शशिराज जी द्वारा बहुत ही मार्मिक प्रस्तुती | दुर्वाशा ऋषि साधारण नहीं थे, भगवान् शिव के अंशावतार थे | उनका क्रोध तो मात्र दिखावा था | वे जानते थे कि दुर्योधन उन्हें पाण्डवों के पास क्यों भेजना चाहता है? लेकिन वे यह देखना चाहते थे कि पाण्डव भगवान् के भक्त हैं और भगवान् अपने भक्तों की रक्षा अवश्य करते हैं, तो आज देखूँ कि भगवान् पाण्डवों की मेरे श्राप से कैसे रक्षा करते हैं? बस, भगवान् की लीला देखने के उद्देश्य से दुर्वासा जी ने पाण्डवों को धर्मसंकट में डाला था |
@KaranSingh-fr5rmАй бұрын
Ati sundar geet dada chanchal. Hamari umar bhi aapko lag jaaye aap ease hi gaate raho 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@RamKumarSahu-w4lАй бұрын
Bahut Sundar jawab Raebareli ke Gaurav mananiy Shri sasuraj Kamal ji
@RohitKumar-yo3lmАй бұрын
Bahut sunder saval aur bahut ati sundar javab parname🙏 Dada Sashi raj kamal ji ko
@AjeetprakashTripathiАй бұрын
जवाब जोश में नहीं,होश में दिया जाता है। कथानक से जवाब बहुत दूर है।
@Hanumtsingh-p4vАй бұрын
Gajp keya bat hai
@foolsinghmadawara7435Ай бұрын
बहुत सुंदर आदरणीय दादा लालमन जी
@maheshlodhi815328 күн бұрын
Dada aapki baat sabse hatke hai
@SureshKumar-j9jАй бұрын
Ham aapka geet Dada Ji Husain Ganj mein sune KZbin mein to bahut sunte the Lekin
@ramshankaryadav1867Ай бұрын
बहुत सुंदर गीत है दादा जी
@neerajkumarvishwakarma1612Ай бұрын
🎉🎉🎉❤❤❤
@bhanvarsingh3086Ай бұрын
गायकी में दादा लालमन जी का कोई सानी नहीं, यह अटल सत्य है, लेकिन कह रहे हैं कि " न किसी ने गाया है और न किसी ने दिमाक लगाया है " | लो कर लो बात ! हो गया न दूध का दूध, पानी का पानी |