Sangat Ep77 | Rameshwar Rai on Teaching, Criticism, Poetry, Bhasha, Hindu College & DU| Anjum Sharma

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Hindwi

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Күн бұрын

Пікірлер: 141
@badriprasadupadhyay1145
@badriprasadupadhyay1145 3 ай бұрын
मनुष्य की परिभाषा पर प्रोफेसर रामेश्वर जी के विचार बहुत ही अच्छे और तार्किक लगे।
@आनंदसिंह-घ4न
@आनंदसिंह-घ4न 7 ай бұрын
मैं बहुत ही सौभाग्यशाली हूं कि मैंने रामेश्वर राय सर से शिक्षा पाई है। सर को बहुत दिनों बाद आपके चैनल पर देखना आपके प्रति कृतज्ञता के भाव उत्पन्न करता है। 1998 -2001 बैच हिंदी ऑनर्स हिंदू कॉलेज।
@Navviku
@Navviku 4 күн бұрын
सर की क्लास हमारी अचूक विरासत है, अभी वो रिटायर हुए। लगता है कि रिटायर एज में एक अप्रासंगिकता है। हमारे प्यारे कॉलेज के प्यारे विभाग की ये खालीपन न जाने कब भर पाएगा। मैं बहुत शांत कम बोलने वाला छात्र रहा। लेकिन सर की एक आभा है। जो आज भी साथ है। मेरी सफलता उनकी सफलता सी जान पड़ती है।
@sumedha5547
@sumedha5547 25 күн бұрын
अद्भुत अनुभव है मेरे लिए इस एपिसोड को देखना,सुनना....दिल से धन्यवाद रामेश्वर सर,अंजुम एवं हिन्दवी।
@sudhirkumaracharyji9937
@sudhirkumaracharyji9937 6 ай бұрын
रामेश्वर जी बहुत विद्वान, तार्किक और सत्यनिष्ठ व्यक्ति है। बहुत अच्छा लगा इनको सुनकर।
@ashokseth2426
@ashokseth2426 7 ай бұрын
बहुत सुलझे हुए विचार ओर प्रभावी संप्रेषण रामेश्वर राय जी की आवाज़ भी मुग्ध करने वाली है।
@ramdularsingh1435
@ramdularsingh1435 Ай бұрын
So informative and fruitful an interview !!!.... .loved it all !!!..
@Anil-m8l
@Anil-m8l 28 күн бұрын
बहुत कम, और सटीक, शब्दों का इस्तेमाल करते हैं रामेश्वर राय l
@suambadakumari3100
@suambadakumari3100 7 ай бұрын
अध्ययन का मतलब है निरंतर जीवित होने की प्रक्रिया... हमेशा की तरह राय सर को सुनना और बार बार सुनने की इच्छा पैदा होना... नये-नये विचारों से अवगत कराना ही राय सर को एक सुलझे हुए ईमानदार प्राध्यापक की श्रेणी में रखती है। अहंकार और आत्ममुग्धता से परे अपनी विद्वता से छात्रों के अंदर ऊर्जा और स्फूर्ति प्रदान करने में सर का योगदान अतुलनीय है। आज के दौर में भारत को ऐसे शिक्षक की बहुत ज्यादा जरूरत है। बहुत बहुत बधाई रामेश्वर सर और संगत की टीम को 🎉🎉
@alisajidhusain2701
@alisajidhusain2701 2 ай бұрын
Lovely conversation. Prof Saheb is a great thinker and teacher 🙏🙏
@ShaileshKumar-gt1ul
@ShaileshKumar-gt1ul 2 ай бұрын
हिंदी साहित्य ही नहीं किसी भी विषय को समझने के लिए आप जैसे शिक्षकों की जरूरत हैं। विचारों और भावों का सुंदर सामंजस्य और प्रभावी संप्रेषण, सर के वक्तव्य को सुनते ही रहे की मनस्थिति पैदा करता है। संगत का आभार इस महत्वपूर्ण संवाद के लिए ।
@rkmishra_vaishnav
@rkmishra_vaishnav 6 ай бұрын
आचार्यवर प्रोफेसर रामेश्वर राय सर को सुनना स्वयं को बहुआयामी दृष्टि से परिष्कृत करना है। हिन्दवी पर आजतक मैंने जितने लोगों का साक्षात्कार देखा है उन सब में रामेश्वर राय सर का साक्षात्कार सर्वोत्तम है। रामेश्वर राय सर जी को‌ कोटि-कोटि प्रणाम..🙏🙏 बहुत बहुत आभार हिन्दवी और अंजुम जी 🙏🙏
@badriprasadupadhyay1145
@badriprasadupadhyay1145 3 ай бұрын
मनुष्य केवल अवचेतन नहीं है उसके और कई आयाम हैं । वाह क्या बात कही प्रोफ़ेसर रामेश्वर जी ने जो भारतीय चिंतन का भी समर्थन करती है ।
@learnwithsahilkairo
@learnwithsahilkairo 7 ай бұрын
लगातार 11 वर्षों से सर को लगातार सुनने के सौभाग्य के बावजूद उनकी बातें कभी दोहराव से भरी और बासी महसूस नहीं होतीं! आश्चर्यजनक है, पर शायद ये भी एक बड़ी वजह है जो एक शिक्षक के रिटायर होने से पहले ही उन्हें उनके विद्यार्थियों में किंवदंती में तब्दील करती है। अपने कुछ अति-आग्रहों के बावजूद सर अद्भुत हैं! ❤
@pokraram1103
@pokraram1103 2 ай бұрын
और ये आगे आपसे इन्हीं ज्ञान से लाभान्वित हो रहें हैं ugn net-3 batch drishti
@learnwithsahilkairo
@learnwithsahilkairo 2 ай бұрын
@@pokraram1103☺️🙏✨
@RekhaKumari-vg6nq
@RekhaKumari-vg6nq Ай бұрын
Asli vidwan hain
@anamikadongre3881
@anamikadongre3881 3 ай бұрын
अंतरिक्ष को जल, संगीत और फूलों से भरनेवाली मुझे भी जीवन का अर्थ देना।. .. क्या उपमा क्या यमक हैं! अद्भुत 🙏🙏🙏❤️
@manojanuragi1008
@manojanuragi1008 7 ай бұрын
ऐसे अध्यापक होना वास्तव में विद्यार्थियों के लिए सौभाग्य की बात है
@SanjaySharma-yt8sd
@SanjaySharma-yt8sd 3 ай бұрын
भाई बहुत ज्ञान और केंद्रित होकर ही इसे समझा जा सकता है मेरे खयाल से इतने गूढ़ ज्ञान की जन सामान्य को आवश्यकता नहीं है
@Storyofभरतपुर
@Storyofभरतपुर 7 ай бұрын
कृपया संगत में अपूर्वानंद को भी बुलाए। अंजुम ये आपसे व्यक्तिगत अनुरोध है।
@Shetushiva
@Shetushiva 3 ай бұрын
Sir apko koti koti pranam🎉
@Anil-m8l
@Anil-m8l 28 күн бұрын
अच्छा सवाल है l प्रेम और मृत्यु एक दूसरे के काफी निकट हैं l
@hindi037
@hindi037 7 ай бұрын
रामेश्वर राय होना अध्यापक शब्द का सार्थक प्रयाय है । वास्तविक अर्थों में ऐसे अध्यापक विरले ही देखने को मिलते हैं । परीक्षार्थी और विद्यार्थी के संबंध में अंतर को बड़ी ही सहजता से व्यक्त किया है । लेकिन हिंदी विभाग या किसी अन्य विषय के विभाग में देश के अधिकांश संस्थानों में महज़ परीक्षार्थी बनाने की होड़ जारी है, लेकिन ये होड़ एक दिन अवश्य ही समाप्ति की तरफ अग्रसर होगी और निश्चित तौर पर हम सभी इसमें भागीदार भी होंगे । साक्षात्कार के लिए अंजुम शर्मा और हिंदवी का हार्दिक आभार 👏
@4444pramodini
@4444pramodini Ай бұрын
संगत में जितने प्रसंग प्रस्तुत किए गए हैं, कृपया पूरी सूची उपलब्ध कराए l धन्यवाद l
@dr.geetasharma3412
@dr.geetasharma3412 23 күн бұрын
प्रभावी और ज्ञानवर्धक संवाद
@gulabsingh-wh8wf
@gulabsingh-wh8wf 7 ай бұрын
सर को सुनने पर ‘वाणी का अमृत' सुनाई पड़ता है। सर जिस ढंग से अपनी बात रखते हैं वह वक्तृत्व की कला नहीं जान पड़ती है। सर के शब्दों में शब्द खाली देहमात्र नहीं हैं, उनके द्वारा उच्चरित शब्दों के भीतर आत्मा भी ज्योतिर्मय है। उनके शब्द केवल शब्द नहीं हैं उनके शब्दों में साधा हुआ चारित्रिक सत्य है। यह शब्दों का नहीं चरित्र का बल है जिस कारण उनकी आस्था को कोई डिगा नहीं सकता।
@vikramadityajha8924
@vikramadityajha8924 16 күн бұрын
इस संसार में परम आनंद तब तक प्राप्त नहीं हुआ जब तक हम श्री राधा कृष्ण प्रेम पर आधारित माधुर्य भाव भक्ति को प्राप्त नहीं कर लेते। प्यार को समझना इतना आसान नहीं है. प्रेम के मामले में आप क्या हासिल करना चाहते हैं।
@Navviku
@Navviku 3 күн бұрын
विकास divykirti जी के पिता जी चंद्र भानु आर्य जी एक सृजनात्मक ऊर्जा हैं। अंजुम भाई उनको भी पॉडकास्ट करिए। इतनी उम्र में भी बहुत सक्रिय हैं।
@dr.shahid1966
@dr.shahid1966 7 ай бұрын
Anjum Sharma.I want to commend you on the incredible work you're doing on the Hindwi KZbin channel. Although I am an Urdu speaker and don't understand Hindi, I find myself thoroughly enjoying your interviews with Hindi writers. Your engaging style and insightful questions transcend language barriers, making these conversations captivating and enriching. Keep up the fantastic work!
@vishwajeetpandey4245
@vishwajeetpandey4245 7 ай бұрын
Bolne ke dauran kaun sa Hindi Urdu fark hota hai.
@therealgirl8030
@therealgirl8030 7 ай бұрын
बहुत बहुत धन्यवाद अंजुम जी! ऐसी आधुनिक विभूति से परिचित करवाने और सुनने का अवसर देने के लिए। हम जैसे हिन्दी विद्यार्थियों के लिए इतना विस्तृत संसार बनाने का काम आप और आपके चैनल के माध्यम से बख़ूबी किया जा रहा। सभी हिन्दी प्रेमियों को sir को ज़रूर सुनना चाहिए। मैं अब समझ सकी कि क्यों इन दिव्य ज्ञान समाहित कर्ता को सुनने के लिए एक भीड़ सी बन जाती रही।
@PushpendraMishra-zy4dq
@PushpendraMishra-zy4dq 7 ай бұрын
इस पहल के लिए हिन्दवी का बहुत बहुत धन्यवाद। कृपया इसे जारी रखें,...
@Priyam14
@Priyam14 5 ай бұрын
Bahut dinoN baad jo kuch suna hai use gunNe ka mann bhi ho raha hai ...aapka Bahut bahut dhanyawad Anjum ki aapne interview ka ek shandar mayaar bana k rakha ..Mera manNa hai k koi bhi interview sahi prashnoN k abhav me achcha nahi ban sakta....aapka ye interview bahut hi sarthak raha .... Rai sir ko pranaam.
@singhveenavatsal5115
@singhveenavatsal5115 7 ай бұрын
बहुत ही सुलझे हुए विचार हैं. इनसे पढ़ने वाले विद्यार्थी सौभाग्यशाली हैं. धन्यवाद इस इंटरव्यू के लिए.
@manojkumarjain1838
@manojkumarjain1838 6 ай бұрын
अब तक का सबसे प्रभावशाली साक्षात्कार बहुत बधाई अंजुम जी आपको भी
@manojkumarjain1838
@manojkumarjain1838 6 ай бұрын
अन्तिम प्रश्न का कितना शालीन उत्तर वाह 🎉🎉
@ajayanurag
@ajayanurag 7 ай бұрын
शानदार! अंजुम जी, आपका शुक्रिया !! ऐसे ही शानदार शिक्षक डॉ. बलराम तिवारी सर का भी एक साक्षात्कार जरूर करें।
@RekhaKumari-vg6nq
@RekhaKumari-vg6nq Ай бұрын
Bilkul saaf drishti
@rahuldevahirwarofficial
@rahuldevahirwarofficial 7 ай бұрын
शिक्षा की दुनिया में सर एक भरोसा है । जिन पर विद्यार्थी विश्वास कर सकते हैं । बहुत दिनों बाद सर को सुना । तीन वर्ष की क्लास के बाद,इस वीडियो को एक और क्लास के रूप में जोड़ा जा सकता है । कुछ दशकों के लिए यह इंटरव्यू हो सकता है । लेकिन सर के छात्रों के लिए यह किसी क्लास से कम नहीं ।
@kartikeyashukla5628
@kartikeyashukla5628 7 ай бұрын
वे लोग सौभाग्यशाली होंगे, जो प्रो. रामेश्वर राय से पढ़े होंगे।
@atozknowledge8541
@atozknowledge8541 7 ай бұрын
Hum hi pdte h bhai
@ravirajan8740
@ravirajan8740 7 ай бұрын
@@atozknowledge8541 कहाँ पर भाई
@atozknowledge8541
@atozknowledge8541 5 ай бұрын
@@ravirajan8740 hindu college me
@vikramadityajha8924
@vikramadityajha8924 16 күн бұрын
नदी के अनुभव की तरह कुछ अन्य लेखकों ने पुल पार करने के संबंध में कहा। पुल पार करना तब तक पूरा नहीं होता जब तक हम नदी को पार नहीं करते और वास्तविक अनुभव से नहीं गुजरते।
@anhadnaad5082
@anhadnaad5082 6 ай бұрын
बहुत ज्ञान वर्धक जानकारी के लिए शुक्रिया। कविता या विचार से दुनिया तब बदल सकती है अगर विचार बदल सकते हों तो।
@Anil-m8l
@Anil-m8l 7 ай бұрын
Aalochana Ki Varna Vyavastha. It was there from the very beginning. Now you have brought it out in public discourse. Obviously good things have begun to happen in the closed world of Hindi literature. In fact I have great hopes from the young generation of poets and fiction writers who are in the age group of 25-40.
@divyasuhag5164
@divyasuhag5164 7 ай бұрын
अंजुम जी बहुत अच्छे विद्यार्थी रहे होंगे 🌹आदरणीय राय जी के सभी वक्तव्यों से सहमत हूँ। पहली बार सुना इन्हें। आभार🙏
@rajeshdangar7915
@rajeshdangar7915 6 ай бұрын
problem with Freud's theory 32:48 , beautiful explanation of Renaissance 36:23 , manushyaa ki paribhasha 38:55 , kisey acchi rachna kahaa jaye 42:11 , on taking notes 1:12:16 , Relation/role with literature 1:15:09
@niteeshupadhyay8002
@niteeshupadhyay8002 2 ай бұрын
39:33 , किस लेखक का नाम ले रहे है ।
@rajeshdangar7915
@rajeshdangar7915 2 ай бұрын
Jean Paul Sartre ​@@niteeshupadhyay8002
@dr.m.k.pandey4894
@dr.m.k.pandey4894 7 ай бұрын
❤राय सर को सुनना बेहद ज्ञानप्रकाश और रोचक होता है शुक्रिया अंजुम
@rishabhyadav-5117
@rishabhyadav-5117 7 ай бұрын
विश्वविद्यालय के द्वारा दिया हुआ सिलेबस तो आज भी सर के लिए उतना ही चुनौतीपूर्ण है , अमूमन जितना उनकी शुरुआत में रहा होगा ।
@Pawanmahabodhi
@Pawanmahabodhi 7 ай бұрын
सर की बातें बहुत ही विचारणीय हैं। क्योंकि जिस दौर में हम बन रहे हैं या हमें बनाया जा रहा है उस दौर में हमें यह जान लेना ज़रूरी है कि हम न बन सकते हैं और न हमें बनाया जा सकता हम जो होते हैं उसी में ज़रूरी बदलावों के साथ आख़िर में वही हो जाते हैं। और कोई भी लीक अथवा खाँचा हमें बाँध नहीं सकता और हमें बंधना भी नहीं चाहिये। वैसे आज की ही नहीं सदियों से चली आ रही शिक्षा पद्धति कैय करना है यानी उल्टी करना अर्थात पहले खावो और फ़िर --- तो हमें अपने आप को किसी और के निर्णयों का कीर्तन नहीं करना होगा। हमें हमारे समय के यथार्थ को ध्यान में रख कर अपने निर्णय निर्धारण करने होंगेऔर उसमें यह गुंजाइश छोड़ देनी होगी कि आने वाली पीढ़ी अपने निर्णयों का निर्धारण कर सके हमारे निर्णयों को अंतिम सत्य नहीं मान बैठे।
@newmanavjagartiandolan1882
@newmanavjagartiandolan1882 7 ай бұрын
रामेश्वर राय को नमस्कार शिक्षक लेखक होने के बावजूद पाठक होने में संतुष्ट होना इन्ही के शुरुआती व्य्क्त्व को सही साबित करता है कि हम किसी सृजन कृति को पढ़ कर आपका आईडिया( व्यक्तित्व) बनता है। बहुत अच्छा लगा खुली अभिव्यक्ति के सरोकारी को सुनकर, महिपाल मानव हिसार हरियाणा
@pallavisharma4963
@pallavisharma4963 7 ай бұрын
ऐसे शिक्षक को मेरा विनम्र प्रणाम! उनकी सधी हुई भाषा, ज्ञान और और सरलता से बहुत सीखने को मिला! कन्वर्सेशन के दौरान इतनी बार उन्होंने ऐसी बात कही जिसे बार - बार सुनने का मन हुआ; अंजुम जी आपको किन शब्दों में धन्यवाद दूँ !
@daauji07
@daauji07 7 ай бұрын
Main Kai vishyayo pr Rai sir se aasahmat hu parantu aapko sunte hue har baar bahut kuch seekhne milta hi hai . Pranaam🙏
@drirchouhanhindisahitya3560
@drirchouhanhindisahitya3560 7 ай бұрын
एक अच्छे इंसान और अच्छे अध्यापक से रूबरू करवाया आपने।सहज चीजों को समझाने की चेष्टा दिखती है
@nareshjain6575
@nareshjain6575 7 ай бұрын
अब तक सभी कवियों/मनीषियों को सुना , पहली बार स्पष्टता और पारदर्शिता के साथ बहुत कुछ सीखने समझने मिला . साहित्य के बारे में दृष्टिकोण बदला . रामेश्वर राय जी सच में शिक्षक हैं...... लोक शिक्षक !!
@ajaykumarzero
@ajaykumarzero 7 ай бұрын
जीवन और दुनिया पर अपनी राय रखने के लिए अगर कोई नदी और प्रवाह जैसे शब्दों का इस्तेमाल करें तो इसका मतलब है कि वह जीवन और दुनिया का गंभीर अध्येता है। बहुत ही सुंदर इंटरव्यू.....अंजुम भाई....
@avagallery6599
@avagallery6599 7 ай бұрын
अंजुम जी शुरुआत में रामेश्वर सर के वाक्यों ने जता दिया कि इंटरव्यू कितना शानदार है बहुत खूब, इस इंटरव्यू के लिए हार्दिक बधाई।
@cowzah8551
@cowzah8551 7 ай бұрын
बहुत आभार संगत का रामेश्वर जी से मुझे इस बातचीत के जरिए मिलवाने का....में उनके बारे में पहले जानता नहीं था.. संजीदगी और सहजता के एक अद्भुत मिश्रण से उन्होंने अपनी बातें कहीं. . आध्यात्मिक दृष्टि से परिपूर्ण. प्रेम और मृत्यु का जो जोड़ बैठाया, वो नहीं भूलेगा. और अंत में जिस तरह उन्होंने मुस्कुरा कर "ठीक है"कहा, उसमे एक शांति की अनुभूति हुई:)
@Ranjit-x3y
@Ranjit-x3y 7 ай бұрын
एक अध्यापक और एक साहित्य विमर्शकार के रूप में यह भेंट वार्ता बेहद निर्भीक और सकारात्मक रही l
@ashokseth2426
@ashokseth2426 7 ай бұрын
कितनी खूबसूरत बात मेरा साहित्य से वही संबंध हैं जो लताजी और रफी साहब का गायन से है। वाह!
@ashapandey9233
@ashapandey9233 7 ай бұрын
कितना अच्छा तरीका है समझाने का,सर को प्रणाम।अंजुम जी, आपके प्रश्न आपके सतत अध्ययनशील होने का प्रमाण है। बहुत अच्छा साक्षात्कार।
@truthbeyondhype7123
@truthbeyondhype7123 7 ай бұрын
पहली बार आपके चैनल पर आया हूँ.....भाषा शैली और टॉपिक शानदार है.....
@ankitachauhanyt
@ankitachauhanyt 7 ай бұрын
बोला कैसे जाए, सीखने के लिए इस बातचीत को कई बार देखा जाएगा। बेहतरीन डॉक्यूमेंटेशन। शुक्रिया हिन्दवी ❤
@PublicHealthand.Poetry
@PublicHealthand.Poetry 7 ай бұрын
अंजुम जी,आप संगत प्रोग्राम को बहुत अच्छे से चला रहे हैं।आज शाम हमें इस का 77 एपिसोड सुनने को मिला । कहा जा सकता है कि रामेश्वर राव जी ने आपके प्रश्नों को पकड़ा और हम ने अर्थ भरपूर उत्तर सुने।इस से ये कहा जा सकता है कि रामेश्वर राव जी ने आपके प्रश्नों को पकड़ा और उनके अर्थ भरपूर उत्तर सुनने को मिले। उन्होंने ज़िंदगी में अध्यापन के असल मतलब समझ कर इन को हमारे जैसे लोगों तक संचारित किया।आप के संगत कार्यक्रम में जितने भी लोग शामिल हुए हैं, उन से अक्सर यही सुना है कि साहित्य किसी बदलाव का कारण नहीं होता, लेकिन मन नहीं मानता। हर एपिसोड के बाद कुछ न कुछ बदलाव महसूस होता है, भले ही वो बहुत बड़ा बदलाव न हो। क्योंकि सार्वजनिक स्वास्थ्य के छात्र के रूप में हम यही कह सकते है, ऐसा करने से बदलाव संभव हो सकता है । डॉ मोहन बेगोवाल
@dr.chaitalisinha6352
@dr.chaitalisinha6352 7 ай бұрын
शुक्रिया अंजुम जी इस बार आपने संगत में मेरे प्रिय गुरु को आमंत्रित किया। सर की सादगी और विनम्रता को प्रणाम। आज के समय में जहाँ कुछ लोगों को अपने ज्ञान का अहं इतना है कि वेअपने सामने किसी को कुछ नहीं समझते, वहीं सर की विद्वता और उनकी विनम्रता , ठोस बौद्धिकता में समाहित है। दिखावे से दूर उनमें जो एक सच्चाई है वह एक विधार्थी को सर्वाधिक प्रभावित करता है। सर को स- आदर प्रणाम। 🙏🙏
@nirdoshkumar7034
@nirdoshkumar7034 7 ай бұрын
बहुत सुंदर
@PriyanshuKanhaiya
@PriyanshuKanhaiya 7 ай бұрын
सर! के द्वारा शब्दों का उच्चारण मन-मोह लेता है।
@SushantJha-pc2qw
@SushantJha-pc2qw 7 ай бұрын
सुंदर और ज्ञानप्रद साक्षात्कार। बार-बार सुनने लायक।
@rohitdwivedi7711
@rohitdwivedi7711 7 ай бұрын
एक बेहतर साक्षात्कार के लिए अंजुम जी धन्यवाद ।
@Anil-m8l
@Anil-m8l 28 күн бұрын
नरेश सक्सेना बेहतरीन और सरल कवि हैं l
@ShraddhaSingh-m5g
@ShraddhaSingh-m5g 7 ай бұрын
प्रणाम सर 🙏🏻🙏🏻
@manishyadav8124
@manishyadav8124 7 ай бұрын
Thank you so much sir ji 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
@rajprabhakar2116
@rajprabhakar2116 7 ай бұрын
जबर्दस्त बातचीत
@Anil-m8l
@Anil-m8l 28 күн бұрын
वाह l कविता पढ़ना नदी को देखना है l
@उज्ज्वलपांडेय-य2ण
@उज्ज्वलपांडेय-य2ण 7 ай бұрын
बढ़िया एपिसोड रहा। ज्ञानवर्धक।
@shashankshukla2410
@shashankshukla2410 7 ай бұрын
प्रो राय की दृष्टि स्पष्ट है. यह बड़ी बात है. असहमति हो सकती है. कई जगहों पर रही भी... बावजूद
@dr.vishalmishra2971
@dr.vishalmishra2971 7 ай бұрын
बेहद प्रभावी संप्रेषण 🎉
@manimohanmehta6828
@manimohanmehta6828 7 ай бұрын
Very impressive and lucid …one of the best interview by Anjum ❤
@VishalKumar-c4s1d
@VishalKumar-c4s1d 7 ай бұрын
अद्भुत ...
@santoshkumar-bg4gr
@santoshkumar-bg4gr 7 ай бұрын
It was very nice listening to him.
@vikramadityajha8924
@vikramadityajha8924 16 күн бұрын
आज के छात्र पाण्डवों की तरह हैं, जिन्हें द्रोणाचार्य द्वारा बनाए गए चक्रव्यूह को तोड़ने का तरीका नहीं पता था। न तो वे अब जानते हैं और न ही कोई उन्हें सिखाता है? शायद यही कारण है कि इतिहास की पुस्तकों में केवल एक अभिमन्यु है।
@purnimaojha6085
@purnimaojha6085 7 ай бұрын
वाह बहुत खूब
@gcbagri3573
@gcbagri3573 7 ай бұрын
Nice Comment Dr. Sahid. I think you are enjoying because you understand Hindi. Distance is very thin Dr. Saheb.
@RavindraKumar-yw5jm
@RavindraKumar-yw5jm 5 күн бұрын
Ramchandra shukla says” literature sataysm, shivam and sundaram ko presents karta hai” this is an acid test for any kind of literature.
@drnareshdalal02
@drnareshdalal02 7 ай бұрын
Very nice, thank you. Interesting.
@dineshpradhan5709
@dineshpradhan5709 7 ай бұрын
Wonderful,
@aartibhagchandani7532
@aartibhagchandani7532 7 ай бұрын
मनुष्य एक संभावना है 👌👌
@amitraibxr
@amitraibxr 6 ай бұрын
बिल्कुल सत्य बात कर
@prempalsharma7
@prempalsharma7 7 ай бұрын
एक उदात्त संवाद!
@sushmachaturvedi9789
@sushmachaturvedi9789 7 ай бұрын
वाह!
@manojkumarjain1838
@manojkumarjain1838 6 ай бұрын
🎉🎉🎉
@shashankshukla2410
@shashankshukla2410 7 ай бұрын
प्रो राय प्रतियोगी परीक्षा के लिए भी पढ़ाते रहे हैं, इसलिए वे सरलीकरण के शिकार हो जाते हैं.
@RekhaKumari-vg6nq
@RekhaKumari-vg6nq Ай бұрын
Aapki drishti simit hone ko abhishapta hai
@shatrughnayadav3355
@shatrughnayadav3355 6 ай бұрын
यथार्थ और सत्य एक ही नहीं है।
@archanalaark1413
@archanalaark1413 7 ай бұрын
आलोचना की वर्ण व्यवस्था खत्म होनी चाहिए। वाह।
@PrabhakarKumar-ug9nn
@PrabhakarKumar-ug9nn 7 ай бұрын
एक सहज सम्वाद!
@OJACADEMY
@OJACADEMY 7 ай бұрын
Nice video
@shashankshukla2410
@shashankshukla2410 7 ай бұрын
आलोचना साहित्य की बौद्धिक समझ है.
@vivekanandcreator5108
@vivekanandcreator5108 7 ай бұрын
@Anil-m8l
@Anil-m8l 28 күн бұрын
यह मैंने भी महसूस किया किया कि मार्क्सवाद एक धर्म बना गया, तब ज़ब उसमें रूढ़िवाद का वर्चस्व आया l
@vijaysinghmeena900
@vijaysinghmeena900 7 ай бұрын
अंजुम जी ऐसे व्यक्ति से साक्षात्कार लेने से पहले आपको भी संपूर्ण हिंदी साहित्य पढ़ना चाहिए!! महेश कटारे के इंटरव्यू के दौरान आपके प्रश्न ऐसे लग रहे थे जैसे आपने कभी लोक साहित्य या लोक धारा का साहित्य पढ़ा ही नहीं।
@VishalKumar-c4s1d
@VishalKumar-c4s1d 7 ай бұрын
नीलाद्री भट्टाचार्य को यहां देखना सुखद होगा...कृपया उनको भी यहां बुलाया जाएं
@VishalKumar-c4s1d
@VishalKumar-c4s1d 7 ай бұрын
Aur Pro-Apoorvanand ko bhi bulaya jaye
@glory_to_bharat
@glory_to_bharat 7 ай бұрын
❤❤❤
@utkarshpandey_du
@utkarshpandey_du 7 ай бұрын
🙏🙏🌷
@shatrughnayadav3355
@shatrughnayadav3355 6 ай бұрын
साहित्य ही नहीं, सम्पूर्ण कलाओं को परिभाषित नहीं किया जा सकता। परिभाषा में बंध जाए तो वो कुछ भी हो कला नहीं। कला अनुशासन में नहीं हो सकती।
@RekhaKumari-vg6nq
@RekhaKumari-vg6nq Ай бұрын
Anjum ji dwara AAPKA KARMBHUMI suna jana akhra...yanha billi mar Gaya wali bat dhwanit ho rahi hai...aap itne vidwan bachche hain aakhir.
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Natan por Aí
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