मनुष्य की परिभाषा पर प्रोफेसर रामेश्वर जी के विचार बहुत ही अच्छे और तार्किक लगे।
@आनंदसिंह-घ4न7 ай бұрын
मैं बहुत ही सौभाग्यशाली हूं कि मैंने रामेश्वर राय सर से शिक्षा पाई है। सर को बहुत दिनों बाद आपके चैनल पर देखना आपके प्रति कृतज्ञता के भाव उत्पन्न करता है। 1998 -2001 बैच हिंदी ऑनर्स हिंदू कॉलेज।
@Navviku4 күн бұрын
सर की क्लास हमारी अचूक विरासत है, अभी वो रिटायर हुए। लगता है कि रिटायर एज में एक अप्रासंगिकता है। हमारे प्यारे कॉलेज के प्यारे विभाग की ये खालीपन न जाने कब भर पाएगा। मैं बहुत शांत कम बोलने वाला छात्र रहा। लेकिन सर की एक आभा है। जो आज भी साथ है। मेरी सफलता उनकी सफलता सी जान पड़ती है।
@sumedha554725 күн бұрын
अद्भुत अनुभव है मेरे लिए इस एपिसोड को देखना,सुनना....दिल से धन्यवाद रामेश्वर सर,अंजुम एवं हिन्दवी।
@sudhirkumaracharyji99376 ай бұрын
रामेश्वर जी बहुत विद्वान, तार्किक और सत्यनिष्ठ व्यक्ति है। बहुत अच्छा लगा इनको सुनकर।
@ashokseth24267 ай бұрын
बहुत सुलझे हुए विचार ओर प्रभावी संप्रेषण रामेश्वर राय जी की आवाज़ भी मुग्ध करने वाली है।
@ramdularsingh1435Ай бұрын
So informative and fruitful an interview !!!.... .loved it all !!!..
@Anil-m8l28 күн бұрын
बहुत कम, और सटीक, शब्दों का इस्तेमाल करते हैं रामेश्वर राय l
@suambadakumari31007 ай бұрын
अध्ययन का मतलब है निरंतर जीवित होने की प्रक्रिया... हमेशा की तरह राय सर को सुनना और बार बार सुनने की इच्छा पैदा होना... नये-नये विचारों से अवगत कराना ही राय सर को एक सुलझे हुए ईमानदार प्राध्यापक की श्रेणी में रखती है। अहंकार और आत्ममुग्धता से परे अपनी विद्वता से छात्रों के अंदर ऊर्जा और स्फूर्ति प्रदान करने में सर का योगदान अतुलनीय है। आज के दौर में भारत को ऐसे शिक्षक की बहुत ज्यादा जरूरत है। बहुत बहुत बधाई रामेश्वर सर और संगत की टीम को 🎉🎉
@alisajidhusain27012 ай бұрын
Lovely conversation. Prof Saheb is a great thinker and teacher 🙏🙏
@ShaileshKumar-gt1ul2 ай бұрын
हिंदी साहित्य ही नहीं किसी भी विषय को समझने के लिए आप जैसे शिक्षकों की जरूरत हैं। विचारों और भावों का सुंदर सामंजस्य और प्रभावी संप्रेषण, सर के वक्तव्य को सुनते ही रहे की मनस्थिति पैदा करता है। संगत का आभार इस महत्वपूर्ण संवाद के लिए ।
@rkmishra_vaishnav6 ай бұрын
आचार्यवर प्रोफेसर रामेश्वर राय सर को सुनना स्वयं को बहुआयामी दृष्टि से परिष्कृत करना है। हिन्दवी पर आजतक मैंने जितने लोगों का साक्षात्कार देखा है उन सब में रामेश्वर राय सर का साक्षात्कार सर्वोत्तम है। रामेश्वर राय सर जी को कोटि-कोटि प्रणाम..🙏🙏 बहुत बहुत आभार हिन्दवी और अंजुम जी 🙏🙏
@badriprasadupadhyay11453 ай бұрын
मनुष्य केवल अवचेतन नहीं है उसके और कई आयाम हैं । वाह क्या बात कही प्रोफ़ेसर रामेश्वर जी ने जो भारतीय चिंतन का भी समर्थन करती है ।
@learnwithsahilkairo7 ай бұрын
लगातार 11 वर्षों से सर को लगातार सुनने के सौभाग्य के बावजूद उनकी बातें कभी दोहराव से भरी और बासी महसूस नहीं होतीं! आश्चर्यजनक है, पर शायद ये भी एक बड़ी वजह है जो एक शिक्षक के रिटायर होने से पहले ही उन्हें उनके विद्यार्थियों में किंवदंती में तब्दील करती है। अपने कुछ अति-आग्रहों के बावजूद सर अद्भुत हैं! ❤
@pokraram11032 ай бұрын
और ये आगे आपसे इन्हीं ज्ञान से लाभान्वित हो रहें हैं ugn net-3 batch drishti
@learnwithsahilkairo2 ай бұрын
@@pokraram1103☺️🙏✨
@RekhaKumari-vg6nqАй бұрын
Asli vidwan hain
@anamikadongre38813 ай бұрын
अंतरिक्ष को जल, संगीत और फूलों से भरनेवाली मुझे भी जीवन का अर्थ देना।. .. क्या उपमा क्या यमक हैं! अद्भुत 🙏🙏🙏❤️
@manojanuragi10087 ай бұрын
ऐसे अध्यापक होना वास्तव में विद्यार्थियों के लिए सौभाग्य की बात है
@SanjaySharma-yt8sd3 ай бұрын
भाई बहुत ज्ञान और केंद्रित होकर ही इसे समझा जा सकता है मेरे खयाल से इतने गूढ़ ज्ञान की जन सामान्य को आवश्यकता नहीं है
@Storyofभरतपुर7 ай бұрын
कृपया संगत में अपूर्वानंद को भी बुलाए। अंजुम ये आपसे व्यक्तिगत अनुरोध है।
@Shetushiva3 ай бұрын
Sir apko koti koti pranam🎉
@Anil-m8l28 күн бұрын
अच्छा सवाल है l प्रेम और मृत्यु एक दूसरे के काफी निकट हैं l
@hindi0377 ай бұрын
रामेश्वर राय होना अध्यापक शब्द का सार्थक प्रयाय है । वास्तविक अर्थों में ऐसे अध्यापक विरले ही देखने को मिलते हैं । परीक्षार्थी और विद्यार्थी के संबंध में अंतर को बड़ी ही सहजता से व्यक्त किया है । लेकिन हिंदी विभाग या किसी अन्य विषय के विभाग में देश के अधिकांश संस्थानों में महज़ परीक्षार्थी बनाने की होड़ जारी है, लेकिन ये होड़ एक दिन अवश्य ही समाप्ति की तरफ अग्रसर होगी और निश्चित तौर पर हम सभी इसमें भागीदार भी होंगे । साक्षात्कार के लिए अंजुम शर्मा और हिंदवी का हार्दिक आभार 👏
@4444pramodiniАй бұрын
संगत में जितने प्रसंग प्रस्तुत किए गए हैं, कृपया पूरी सूची उपलब्ध कराए l धन्यवाद l
@dr.geetasharma341223 күн бұрын
प्रभावी और ज्ञानवर्धक संवाद
@gulabsingh-wh8wf7 ай бұрын
सर को सुनने पर ‘वाणी का अमृत' सुनाई पड़ता है। सर जिस ढंग से अपनी बात रखते हैं वह वक्तृत्व की कला नहीं जान पड़ती है। सर के शब्दों में शब्द खाली देहमात्र नहीं हैं, उनके द्वारा उच्चरित शब्दों के भीतर आत्मा भी ज्योतिर्मय है। उनके शब्द केवल शब्द नहीं हैं उनके शब्दों में साधा हुआ चारित्रिक सत्य है। यह शब्दों का नहीं चरित्र का बल है जिस कारण उनकी आस्था को कोई डिगा नहीं सकता।
@vikramadityajha892416 күн бұрын
इस संसार में परम आनंद तब तक प्राप्त नहीं हुआ जब तक हम श्री राधा कृष्ण प्रेम पर आधारित माधुर्य भाव भक्ति को प्राप्त नहीं कर लेते। प्यार को समझना इतना आसान नहीं है. प्रेम के मामले में आप क्या हासिल करना चाहते हैं।
@Navviku3 күн бұрын
विकास divykirti जी के पिता जी चंद्र भानु आर्य जी एक सृजनात्मक ऊर्जा हैं। अंजुम भाई उनको भी पॉडकास्ट करिए। इतनी उम्र में भी बहुत सक्रिय हैं।
@dr.shahid19667 ай бұрын
Anjum Sharma.I want to commend you on the incredible work you're doing on the Hindwi KZbin channel. Although I am an Urdu speaker and don't understand Hindi, I find myself thoroughly enjoying your interviews with Hindi writers. Your engaging style and insightful questions transcend language barriers, making these conversations captivating and enriching. Keep up the fantastic work!
@vishwajeetpandey42457 ай бұрын
Bolne ke dauran kaun sa Hindi Urdu fark hota hai.
@therealgirl80307 ай бұрын
बहुत बहुत धन्यवाद अंजुम जी! ऐसी आधुनिक विभूति से परिचित करवाने और सुनने का अवसर देने के लिए। हम जैसे हिन्दी विद्यार्थियों के लिए इतना विस्तृत संसार बनाने का काम आप और आपके चैनल के माध्यम से बख़ूबी किया जा रहा। सभी हिन्दी प्रेमियों को sir को ज़रूर सुनना चाहिए। मैं अब समझ सकी कि क्यों इन दिव्य ज्ञान समाहित कर्ता को सुनने के लिए एक भीड़ सी बन जाती रही।
@PushpendraMishra-zy4dq7 ай бұрын
इस पहल के लिए हिन्दवी का बहुत बहुत धन्यवाद। कृपया इसे जारी रखें,...
@Priyam145 ай бұрын
Bahut dinoN baad jo kuch suna hai use gunNe ka mann bhi ho raha hai ...aapka Bahut bahut dhanyawad Anjum ki aapne interview ka ek shandar mayaar bana k rakha ..Mera manNa hai k koi bhi interview sahi prashnoN k abhav me achcha nahi ban sakta....aapka ye interview bahut hi sarthak raha .... Rai sir ko pranaam.
@singhveenavatsal51157 ай бұрын
बहुत ही सुलझे हुए विचार हैं. इनसे पढ़ने वाले विद्यार्थी सौभाग्यशाली हैं. धन्यवाद इस इंटरव्यू के लिए.
@manojkumarjain18386 ай бұрын
अब तक का सबसे प्रभावशाली साक्षात्कार बहुत बधाई अंजुम जी आपको भी
@manojkumarjain18386 ай бұрын
अन्तिम प्रश्न का कितना शालीन उत्तर वाह 🎉🎉
@ajayanurag7 ай бұрын
शानदार! अंजुम जी, आपका शुक्रिया !! ऐसे ही शानदार शिक्षक डॉ. बलराम तिवारी सर का भी एक साक्षात्कार जरूर करें।
@RekhaKumari-vg6nqАй бұрын
Bilkul saaf drishti
@rahuldevahirwarofficial7 ай бұрын
शिक्षा की दुनिया में सर एक भरोसा है । जिन पर विद्यार्थी विश्वास कर सकते हैं । बहुत दिनों बाद सर को सुना । तीन वर्ष की क्लास के बाद,इस वीडियो को एक और क्लास के रूप में जोड़ा जा सकता है । कुछ दशकों के लिए यह इंटरव्यू हो सकता है । लेकिन सर के छात्रों के लिए यह किसी क्लास से कम नहीं ।
@kartikeyashukla56287 ай бұрын
वे लोग सौभाग्यशाली होंगे, जो प्रो. रामेश्वर राय से पढ़े होंगे।
@atozknowledge85417 ай бұрын
Hum hi pdte h bhai
@ravirajan87407 ай бұрын
@@atozknowledge8541 कहाँ पर भाई
@atozknowledge85415 ай бұрын
@@ravirajan8740 hindu college me
@vikramadityajha892416 күн бұрын
नदी के अनुभव की तरह कुछ अन्य लेखकों ने पुल पार करने के संबंध में कहा। पुल पार करना तब तक पूरा नहीं होता जब तक हम नदी को पार नहीं करते और वास्तविक अनुभव से नहीं गुजरते।
@anhadnaad50826 ай бұрын
बहुत ज्ञान वर्धक जानकारी के लिए शुक्रिया। कविता या विचार से दुनिया तब बदल सकती है अगर विचार बदल सकते हों तो।
@Anil-m8l7 ай бұрын
Aalochana Ki Varna Vyavastha. It was there from the very beginning. Now you have brought it out in public discourse. Obviously good things have begun to happen in the closed world of Hindi literature. In fact I have great hopes from the young generation of poets and fiction writers who are in the age group of 25-40.
@divyasuhag51647 ай бұрын
अंजुम जी बहुत अच्छे विद्यार्थी रहे होंगे 🌹आदरणीय राय जी के सभी वक्तव्यों से सहमत हूँ। पहली बार सुना इन्हें। आभार🙏
@rajeshdangar79156 ай бұрын
problem with Freud's theory 32:48 , beautiful explanation of Renaissance 36:23 , manushyaa ki paribhasha 38:55 , kisey acchi rachna kahaa jaye 42:11 , on taking notes 1:12:16 , Relation/role with literature 1:15:09
@niteeshupadhyay80022 ай бұрын
39:33 , किस लेखक का नाम ले रहे है ।
@rajeshdangar79152 ай бұрын
Jean Paul Sartre @@niteeshupadhyay8002
@dr.m.k.pandey48947 ай бұрын
❤राय सर को सुनना बेहद ज्ञानप्रकाश और रोचक होता है शुक्रिया अंजुम
@rishabhyadav-51177 ай бұрын
विश्वविद्यालय के द्वारा दिया हुआ सिलेबस तो आज भी सर के लिए उतना ही चुनौतीपूर्ण है , अमूमन जितना उनकी शुरुआत में रहा होगा ।
@Pawanmahabodhi7 ай бұрын
सर की बातें बहुत ही विचारणीय हैं। क्योंकि जिस दौर में हम बन रहे हैं या हमें बनाया जा रहा है उस दौर में हमें यह जान लेना ज़रूरी है कि हम न बन सकते हैं और न हमें बनाया जा सकता हम जो होते हैं उसी में ज़रूरी बदलावों के साथ आख़िर में वही हो जाते हैं। और कोई भी लीक अथवा खाँचा हमें बाँध नहीं सकता और हमें बंधना भी नहीं चाहिये। वैसे आज की ही नहीं सदियों से चली आ रही शिक्षा पद्धति कैय करना है यानी उल्टी करना अर्थात पहले खावो और फ़िर --- तो हमें अपने आप को किसी और के निर्णयों का कीर्तन नहीं करना होगा। हमें हमारे समय के यथार्थ को ध्यान में रख कर अपने निर्णय निर्धारण करने होंगेऔर उसमें यह गुंजाइश छोड़ देनी होगी कि आने वाली पीढ़ी अपने निर्णयों का निर्धारण कर सके हमारे निर्णयों को अंतिम सत्य नहीं मान बैठे।
@newmanavjagartiandolan18827 ай бұрын
रामेश्वर राय को नमस्कार शिक्षक लेखक होने के बावजूद पाठक होने में संतुष्ट होना इन्ही के शुरुआती व्य्क्त्व को सही साबित करता है कि हम किसी सृजन कृति को पढ़ कर आपका आईडिया( व्यक्तित्व) बनता है। बहुत अच्छा लगा खुली अभिव्यक्ति के सरोकारी को सुनकर, महिपाल मानव हिसार हरियाणा
@pallavisharma49637 ай бұрын
ऐसे शिक्षक को मेरा विनम्र प्रणाम! उनकी सधी हुई भाषा, ज्ञान और और सरलता से बहुत सीखने को मिला! कन्वर्सेशन के दौरान इतनी बार उन्होंने ऐसी बात कही जिसे बार - बार सुनने का मन हुआ; अंजुम जी आपको किन शब्दों में धन्यवाद दूँ !
@daauji077 ай бұрын
Main Kai vishyayo pr Rai sir se aasahmat hu parantu aapko sunte hue har baar bahut kuch seekhne milta hi hai . Pranaam🙏
@drirchouhanhindisahitya35607 ай бұрын
एक अच्छे इंसान और अच्छे अध्यापक से रूबरू करवाया आपने।सहज चीजों को समझाने की चेष्टा दिखती है
@nareshjain65757 ай бұрын
अब तक सभी कवियों/मनीषियों को सुना , पहली बार स्पष्टता और पारदर्शिता के साथ बहुत कुछ सीखने समझने मिला . साहित्य के बारे में दृष्टिकोण बदला . रामेश्वर राय जी सच में शिक्षक हैं...... लोक शिक्षक !!
@ajaykumarzero7 ай бұрын
जीवन और दुनिया पर अपनी राय रखने के लिए अगर कोई नदी और प्रवाह जैसे शब्दों का इस्तेमाल करें तो इसका मतलब है कि वह जीवन और दुनिया का गंभीर अध्येता है। बहुत ही सुंदर इंटरव्यू.....अंजुम भाई....
@avagallery65997 ай бұрын
अंजुम जी शुरुआत में रामेश्वर सर के वाक्यों ने जता दिया कि इंटरव्यू कितना शानदार है बहुत खूब, इस इंटरव्यू के लिए हार्दिक बधाई।
@cowzah85517 ай бұрын
बहुत आभार संगत का रामेश्वर जी से मुझे इस बातचीत के जरिए मिलवाने का....में उनके बारे में पहले जानता नहीं था.. संजीदगी और सहजता के एक अद्भुत मिश्रण से उन्होंने अपनी बातें कहीं. . आध्यात्मिक दृष्टि से परिपूर्ण. प्रेम और मृत्यु का जो जोड़ बैठाया, वो नहीं भूलेगा. और अंत में जिस तरह उन्होंने मुस्कुरा कर "ठीक है"कहा, उसमे एक शांति की अनुभूति हुई:)
@Ranjit-x3y7 ай бұрын
एक अध्यापक और एक साहित्य विमर्शकार के रूप में यह भेंट वार्ता बेहद निर्भीक और सकारात्मक रही l
@ashokseth24267 ай бұрын
कितनी खूबसूरत बात मेरा साहित्य से वही संबंध हैं जो लताजी और रफी साहब का गायन से है। वाह!
@ashapandey92337 ай бұрын
कितना अच्छा तरीका है समझाने का,सर को प्रणाम।अंजुम जी, आपके प्रश्न आपके सतत अध्ययनशील होने का प्रमाण है। बहुत अच्छा साक्षात्कार।
@truthbeyondhype71237 ай бұрын
पहली बार आपके चैनल पर आया हूँ.....भाषा शैली और टॉपिक शानदार है.....
@ankitachauhanyt7 ай бұрын
बोला कैसे जाए, सीखने के लिए इस बातचीत को कई बार देखा जाएगा। बेहतरीन डॉक्यूमेंटेशन। शुक्रिया हिन्दवी ❤
@PublicHealthand.Poetry7 ай бұрын
अंजुम जी,आप संगत प्रोग्राम को बहुत अच्छे से चला रहे हैं।आज शाम हमें इस का 77 एपिसोड सुनने को मिला । कहा जा सकता है कि रामेश्वर राव जी ने आपके प्रश्नों को पकड़ा और हम ने अर्थ भरपूर उत्तर सुने।इस से ये कहा जा सकता है कि रामेश्वर राव जी ने आपके प्रश्नों को पकड़ा और उनके अर्थ भरपूर उत्तर सुनने को मिले। उन्होंने ज़िंदगी में अध्यापन के असल मतलब समझ कर इन को हमारे जैसे लोगों तक संचारित किया।आप के संगत कार्यक्रम में जितने भी लोग शामिल हुए हैं, उन से अक्सर यही सुना है कि साहित्य किसी बदलाव का कारण नहीं होता, लेकिन मन नहीं मानता। हर एपिसोड के बाद कुछ न कुछ बदलाव महसूस होता है, भले ही वो बहुत बड़ा बदलाव न हो। क्योंकि सार्वजनिक स्वास्थ्य के छात्र के रूप में हम यही कह सकते है, ऐसा करने से बदलाव संभव हो सकता है । डॉ मोहन बेगोवाल
@dr.chaitalisinha63527 ай бұрын
शुक्रिया अंजुम जी इस बार आपने संगत में मेरे प्रिय गुरु को आमंत्रित किया। सर की सादगी और विनम्रता को प्रणाम। आज के समय में जहाँ कुछ लोगों को अपने ज्ञान का अहं इतना है कि वेअपने सामने किसी को कुछ नहीं समझते, वहीं सर की विद्वता और उनकी विनम्रता , ठोस बौद्धिकता में समाहित है। दिखावे से दूर उनमें जो एक सच्चाई है वह एक विधार्थी को सर्वाधिक प्रभावित करता है। सर को स- आदर प्रणाम। 🙏🙏
@nirdoshkumar70347 ай бұрын
बहुत सुंदर
@PriyanshuKanhaiya7 ай бұрын
सर! के द्वारा शब्दों का उच्चारण मन-मोह लेता है।
@SushantJha-pc2qw7 ай бұрын
सुंदर और ज्ञानप्रद साक्षात्कार। बार-बार सुनने लायक।
@rohitdwivedi77117 ай бұрын
एक बेहतर साक्षात्कार के लिए अंजुम जी धन्यवाद ।
@Anil-m8l28 күн бұрын
नरेश सक्सेना बेहतरीन और सरल कवि हैं l
@ShraddhaSingh-m5g7 ай бұрын
प्रणाम सर 🙏🏻🙏🏻
@manishyadav81247 ай бұрын
Thank you so much sir ji 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
@rajprabhakar21167 ай бұрын
जबर्दस्त बातचीत
@Anil-m8l28 күн бұрын
वाह l कविता पढ़ना नदी को देखना है l
@उज्ज्वलपांडेय-य2ण7 ай бұрын
बढ़िया एपिसोड रहा। ज्ञानवर्धक।
@shashankshukla24107 ай бұрын
प्रो राय की दृष्टि स्पष्ट है. यह बड़ी बात है. असहमति हो सकती है. कई जगहों पर रही भी... बावजूद
@dr.vishalmishra29717 ай бұрын
बेहद प्रभावी संप्रेषण 🎉
@manimohanmehta68287 ай бұрын
Very impressive and lucid …one of the best interview by Anjum ❤
@VishalKumar-c4s1d7 ай бұрын
अद्भुत ...
@santoshkumar-bg4gr7 ай бұрын
It was very nice listening to him.
@vikramadityajha892416 күн бұрын
आज के छात्र पाण्डवों की तरह हैं, जिन्हें द्रोणाचार्य द्वारा बनाए गए चक्रव्यूह को तोड़ने का तरीका नहीं पता था। न तो वे अब जानते हैं और न ही कोई उन्हें सिखाता है? शायद यही कारण है कि इतिहास की पुस्तकों में केवल एक अभिमन्यु है।
@purnimaojha60857 ай бұрын
वाह बहुत खूब
@gcbagri35737 ай бұрын
Nice Comment Dr. Sahid. I think you are enjoying because you understand Hindi. Distance is very thin Dr. Saheb.
@RavindraKumar-yw5jm5 күн бұрын
Ramchandra shukla says” literature sataysm, shivam and sundaram ko presents karta hai” this is an acid test for any kind of literature.
@drnareshdalal027 ай бұрын
Very nice, thank you. Interesting.
@dineshpradhan57097 ай бұрын
Wonderful,
@aartibhagchandani75327 ай бұрын
मनुष्य एक संभावना है 👌👌
@amitraibxr6 ай бұрын
बिल्कुल सत्य बात कर
@prempalsharma77 ай бұрын
एक उदात्त संवाद!
@sushmachaturvedi97897 ай бұрын
वाह!
@manojkumarjain18386 ай бұрын
🎉🎉🎉
@shashankshukla24107 ай бұрын
प्रो राय प्रतियोगी परीक्षा के लिए भी पढ़ाते रहे हैं, इसलिए वे सरलीकरण के शिकार हो जाते हैं.
@RekhaKumari-vg6nqАй бұрын
Aapki drishti simit hone ko abhishapta hai
@shatrughnayadav33556 ай бұрын
यथार्थ और सत्य एक ही नहीं है।
@archanalaark14137 ай бұрын
आलोचना की वर्ण व्यवस्था खत्म होनी चाहिए। वाह।
@PrabhakarKumar-ug9nn7 ай бұрын
एक सहज सम्वाद!
@OJACADEMY7 ай бұрын
Nice video
@shashankshukla24107 ай бұрын
आलोचना साहित्य की बौद्धिक समझ है.
@vivekanandcreator51087 ай бұрын
❤
@Anil-m8l28 күн бұрын
यह मैंने भी महसूस किया किया कि मार्क्सवाद एक धर्म बना गया, तब ज़ब उसमें रूढ़िवाद का वर्चस्व आया l
@vijaysinghmeena9007 ай бұрын
अंजुम जी ऐसे व्यक्ति से साक्षात्कार लेने से पहले आपको भी संपूर्ण हिंदी साहित्य पढ़ना चाहिए!! महेश कटारे के इंटरव्यू के दौरान आपके प्रश्न ऐसे लग रहे थे जैसे आपने कभी लोक साहित्य या लोक धारा का साहित्य पढ़ा ही नहीं।
@VishalKumar-c4s1d7 ай бұрын
नीलाद्री भट्टाचार्य को यहां देखना सुखद होगा...कृपया उनको भी यहां बुलाया जाएं
@VishalKumar-c4s1d7 ай бұрын
Aur Pro-Apoorvanand ko bhi bulaya jaye
@glory_to_bharat7 ай бұрын
❤❤❤
@utkarshpandey_du7 ай бұрын
🙏🙏🌷
@shatrughnayadav33556 ай бұрын
साहित्य ही नहीं, सम्पूर्ण कलाओं को परिभाषित नहीं किया जा सकता। परिभाषा में बंध जाए तो वो कुछ भी हो कला नहीं। कला अनुशासन में नहीं हो सकती।
@RekhaKumari-vg6nqАй бұрын
Anjum ji dwara AAPKA KARMBHUMI suna jana akhra...yanha billi mar Gaya wali bat dhwanit ho rahi hai...aap itne vidwan bachche hain aakhir.