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🪷दशलक्षण महापर्व🪷
✨उत्तम त्याग(दिन-8)✨
📿ॐ ह्रीं श्रीं उत्तम त्याग धर्मांगाय नमः📿
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दान चार परकार, चार संघ को दीजिए।
धन बिजुली उनहार, नर-भव लाहो लीजिए।।
(चौपाई)
उत्तम त्याग कह्यो जग सारा, औषध शास्त्र अभय आहारा।
निहचै राग-द्वेष निरवारे, ज्ञाता दोनों दान संभारे।।
(हरिगीतिका)
दोनों संभारे कूपजल-सम, दरब घर में परिनया।
निज हाथ दीजे साथ लीजे, खाय-खोया बह गया।।
धनि साधु शास्त्र अभय-दिवैया, त्याग राग-विरोध को।
बिन दान श्रावक-साधु दोनों, लहें नाहीं बोध को।।
उत्तम त्याग धर्म
दशलक्षण महापर्व
पर्यूषण महापर्व
आर्यिका पूर्णमति माताजी प्रवचन