Рет қаралды 6,471
हनुमान जी ने क्यों लिया पंचमुखी रूप | पंचमुखी हनुमान बनने का राज़ 🚩😱
तो आज के हमारे सनातनी इतिहास video में हमने हनुमान जी के पंचमुखी हनुमान बनने के बारे में उल्लेख किया है की हनुमान जी ने पंचमुखी रूप धारण किया जब रावण के भाई अहिरावण ने भगवान राम और लक्ष्मण को पाताल लोक में बंदी बना लिया था। अहिरावण को पराजित करने और उन्हें बचाने के लिए, हनुमान जी ने गरुड़, वराह, नृसिंह, हयग्रीव, और स्वयं के पाँच मुखों का रूप धारण किया। प्रत्येक मुख ने पाँच दिशाओं में दीए बुझाए, जिससे अहिरावण का वध संभव हुआ। पंचमुखी हनुमान का यह रूप शक्ति, साहस, और भक्ति का प्रतीक है, जो विपत्तियों को नष्ट करता है और भक्तों को सुरक्षा प्रदान करता है। पंचमुखी हनुमान की पूजा विशेष रूप से शुभ मानी जाती है,
तो ऐसे ही तमाम सनातनी इतहास को जानने के लिए Bhaktiwood को अभी Subscribe जरूर करें 🙏🏼
So, in today’s video on our Sanatani history, we mentioned how Hanuman Ji took the Panchmukhi form when Ravana’s brother Ahiravan captured Lord Ram and Lakshman in Patal Lok. To defeat Ahiravan and rescue them, Hanuman Ji adopted the five faces of Garuda, Varaha, Narasimha, Hayagriva, and his own. Each face extinguished a lamp in five directions, leading to Ahiravan’s defeat. The Panchmukhi form of Hanuman symbolizes strength, courage, and devotion, dispelling troubles and protecting devotees. Worship of Panchmukhi Hanuman is considered especially auspicious.
To learn more about such fascinating aspects of Sanatani history, be sure to subscribe to Bhaktiwood now! 🙏🏼
#hanuman #bajrangbali #shreeram #panchmukhihanuman #hanumanji #hanumanchalisa