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@geetgangarss #Aa_Raha_Shatabdi_Varsh_Hai
आ रहा शताब्दी वर्ष है,
स्वयंसेवकों के मन में हर्ष है ।
हमको गाँव गाँव में जाना है
देशभक्ति भाव को जगाना है.... (२)
शाखा से ही देश का उत्कर्ष है,
स्वयंसेवकों के मन में हर्ष है ।
व्यक्ति निर्माण ही राष्ट्र निर्माण है
संस्कारों का सृजन संस्कृति का त्राण है....(२)
भारत का युगों से यहीं आदर्श है,
स्वयंसेवकों के मन में हर्ष है ।
मन में देश भक्ति है संगठन की शक्ति है
राम जी की सेना हम जो कभी न थकती है....(२)
मातृ भू हितार्थ ये संघर्ष है,
स्वयंसेवकों के मन में हर्ष है ।
मन में समरसता, सद्भाव हो
विकसित अपना हर गाँव हो....(२)
हर वर्ग को करना स्पर्श है,
स्वयंसेवकों के मन में हर्ष है।
स्वप्न केशव का साकार हो
माधव सा अपना विचार हो....(२)
चाह रहा यहीं भारतवर्ष है,
स्वयंसेवकों के मन में हर्ष है ।
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स्वर एवम रचना : सौरवजी (जिला प्रचारक, नालागढ़ - हिमाचल प्रान्त)
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