मधेपुरा से लेकर सिंहेश्वर् और शंकरपुर तक बड़े खाद्य माफिया के सहारे होती है यूरिया की कालाबाजारी...... बिहार के मधेपुरा में सबसे अधिक यूरिया डीएपी की सप्लाई होती है।लेकिन उसके बावजूद यहां के किसानों को खाद्य की किल्लत का सामना करना पड़ता है।जिसका प्रमुख कारण है इस क्षेत्र के बड़े खाद्य माफिया जिन्होंने मधेपुरा से लेकर सिंहेश्वर् तक के एरिया वाले क्षेत्रों में छोटे छोटे भेंडर बना रखे हैं जो बड़ा ही आसानी से भारत के किसानों के हिस्सा वाले यूरिया डीएपी को कहीं पहुँचा देते हैं ।बदले में इन्हें चार गुना अधिक कीमत मिल जाती है।आपको बता दे की विगत कुछ वर्षों से मधेपुरा के बड़े बड़े खाद्य माफिया नकली खाद्यों को असली रैपर में डाल कर भोले भाले किसानों को चुना लगा रहे हैं।जिसके कारण फसल पर बुरा प्रभाव पड़ता है साथ ही खेत में भी फसल उगाने की क्षमता कम होती जा रही हैं।इतनी बड़ी साजिश के पीछे की कहानी किया है यह तो समझ से बाहर की बात है।लेकिन समय रहते अगर इन माफियाओं पर कार्रवाई नही हुई तो कृषि पर निर्भर मधेपुरा बदहाली के कगार पर पहुंच जाएंगे ,किसान कृषि छोड़कर पलायन को मजबूर हो जाएंगे ।आम किसानों की समस्या को सुनकर भी समाधान नही हो करने वाले अधिकारी और जनप्रतिनीधि इतनी गंभीर विषय को जितना जल्दी हो समझ ले ताकि अन्नदाताओं की ज़िंदगी बिखड़ने से बच जाए!!!!!! प्रिंस कुमार प्रभाकर पत्रकार सह सामाजिक कार्यकर्ता