जीवन पुस्तक फट जाती है कागज़ पीला हो जाता है आंसू कोई लाख छुपाऐ दामन गीला हो जाता है बच्चों के सच्चे ज़हनों में झूठी बातें मत डाला कर कांटों की सोहबत में रहकर फूल नुकिला हो जाता है दिन भर तो हम दोनों मिलकर पानी सकर मिलाते हैं रात आते ही सारा सरबत क्यों जहरीला हो जाता है
Raahat saab ki copy her lihaaz se....ye bhi kuchh kam nhi...lekin jo orginal hai uski brabari nhi ho sakti
@ankitkumawat424310 ай бұрын
Masjide aur bhalai...? Fir hamesha pathhar baziyan masjido se nikal kar hi kyu hoti h.
@AZISLAMICCREATIVE8 ай бұрын
Hakeekat tumse behtar Kaun janta hoga masjid kisi k yaha chal kar nahi jati aese log hai jo Jan bujh kr masjid k samne hi ka kar Jan bujh kar badnam karne ki kosis karte hai lekin aj b andhbhakto ko bjp k siyasat najar nahi ati
@AZISLAMICCREATIVE8 ай бұрын
Tabhi to sayad aj hi nahi kayi salo se hamari masjido ko madarso ko Target kiya jata hai
@aminahmad94618 ай бұрын
मस्जिद वाले या मुसलमान लोग पत्थर बाजी नही करते बल्कि नफरती उन्माद फैलाने वाले छोटी छोटी दाढिया रखलेते है और फिर टोपिया ओढ़ कर (जो उन्हे सियासती लोग उपलब्ध करा देते है)भीड़ से दो चार पत्थर भीड़ मे फेक देत है। और फिर जम के लूट मार और आगजनी की जाती है और दूसरो को बदनाम करदिया जाता है। जय हिन्द जय भारत।