गुरुजी प्रणाम आप से विनम्र निवेदन है कि आप हर लेसन में बोल को एक्सप्लेन न करें जैसे धा, का, ता आदि। आप केवल बोल को बजा कर बताए। क्योंकि हर लेसन बिगनर्स के लिए नहीं होता इससे समय की बचत होगी।धन्यवाद
@RhythmsTalkOfficial10 ай бұрын
सौरभ जी, जब कोई youtub जैसे एक व्यापक माध्यम से अपनी बात रखता है तो बड़ी समस्या होती है। खासकर जो सीखने सिखाने जैसा काम है उसमें बड़ी समस्या ये होती है कि मेरे चैनल या किसी विडिओ को कोई नया व्यक्ति देखता है या रेगुलर देखने वाला ये मैं नहीं समझ सकता, ऐसा सम्भव नहीं है। जो मेरे सब्सक्राइबर हैं वो या निरंतर देखने वाले जानते हैं कि कौन सा बोल निकालना मैं कैसे बताता हूं (यहां मैं लिखने का मतलब है हर लोगों के सिखाने का अपना अपना तरीका है)। नए लोग भी देखते हैं। जरूरी नहीं कि हर कोई मेरा हर विडिओ देखता हो। इसलिए जरूरी है कि मैं अपने सभी विडिओ में बोल को निकालने का तरीका बताता हूं। अब दो बातें हैं मैं खुद ये बताते इरिटेट हो जाता हूं क्योंकि मैं खुद एक परमॉर्मर कलाकार हूं। सिखाने का काम मैं नहीं करता था लेकिन कोविड ने बहुत कुछ सिखा दिया। दूसरी बात मैं हर सीखने बालों से कहता हूं कि 15 से 20 मिनट का एक विडिओ होता है यदि आप पूरा देखें तो आपके लिए अच्छा है। आप समझिए कि मेरी चैनल से फिलहाल कोई अर्न नहीं है और कोई उम्मीद भी नहीं है। मैं किसी उम्मीद से बनाया भी नहीं था। मैं कुछ अच्छा ही सीखने बालों के लिए सोचा था लेकिन मैं गलत था। अब चैनल बना ही लिया हूं तो सच्चाई सामने लाते रहुंगा। कोई लोभ नहीं इसलिए चैनल से सीखने बालों से इतना जरुर उम्मीद करता हूं कि गुरू दक्षिणा में 15 --20 मिनट का समय जरुर दें।धन्यवाद🌹
@kumarsaurabh619610 ай бұрын
गुरुजी सादर चरण स्पर्श, गुरुजी मैं आपके ज्यादातर लेसन देखता हूं। और उनसे कुछ ना कुछ सीखता भी हूं। मेरी आपसे एक बार फोन पर भी बात हुई थी लेकिन दोबारा नहीं हो पाया। मुझे जो महसूस हुआ मैंने कह दिया। मैंने कुछ सोच कर नही किया। यदि मुझे कुछ गलती हुई हो तो क्षमा करें। धनयवाद आपका शिष्य
@RhythmsTalkOfficial10 ай бұрын
आज एक लेसन बना रहा था तो इस विषय पर मैंने बोला है। यदि आप मुझे गुरू मानते हैं तो कुछ गुरू मंत्र दे रहा हूं। यदि सच में सीखना चाहते हैं तो इतना जरुर करें 1:-- एक बोल कोई भी उठाएं छोटा सा फिर कम से कम एक महिना लगभग प्रतिदिन 1घंटे उसके निकास का अभ्यास करें। चाहे उसके लिए कितनी बार भी विडिओ रिपीट करना पड़े। 2:-- बोल के छंद को पकड़ें और बोलकर तथा बजाकर तैयार करें। समय कितना भी लगे। 3:-- अब अभ्यास करें। 4:-- बजाएं वादक बनकर और अपना ही वादन सुनें श्रोता बनकर। 5:-- जब निष्पक्ष भाव से अपना वो बोल अच्छा लगने लगे तब दूसरा बोल इस तरह यदि 1 साल कर लिया तो, और यदि ईश्वर ने लय दिया है तो आप निश्चित कलाकार बन जाएंगे। ठेका बदलें, गुरू नहीं।
@kumarsaurabh619610 ай бұрын
@@RhythmsTalkOfficial जी गुरु जी कोशिश जरूर करूंगा। जय श्री राधे