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How to Start Proprietorship Firm | प्रोपराइटरशिप क्या है और इसका पंजीकरण कैसे कराएँ | OkCredit
वस्तु एवं सेवा कर टैक्स प्रणाली के तहत एकमात्र प्रोपराइटरशिप भारत में किया गया सबसे आसान व सरल व्यवसाय है। प्रोपराइटरशिप का अर्थ स्वामित्व है। एक ही व्यक्ति बिजनेस/ व्यवसाय/ व्यापार का स्वामी होता है।यानी एक ऐसा व्यवसाय जो किसी एक व्यक्ति द्वारा अकेले चलाया जाता है। व्यापार से संबंधित सभी काम, निर्णय और नियंत्रण एक ही व्यक्ति के हाथ में होते हैं। जिसमें किसी मालिक और उसके व्यवसाय को एक रूप, एक समान माना जाता है, जो कि यह टैक्स प्रणाली को श्रेठ बनाता है। इसीलिए इसे एकमात्र 'प्रोपराइटरशिप यानी कि स्वामित्व' कहा जाता है। मालिक सभी व्यावसायिक ऋणों के लिए व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होता है, यानी मालिक की व्यक्तिगत संपत्ति का उपयोग व्यावसायिक उधार को चुकाने के लिए भी किया जा सकता है। एकल स्वामित्व का लक्ष्य अपने बिज़नेस में लाभ कमाना ही होता है क्योंकि बिज़नेस में हानि होने पर बिज़नेस Owner को ही नुकसान उठाना पड़ता है। लाभ होने पर Owner को ही फायदा भी होता है। इसलिए Owner सदैव अपने सभी संसाधनों को योजनाबद्ध तरीक़े से व्यवस्थित करता है।
प्रोपराइटरशिप में कौन कौन से पंजीकरण आते हैं :
व्यावसायिक टैक्स पंजीकरण।
जीएसटी पंजीकरण।
दुकान और प्रतिष्ठान पंजीकरण।
प्रोपराइटरशिप और इसके लिए पंजीकरण कैसे कराएँ ?
भारत सरकार ने प्रोपराइटरशिप के लिए न्यूमतम शुल्क 500 रुपये तथा व्यापारिक न्यूनतम शुल्क 2500 रुपये का निर्धारित किया है। इसके पंजीकरण के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है। पंजीकरण आवेदन के लिए 2 से 20 दिनों के मध्य का समय लगता है। साथ ही इसके लिए कोई विशेष औपचारिक विधि तय नहीं की गई है। लेकिन हाँ अपने बिज़नेस को आप व्यावसायिक टैक्स पंजीकरण, जीएसटी पंजीकरण, दुकान और प्रतिष्ठान पंजीकरण आदि के अंतर्गत पंजीकरण करा सकते हैं। प्रोपराइटरशिप में बिज़नेस को पंजीकरण कराने के लिए इन दस्तावेज़ों की आवश्यकता पड़ेगी।
पैन कार्ड और उसकी फ़ोटोकॉपी
बिज़नेस मालिक के नाम का आवासीय प्रमाण पत्र जैसे पासपोर्ट, वोटर आईडी या किसी तरह का बिल।
पासपोर्ट साइज़ के फोटोग्राफ्स
अपने व्यापार के पते का प्रमाणपत्र जैसे कि इलेक्ट्रिसिटी बिल अथवा टेलीफोन बिल
शॉप और प्रतिष्ठित पंजीकरण प्रमाण पत्र
कम से कम छः माह का बैंक अकाउंट स्टेटमेंट
तात्कालिक अकाउंट डिटेल जैसे VAT, CST आदि
कोई भी व्यक्ति अपने कंपनी के नाम पर बैंक अकाउंट बना कर भी अपना काम शुरू कर सकता है। किन्तु ऐसे बैंक अकाउंट बनाने के लिए ग्राहक को भारतीय रिजर्व बैंक के KYC निति से जुड़े सभी नियमों को मानना होगा।
बिज़नेस बैंक अकाउंट खुलवाने के लिए किन दस्तावेज़ों का होना अनिवार्य है आप यहाँ देख सकते हैं, इनमें से किसी दो दस्तावेज़ों को आपको बैंक में जमा कराना होगा।
म्युनिसिपल अथॉरिटी की तरफ से दुकान और प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत कंपनी का पंजीकरण पत्र
सेल्स और इनकम टैक्स रिटर्न
CST/VAT प्रमाण पत्र
किसी प्रोफेशनल टैक्स संस्था अथवा सेल्स टैक्स की तरफ से पंजीकरण दस्तावेज
भारत में स्थित किसी CA इंस्टिट्यूट से प्रैक्टिस प्रमाणपत्र
लाइसेंस अथवा पंजीकरण पत्र जिसे कंपनी के नाम राज्य अथवा केंद्रीय सरकार द्वारा दिया गया हो
किसी भी तरह का बिल जो कि कम्पनी के नाम पर हो इसका भी इस्तेमाल बैंक अकाउंट खुलवाने में किये जा सकता है
प्रोपराइटरशिप के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें :
1. जिस नाम से आप अपना बिज़नेस चाहते हैं, व्यवसाय का नाम चुनें।
2. व्यवसाय शुरू करने के लिए एक अच्छी जगह का चुनाव करें, ऐसी जगह जहां से आपका बिज़नेस सफल हो सके।
3. व्यवसाय के नाम से भुगतान पाने के लिए आपको बैंक में करंट अकाउंट खोलना होगा। इसके साथ ही आपको अपने व्यवसाय के, जो आप बिज़नेस कर रहे हैं या करना चाहते हैं उसके साक्ष्य दिखाने होंगे जिससे बैंक को पता चले कि आपका व्यवसाय सच में गतिमान है।
4. आपको अपने व्यवसाय के लिए पैन कार्ड बनवाना होगा और साथ ही एड्रेस प्रूफ भी देना होगा, बिजनेस ऐड्रेस प्रूफ के लिए आप अपने नाम से बिजली का बिल या रजिस्टर्ड रेंटल एग्रीमेंट भी दे सकते हैं।
5. अपने बिज़नेस के रजिस्ट्रेशन के कागजात, लाइसेंस, सर्विस टैक्स रजिस्ट्रेशन, वैट/जीएसटी जैसे कागजात को देना होगा।
6. CA यानी कि चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा दिया गया प्रमाण पत्र भी आपको देना होगा।
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