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कोरोना काल में मजदूरों की समस्या से परेशान होकर एक ईंट भट्ठा चलाने वाले युवा इंजीनियर ने ईट बनाने वाली एक ऐसी मशीन बनाई है जो कि 1 घंटे में 10 से 11 हजार ईटें बना देती है इस मशीन को बनाने में अभी कितना खर्च आया है उसका अनुमान अभी तक इस युवा ने नही लगाया है।
आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया की राह पर चल कर सोनीपत के छोटे से गांव सोहटी से तालुकात रखने वाले युवक पंकज राणा नाम के किसान के बेटे ने एक ऐसी मशीन बनाई है जो कि ईंट बनाने में कोई भी प्रदूषण नही करती और 1 घंटे में 10 से 11 हज़ार ईंट बना देती है, और इस मशीन को खासियत की बात करे तो अन्य ईंट भट्ठों में जो प्रदूषण होता है उससे भी ये मशीन राहत देती है और बिना प्रदूषण के यह काम करती रहती है। आने वाले समय मे यह मशीन ईंट भट्ठा मालिकों के लिए बहुत उपयोगी साबित होने वाली है।
सोनीपत के खरखोदा ब्लॉक के गांव सोहती रहने वाले इंजीनियर पंकज राणा का दावा है कि उनकी ये मशीन काफी शानदार है। इसके लगाने से भट्ठा संचालक को मजदूरों की जरूरत नही होगी। इस मशीन को एक आदमी चला सकता है मशीन में मिटी का गारा बना कर कर डाला जाता है और ईट बनकर स्वयं ही बाहर आती है।उसके बाद ईंट उठाने के लिए मजदूरों की आवश्यकता होती है।
भट्ठों पर ईंट पाथने का कार्य शुरू करने के लिए भट्ठा संचालकों को अब तक मजदूरों की जरूरत होती थी। जो कि दूसरे राज्यों से मजदूर यहां आते थे।
इस मशीन को लगाने के बाद मजदूरों की कम आवश्यकता होगी।