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इंसान जब जन्म लेता है तो उसका सरोकार किसी ना किसी रूप में उस देश, उस ज़मीन से जुड़ जाता है। इंसान अकेला नहीं है, वो एक समाजिक प्रणाली का हिस्सा है। पूरी दुनिया में हम इंसानों ने लकीरें ख़ींच रखी हैं। सबने अपनी अलग दुनिया बसा रखी है। हर देश का अलग संविधान और अलग क़ानून है। भारत का संविधान ये सुनिश्चित करता है की हर व्यक्ति को मुख्यधारा में शामिल किया जाए। लेकिन इसके लिए उसे देश का नागरिक होना जरूरी है। एसे में प्रश्न आता है की भला कौन इस देश का नागरिक है और कौन नहीं? या किसको इस देश की नागरिकता मिलना चाहिए? भारत के संविधान में बकायदा नागरिकता को लेकर स्पष्ट प्रावधान किए गए हैं हालांकि समय समय पर इसमें संशोधन भी होते रहे हैं। भारत में एकल नागरिकता व्यवस्था है और प्रवासी भारतियों और शर्णार्थियों के लिए भी क़ानून में बकायदा व्यापक व्यवस्था की गई है और एक बार फिर नागरिकता से ही जुड़े नागरिकता संशोधन बिल 2019 को लोक सभा से पास कर दिया गया है। विशेष में संविधान में नागरिकता को लेकर किए गए प्रावधान को और नागरिकता कानून के अब तक के सफर को समझने की कोशिश करेंगे।
Anchor - Vaibhav raj Shukla
Producer - Ritu Kumar, Amrita Chaurasiya
Production - Asmita Mishra
Graphics - Nirdesh, Girish, Mayank
Video Editor - Daleep Kumar, Saif