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भौतिक जीवन में असत्य पर सत्य और अंधकार पर प्रकाश की स्थापना का दायित्व न्यायालय के दरवाज़े पर संपन्न होता है। न्यायाधीश पृथ्र्वी पर ईश्वर के प्रतिनिधि होते हैं ।भारत में न्याय के जितने भी मंदिर हैं, उन्हीं में से एक मंदिर है- पटना उच्च न्यायालय। न्याय के इस मंदिर की व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए न्याय से जुडे लोगों के गहन प्रशिक्षण हेतु कई बुनियादी तथ्यों के अनुपालन की आवश्यकता होती है। इसी निहितार्थ से बिहार में बिहार न्यायिक अकादमी की स्थापना की गई।