Рет қаралды 206,389
हमारे देश के लोकतंत्र की आत्मा यानी हमारे संविधान की संरचना इतनी ख़ूबसूरत है की हर परिस्थिती में ये देश के क़ानून की रक्षा करती है। विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। ये तीनों स्तंभ हर सूरत में लोकतंत्र की मूल भावना की रक्षा करते नज़र आते हैं। देश की संसद का काम.. पूरे मुल्क के लिए कानून बनाना है। समय और परिस्थिती के अनुसार संसद से क़ानून बनते रहे हैं। संसद से बने क़ानून पूरे देश में लागू होते हैं। हालांकि अभी नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कुछ राज्य सरकारों की आपत्ती सामने आई। केरल सरकार ने तो इन सब से आगे निकलकर विधानसभा से इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव ही पारित कर दिया। अब केरल सरकार की इस कवायद से ये सवाल खड़ा हो जाता है कि आखिर विधानसभाओं के अधिकार क्या हैं और इनकी सीमा कितनी है। विशेष के इस अंक में बात करने जा रहे हैं संविधान में संसद और विधानमंडल में किस प्रकार शक्तियों का बंटवारा किया गया है ये समझने की कोशिश करेंगे और क्या संसद से पारित किसी कानून के खिलाफ जाकर, विधानसभा कोई कदम उठा सकती है, संविधान में इन तमाम पहलुओं का बकायदा जिक्र है। लोकतंत्र के अंदर लोकतंत्र की बेहतरी के लिए इसके सभी अंगों के बीच सामंजस्य बना रहे संविधान में इसे भी सुनिश्चित किया गया है।
-----------------------
Anchor - Vaibhav Raj Shukla
Producer - Rajeev Kumar, Ritu Kumar, Abhilasha Pathak
Production - Akash Popli
Reporter - Bharat Singh Diwakar
Graphics - Nirdesh, Girish, Mayank
Video Editor - Satish Chandra, Deepak Saluja, Pitamber Joshi