बुद्ध, डिप्लोमेसी और गणराज्यों का पतन; Buddha, diplomacy and democracies; Episode - 362

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Rajeev Ranjan Prasad

Rajeev Ranjan Prasad

Жыл бұрын

क्या शाक्य गणराज्य को कोसलराज विडूडभ के आक्रमण से मिटने देने से बुद्ध रोक सकते थे? जब तीन बार वे ऐसा कर चुके थे तो चौथी बार वे स्वयं विडूडभ के रास्ते से क्यों हट गए थे? अथवा क्या वैशाली के पतन का मार्ग स्वयं बुद्ध ने अजातशत्रु को दिखाया था? क्या महान वैशाली गणराज्य के पतन का कारण उन कूटनीतिक उत्तरों अथवा “डिप्लोमैटिक आंसर्स” को दिया जा सकता है जो प्रश्न सम्राट अजातशत्रु के विश्वासपात्र अमात्य वस्सकार ने तथागत बुद्ध से पूछे और उन्हें उत्तर अप्रत्यक्ष तरीके से अर्थात शिष्य आनंद के माध्यम से प्रदान किया गया? ये प्रश्न अहिंसा पर केंद्रित नहीं थे, ये प्रश्न आत्मा और परमात्मा जैसे जटिल विषयों पर भी नहीं थे बल्कि विशुद्ध युद्ध में होने वाली जय-पराजय को ले कर तथागत का अभिप्राय जानने के लिए थे। इन प्रश्नों पर हम स-विस्तार चर्चा करेंगे तथापि सोचिए कि यदि बुद्ध भी युद्ध पर अपनी राय देते थे, तब ऐसा क्या था कि अशोक के बाद के मौर्य शासकों ने अहिंसा की अलग ही परिभाषा सम्मुख रखी जो किसी राष्ट्र की सुरक्षा को ही दांव पर लगाने के लिए तत्पर थी
#buddha #democracy #vassakar #बुद्ध #लोकतंत्र #कूटनीति

Пікірлер: 403
@VivekSharma-cz7xp
@VivekSharma-cz7xp Жыл бұрын
नव बोद्धो के अजेंडा को ध्वस्त कीजिए आप से प्रार्थना है । ये लोग समाज में विघटन पैदा कर रहे है ❤ 🙏
@VivekSharma-cz7xp
@VivekSharma-cz7xp Жыл бұрын
@@Rakshita442 , लेकिन उनके बहुत चैनल्ज़ है और अब टीवी इंटर्नेट और फ़िल्मों में इनके प्रपंच आ रहे है ।
@Savarkar819
@Savarkar819 4 ай бұрын
शाक्य बुद्ध स्वयम समाज और देश को ध्वस्त किया था। I am against Budha and the budhiam.
@thehappiness55
@thehappiness55 18 күн бұрын
@@VivekSharma-cz7xp सनातन समीक्षा यूट्यूब चैनल अच्छे से धुलाई कर रहा है नवबौद्धों की
@vasantkumarbhatt6444
@vasantkumarbhatt6444 Жыл бұрын
नया प्रश्न उठाने के लिए अभिनन्दनानि । वसन्त भट्टः
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
हार्दिक आभार।
@garvitshukla128
@garvitshukla128 Жыл бұрын
guru ji aapki bhashasheli bahut adbhut hai
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
हार्दिक आभार
@tourguidesanjay8841
@tourguidesanjay8841 Жыл бұрын
आज तक मैंने बहुत सारे वीडियोस देखें हैं मौर्य डायनेस्टी के पतन के, लेकिन सबसे बड़ी सच्चाई जो आपने रखी है वो एकदम सत्य है। मैं खुद एक टूर गाइड हूं। मैं इससे पूरी तरह सहमत हूं।
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
आपका हार्दिक आभार।
@tourguidesanjay8841
@tourguidesanjay8841 Жыл бұрын
@@RajeevRanjanPrasad thanks sir
@kumar3321
@kumar3321 Жыл бұрын
आप द्वारा प्व 22:18 विभिन्न प्राचीन भारतीय गणराज्यों के उत्थान और पतन पर प्रस्तुत व्याख्यान अत्यन्त ज्ञानगर्भित एवं असाधारण है । इसे इतिहास के पाठ्यक्रमों में सम्मिलित किया जाना चाहिए क्योंकि यह विवेचना आज के सन्दर्भ में भी प्रासंगिक है । कृपया मेरा सादर प्रणाम स्वीकार करें ।🙏
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
आपका हार्दिक आभार।
@inthehindsight
@inthehindsight Жыл бұрын
राजीव जी , आपके चैनल को नियमित रूप से देखता हूँ और आपकी शैली का प्रशंसक हूँ। आजकल एक “हमारा अतीत” नामक एक youtube चैनल एक तरह की भ्रांतियां जैसे रामायण और महाभारत की रचनाओं का बुद्ध काल के बाद होना, संस्कृत भाषा का उद्गम पाली भाषा के बाद होना, इत्यादि, फैला रहा है। आपसे मेरा आग्रह है की कृपया ऐसी भ्रांतियों पर भी कुछ video बनायें। धन्यवाद।🙏🙏
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
कुछ मेरे चैनल पर हैं, जल्दी ही एक समग्र।
@sachindhinwa
@sachindhinwa Жыл бұрын
What an episode sir. Please continue this series
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
हार्दिक आभार
@pravinambewadkar5308
@pravinambewadkar5308 Жыл бұрын
सर मुझे सम्राट श्रीकृष्णदेवराय जी का साम्राज्य कहा से कहा तक था ऐतिहासिक तथ्य के आधार पर बताईये मै आपका subscriber और fan हु ❤
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
जल्दी ही प्रवीण जी
@nainasingh3933
@nainasingh3933 9 ай бұрын
अद्भुत और सटीक विवेचना की आपने . 🙏👍
@samm6095
@samm6095 Жыл бұрын
Sir your knowledge is mind-blowing. You dig into history that most historians refrain from.
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
हार्दिक आभार
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
आदरणीय Samm6095🙏 मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है। मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं। जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से... कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं। आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा। यह कैसे किया जाएगा? 1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। 2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा. 3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा। 4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा 5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए। 6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय। 7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान अवधूत जोशी
@DEEPAKGUPTA-uq3ro
@DEEPAKGUPTA-uq3ro Жыл бұрын
Ram ram Gurudev
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
प्रणाम
@dgkjg3456
@dgkjg3456 Жыл бұрын
कृपया उदबोधन में पुस्तक ,ग्रन्थों का उध्दरण भी देते चले। जय जगन्नाथ
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
वह भी साथ साथ ही उद्धरित है।
@parthabasu3305
@parthabasu3305 Жыл бұрын
Great Indian history knowledge sir 👌👌👌 Vande matram Joy Sonatan hindu 🇮🇳🇮🇳🇮🇳✊✊✊
@user-bn3by2tr8g
@user-bn3by2tr8g 2 ай бұрын
बहुत सुन्दर विश्लेशन गणतंत्र भ्रष्ट होत १ हैं इसलिए राजकुमार शिद्दार्थ बुद्ध ने गणराज्य को समाप्त कर दिया बुद्ध के बाद साम्राज्य उप्पन्न हुए
@viveksharma1074
@viveksharma1074 Жыл бұрын
अद्भुत जानकारी 🙏
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
हार्दिक आभार।
@manavloksingh8106
@manavloksingh8106 Жыл бұрын
Sir श्री राजीव रंजन, सत् श्री अकाल🙏,,,,, I'm sikh i respect ur deep knowledge, very very very much great leader🙏🇮🇳
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
सत श्री अकाल मित्र। आपका हार्दिक आभार।
@user-oc1dw4qq1d
@user-oc1dw4qq1d 10 ай бұрын
बुद्ध हो या प्रबुद्ध। अपने आसपास के वातावरण से कोई नहीं बच सकता
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad 10 ай бұрын
निश्चय ही।
@ganeshbhogate1888
@ganeshbhogate1888 10 ай бұрын
Thanks Sir Good subject hai. Today Also In Sanatan Bharat mein Buddhist yahi diplomacy use Kar rahe hai.
@rudrajha9637
@rudrajha9637 Жыл бұрын
Aap pe ma saraswati ki kripa hai.
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
हार्दिक आभार
@TheChoudwar
@TheChoudwar 22 күн бұрын
🙏
@kaushalshakya5163
@kaushalshakya5163 Жыл бұрын
अच्छा बिश्लेशण गुरु जी 🙏🙏🙏
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
हार्दिक आभार
@ajaypandey596
@ajaypandey596 Жыл бұрын
महोदय , अतीव महत्वपूर्ण अध्याय का सटीक व उचित विश्लेषण के लिए धन्यवाद।
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
हार्दिक आभार
@shaitandancharan7123
@shaitandancharan7123 Жыл бұрын
Bahut hi Gyan vardhak video hai aapko dhanyawad
@aasawaripatil9285
@aasawaripatil9285 Жыл бұрын
This is next level, so much to learn, no words
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
हार्दिक आभार।
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
आदरणीय Aasawari Patilji🙏 मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है। मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं। जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से... कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं। आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा। यह कैसे किया जाएगा? 1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। 2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा. 3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा। 4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा 5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए। 6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय। 7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान अवधूत जोशी
@proudsanatani263
@proudsanatani263 Жыл бұрын
Sab log is channel ko jyada se jyada share kare taki logon ko asli itihaas pata chale
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
हार्दिक आभार
@subhashbangde9648
@subhashbangde9648 Жыл бұрын
bahotahi shandar...kya chetana hai shriman..araye...jai ho
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
हार्दिक आभार
@purushottamnagyan853
@purushottamnagyan853 10 ай бұрын
राजीव जी आपका विश्लेषण बहुत उत्कृष्ट है तथापि कृपया स्रोत भी जोर देकर और डिस्क्रिप्सन के भी दिया करो। जिससे उन्हे क्रॉस चेक किया जा सके। आप बहुत सुंदर कार्य कर रहे हैं। आप जैसे विद्वानों की बहुत अधिक आवश्यकता है। 😊😊😊
@sunilu1254
@sunilu1254 Жыл бұрын
Very good information sir.
@bhushansingh7836
@bhushansingh7836 Жыл бұрын
बहुत सुंदर विवेचना राजीव जी 👌👌👌👌 सारगर्भित
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
हार्दिक आभार
@yami6499
@yami6499 9 ай бұрын
Always learn so mny new things when I listen to u
@62dbhattacharyya
@62dbhattacharyya Жыл бұрын
Great narration of Indian history...❤❤
@srdmsra1
@srdmsra1 Жыл бұрын
Adbhut gyaan 🚩🚩🚩
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
हार्दिक आभार
@shukdevbhatt3733
@shukdevbhatt3733 Жыл бұрын
बहुत ही अच्छा विश्लेषण किया आपने
@anuragbhargava8084
@anuragbhargava8084 Ай бұрын
A well-done research...Kudos to you
@shubhamshukla3659
@shubhamshukla3659 Жыл бұрын
हीरा topic ❤❤❤, मुझे इसका स्रोत व इस द्रृष्टिकोण का लेख नहीं मिला। धन्यवाद Sir🙏
@bhagwanmishra7243
@bhagwanmishra7243 Жыл бұрын
आप को सुन कर महाकवि जयशंकर प्रसाद के अजात शत्रु नाटक याद आगया। बहुत उत्तम प्रस्तुति। भारतीय उपमहाद्वीप में क्षात्रशक्ति का पराभव इन दो भगवानों बुद्ध और महावीर के अहिंसा वाद के परिणाम हैं। भारतीय उपमहाद्वीप में विदेशी आक्रांताओं के आने का सिलसिला जारी रहा और हम गुलाम होते गये। धन्यवाद
@shivratanthalur3860
@shivratanthalur3860 Жыл бұрын
1001%सही
@jayantkamble6082
@jayantkamble6082 Жыл бұрын
अपनी दुर्बला छिपाने के लिए भगवान बुद्ध और भगवान महावीर का सहारा लेने का अच्छा फंडा है.😂 बौद्धों ने भारत से दो गुना जमीन पर किया है. जब भारत जैन बौद्ध धर्म से प्रभावित था. तब भारत सोने की चिडीया था. हमने भारत को अनेक विश्वविद्यालय/महावीर दिए, जहा विदेश से लोग पढने आते थे. जब जैन बौद्ध धर्म का पतन हुआ, तब भारत का भी पतन हुआ.
@jayantkamble6082
@jayantkamble6082 Жыл бұрын
ये क्षात्रशक्ती क्या होता है??😂😂
@bhagwanmishra7243
@bhagwanmishra7243 Жыл бұрын
@@jayantkamble6082 इन दो महान आत्माओं ने जो ईसा पूर्व पांच सौ वर्षो के काल में हुये थे ।महाजनपद काल धीरे धीरे सामंत वाद में बंटता जा रहा था। छोटे राजपरिवार आपस में लड कर कमजोर हो गये और मांस मदिरा स्त्री सुखों में विलासी हों गये। सनातनधर्मी वैदिक धर्म में वहुत बुराईयां आ गयी । अहिंसा करूणा की शिक्षा और झुंड के झुंड भीक्खू श्रमण साधू संन्यासी घर परिवार गृहस्थी छोड़ कर संघों में जाने लगे जैन साधु बौद्ध साधू वैदिक पौराणिक साधू संन्यासी वाद विवाद ईश्वर है नहीं है सारा समाज निराशा वादी हो गये व्यापारी वर्ग अपरीग्रह की शिक्षा के कारण जैन श्वेताम्बर बन गये वर्णाश्रम व्यवस्था टूटने से सेवक श्रमिक सहायक वर्ग और चापलूस ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य सब बौद्ध साधू संन्यासी भिक्खू बनने लगे। किसान समाज पर बोझ बढ़ गया। स्त्रियों को भी संन्यासी बनाने लगे फिर मठों में व्यभिचार फैल गया। अस्त्रों शस्त्रों को बनाने सिखाने वाले लोग कम हो गयेआसाम से लेकर अफगानिस्तान तब का वाह्लीक गंधार प्रदेश तक सनातनधर्मी वैष्णव शैव साक्त तांत्रिक जैन श्वेताम्बर दिगंबर बौद्ध हीनयान महायान वज्रयान अनेकों फिरको में बंटे हुए थे। मौर्य गुप्त राजवंश के वाद और दोनों महात्मा पुरूषों के मर जाने के बाद पश्चिमी शकों हूणों यवनों तुर्को मुगलों के आक्रमणों के मुकाबले करने वाले युद्ध में कुशल क्षत्रिय शक्ति न होने से कमजोर राजे मारे गये गुलाम बनाकर विदेशी आक्रांताओं ने देश को लूटने स्त्री धन हीरे मोती जवाहरात नगरों को क़ब्जे में करलिया। मंदिरों को तोड दिया। वर्णन किया नहीं जा सकता है। आंखें भर आयेंगी। सीखने की शक्ति को क्षात्रों की शिक्षा ज्ञान योग्यता युद्ध कौशल सेवा सहयोग आदि से मत लब है। शांति के लिए अहिंसा करूणा प्रेम दया दान सेवा सहयोग संतोष अपरीग्रह सब अच्छे लगते है किन्तु अपने से बलवान कमजोरों को दबाते हुए गुलाम बनाकर दुखी दरीद्र बना देगा तो वह देश और कौम का क्या होगा। धन्यवाद
@user-bn3by2tr8g
@user-bn3by2tr8g 2 ай бұрын
नही बन्दू बौद्ध भन्ते जो बाभन है उनके कारण हुआ है राजीव की का पूर्ण विश्लेषण सुने
@pruthvirajchavan1950
@pruthvirajchavan1950 Жыл бұрын
Sir historians like you abhijeet chavda nilesh oak are bliss. Proud to be your fan . Hat's off to you sir.
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
आपका हार्दिक आभार
@arjusingh8301
@arjusingh8301 Жыл бұрын
श्रीमान का कोटि-कोटि धन्यवाद
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
हार्दिक आभार
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
आदरणीय Arjunsinghji🙏 मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है। मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं। जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से... कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं। आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा। यह कैसे किया जाएगा? 1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। 2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा. 3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा। 4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा 5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए। 6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय। 7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान अवधूत जोशी
@yogillb1241
@yogillb1241 Жыл бұрын
Aap hamesha hi best history khojkar le aate hai. Apka aabhar. Apke charano me mera pranam pahuche. 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
@chandrabhansingh-fh6fr
@chandrabhansingh-fh6fr Жыл бұрын
उत्कृष्ट जानकारी सर 🙏🙏
@sumitkumar-qb8zh
@sumitkumar-qb8zh Жыл бұрын
हार्दिक आभार
@ShivSharmak692
@ShivSharmak692 Жыл бұрын
बहुत सटीक और जानकारी पूर्ण धन्यवाद
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
हार्दिक आभार
@mahendragor4440
@mahendragor4440 Жыл бұрын
अच्छा विश्लेषण
@shivakant0563
@shivakant0563 Ай бұрын
किसी भी सामाज्य का उत्थान एवं पतन जरूर होता है।
@sbsharma08
@sbsharma08 10 ай бұрын
We are happy to find person like to save sanatan dharm. We support u
@sunilpundir6022
@sunilpundir6022 23 күн бұрын
Jai shree Ram
@yogeshnamdev8479
@yogeshnamdev8479 Жыл бұрын
Aadrniya Bhai Sahab Ji, Aapke Vachan Bilkul Kadwe Sach he Ji, Lekin Aaj Tak bhi ye hi Shadyantr Chal raha he, JAY VIJAYA HIND Vande Mataram.
@DebanjanMukherjeeanimator
@DebanjanMukherjeeanimator Жыл бұрын
What an explanation acharya ji. Sadhu sadhu
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
हार्दिक आभार।
@devkinandan6395
@devkinandan6395 9 ай бұрын
सभी भाइयों बहनों को जय श्री सीताराम जी की श्री हनुमान जी की 👏🏻👏🌺🌸🌻
@shatkotimanjri
@shatkotimanjri Жыл бұрын
सत्यान्वेशन के लिए,आपका शुक्रिया आभार!
@TranscendLibra
@TranscendLibra Жыл бұрын
अति सुन्दर प्रस्तुति |
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
हार्दिक आभार
@swarnavanandi6741
@swarnavanandi6741 Жыл бұрын
Sir please make a detailed series on the history of mewar and it's struggle to save hindustan.
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
अवश्य, जल्दी ही।
@awakenkaafirex-muslim6627
@awakenkaafirex-muslim6627 Жыл бұрын
Sir , Ek video Odisha k Mahan Ganga aur Gajapati Samraton k baare mein bhi banaiye . I am from Odisha and your great fan .
@prakashnathtripathi143
@prakashnathtripathi143 Жыл бұрын
उत्तम
@prakashonbasics3670
@prakashonbasics3670 Жыл бұрын
Great. There is so much to learn from this for the development of our nation in the presen situation....a guideline of what we must concentrate on.
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
हार्दिक आभार
@sunilcoachingcentre2698
@sunilcoachingcentre2698 Жыл бұрын
श्री मान राजीव जी मैं आपका बहुत बड़ा प्रशंसक हूं मुझे ऋग्वैदिक काल वास्तविकता की संपूर्ण जानकारी चाहिए जो बाएं हाथ वालों ने छुपाया है
@ajaykumarmaurya8076
@ajaykumarmaurya8076 Жыл бұрын
Amazing explanation....
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
हार्दिक आभार
@ajitkumarjha6982
@ajitkumarjha6982 Жыл бұрын
मैं तो इतिहास विषय में कमजोर रहा हूँ, पर लगता है भारतवर्ष को एक करने की नीति जैसे श्रीकृष्ण की थी वैसी किसी का भी नहीं हुआ ।
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
सहमत
@ajitkumarjha6982
@ajitkumarjha6982 Жыл бұрын
@@RajeevRanjanPrasad मैं विज्ञान विषय का शिक्षक हूँ , परंतु आपके द्वारा जो क्रमबद्ध विषय वस्तु दिए जाते हैं वह हमें और हमारी बेटी दोनों को काफी पसंद है । मेरी बेटी ने आपसे प्रेरित होकर ही इतिहास विषय को रख लिया । 🙏
@inderchandjain8577
@inderchandjain8577 Жыл бұрын
@@ajitkumarjha6982 कम्यूनिस्ट लोगो ऐसे अनेक तथ्य और इतिहास बदले है जैसे रोमिला थापर परिवार है ।ये दुर्भाग्यपूर्ण इन्हे ससरकारो का साथ मिला ।आज जब सत्य सामने ला रहे तो ये गद्दार तथाकथित इतिहास कार भागे भागे फिर रहे ।वैसा ही षडयंत्र लक्षित इतिहास बहुत
@inderchandjain8577
@inderchandjain8577 Жыл бұрын
लिखे गये है भारत के लिऐ ।भ्रमित होना स्वाभाविक है ।इसलिए तथ्यो को समझते हुऐ ही कोई निर्णय पर पहूचे ।सम्राट अशोक जीवन के सही इतिहास को पढे सब कुछ समझ आयेगा ।पूरे जीवनी मे कही भी उल्लेख नही ऐसी तो क्या लङाई होगी ।भ्रमित ना हो ।
@harrapacivilization2779
@harrapacivilization2779 4 ай бұрын
Krishan to hua hi nhi kbhi
@sunilcoachingcentre2698
@sunilcoachingcentre2698 Жыл бұрын
Namaskaar
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
नमस्कार
@sunilcoachingcentre2698
@sunilcoachingcentre2698 Жыл бұрын
Kaise ho sir
@shrihari5408
@shrihari5408 Жыл бұрын
Jai shri Ram 🌹
@amlaanjthengal852
@amlaanjthengal852 Жыл бұрын
@@sunilcoachingcentre2698 Sanatan Samiksha dekho unkaa Sahayata karo aur sabko bataao.
@anilnainwal131
@anilnainwal131 Жыл бұрын
Sir, Bhagwan Buddha ke jeevan par bhi episodes zaroor banaye. Aapki prastuti bahut sundar hai.
@k.ctripathy3462
@k.ctripathy3462 Жыл бұрын
What an delightful explanation sir... You are a true gem...🙏🙏🙏
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
आदरणीय K.Ctripathy🙏 मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है। मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं। जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से... कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं। आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा। यह कैसे किया जाएगा? 1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। 2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा. 3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा। 4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा 5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए। 6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय। 7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान अवधूत जोशी
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 Жыл бұрын
भारत माता की जय हो।🇮🇳🇮🇳
@user-cj4ik3zb2w
@user-cj4ik3zb2w Жыл бұрын
अभिनंदन. सुन्दर विवेचन.
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
हार्दिक आभार।
@sandeeppandey4550
@sandeeppandey4550 Жыл бұрын
Superb
@MrRajiv345
@MrRajiv345 11 ай бұрын
Very Nice 🙏
@jitendramisra722
@jitendramisra722 Жыл бұрын
Wonderful explanation🙏🙏🙏
@ushakiran5076
@ushakiran5076 Жыл бұрын
प्रणाम गुरूजी 🙏🙏
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
जय जगन्नाथ
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
आदरणीय UshaKiranji🙏 मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है। मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं। जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से... कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं। आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा। यह कैसे किया जाएगा? 1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। 2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा. 3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा। 4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा 5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए। 6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय। 7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान अवधूत जोशी
@neerajkatare9158
@neerajkatare9158 Жыл бұрын
बहुत ही शानदार ऐतिहासिक जानकारी बहुत ही शानदार प्रस्तुतीकरण धन्यवाद ऐसे ही प्रस्तुति देते रहे तो समाज और राष्ट्र का हित होता रहेगा और जानकारी नवीनतम होती रहेगी।।
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
आदरणीय 🙏 मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है। मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं। जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से... कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं। आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा। यह कैसे किया जाएगा? 1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। 2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा. 3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा। 4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा 5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए। 6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय। 7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान अवधूत जोशी
@neerajshukla6452
@neerajshukla6452 11 ай бұрын
सर atisundar vivechna vaam panthi itihashkar humara manobal todne ki koshish karte hain lekin itihash ke gyan abhav me hum kamatar dikhte hain lekin aap ke sahi itihash gyan se humara manobal uncha hota hai sir koti koti dhanywad
@goswamiyogeshwar2028
@goswamiyogeshwar2028 8 ай бұрын
🙏🙏🙏🙏🙏
@rameshshambharkar8962
@rameshshambharkar8962 Жыл бұрын
बुद्ध के अहिंसा संबांधीत विचार को सही तरीकेसे समझना जरुरी है। आपने बुद्ध के अहिंसा संबंधी मध्यम मार्ग का सही विवेचन किया है। बुद्ध जयंती की आपको हार्दिक मंगल कामना।
@rajatmajumder6554
@rajatmajumder6554 Жыл бұрын
Wow! 😲💖
@ajaysinghmankotia2253
@ajaysinghmankotia2253 Жыл бұрын
Thankyou.
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
हार्दिक आभार
@pankajbhaipandya9557
@pankajbhaipandya9557 Жыл бұрын
Namste, sir
@sumitkumar-qb8zh
@sumitkumar-qb8zh Жыл бұрын
thank u sir
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
हार्दिक आभार।
@nand1088
@nand1088 7 ай бұрын
I am watching this video for the third time.
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad 7 ай бұрын
आपका हार्दिक आभार
@rajendranaik7274
@rajendranaik7274 Жыл бұрын
👌👌👌
@proudsanatani263
@proudsanatani263 Жыл бұрын
Bahat gyaan bardhak hote hen apke har episode sir.
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
हार्दिक आभार
@jaihind8815
@jaihind8815 Жыл бұрын
Why this channel is so underrated
@rishikumarpandey3880
@rishikumarpandey3880 Жыл бұрын
संसार में बुद्धिजीवियों की संख्या हमेशा कम होती है। और वर्तमान में तो लोगों की रूचि का स्तर भी बहुत घटिया हो गया है इसलिए ऐसे उच्चस्तर की बातें हर किसी की समझ में नहीं आती।
@sunilnarkhade4253
@sunilnarkhade4253 Жыл бұрын
👌👌👌👌
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
हार्दिक आभार
@DebanjanMukherjeeanimator
@DebanjanMukherjeeanimator Жыл бұрын
Pranam acharya ji. Kaun kaun book sources se in details main jan sakta hu on this subject?
@surajnishad5584
@surajnishad5584 Жыл бұрын
Nice ❤❤❤
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
हार्दिक आभार
@Vivek-cm5ts
@Vivek-cm5ts Жыл бұрын
Ap is samay ke, Hnuman ji ki tarh dharm rakshak hai jai sri Ram sir Sanatan samiksha chanel ko isse gyan milega
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
आपका हार्दिक आभार
@dnyaneshbobade1055
@dnyaneshbobade1055 Жыл бұрын
Nice sir.. Regular video dala kijiye bahut gap hui hai
@dilipjpin
@dilipjpin Жыл бұрын
@bdpanchall1
@bdpanchall1 Жыл бұрын
POSSIBLY BUDH REALIZED THAT TO RULE THE GOSPEL PRINCIPLE "BHAY BIN PRITI NA HOY" IS A MUST.
@RamdasTiwari
@RamdasTiwari 9 ай бұрын
Aaj ki rajneeti ~ inke dwara Samaja sakta hai ~
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad 9 ай бұрын
हार्दिक आभार
@lalupursingh7472
@lalupursingh7472 Жыл бұрын
Good night sir
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
शुभ रात्रि
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
आदरणीय 🙏 मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है। मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं। जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से... कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं। आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा। यह कैसे किया जाएगा? 1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। 2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा. 3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा। 4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा 5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए। 6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय। 7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान अवधूत जोशी
@ashokbhat9404
@ashokbhat9404 Жыл бұрын
हरहरमहादेव 🙏🙏🙏🙏🙏
@shekharattry8627
@shekharattry8627 Жыл бұрын
I am your fan
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
हार्दिक आभार।
@thakursadanand8559
@thakursadanand8559 8 ай бұрын
प्रणाम आप महान है!आपकी किताबे कहा मिलेगी!
@Anjni_Kumar_Sarswat
@Anjni_Kumar_Sarswat Жыл бұрын
बहुत सुंदर 👌👌👌👌 जोरदार जोरदार जोरदार कई शब्दों का उच्चारण अशुद्ध करते हैं आप, उसे सुधारने कीआवश्यकता है। 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
अवश्य, प्रयास करूंगा।
@ashishrathor923
@ashishrathor923 Жыл бұрын
Guruji Raja porus ke vansh ke uper bhi ek video bnaiye please
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
अवश्य मित्र।
@PramodKumar-xi9pq
@PramodKumar-xi9pq 9 ай бұрын
क्या आप एक वीडियो गणीनाथ महाराज पर बनाएंगे
@googlesharma4477
@googlesharma4477 Жыл бұрын
Mahoday aapse Anurodh h ek series lekar aayiye itihaas ki jisme bharat ka itihaas IVC ke baad se ho khaaskar rajaon ka ?
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
अवश्य
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 Жыл бұрын
,,🙏🙏
@Up25_wale
@Up25_wale Жыл бұрын
आज भी गोरखपुर मंडल में कुछ सगठन अपने आप को सैथवार मल्ल अपने आप को शुद्ध क्षत्रिय बोलते है इसमें सबसे आगे पूर्व डीजीपी गुजरात है
@travellingvlog6870
@travellingvlog6870 9 ай бұрын
ये संपूर्ण नंदा मल्ल जी जो संबंधनिक मुल्यो के लिए लड़ते है इनका संबंध मल्ल महाजंपद् से रहा है
@manitsingh6110
@manitsingh6110 10 ай бұрын
इन साक्ष्य से तो यही लगता है की जिसे हम बुद्ध कहते है उन्हे आत्मज्ञान हुआ ही नहीं था सिर्फ राजनीतिक सत्ता का एक उत्सुक था जो खुद को राजनीतिक केंद्र बनाकर रखना चाहता हो और और से श्रेष्ठ
@harrapacivilization2779
@harrapacivilization2779 4 ай бұрын
Wo bhi insan hi tha ..
@biharilal9501
@biharilal9501 Жыл бұрын
राजीव जी नमस्कार छत्तीसगढ़ राज्य के कलचुरी और मराठा शासन के बारे में भी बताइए। मैं भी आपका फैन और नियमित दर्शक हूं।🚩🚩🚩 जय मां काली,🚩🚩🚩
@RajeevRanjanPrasad
@RajeevRanjanPrasad Жыл бұрын
अवश्य मैं जल्दी ही यह विषय लूंगा।
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