko lane kaha tha or shiv mandir ke pass aaram karn baith gaye tab se yaha guru ji ka gurudwara bana yi bhagwan shiv ji ka sthan hai
शिव मंदिर है इधर माता की मणि गिरी थी इधर इसलिए इधर का नाम मणिकर्ण पड़ा , और ये गर्म पानी भी मंदिर में है ना की गुरुद्वारा में , भगवान शिव को जब क्रोध आया तब से ये पानी उबलता है । सही जानकारी दिया करो । ये गुरुद्वारा बहुत बाद में बना है । और इधर बहुत हुड़दंगी आते है और मणिकर्ण में गांधी मचाते है । ये गुरुद्वारा नही होता तो शायद इधर शांति बनी रहती ।