Рет қаралды 229
Lyrics
पवन सूत दयो म्हारो संकट टाल॥
चैत्र सुदी पूनम को हनुमत, आप लियो अवतार,
अरुण फल लखि काशिव सूत न, लिन्यो ह मुख माही डाल॥1॥
सिया सुधी लेने आप पधारे, गए ह समुन्द्र पार,
बाग बीच माही बैठी जग जननी,दर्शन किया हो निहार॥2॥
रतन मूँदड़ो देत सियाजी न, मन माही हर्ष अपार,
तीन लोक के नाथ कारण, दिन्या ह कारज सार॥3॥
संकट हरोना मेटो सब पीड़ा, सुनियो थे पवन कुमार,
टोरू विप्र कहे कर जोड़े,दर्शन किया बलिहार॥4॥
॥समाप्त॥