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Bedu Pako Baramasa | बेडू पाको बारमासा | Gopal Babu Goswami | गोपाल बाबू गोस्वामी
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बेडु पाको बारमासा (हिन्दी: पहाड़ी अंजीर वर्ष भर पकते हैं), उत्तराखण्ड का एक प्रसिद्ध कुमाऊँनी लोकगीत है, जिसके रचयिता स्व. बृजेन्द्र लाल शाह हैं। मोहन उप्रेती तथा बृजमोहन शाह द्वारा संगीतबद्ध यह गीत दुनिया भर में उत्तराखण्डियों द्वारा सुना जाता है।[1][2] राग दुर्गा पर आधारित इस गीत को पहली बार वर्ष १९५२ में राजकीय इण्टर कॉलेज, नैनीताल के मंच पर गाया गया।[3] बाद में इसे दिल्ली में तीन मूर्ति भवन में एक अन्तर्राष्ट्रीय सभा के सम्मान में प्रदर्शित किया गया, जिससे इसे अधिक प्रसिद्धि मिली। उस सभा में एचएमवी द्वारा बनाये गए इस गीत की रिकॉर्डिंग समस्त मेहमानों को स्मारिका के रूप में भी दी गयी थीं। यह भारत के पहले प्रधानमंत्री, जवाहर लाल नेहरू के पसंदीदा गीतों में से था। [1][4]
गीत यह है- बेडु पाको बारा मासा, ओ नरणी काफल पाको चैत मेरी छैला बेडु पाको बारा मासा, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला - २ बेडु पाको बारा मासा -२, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला - २ (कोरस) भुण भुण दीन आयो -२ नरण पूजा तेरी मैत मेरी छैला -२ बेडु पाको बारा मासा -२, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला - २ आप खांछे पन सुपारी -२, नरण मैं पीलूँ छ बीड़ी मेरी छैला -२ बेडु पाको बारा मासा -२, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला - २ अल्मोडा की नंदा देवी, नरण फुल छढ़ूनी पाती मेरी छैला बेडु पाको बारा मासा -२ त्यार खुटा मा कांटो बुड्या, नरणा मेरी खुटी पीड़ा मेरी छैला बेडु पाको बारा मासा -२ अल्मोडा को लल्ल बजार, नरणा लल्ल मटा की सीढ़ी मेरी छैला बेडु पाको बारा मासा -२
लोकगायक स्व. गोपालबाबू गोस्वामी के सुरीले कण्ठ ने जब इसे स्वर दिया तो यह अपनी लोकप्रियता की बुलन्दियों पर पहुंच गया. आज केवल उत्तराखण्ड ही नहीं बल्कि पूरे देश, यहां तक की अन्तर्राष्ट्रीय मंचों पर भी यह उत्तराखण्ड की पहचान बन चुका है.
हो हो हो ...
हो हो हो ...
बेडु पाको बारो मासा,
बेडु पाको बारो मासा,
ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला
ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला
अल्मोड़ा को लाल बजारा
अल्मोड़ा को लाल बजारा
नरणा लाल मति की सीढी मेरी छैला
नरणा लल्ल मटा की सीढी मेरी छैला
बेडु पाको बारो मासा,
बेडु पाको बारो मासा,
ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला
ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला
होहो होहो ।।
होहो होहो ।।
होहो होहो ।।
होहो होहो ।।
अल्मोडा की नंदा देवी
अल्मोडा की नंदा देवी
ओ नरण फुल छदुनी पात मेरी छैला
ओ नरण फुल छदुनी पात मेरी छैला
बेडु पाको बारो मासा,
बेडु पाको बारो मासा,
ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला
ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला
होहो होहो ।।
होहो होहो ।।
होहो होहो ।।
होहो होहो ।।
आप खांछे पान सुपारी
आप खांछे पान सुपारी
ओ नारायण मैकेने दिनी बीड़ी मेरी छैला,
ओ नारायण मैकेने दिनी बीड़ी मेरी छैला,
बेडु पाको बारो मासा,
बेडु पाको बारो मासा,
ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला
ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला
हो होहो…
हो होहो…
रोना झोना दिन ऐगे
रोना झोना दिन ऐगे
नरैनी में तें तू भूलेगी मेरी छैला
नरैनी में तें तू भूलेगी मेरी छैला
बेडु पाको बारो मासा,
बेडु पाको बारो मासा,
ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला
ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला
ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला
ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला
ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला
ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला
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