[16] - पुष्यमित्र शुंग और उनके उत्तराधिकारियों का इतिहास | शुंग वंश का सम्पूर्ण इतिहास |

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@n.r.meghwal4386
@n.r.meghwal4386 Жыл бұрын
जब अयोध्या को पहली बार पुष्यमित्र शुंग ने ही बसाया था तब तो यह पुख्ता सबूत है कि अयोध्या के राजा राम और उनकी रामायण की रचना पुष्यमित्र शुंग के बहुत बाद में हुई।
@bantsingh8764
@bantsingh8764 Жыл бұрын
अगर साकेत का नाम बदल कर ही पुष्यमित्र शुंग अयोध्या रखा था..तो दशरथ और राम अयोध्या के राजा कैसे हुये जिसका प्रचार दिन रात कीया जाता है? क्या इसका अर्थ यह है कि राम ही पुष्यमित्र शुंग थे?
@sharadsonone8638
@sharadsonone8638 2 жыл бұрын
सर , मेरा प्रश्न : मै समजता हूं उन दिनो वेदिक धर्म, बौद्ध धम्म, और जैन धर्म प्रचलित धर्म थे! हिंदू धर्म ऐसी संज्ञा बिलकुल नही थी! वेदिक धर्म आगे चलके ब्राम्हण धर्म कहलाया, और, फिर मोगल काल में हिंदू धर्म ऐसी व्यख्या प्रचलित हुई! क्या आप इस विषय पर कुछ कभी चर्चा कर सकते हो! मुझे जाणणे की उत्सुकता है! आपने बहोत अच्छे से इस विषय को रखा, आपका धन्यवाद!🙏
@BharatSingh-vp4fb
@BharatSingh-vp4fb 2 жыл бұрын
पुष्य मित्र सुंग ने साकेत का नाम बदल कर अयोध्या रखा ।रामायण की अयोध्या कोन सी है ।कृपा आप जरूर बताने का कष्ट करें। कहां सतयुग और कहां 150 ईसवी पूर्व ।क्या रामायण थी या कोई नाटक लिखा गया है।
@patelchaudhari842
@patelchaudhari842 2 жыл бұрын
Video में जब जम्बू द्वीप का जिक्र कर ही दिया तो सुंग वन्स को विदेसी आर्य भी बता देना था और यह भी बता देना था कि जम्बूद्वीप के मूलनिवासी sc st obc के लोग है
@kuwarpawansinghkalyanwatBABELI
@kuwarpawansinghkalyanwatBABELI 2 жыл бұрын
विदेशी आर्य शुंग वंश था या नहीं यह तो पता नहीं है लेकिन इतना पता है कि जो यु ची जनजाति मध्य एशिया से इंडिया में आई थी वह आज चेची गुर्जर है और जो कुषाण जनजाति आई थी वह आज कसाना गुर्जर है इससे ज्यादा सबूत मैं भी नहीं दे सकता भाई साहब बड़ी रिसर्च की थी इसके लिए
@pradeepshukla6505
@pradeepshukla6505 2 жыл бұрын
सारे प्रश्न स्वयं ही उत्तर बन जाएंगे जब बौद्ध धम्म को सनातन की ही एक धम्म मान लेते हैं तो,और सबसे अच्छी बात ये लगी की शुंग वंश को कंड वंश ने ठीक वैसे ही खत्म किया जैसे कि शुंग वंश ने मौर्य वंश और मौर्य वंश ने भी किसी को ऐसे ही ख़त्म किया था तो ये उस समय तख्ता पलट का एक तरीका था बस ,जो कि आज भी कुछ कट्टर पंथी देशों में दिखता है...✍️
@ramprsadyaduvnshi9715
@ramprsadyaduvnshi9715 2 жыл бұрын
रामायण एक किस्सा कहानी है, फिर इसको एक काल्पनिक कथा मे गढ़ कर रामायण में तब्दील कर दिया गया है।न राम पैदा हुआ है, और न सतयुग, त्रेता, द्रापर आदि है।।।
@kedarkushwaha5799
@kedarkushwaha5799 2 жыл бұрын
जब साकेत का नाम बदल कर अयोध्या, पुष्यमित्र शुंग रखा तो राम का जन्म स्थान कहा है क्या पुष्यमित्र शुंग मित्र ही राम है
@ओमनमोबुद्धाय
@ओमनमोबुद्धाय 2 жыл бұрын
बौद्धमय भारत में और उससे पहले भारत में कभी भी जाति व्यवस्था और वर्ण व्यवस्था नहीं रही थी। पिता और पुत्र भी अलग अलग पेशे से हो सकते थे तो भाई भाई भी अलग अलग पेशे से हो सकते थे। सबको शिक्षा व समानता का अधिकार था। शिक्षित होकर लोग अपनी काबिलियत के आधार पर पेशे का चयन करते थे। इसलिए बौद्धमय भारत के मूलनिवासी राजाओं के , व्यापारियों के, कारीगरों के, किसानों के वंशज आज के एससी, ओबीसी की लगभग सभी जातियों में पाए जाते हैं। जैन लोग ज्यादातर वैश्य बनकर हिन्दू बन गये। लेकिन जिन बौद्धों ने ब्राह्मणवाद का विरोध किया, ब्राह्मणवादी सामाजिक व्यवस्था का विरोध किया उनको अछूत बनाकर समाज से बाहर कर दिया गया और गंदगी भरे काम करने को मजबूर किया गया। बौद्ध जीव हींसा नहीं करते थे और जो काम इनको दिया गया वो सब बहुत सस्ते में कराए जाते थे जिसकी वजह से जिंदा रहने के लिए मृत पशुओं का मांस खाना शुरू किया अगर ये लोग बौद्ध धर्मी नहीं होते तो जीव हींसा की रोक नहीं होती तो मछली पकड़कर या शिकार करके ताजा मांस खाते लेकिन बौद्ध धम्म में केवल मृत जानवर का मांस खाने की ही आज्ञा है। जब तक इन बौद्धों ने चमड़े का काम किया तब तक चमड़े की वस्तुएं बहुत ही ज्यादा सस्ती होती थी लेकिन आज जब चमड़े का काम सवर्ण जातियां कर रही है तो चमड़े की वस्तुएं बहुत ही ज्यादा मंहगी हो गई है। चमार जाति को अगर वाजिब दाम दिया जाता तो चमार अमीर होते। लोग आठवीं सदी ईस्वी के बाद शंकराचार्य व उसके अनुयायियों द्वारा स्थापित की गई जातिवादी, वर्णवादी सामाजिक व्यवस्था को ध्यान में रखते बौद्धमय भारत का इतिहास समझते हैं इसलिए गलत समझते हैं। आज की किसी भी जाति विशेष के लोग केवल खुद की जाति को शाक्य या मौर्य वंशी कहते हैं तो वो सरासर असत्य है। एससी, ओबीसी की लगभग समस्त जातियों में नंद, शाक्य, मौर्य, भग, मल्ल आदि सभी वंशजों वंशज पाए जाते हैं।
@rajkumar-my1zf
@rajkumar-my1zf 2 жыл бұрын
You are right.
@bantisangersingh1668
@bantisangersingh1668 2 жыл бұрын
पुष्यमित्र बौद्धओ का दुश्मन था जो बाद में डर के कारण अपना नाम राम रखलिया और अयोध्या का मतलब ओर सरयू का नाम का अर्थ क्या है जब पुष्यमित्र ने बौद्ध क सर काट देने का घोषणा की ओर उशी सरयू में डाला गया और अयोध्या में खुदाई के वख्त राम की नही बौद्ध के अवसेस मिले जिसे सरकार ने उसे दबा दिया
@lobpenlongsal5285
@lobpenlongsal5285 2 жыл бұрын
नमाे रत्न त्रयाय! नमाे शाक्य मुनि बुद्धाय! जय भीम! जय भारतीय भुमि पुत्र मुलनिवासी! जय ज्ञानमय बुद्ध भुमि पबित्र भारत! जय सर्व श्रेष्ठ भारतीय संविधान!
@drmpsinha6461
@drmpsinha6461 2 жыл бұрын
शुंग क्या भारतीय नाम ? वे किसके पुत्र थे ? मेरी समझ में वे बाहर से आए थे ।
@thevishalbhaiya
@thevishalbhaiya 2 жыл бұрын
पुष्य मित्र नाम संस्कृत है
@shreekantazad5347
@shreekantazad5347 2 жыл бұрын
पुष्यमित्र शुंग का साक्ष्य भरहूत स्तुप में मिलता है उसने उसका मरम्मत करवाया था और पुनर्निर्माण करवाया था पर कोई मंदिर का निर्माण क्यों नही करवाया
@jaipalgunpal717
@jaipalgunpal717 2 жыл бұрын
सनातन धर्म बौद्ध धम्म है न कि हिंदू धर्म .किसी भी हिंदू ग्रंथ मे हिंदू शब्द का उल्लेख नहीं मिलता.
@sunilwade1755
@sunilwade1755 2 жыл бұрын
जो इतिहास आपने समझाया वो,,,अभ्यासपूर्ण है,,,, मानता हू इसबातको सभी लोग ये जानकारी से सहमत नहीं होगे। साकेत का नाम अयोध्या होना, ये तो बहोतही आश्चर्य की बात है। इसका मतलब ये है की रामायण बादमे लिखा है।
@prashantmuni
@prashantmuni Жыл бұрын
साकेत अयोध्या का दूसरा उपनाम है जैसे आज भी इलाहाबाद को प्रयाग कहते हैं।
@dinanathprasad7058
@dinanathprasad7058 2 жыл бұрын
इतिहास की सबसे प्रमाणिक जानकारी वाले श्रोत उत्खनन से प्राप्त होते हैं।शिलालेख,यात्रावृतांत भी सहायक होते हैं।
@ramchandrajat1467
@ramchandrajat1467 2 жыл бұрын
पुष्यमित्र शुंग है आज राम है जो सम्राट अशोक के पोत्र का सेनापति था और उसने मौर्य राजा को मार कर प्रति क्रांति की थी जिसमें बहुत से बौधों को मारा गया था और अपनी राजधानी साकेत का नाम बदलकर अयोध्या रखा
@theIndianhistory9999
@theIndianhistory9999 Жыл бұрын
सांची का स्तूप और भरहूत के स्तूप का जिर्णोद्धार नागवंशी सातवाहन वंश के राजाओं ने किया था।
@nareshganwre6603
@nareshganwre6603 2 жыл бұрын
साक+खेत =कृषि कार्य हेतु स्थान अपभ्रंश साकेत (पाली भाषा में)
@shubhathakur4744
@shubhathakur4744 2 жыл бұрын
++++++ रामायण एक काल्पनिक उपन्यास है ।
@pradeepshakya749
@pradeepshakya749 2 жыл бұрын
नाम बदलने की परंपरा तो इनके खून में है
@solutionscansharpyourbrain1007
@solutionscansharpyourbrain1007 2 жыл бұрын
थोड़ा सुधार की आवश्यकता है, 1. ये शुंग साकेत के आसपास के ही निवासी थे चुकि सम्राट असोक ने साकेत और आसपास जैसे कुशीनारा काशी में भी बौद्ध विहारों और स्तूपों का निर्माण कराया, जिस कारण सनातन धर्म को मनाने वालों की संख्या लगातार कम हो रही थी, इसके बदले के स्वरूप नियोजित तरह से मौर्य शासन के अंत का षडयंत्र रचा गया। 2. इतिहास और पुरातत्व के अवसेष से ये कहीं भी पता नही चलता कि साकेत के आसपास कही किसी प्राचीन धार्मिक स्थल थे सिवाय बौद्ध स्तूपों के, मतलब इस तरफ अन्य धर्म तो थे लेकिन उनकी इमारतों का निर्माण नही हो पाया था जैसा बौद्ध भिक्षु सक्षम थे, वे जहाँ जाते थे वहीं चट्टानों को काटकर विहारों का निर्माण करते थे, और वृद्ध भिक्षुओ की मृत्यु के उपरांत वहीं उन्हे आन्तिम् संस्कार कर स्तूप का निर्माण करते थे।
@shrimaliarvindbhai4944
@shrimaliarvindbhai4944 2 жыл бұрын
मतलब पूषयमीत्र सूगके आने बाद अखंड भारत खंड खंड हूवा
@ashokshindeitwillbefellmor2654
@ashokshindeitwillbefellmor2654 2 жыл бұрын
पुष्यमित्र शृंग ब्राम्हण नही थे, फिर प्रती क्रांती वादी तो थे ..इतिहास बोल रहा है की बौध्द धम्म शुंग ने खतमम किया, बौध्द बिखु समता प्रस्थापित करनेवाले थे,ओर अप बता रहे हो की राज्ये स्थापित कर रहे थे,इसमे कोई तथ्य नही..
@RajKumarRajkumar-re4qs
@RajKumarRajkumar-re4qs Жыл бұрын
सर जी मैं तो एक जानकारी चाहता हूं क्या क्या पुष्यमित्र शुंग ही राम है
@Historyagain9858
@Historyagain9858 2 жыл бұрын
भवभूति अंतिम मौर्य राजा था।७३ इस्वी इसा पूर्व से नया पंचांग शुरू हुआ है। गौतमबुद्ध तथा तथा मौर्य इस साम्राज्य के पतन तक के समय को दरकिनार कर नया विक्रम संवत बनाया गया।और देश जनपद में बदल गया। ऐसे नरसंहारी लोग जिस समाज में होंगे वह अमानवीयता ही देंगे।
@हमसाथसाथहैं-ङ3ष
@हमसाथसाथहैं-ङ3ष 2 жыл бұрын
84 हजार से ज्यादा बुद्ध स्तूप थे कहां गए। उल्टी-सीधी जानकारी देना बंद करो 84000 बुद्ध स्तूप के बारे में जानकारी स्पष्ट करो
@opsingh25153
@opsingh25153 2 жыл бұрын
बन्धुवर, आपसे आग्रह है कि थोड़ा ज्ञानार्जन और कीजिये, क्योंकि आप पंजाब, पाकिस्तान और अफगानिस्तान नाम का कोई राज्य था ही नहीं।
@pradeepshakya749
@pradeepshakya749 2 жыл бұрын
मंदिर का निर्माण करने की क्या जरूरत है जितनी बौद्ध स्तूप बौद्ध बिहार थे उन पर कब्जा कर लिया वहां मंदिर बना दिए
@YashRaj-cl9ly
@YashRaj-cl9ly Жыл бұрын
तथ्य पूर्ण जानकारी refrence के साथ ❤
@shubhathakur4744
@shubhathakur4744 2 жыл бұрын
*******। पुष्यमित्र शुंग ही राम था ,। यह सत्य है ।
@ajitkatariya4673
@ajitkatariya4673 2 жыл бұрын
Science journey channel on utube Episode 134 and 135 About pushyamitara shung Unbelievable
@kapilingle249
@kapilingle249 2 жыл бұрын
भाई मुझे तो आप मनुवादी मानसिकता हे ग्रसित दिखते है,इसिलिए तो आप पुष्यमित्र शुंग को बौद्ध विरोधी ना होने कि बार बार बात कर रहे हो...!!!
@parameshwartandia8286
@parameshwartandia8286 Жыл бұрын
अपने राजा को पीछे से छुरा घोप कर हत्या कर दी , यही उनकी वीरता है । पुष्यमित्र शुंग को लज्जा भी नेहिं आया होगा । आखिर राज्य संभाल नहीं पाया और 2 या 3 साल में लकीर का फकीर हो गया ।
@RajendraPrasad-hm3dd
@RajendraPrasad-hm3dd 2 жыл бұрын
सर GK में लिखा है कि पुष्यमित्र शुंग ने ब्राह्मण साम्राज्य की स्थापना की थी इसमें क्या सच्चाई है
@SunnySunny-wr4zh
@SunnySunny-wr4zh 2 жыл бұрын
टिचर जी , क्या आपने भारहूत स्तूप पर लिखी धम्मलिपी , प्राक्रूत भाषा पढी . १४९ BC का क्या सबूत मिला फिर रामायण वाली अयोध्या कहा थी दिव्यावदान श्रीलंका का ग्रंथ है जो पुश्यमित्र के १००० साल के बाद लिखा गया ये धना का अभिलेख है जो पुश्यमित्र के म्रुत्यू के बाद ३५० साल बाद लिखा है . जहा सुंग शब्द आना जरूरी था . क्योकी सभी शुंगोने अपने आप को भारहूत स्तूप पर सुंग कहा है , मित्र शब्द नही . जैसे की पुश्यमित्र, अग्नीमित्र etc.. त्र अक्षर का अविस्कार नही हूआ था १८५ BC मे प्राक्रूत मे . उनकी राजभाषा प्राक्रूत थी ,संस्क्रूत नही . कालिदास की किताब संस्करूत मे है , जब की classical संस्करूत भाषा बहूत ही बाद निर्माण हूई . हमे वह सबूत चाहीये .जो पुश्यमित्र के समय है . ना की धना का अभिलेख या दिव्यावदान या कालिदास की किताब. श्वाश्वत क्या है तो भारहूत का शुंग का स्तूप है जो उन्ही के समकालिन है , उन्होने खुद बनाया और लिखा है . बुद्ध की जिवनी है .भगवतो शब्द लिखा है जो बुद्ध को कहा है . बस उतना ही इतिहास सत्य है . इतिहास प्राक्रूत और धम्मलिपी से भी लेना होगा . तब पढ नही सकते थे आज पढ सकते है प्राक्रूत सिखना होगा फिर सच्चा इतिहास लिखना होगा . इतिहास केवल देवनागरी किताबे पढ के पूरा नही होगा .
@shitaram7949
@shitaram7949 2 жыл бұрын
पुष्यमित्र शुंग जब शासन में थे राम नाम की कोई कथा प्रचलित प्रचलित नहीं थी ना किसी न किसी हिंदू मंदिर की छठी शताब्दी के बाद ही हिंदू मंदिरों का निर्माण शुरू हुआ तो पुष्यमित्र शुंग किस देवी देवता का मंदिर बनवाते उसके बाद काल्पनिक लोगों ने कल्पना करके
@ssangar443
@ssangar443 2 жыл бұрын
पुष्यमित्र शुंग ही राम था जिसने अपना नाम बदल कर पुष्यमित्र शुंग से राम रख लिया और संकेत का नाम बदल कर अयोध्या रख दिया अयोध्या का मतलब आयुध जहाँ युद्ध नही हुआ हो इसी ने ही अश्वमेघ यज्ञ किया राम के बाद ओर पहले किसी ने नही क्या था
@pawankumarlakhera1528
@pawankumarlakhera1528 2 жыл бұрын
To phir hnuman ji koun the Kuch bhi
@rajkumar-my1zf
@rajkumar-my1zf 2 жыл бұрын
Hanuman kalpnik patr tha.
@ओमनमोबुद्धाय
@ओमनमोबुद्धाय 2 жыл бұрын
बौद्ध मय भारत के बाम्हन या बमण आज के ब्राह्मणों के पूरखे नहीं दलित, पिछड़े, आदिवासी वर्गों के ही पूरखे थे। पुष्य मित्र शुंग चीनी या तिब्बती हो सकता है क्योंकि शुंग, कुंग, पुंग, तुंग ऐसे नाम चीन और तिब्बत में होते हैं।
@yogaforallbykailashanand6274
@yogaforallbykailashanand6274 2 жыл бұрын
जब यही नही पता पुष्प मित्र शुअंग किस सम्प्रदाय का है तो क्या हिस्ट्री बताओगे
@bitoprajapati8204
@bitoprajapati8204 2 жыл бұрын
Apne sir bilkul sahi jankari di h. Unbelievable knowledge sir
@jatinparmar9742
@jatinparmar9742 Жыл бұрын
Thanks sirji .,Important ye nahin ki Pushyamitra shung Raja Brahman the ki bauddh the?,ye important hain ki Hindu dharm ( sanatan/Vaidik) pushyamitra shung kaal se hi start hua hain / 8 th sentuary ke Aadi Shankaracharya se start hua hain sir ji?q ki Varna& jaatiya shung kaal ke bahot baad me milte hain unka proof 7 th se 8th,9th sentury ke baad hi bataya Jaa Raha hain to inke baare me jara inform kijie ji🙏🙏💐
@SanjeevSingh-oq2cb
@SanjeevSingh-oq2cb 7 ай бұрын
अकबर के दरबार में नौ रत्नो में कई ब्राह्मण थे | मुगलो ने भी कई मंदिरो का निर्माण कराया या सहयोग किया तो क्या मुग़ल हिन्दू धर्म को नुकसान नहीं किया |
@ajitkatariya4673
@ajitkatariya4673 2 жыл бұрын
Basically there is not a single word like Hindu in any authentic vedik texts like Vedas upnishadas puranas manusmruti ramayana Mahabharata Geeta etc Muslim invaders could pronounce sikander shikanja shiddat siraj simran samundar shamsher shamshan Suleman sultan salman salma salim shabir shabbir etc etc including Sindhu It's a Vedik religion or culture of those who believes in Vedas and manusmriti etc means it's a Bramhin religion or culture only
@ajitkatariya4673
@ajitkatariya4673 2 жыл бұрын
Is there any single vedik temple created by the pushyamitara shung
@vimalasrivastav7137
@vimalasrivastav7137 2 жыл бұрын
No one is Brahmin no one sudra.our behaviour makes our real cast .
@bhupendrakumarmeghwal8818
@bhupendrakumarmeghwal8818 2 жыл бұрын
राम ही पुष्पमित्र सुंग थे
@RDNandvanshi
@RDNandvanshi 2 жыл бұрын
100%सत्य
@ravindramunde9623
@ravindramunde9623 2 жыл бұрын
शृंग वंशी पुष्यमित्र वैश्य वर्गसे संबंधित थे और धर्म कौणसा भी हो प्राचीन राज्यकर्ता एक दुसरे के रिश्तेदार थे !
@day-dreamer_117
@day-dreamer_117 Жыл бұрын
बेहद महत्त्वपूर्ण जानकारी
@surajdhavare6850
@surajdhavare6850 8 ай бұрын
Thanks!
@karnailsinghmomi3788
@karnailsinghmomi3788 Жыл бұрын
लगता है शुंग राजवंश के राजा विदेशी थे नाम के आगे जाति न लिखना शुंग नाम भी विदेशी है राज़ के दौरान किसी जाति विशेष को महत्व न देना दरसाता है कि ये लोग चीन या कोरिया के हो सकते हैं क्यों कि उस समय बोध धर्म इन देशों में फैला हुआ था
@mangilalmalviya6366
@mangilalmalviya6366 2 жыл бұрын
लेकिन सर भरहुत के किले से पंच बुद्धा की मूर्तियां मिली है
@SurinderKumar-qn1wg
@SurinderKumar-qn1wg Жыл бұрын
नमाे शाक्य मुनि बुद्धाय!
@mahekafreenquraishiafreen4042
@mahekafreenquraishiafreen4042 Жыл бұрын
Thank you sir 👍
@shubhathakur4744
@shubhathakur4744 2 жыл бұрын
****###### ब्रह्मा , विष्णु , महेश , राम , कृष्ण इन सभी राजाओं / चमत्कारी देवो ने कितने महल / किले , बड़े- बड़े स्मारक
@premchandmaurya7919
@premchandmaurya7919 2 жыл бұрын
आप ने इतिहास की सच्चाई बता दिए है ।धन्यबाद ।
@swapnenduguha7984
@swapnenduguha7984 Жыл бұрын
Nice content, nice presentation,
@arunp8822
@arunp8822 2 жыл бұрын
वीडियो अत्याधिक महत्व पूर्ण एवं ज्ञान वर्धक लगा। प्रणाम
@krishankanttatiwal7836
@krishankanttatiwal7836 2 жыл бұрын
भारत का नाम पहले जम्बूद्वीप था उस समय तो पाकिस्तान ोअस्तित्व में ही नही था। पाकिस्तान अस्तित्व में 1947 में आया था।
@ll-ft7gk
@ll-ft7gk 2 жыл бұрын
Pushymitra sung hi Ram hi example ....mourya bansh ke. Antim sasak ko markar satta hathyayi thi
@sahabealam4751
@sahabealam4751 2 жыл бұрын
Agar kisi ne toda nahi to 84000 sutup kaha gaye
@anilmakwana3322
@anilmakwana3322 Жыл бұрын
SABKO NAVJIVAN MILE DUST SETAANSE BACHAAYE SVARGME ANANTJIVAN MILE UPARVAALE JIVIT ISVAR PRABHU YESHUNAATH SATGURUDEV
@babge9958
@babge9958 9 ай бұрын
ये बिल्कुल सही बात है ,कि पुष्यमित्र शुंग शुद्र थे।क्योंकि ये गोंडवाना का सांस्कृतिक इतिहास में लिखा है।पुष्यमित्र शुंग ने अपने शासन काल में वैदिक धर्म से प्रभावित होकर ब्राम्हणों को अपने राज्य में मिला लिया था ।और बौध्द धम्म का पतन हो गया।❤
@samulate7356
@samulate7356 Жыл бұрын
Thank you sir
@saaranshsharma850
@saaranshsharma850 2 жыл бұрын
Pushya mitra sung brahmin he the...maine kuch books mai pada hai
@prakritipragya9373
@prakritipragya9373 2 жыл бұрын
बहुत बहुत साधुवाद..
@paris3490
@paris3490 Жыл бұрын
पुष्यमित्र शुंग ही अयोध्या में पाया गया जिसके प्रमाण मिलते हैं
@narasinghajenabaudha9298
@narasinghajenabaudha9298 3 жыл бұрын
नमो नमः बुद्धाय ।।ओड़िशा।। गुरु जी आपका जानकारी बहुत अच्छा है
@dr.pannaprasad1513
@dr.pannaprasad1513 2 жыл бұрын
वाल्मीकि रामायण में "अयोध्या "शब्द है। कहते हैं, वाल्मीकि त्रेतायुग में, श्री राम के समकालीन थे। lav कुश का जन्म उन्हीं के आश्रम में हुआ था।
@ajitkatariya4673
@ajitkatariya4673 2 жыл бұрын
It's almost impossible to pay 100 gold coins or mudras for one head of Buddhists Due to the huge population of the Buddhists
@arjunghale1456
@arjunghale1456 Жыл бұрын
नमाे बुद्धाय 🙏जय भिम🙏जय मुलबासी
@mahendrapatel3503
@mahendrapatel3503 Жыл бұрын
Ye bahut accha laga.
@suhasgurav9891
@suhasgurav9891 Жыл бұрын
हमारे भारत के महान वीर पुश्यमित्र शुंग की जय हो. जिन्होने हिंदु धर्म की पुनर्स्थापना की 🙏🙏🚩🚩
@jitenderchaurasia5519
@jitenderchaurasia5519 2 жыл бұрын
चीन कोरिया सुंग सीन की सब नाम आज भी है
@paris3490
@paris3490 Жыл бұрын
पुष्यमित्र शुंग ब्राह्मण था इतिहास में फेरबदल किया गया है जैसे संविधान के पहले पन्ने पर राम कृष्ण फोटो चिपका दी मनुवादियों ने जबकि असली संविधान विदेशो में रखा हुआ है जिसमें राम कृष्ण फोटो नहीं है सब इतिहास में फेरबदल किया गया है सनातन आर्य साधु साधु तथागत कमल कमंडल आदि शब्दों को मनुवादियों ब्राह्मणों ने बौद्ध ग्रन्थों से चुराया था
@shreemahantsudhirdasjimaha2661
@shreemahantsudhirdasjimaha2661 2 жыл бұрын
केवल क्षत्रिय राजा कोही अश्वमेध यज्ञ का अधिकार था
@sagarkawachi1409
@sagarkawachi1409 Жыл бұрын
रामायण महाभारत और गीता ये सभी काल्पनिक कथा कहानी है। इसका कोई शिलालेख या प्रमाण साइंटिफिक रिसर्च में नहीं है। और ना कोई आर्कोलॉजिस्ट एविडेंस हैं। जय भीम जय सेवा जय मूलनिवासी
@TarksheelManav
@TarksheelManav Жыл бұрын
सर जी,धन देव का अयोध्या लेख किस लिपि मे में है?
@rahul_k7958
@rahul_k7958 Жыл бұрын
कया शुंग वंश का कोई जीवीत प्राणी भारत मे आज जीवीत है?😂 सम्राट पुष्यमित्र बौद्ध थे और मौर्य ही थे उन्होंने किसी की हत्या नहीं की नमो बुद्धाय जय सम्राट असोक जय भीम 🙏🙏🙏
@amitabuch
@amitabuch 2 жыл бұрын
He killed Ashok's Son.
@RAMLAL-mx6ps
@RAMLAL-mx6ps 2 жыл бұрын
Who was the sung i does not know Ho sakta hai ki ye koi dhokewaj dagabaj ya koi gaddar hi hoga
@kuwarpawansinghkalyanwatBABELI
@kuwarpawansinghkalyanwatBABELI 2 жыл бұрын
एक बात समझ में नहीं आई जब है ब्राह्मण था तो उसने मंदिर क्यों नहीं बनवाए केवल बौद्ध विहार को और बौद्ध स्तूप को को ही क्यों बनवाया
@AwdheshYadav-el5hu
@AwdheshYadav-el5hu Жыл бұрын
पुष्यमित्रशुंग के समय ही मेनांद्र का आक्रमण हुआ था uska koi vi varan नही आया कृपया बताए मेनांद कौन था
@advnrrajane9999
@advnrrajane9999 2 жыл бұрын
Pushyamitra shrung hee RAM hai..... Usnee saket kee vihar girakar mandir bandhee thee.
@bimlapasi3295
@bimlapasi3295 3 жыл бұрын
Bahut....sunder jankari.aap ka preyas sarahneeye hae.
@sureshingle3459
@sureshingle3459 2 жыл бұрын
अच्छा,,,,बहुत अच्छा व्हिडियो
@vimalyadav4462
@vimalyadav4462 2 жыл бұрын
साकेत(अयोध्या) ,भागवत, भवभूति , वासुदेव , कण्ड ये नाम बहुत बड़े 🤔🤔 की तरफ इशारा कर रहे हैं ।
@SunnySunny-wr4zh
@SunnySunny-wr4zh 2 жыл бұрын
ये भी बौद्धोके ही शब्द है . पढे पाली प्राकृत
@sureshtayade2617
@sureshtayade2617 7 ай бұрын
पतंजली ने जो महाभाष्य किया ओ कोणसे लिपी मे लिखी थी.
@prasenjitjadhav
@prasenjitjadhav Жыл бұрын
सुंग के शिलालेख ही पढ लेना ...जो पाली मे लिखा हैं
@jcnarwal1544
@jcnarwal1544 2 жыл бұрын
राजा दशरथ की अयोध्या कहाँ थी
@sanjeevjha9390
@sanjeevjha9390 2 жыл бұрын
Very nicely explained Thanks Sir
@keshavkumaryadav4154
@keshavkumaryadav4154 Жыл бұрын
सर आर्य आक्रमण का सिद्धांत गलत है क्या।।
@n.r.meghwal4386
@n.r.meghwal4386 Жыл бұрын
मोर्यकाल और शुंगकाल में जाति और वर्ण व्यवस्था ही नहीं थी तब पुष्यमित्र शुंग को किसी जाति में नहीं बांधा जा सकता है।
@biranchiyadav4584
@biranchiyadav4584 Жыл бұрын
साकेत नाम बदलकर अयोध्या क्यों रखा ? नाम रखने का कोई कारण हो न हो पर नाम बदलने का कारण और अर्थ जरूर होता है ।
@rajendrapatait8934
@rajendrapatait8934 Жыл бұрын
अगर पुंशमित्रशुंग ने स्तुप का निर्माण किया तो अशोक काल में 84000 स्तुप थे वो कहा गऐ कृपया उसके बारे मे बताइऐ
@pradeepshakya749
@pradeepshakya749 2 жыл бұрын
सच सामने आ चुका है अब सही समय का इंतजार करो ..........
@ajitkatariya4673
@ajitkatariya4673 2 жыл бұрын
Basically is there any single solid scientific proof of the said kalidas chanakya etc etc
@v.narasimhan1324
@v.narasimhan1324 2 жыл бұрын
Congrats ! A beautiful history and period golden , you have described , appears you have taken viewers t o that age
@Aliza972
@Aliza972 2 жыл бұрын
Pushmitr sungh hi ram hai aur ram hi pushmitr sungh hai
@MukeshKumar-wk9lt
@MukeshKumar-wk9lt 2 жыл бұрын
Fine
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