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रामवातार त्यागी जी द्वारा रचित 'और भी दूँ' अपने देश के प्रति त्याग और समर्पण की भावना से ओत-प्रोत कविता है I इस कविता में कवि ने हम भारतीयों को 'स्व' से उठकर 'स्वराष्ट्र' के विषय में सोचने को प्रेरित किया है I
यह कविता 'नई उड़ान' - हिंदी पाठमाला भाग 8 के पाठ्यक्रम में शामिल है I
इस turorial में मैंने कविता का अवलोकन प्रस्तुत किया है I उम्मीद है कि मेरा यह प्रयास आपके लिए सहायक होगा I