महाराज जी थोड़ा वाणी पर संयम रख कर बोलिए ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोए औरन को शीतल करे आपही भगवान होए अभी आपने जो पहन रखा है आप दुनिया को प्रवचन देते है हमे आपको बोल ते हुए शर्म आ रही है आपको बोल रहा हू पर क्या करू मन ने अन्दर से आवाज आई अब तो कंमेंट लिखना पड़ेगा