🚩 गौरवशाली भारत वर्ष! 🇮🇳 *ॐ* हिन्दू कौन है, क्या आप जानते है, नहीं जानते हैं तो जी मैने पढा़ उसे पढे़ और अगर, कोई त्रुटि हो तो अवगत कराये। *"हिन्दू"* शब्द की खोज👇 से हूई है :- *"हीनं दुष्यति इति हिन्दूः"* अर्थात :- जो अज्ञानता और हीनता का त्याग करे उसे हिन्दू कहते हैं। हिन्दू शब्द, करोड़ों वर्ष प्राचीन, *"संस्कृत"* शब्द से है। यदि संस्कृत के इस शब्द का सन्धि विछेदन करें तो पायेंगे :- *हीन + दू = हीन भावना + से दूर* अर्थात :- जो हीन भावना या दुर्भावना से दूर रहे, मुक्त रहे, वो हिन्दू है। हमें बार - बार, सदा झूठ ही बतलाया जाता है कि हिन्दू शब्द मुगलों ने हमें दिया, जो "सिंधु "से" हिन्दू" हुआl *🚩"हिन्दू शब्द की वेद से ही उत्पत्ति है"* जानिए, कहाँ से आया हिन्दू शब्द और कैसे हुई इसकी उत्पत्ति ? कुछ लोग यह कहते हैं कि हिन्दू शब्द सिंधु से बना है औऱ यह फारसी शब्द है। परंतु ऐसा कुछ नहीं है ! ये केवल झुठ फ़ैलाया जाता है। हमारे *"वेदों"* और *"पुराणों"* में हिन्दू शब्द का उल्लेख मिलता है। आज हम आपको बता रहे हैं कि हमें हिन्दू शब्द कहाँ से मिला है:- *"ऋग्वेद" के" ब्रहस्पति* अग्यम" में हिन्दू शब्द का उल्लेख इस प्रकार आया हैं:- *“हिमालयं समारभ्य यावद् इन्दुसरोवरं।* *तं देवनिर्मितं देशं हिन्दुस्थानं प्रचक्षते।"* अर्थात :- हिमालय से इंदु सरोवर तक, देव निर्मित देश को हिंदुस्तान कहते हैं। केवल *"वेद"* ही नहीं, बल्कि *"शैव ग्रन्थ"* में हिन्दू शब्द का उल्लेख इस प्रकार किया गया हैं:- *"हीनं च दूष्यतेव् हिन्दुरित्युच्च ते प्रिये।”* अर्थात :- जो अज्ञानता और हीनता का त्याग करे उसे हिन्दू कहते हैं || इससे मिलता जुलता लगभग यही श्लोक *"कल्पद्रुम"* में भी दोहराया गया है :- *"हीनं दुष्यति इति हिन्दूः।”* अर्थात : जो अज्ञानता और हीनता का त्याग करे उसे हिन्दू कहते हैं। *"पारिजात हरण"* में हिन्दू को कुछ इस प्रकार कहा गया है :- *”हिनस्ति तपसा पापां दैहिकां दुष्टं।* *हेतिभिः श्त्रुवर्गं च स हिन्दुर्भिधियते।”* अर्थात :- जो अपने तप से शत्रुओं का, दुष्टों का, और पाप का नाश कर देता है, वही हिन्दू है। *"माधव दिग्विजय"* में भी हिन्दू शब्द को कुछ इस प्रकार उल्लेखित किया गया है :- *“ओंकारमन्त्रमूलाढ्य पुनर्जन्म द्रढ़ाश्य:।* *गौभक्तो भारत: गरुर्हिन्दुर्हिंसन दूषकः।"* अर्थात :- वो जो "ओमकार" को ईश्वरीय धुन माने, कर्मों पर विश्वास करे, गौ-पालक रहे, तथा बुराइयों को दूर रखे, वो हिन्दू है। केवल इतना ही नहीं, हमारे *"ऋगवेद" (**8:2:41**)* में हिन्दू नाम के बहुत ही पराक्रमी और दानी राजा का वर्णन मिलता है, जिन्होंने 46,000 गौमाता दान में दी थी और *"ऋग्वेद मंडल"* में भी उनका वर्णन मिलता है। बुराइयों को दूर करने के लिए सतत प्रयासरत रहने वाले, सनातन धर्म के पोषक व पालन करने वाले हिन्दू हैं। *"हिनस्तु दुरिताम"* जनमानस को अवशय अवगत कराएं। जय हिंद! जय हिन्दू राष्ट्र भारत 🇮🇳