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मुकलावा गीत 'झाली राणी' 'Jhali Rani Geet' By #भारमलपटवारी फूलीदेवी
यह मारवाड़ी राजस्थानी विवाह गीत जाट, विश्नोई ,मारवाड़ा नाई ,सुथार ,जाटीकामेगवाल,आदी समाज मे गाया जाता है।इसमे जालम राणा(बींदराजा) झाली राणी(दुल्लहनराणी) दोनो के आपसी प्रेम जिक्र का संवाद है।प्रेम से राणा अपनी राणी को अपने देश यानी घर महल मे चलने के लिये तहदिल से कहते है।राणीसा साथ मे चलने के लिये तरसती भी है पर उन्हे अपने पीहर की यादें सताती है ,तो राणा सा उनके पीहर में प्रियजनो का उनके आभूषणों मे मूर्त के रूप मे चित्रित कर उनकी यादें (ओल्यूं) पूर्ण करने की जिक्र रखते है।इस प्रकार यह गीत आपसी प्रेम भाव को जाग्रत करने का संस्कार प्रदान करता है।
गायक : भारमल गोदारा फूलीदेवी
साउंड रिकॉर्डिंग : SHARDUL VISUALS
वीडियो रिकॉर्डिंग :SHARDUL VISUALS
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