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उत्तरायण वह समय होता है जब सूर्य दक्षिण से उत्तर की ओर गति करता है। इन दोनों ही गतियों का भारत में अलग-अलग सांस्कृतिक और धार्मिक अर्थ है।
सूर्य की स्थिति हमेशा कर्क रेखा से मकर रेखा के बीच मे ही रहती हैं अर्थात सूर्य हमेशा कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच में ही भ्रमण करता है और इसी कारण सूर्य का उत्तरायण और दक्षिणायन होता है। जब सूर्य मकर रेखा से कर्क रेखा की ओर गति करता हैं तब इसे सूर्य का उत्तरायण होना कहते हैं और जब सूर्य कर्क रेखा से मकर रेखा में गति करता हैं तब इसे सूर्य का दक्षिणायन होना कहते है।
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