Bahut achi jankari hai ... Lekin jo maine suni hai wo kuch alg tarh ki hai
@sunilnagila58836 жыл бұрын
Bahut hi aabhar aapka. ....hudka wal Dajyu jai ho aapki
@RajuTamta20074 жыл бұрын
गंगनाथ जागर (गंगनाथ और भाना की करुण प्रेम गाथा ) का सार डोटी के राजा वैभव चन्द धन धन्य से सम्पन्न थे, उन्हें और उनकी पत्नी प्योंला देवी को संतान का सुख प्राप्त नहीं हुआ था | संतान के वियोग में व्याकुल माता प्योंला देवी ने शिव की आराधना की ,शिव ने प्रसन्न होकर उन्हें स्वप्न में दर्शन दिये और कहा की यदि प्योंला घर के पास के सांदंण के सूखे तने पर सात दिन तक लगातार जल अर्पित करेगी और अगर सातवे दिन उसमे से एक खिलता हुआ फूल निकलेगा तो रानी को गर्भ ठहरेगा और डोटी को अपना उत्तराधिकारी और उन्हे संतान का मुख देखने को मिलेगा | शिव के आदेश से प्योंला रानी रोज रात-ब्याणी आने पर ही उठकर जल चढाती ,राजा वैभव चन्द को लगता की जैसे रानी संतान वियोग में पागल सी हो गयी है | अंतत सातवे दिन सांदंण का फूल खिल उठा ,रानी प्योंला की प्रसन्ता का ठिकाना नहीं था |कुछ दिन बाद माता प्योंला रानी को गर्भ ठहर गया और उसने एक सुन्दर, तेजवान और अदभुत बालक को जन्म दिया | डोटी गढ़ में चारो ओर हर्ष की लहर दौड़ पड़ी | भगवन शिव के आशीर्बाद से उत्पन्न बालक का नाम गंगनाथ रखा गया ,राज ज्योतिष से जब बालक के भविष्य की पूछ की गयी तो माता ओर पिता दोनों को सोच पड गए क्यूंकि ज्योतिष के अनुसार गंगनाथ १४ वर्ष बाद प्रेम -वियोग में जोगी हो जाएगा ओर डोटी को सदा के लिये छोड़ देगा | समय के साथ गंगू बड़ा होने लगा ओर उसकी ख्याति एक दिव्य बालक के रूप में सम्पूर्ण डोटी में फैलने लगी |एक रात गंगू के स्वप्न में भाना का आना होता है ओर वह उसे अपने प्रेम वियोग के बारे में बता कर जोशी खोला (अल्मोड़ा ) आने की बात कहते है ओर कहती है की यदि वह अपनी माँ का सपूत होगा तो उससे मिलने जोशी खोला आयेगा ओर यदि मरी माँ का लड़का होगा तो डोटी में ही रहेगा |स्वप्न देखकर गंगू की नींद टूट जाती ओर वह भारी मन के साथ डोटी छोड़कर जोगी बन जाता है ओर हरिद्वार में आकर गुरु गोरखनाथ से शिक्षा दीक्षा लेता है वह बुक्सार विद्या का दुर्लभ ज्ञान भी प्राप्त कर लेता है |गुरु गोरखनाथ उसे दिव्य ओर अनिष्ठ रक्षक वस्त्र प्रदान करते है ओर गोरिल देव भी (ग्वील /गोरिया /गोलू ) उन्हे अपनी शक्ति प्रदान करते हैं | गंगनाथ चोला धारण कर बारही जोगी बनकर भिक्षा मांगते मांगते देवीधुरा के बन में शीतल वृक्ष की छावं में अपना ध्यान आसन लगाता है | ध्यान रत जोगी को देख कर लोग उसके पास पूजा अर्चना के लिये आते हैं ओर अपने दुःख समस्या आदि का कारण निवारण पूछते हैं | धीरे धीरे गंगू सारे क्षेत्र में प्रसिद्ध हो जाता है पर भाना का ख्याल उससे रह रह कर उसकी ध्यान साधना को भंग करता रहता है | अत : वह देवीधुरा को छोड़ अलख निरंजन कहता हुआ निकल पड़ता है | राह में चलते चलते जब राहगीर घस्यारीं गंगू जोगी को प्रणाम करके उसका पता पूछते है तो वह स्वयं को डोटी का राजकुमार बताता है ओर भाना से अपने प्रेम वियोग की अधूरी कथा- व्यथा सुनाता है ओर भाना का पता पूछता है |घस्यारिन उसे भाना की वियोग दशा का भी वर्णन करती है ओर कहती है की भाना सुंदरी अभी तक गंगनाथ के लिये प्रतीक्षारत है | घस्यारिन ये सब बात जाकर भाना सुंदरी को बतलाती है | अगले दिन भाना इस आश के साथ की गंगनाथ उसे पहचान ही लेगा उससे बिना सुचना दिए ,पानी के बहाने उससे पहली बार निहारती है ओर दोनों की यह प्रथम मिलन बेला होती है | गंगनाथ ओर भाना को जोशी दीवान के आदमी जब इस प्रकार साथ देखते हैं तो जाकर इसकी सूचना दीवान को देते हैं |फिर एक साजिश के तहत होली के दिन गंगनाथ को भंग पिला कर उसको गोरखनाथ के द्वारा प्रदान अनिष्ठ रक्षक दिव्या वस्त्र उतार दिए जाते हैं | भाना विलाप करती हुई उसके प्राणों की दुहाई देती रहती पर उसकी एक नहीं सुनी जाती ओर अंत में गंगनाथ को विश्वनाथ घाट पर मौत के घाट उतार दिया जाता है | क्रोधाग्नि में जलती भाना उनको फिटगार मारती है की उन सबका घोर अनिष्ठ होगा ओर वो पानी की बूंद बूंद के लिये तरश उठेंगे ,उन्हे अन्न का एक दाना नसीब नही होगा | क्रोध में आकर दीवान भाना को भी मौत के घाट उतार देता है । इसके कुछ दिन बाद ही सारा जोशी खोला ओर विश्वनाथ घाट डोलने लगता है ओर वहां घोर अक्काल जैसी स्थिति उत्पन हो जाती है जिससे जोशी खोला के लोग भय से काँप उठते हैं ओर गंगनाथ-भाना की पूजा कर क्षमा याचना करते हैं | और उन्हे देव रूप में स्थापित करते हैं ,तब से कुमायूं के अधिकांश क्षेत्रौं में गंगनाथ जी की देबता रूप में पूजा अर्चना की जाती है उनका जागर लगाया जाता है |
@justinmehta82655 жыл бұрын
Jai baba Gangnath..
@uk17ff795 жыл бұрын
jai gangnath Baba 🙏
@basantgiri13117 жыл бұрын
Thanks for pauranik katha jagar of Baba Gang Nath Ji
@jaipriyUttarakhand7 жыл бұрын
+Basant Giri thank you Ji
@KishanSingh-ww9qq6 жыл бұрын
jay ho
@komalpant79446 жыл бұрын
Bahut bahut dhanyavad,hamare istt Dev ki gatha ki sundar prastuti ke liye...
@deveshpant10054 жыл бұрын
Ganga nath Bhagwan hamara sath dena
@taradattbhatt37266 жыл бұрын
Jai baba gagnath ki
@prateek40826 жыл бұрын
Bhut bdiya
@vedantvikramtamta12476 жыл бұрын
Jai ho gagnat ji
@bhaggudhami25567 жыл бұрын
jay baba gangnath bahut bdiya video sir
@jaipriyUttarakhand7 жыл бұрын
+Bhaggu Dhami Ji आपकी मधुर प्रतिक्रिया के लिए हम आपके दिल से आभारी हैं, आपसे प्रार्थना है कि आप बाबा गंगनाथ के अगले खंडों को भी जरूर देखिएगा.
@govindbhatt82196 жыл бұрын
+govindbhatt
@govindbhatt82196 жыл бұрын
+Govind Bhatt 😠
@kamalkathayat47497 жыл бұрын
Jai baba gangnath ju k
@jaipriyUttarakhand7 жыл бұрын
+kamal kathayat Ji jai Baba gang Nath Ji ki
@AmarSingh-qe4ze6 жыл бұрын
Jai ho
@deepbestarya79056 жыл бұрын
jai ho devta
@vishnuduttshukla45167 жыл бұрын
jay gangnath ki jay
@jaipriyUttarakhand7 жыл бұрын
+Vishnudutt Shukla बाबा गंगनाथ सभी भक्तों के जीवन में सुख समृद्धि प्रदान करें
@kailashjoshi4307 жыл бұрын
Jai est Dev
@maniandmanoj87774 жыл бұрын
Hello
@dhanrajbhatt79226 жыл бұрын
जय हो गंगनाथ महाराज ,,रक्षा करिया
@gopalsingh76146 жыл бұрын
Jai how baba
@harishkotliya68066 жыл бұрын
Jy ho ist devta
@Travel365k5 жыл бұрын
Send me d full story in written format plz
@vickeypandeyjisongs8156 жыл бұрын
Nice work
@Yourjaan1433 жыл бұрын
मुझे एक बात बताए जैसे शिव के लिए सोमवार का व्रत रखते है वैसे ही क्या गंगनाथ देव के लिए भी व्रत रखते हैं क्या???
@rohitsinghfartyal9725 жыл бұрын
बहुत ही सुंदर है 👏पर मैंने एक दूसरे पेज पर दूसरी कहानी पढ़ी है कृपया अवगत कराएं
@pankajchaubey54324 жыл бұрын
जी मैने भी इनकी एक दूसरी कहानी सुनी है .Plz सही मार्गदर्सन .Krwaayiye
@jagatsinghbani28107 жыл бұрын
Jai ho estdev
@saurabhrawat15886 жыл бұрын
Lahore gadi Bhairav Nath Please ya hudki kha meelge
@daliprawat92807 жыл бұрын
jai ist davta
@s1mpl3997 жыл бұрын
Verma ji, saath me aap gangnath ka jaager bhi dikhaye jo log apne ghar me jaager karwate hai.
@jaipriyUttarakhand7 жыл бұрын
Radha Kumar ji आपका बहुत-बहुत धन्यवाद प्रतिक्रिया देने हेतु, भविष्य में जब कभी ऐसा मौका मिलेगा तो मैं इस तरह की वीडियो बनाकर आप सभी मित्रों के करीब अवश्य लाऊंगा.