Рет қаралды 497
विषय वस्तुः
भारतीय चित्रकला की परंपरा अपने आप मे अनूठी है। भीमबेटका की गुफा चित्र से लेकर आधुनिक काल के चित्र इतनी लंबी अद्भुत यात्रा भारतीय चित्रकला की है। कई संप्रदायों में चित्रकला को दैवी रूप भी प्राप्त हुआ है। ग्रंथों में वर्णित ६४ कलाओं में चित्रकला का प्रमुख स्थान है। यह सादरीकरण इसी अद्भुत कला यात्रा को समझने का प्रयास है।
वक्ता परिचयः
ओंकार रवींद्र जोशी मुंबई महाराष्ट्र से हैं व भारतीय ज्ञान परंपरा के अभ्यासक हैं। ये मंदिर स्थापत्य एवं भारतीय चित्रकला परंपरा मे विशेष रुची रखते हैं। साथ ही, ये स्वयं एक चित्रकार, लेखक एवं कथाकार भी हैं।
उपविषय:
00:00 परिचय
03:19 विषय प्रवेश
11:04 आदिवासी चित्रकला
14:01 यंत्र आकृति
15:40 तंत्र में चित्रकला
17:10 जैमित्य आकृति
18:55 भारतीय लोक चित्रकला
22:14 कलमकारी
26:11 पट्टचित्र
29:26 चित्रकथी
30:20 माता नी पछेड़ी - गुजराती कला
34:08 पिछवाई की कथा
36:36 प्राचीन भारतीय ग्रंथ में चित्रकला
42:53 भित्तिचित्र कला
45:42 भारतीय चित्रकला पर इस्लाम का प्रभाव
47:39 भारतीय चित्रकला पर ब्रिटिश प्रभाव
54:04 प्रश्नोत्तर
54:15 कर्मचित्र कथी क्या है?
54:30 यंत्रचित्र कला में प्रमाण बद्धता का क्या अर्थ है ?
56:43 तिब्बतन बुद्धिज़्म में तंत्र - नीले व सुनहरे रंगों का क्या महत्व है
01:05:39 समापन
Join our newsletter for getting updates on upcoming lectures:
www.sangamtalks.com/subscribe
Join our KZbin video channel for learning about new video releases:
Hindi : / sangamhindi
English : / sangamtalks
Tamil : / @sangamtamizh
Punjabi : / @sangampunjabi
Bhojpuri : / @sangamtalksbhojpuri
Marathi : / @sangammarathi
Malayalam : / @sangammalayalam
Shorts : / @sangamtalkstv
Bangla : / @sangambangla
For updates you may follow us on:
Facebook : / sangamtalks
Instagram : / sangamtalks
Telegram : t.me/sangamtalks
Twitter : / sangamtalks
Koo : www.kooapp.com/profile/sangam...
Website : www.sangamtalks.org
Donate : www.sangamtalks.org/donate