बहुत सुंदर साक्षात्कार।रोहिणी जी ने उन दिनों की याद ताज़ा कर दी जब हिंदी साहित्य प्रेमी धर्मयुग, साप्ताहिक हिंदुस्तान, कादम्बिनी बहुत चाव से पढ़ा करते थे।चंपक ,पराग, नंदन, चंदामामा बच्चों की चहेती पत्रिकाएं हुआ करती थी।🎉🎉🎉🎉🎉
@rupindersoz37817 ай бұрын
एक स्त्री लेखिका से पहली वार इतना जानने को मिला । वैसे साक्षात्कार में बहुत से क्षण है जहां मै कुछ कहना चाहता था । फिर आख़री पलों जहां रोहिणी जी ने कहा जब स्वस्थ सही नहीं था तो कविता आ गई - ये बात दिल को छू गयी वाक्य ऐसा होता शायरी परेशानी में ही आती है बाक़ी तो सभ सोच समझ को शायरी में लिखनी होता है । - अंजुम जी आपके अध्ययन से दंग हूँ कितने सटीक सवाल पूछते है । बहुत ही अच्छी लगी बातचीत ।❤
@bhartivats79778 ай бұрын
अंजुम आप किसी किसी साक्षात्कार में चुप रहते हैं पर रोहिणी जी की जैसे परीक्षा ले रहे हैं।वो बहुत समृद्ध महिला हैं ज्ञान में।
@गिरिजाकुलश्रेष्ठ8 ай бұрын
अंजुम जी के सवालों से ही तो रोहिणी के अनुभव और ज्ञान को बाहर लाने में सहायक हैं।
@akanksha44758 ай бұрын
अंजुम जी !कभी कभी आपकी बातचीत में भी पुरुषों को बचाने का स्वर दिखने लगता है! खैर,साक्षात्कार बढ़िया रहा।🌻
@akchakarvarti72338 ай бұрын
भारत के पुरुषो 100% दिखाई देता है।
@AvneeshKumar-ls5kd8 ай бұрын
मुझे लगता है शायद लेखिका की दृष्टि जानने के लिए ये प्रश्न हैं.
@aloksrivastava27976 ай бұрын
हो सकता है कि वो अन्य पक्ष का संभावित मत रख रहे हों ताकि लेखिका द्वारा उस मत का जवाब दिया जा सके??
@aradhnatyagi4833Ай бұрын
Brutally honest analysis of patriarchy by Rohini ji,so touching to see her narrate The Chunni incident❤
@anupampatel52188 ай бұрын
बहुत सुंदर साक्षात्कार, रोहिणी जी को सुनना हमेशा ही सुखद और वैचारिक सम्पन्नता प्रदान करता है।
@ashapandey92338 ай бұрын
इतना वैचारिक साक्षात्कार ,एकदम शानदार।
@kamleshchourasia55668 ай бұрын
अनुभव से बहुत समृद्ध साक्षात्कार बहुत बधाई
@bhawanajha69238 ай бұрын
बहुत ही महत्वपूर्ण साक्षात्कार। इतने संतुलन के साथ विस्तृत जानकारी रोहिणी जी दे रही हैं, बहुत कुछ जानने समझने को मिला। स्त्री लेखन , विमर्श और साहित्य को समझने की एक अलग दृष्टि विस्तृत हुई। बहुत आभार
@priyambdapandey58808 ай бұрын
जबरदस्त!शानदार साक्षात्कार
@AvneeshKumar-ls5kd8 ай бұрын
बहुत सुंदर बातचीत। रोहिणी जी एक समृद्ध और विचारशील लेखिका हैं। अंजुम जी के प्रश्न व्यापक वैचारिकी को बातचीत में लाते हैं।
@krishanachandrashukla42583 ай бұрын
अंजुम जी के सवाल हर विमर्श में अलग तरह से प्रस्तुत करते हैं इसलिए प्रवाह बना रहता है, अत्यन्त ही सराहनीय एवं आभार
@ankitachauhanyt8 ай бұрын
Such clarity in her thoughts. Thank You, Hindwi. This conversation nourishes the perspective.
@saurabhbhai67977 ай бұрын
बहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति, इस साक्षात्कार के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
@govindsen26938 ай бұрын
विचारों से परिपूर्ण बातचीत। अलग ढंग से सोचने के लिए उकसाती है। बहुत सार्थक सवाल और जवाब भी सधे हुए। बढ़िया साक्षात्कार।🎉🎉
@drgarima18 ай бұрын
बहुत अच्छा साक्षात्कार
@paarijataggarwal52738 ай бұрын
Amazing interview. So much knowledge and such a clear thought with a command on language. Simply amazing 🎉🎉
@shreesandeepji8 ай бұрын
धन्यवाद🙏🙏🙏
@neenaandotra18868 ай бұрын
बहुत शानदार
@radheshyamsharma20268 ай бұрын
बहुत सुंदर साक्षात्कार।
@chandrashekharsakalley40938 ай бұрын
ज्ञानवर्धक संवाद
@bhartivats79778 ай бұрын
शानदार रोहिणी जी❤
@AbbanAlam8 ай бұрын
ज्ञानवर्धक साक्षात्कार
@profsudhasingh77618 ай бұрын
अच्छी और सार्थक बातचीत
@therealgirl80308 ай бұрын
Woooowwwww! Thank you अंजुम जी 🙏
@vikramadityajha8924Күн бұрын
मैं भी चंपक, सरिता, मनोहर कहानियों की पीढ़ी से हूँ और एक उत्साही पाठक हूँ, स्टेडियम के सामने सहारनपुर लाइब्रेरी में जाता हूँ। लेकिन मैं एक आदमी हूँ। इसलिए
@bhartivats79778 ай бұрын
बहुत दिनों से प्रतीक्षा थी अभी सुना नहीं इत्मीनान से सुनूंगी❤
@गिरिजाकुलश्रेष्ठ8 ай бұрын
अंजुम जी आपके प्रश्न हमेशा एक नया झरोखा खोलते हैं।
@narayanmishra13298 ай бұрын
आलोचना और रचना की बहुत अच्छी संगत
@divyasuhag51648 ай бұрын
विचारों मे दावेदारी सही नहीं। अपना तर्क रखिये किंतु फैसला न सुनाइये। यह सोच चर्चा को रोकती है। अंजुम जी बधाई के पात्र हैं
@vikramadityajha8924Күн бұрын
Not taking chunri while going to school is very touching incident. Which kind of experience she felt and probably that might be a turning point of the life.
@sushmamunindra84818 ай бұрын
बहुत बढ़िया चर्चा है
@RanjeetaKulmi4 ай бұрын
Medam wel don
@surajpbpg-iz3gl8 ай бұрын
रोहिणी अग्रवाल शानदार आलोचक हैं।
@lovkeshjangra6742 ай бұрын
27:28 ramabai kon thi koe please pura naam bataye
@PraveenKumar-pg2wx8 ай бұрын
सार्थक संवाद
@swapnalinyayanirgune73223 ай бұрын
❤
@kamleshkumardiwan8 ай бұрын
मां(औरत) को अपनी और अपने बच्चों की सुरक्षा, परवरिश और भविष्य का भय अभी तक भी क्यों बना हुआ है
@ashokseth24268 ай бұрын
अंजुम जी स्त्री मुक्ति को लेकर आप confused रहते हैं आप। आप का दिल और दिमाग पुरुषवादी है।
@drchanderkalasingh87118 ай бұрын
मुझे भी यही लगता है कि घर के लोग मेरी रचनाएँ नहीं पढें। यह संकोच नहीं खत्म होता हैं
@saumyasrivastava30648 ай бұрын
अंजुम जबरदस्ती का खलल उत्पन्न करते हुए लग रहे, पहले रोहिणी जी को अपनी बात पूर्ण तो करने दीजिए, ऐसा लग रहा जबरदस्ती का मन बना के बैठे हैं नहीं सुनने और सही से बोलने देने का जैसा अक्सर ही समाज में स्त्रियों के साथ होता है , यहां भी इतनी बड़ी लेखिका के साथ भी वही होता प्रतीत हो रहा।
@lovkeshjangra6742 ай бұрын
Esa nahi hai, analytical hai
@ajeyklg8 ай бұрын
सामान्य पाठक तो अपने समकाल में रह कर ही पाठ करेगा। शोधार्थी और आलोचक को रचनाकार और रचना के युग को ध्यान में रख कर पढ़ना पड़ता है। सिंपल, अंजु 5:25 म!
@kamleshkumardiwan8 ай бұрын
रोहिणी अग्रवाल जी पितृ सत्ता की प्रासंगिकता और इससे इतर पर ठीक बात कह रही है हमारे विचार से साहित्यिक विमर्श को समूचे आयाम में देखा जाना चाहिए। अंजुम जी रचनाओं और साहित्य को किसी टूल्स से नहीं पढ़ना चाहिए उचित होगा रचनाएं भाव होती है यह सबाल दूसरे तरह से पूछना चाहिए
@dr.balgovindsingh92688 ай бұрын
साहित्य को बड़े फलक के साथ आगे बढ़ने देना चाहिए।उसे टुकड़े - टुकड़े में बांटना ही अनुचित ही लगता है। एकांगी साहित्य साहित्य कैसे हो सकता है?यह तो साहित्य में बवाल ज्यादा लग रहा है।...
@ashokseth24268 ай бұрын
रोहिणी जी ने उसने कहा था कि बिल्कुल गलत व्याख्या की है जो पूरी तरह गलत और अस्वीकार्य है।
@AJITKUMAR-yu1nw8 ай бұрын
कभी कवि, कथाकार, आलोचक भरत प्रसाद जी को भी इस मंच पर लाया जाए तो अच्छा होगा।
@ashokseth24268 ай бұрын
कंजक की भी बहुत गलत व्याख्या रोहिणी जी ने की है।
@ramesh_sharma19668 ай бұрын
अंजुम शर्मा कुछ चीजों को लेकर अनमेच्योर लगते हैं। सुभद्रा कुमारी चौहान के संदर्भ में मर्दवादी शब्द को कोट करना कुछ यही दर्शाता है।
@Sadhana4998 ай бұрын
1:07:50 nahi Rohini ji… kanya pujan me ghar ki auraten hi fal aur dakshina aadi deti hain kanyaon ko
@ashokseth24268 ай бұрын
रोहिणी अग्रवाल जी और अंजुम जी सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता की misreading नहीं कीजिए। अर्थ का अनर्थ मत कीजिए सुभद्रा जी की कविता की सुंदरता को नष्ट मत कीजिए।
@SGangopadhyayАй бұрын
Anjum ji toh murkhtaa Purvak baat kar Rahe Hai ki Purusho mein stri ke prati empathy hona sambhav hi nahi
@sarojperiwal50382 ай бұрын
Mardangi ka arth pourash hai na ki gender se
@SGangopadhyayАй бұрын
Anjum ji toh murkhtaa Purvak baat kar Rahe Hai ki Purusho mein stri ke prati empathy hona sambhav hi nahi
@SGangopadhyayАй бұрын
Anjum ji toh murkhtaa Purvak baat kar Rahe Hai ki Purusho mein stri ke prati empathy hona sambhav hi nahi