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SrilaGurudeva
शुद्ध भक्तों की चरण रेणु भजन के अनुकूल है, भक्त - सेवा ही सर्वोच्च सिद्धि है व प्रेम - भक्ति लता का मूल है। ( श्रील भक्ति विनोद ठाकुर भजन )