जय भीम,राष्ट्रिय अध्यक्ष जी,85%बहुजनों को जगाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद,सादर जय भीम,नमो बुधाय ।
@sachafakir47042 жыл бұрын
डॉ अम्बेडकर बनाम अम्बेडकरवादी एक नया ड्रामा डॉ अम्बेडकर के नाम पर प्रचलित हुआ है। इसका उद्देश्य केवल डॉ अम्बेडकर के नाम का प्रयोग कर अपरिपक्व लोगों को भड़काता है। इनकी मान्यताएं डॉ अम्बेडकर की मान्यताओं के सर्वथा विपरीत है। देखिये कैसे- 1. डॉ अम्बेडकर- आर्य लोग बाहर से नहीं आये थे। Aryan invasion theory पश्चिमी लेखकों की एक कल्पना मात्र है। अम्बेडकरवादी- दलित लोग भारत के मूलनिवासी हैं। उन्हें ब्राह्मण आर्यों ने हरा कर इस देश पर कब्ज़ा कर लिया। सभी ब्राह्मण आर्य हैं, सभी दलित अनार्य हैं। कांशीराम साहब ने बहुजन का नारा दिया था और जय भीम उनका मूल मन्त्र था. मेश्राम साहब ने बहुजन के स्थान पर मूलनिवासी शब्द को प्रचारित किया तथा “जय भीम” के स्थान पर “जय मूलनिवासी” को अभिवादन के बतौर पेश किया. इनका नारा है-बोल पचासी-मूलनिवासी”. डा.आम्बेडकर ने अपनी पुस्तक “शूद्र कौन थे” में लिखा है कि आर्य कोई प्रजाति नहीं है. आर्य एक भाषा है. यह भाषा भारत और उसके इर्द-गिर्द बोली जाती थी. इसके बोलने वालों को आर्य कहा जाने लगा. इस तरह दलित व ब्राह्मण दोनों ही आर्य हैं. बाबा साहब ने तिलक के सिद्धान्त को गलत साबित किया कि आर्य यूरेशिया व काकेशिया से भारत में आए हैं. बाबा साहब ने लिखा है कि शूद्रों की तरह ब्राह्मण भी भारत के मूलनिवासी हैं. डा.आम्बेडकर के इस सिद्धांत के विरूद्ध बामन मेश्राम साहब ने अमेरिका के साल्टलेक सिटी, उटाह विश्वविद्यालय के मानवीय आनुवंशिक एकलिस संस्थान के विद्वान बामसाद ने भारत के ब्राह्मण, क्षत्रीय और वैश्यों के DNA का मिलान यूरेशिया के लोगों से किया जो क्रमशः 99.9, 99.88 और 99.86 प्रतिशत मिलता है. अर्थात भारत के ब्राह्मण, क्षत्रीय और वैश्य युरेशियन है. यही नहीं बामन मेश्राम साहब ने उद्घोषणा किया है कि अब हमें दूसरी आजादी की लड़ाई लड़नी पड़ेगी. जिस तरह भारत से अंग्रेजों को खदेड़कर आजादी प्राप्त की गई है, ठीक वैसे ही युरेशियन ब्राह्मणों को भारत से निष्कासित कर दलितों (उनके शब्दों में मूलनिवासियों को) को आजादी दिलाना बामसेफ और बीएमपी-मेश्राम का उद्देश्य है. क्या यहाँ यह बात अजीब और हास्यास्पद नहीं लगता है कि जो ब्राह्मण 8-10 हजार वर्षों से भारत में रह रहा हो, जिसकी न जाने कितनी पीढियां इस देश के नागरिक हैं, ज़र-जमीनें स्थाई हैं और डा.आम्बेडकर के तर्कों और सिद्धान्तों के आधार पर ब्राह्मण भारत का मूलनिवासी है-उसे खदेड़ने की बात कर रहे हैं. ओबीसी वर्ग के शासक ने 70 हजार दलितों को नौकरियों में उनके पदों से रिवर्ट कर निम्न पदों पर पुनर्स्थापित करने का ऐतिहासिक पाप किया है. यही वर्ग है जो दलितों की पिटाई में सबसे अग्रणी रहता है. उसे शूद्र मानता है और उससे शूद्र मनवाने के चक्कर में दलित उसे मूलनिवासी मानता हुआ दोस्त मानता रहता है. यह भी हास्यास्पद लगता है कि सछूत वर्ग अछूत की श्रेणी में आकर अपने को पतित जाति में क्यों शामिल करेगा?
@markandeysharma83712 жыл бұрын
नमो बुद्धाय सादर जय भीम
@s.bhandary9333Ай бұрын
Iska matlab to apne aap ko Gyani samajhta hai
@bholaram76422 жыл бұрын
आपको समाज को सुधारने के लिए बहुत-बहुत बधाई बहुत सुंदर विचार जय भीम नमो बुद्धा 🙏🙏🙏
@droga9232 жыл бұрын
गुरु जी आपकी आवाज बहुत बुलंद हैं और आपकी वीडियो देख कर मन खुश हो जाता है
@narendrapayasi2 жыл бұрын
Bhai edit video ap bhi n sab kuchh jan ke anjan ban rahe
@basudevtharu57642 жыл бұрын
मै नेपाली हुँ , पर श्रद्धेय राज कुमार यादव सर को उच्च सम्मान देता हुँ । सभी पिछडे लोगों का एक नायक हैं । नमो बुद्धाय: ! जय भीम !!
@mr.rajeshkumarmr.rajeshkum14272 жыл бұрын
Aur Mai BHI
@gulabgandham83972 жыл бұрын
Jay bhim namo buddhay
@prahladvishwakarma462 жыл бұрын
आदरणीय राज कुमार यादव जी आपको हृदय से आभार व्यक्त करता हूं आप जैसे व्यक्तियों को बहुत बहुत धन्यवाद जय भीम जय मूलनिवासी जय बहुजन समाज नमो बुद्धाय
@GirdharKushwaha2 жыл бұрын
राजकुमार सर आपको बहुत-बहुत साधुवाद
@sunilkharwar66672 жыл бұрын
गुरुजी के चरणों में मेरा प्रणाम नमो बुद्धाय आशिर्वाद की कामना है
@laluverma27642 жыл бұрын
Jay bhim namo buddhay jay savidhan bahut sundar सर जी
@deepakkool71482 жыл бұрын
इस समय श्री राज कुमार यादव जी ने चारों तरफ धूम मचा रखा है आपके समझाने का तरीका बहुत ही सुन्दर है साधारण है आसानी से लोगों की समझ में आ रहा है लोग बुद्ध धर्म की ओर बढ़ रहे हैं आपके वीडियो लोग तेजी से देख रहे हैं नमो बुद्धाय
@jaibhimin2 жыл бұрын
समाज को सुधारने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद जय भीम जय भारत नमो बुद्धाय
@shrawansahu73672 жыл бұрын
Very nice widiyo jay bhim namo budhay
@mohityadav-gi8kw2 жыл бұрын
भैया यही समय sudharenge तो आप लोग क्या करेंगे क्या आप पर नहीं आता है आप पर नहीं आता है
Verry good yadav ji भगवान बुद्ध ने कहा कि जब आंख खुले तब सबेरा सच को जानो तब मानो । जय भीम,नमो बुद्धाय 🙏🙏
@MdYusuf-yu6ej2 жыл бұрын
राजकुमार यादव जी जिंदाबाद बम मजा आ गया खोलते रहो 👍🏻 ओवैसी जिंदाबाद सविधान बचाओ बीजेपी को कांग्रेस को वोट नहीं दे
@pradeepkumarupadhyaysonu91324 ай бұрын
Saudi arab mein भारत के मुस्लिम को पक्का मुस्लिम नही मानते कॉन्वर्टेड मुस्लिम ही है यहाँ
@sanjaysurilaofficial41752 жыл бұрын
अध्यक्ष जी आपके चरणों में कोटि कोटि नमन,आप जैसे लोगों की जरूरत इस समाज को सदैव रहेगी,जय भीम नमो बुद्धाय
@sachafakir47042 жыл бұрын
सच में इनका व्यवहार ब्राह्मणों से कई गुना अधिक दुराग्रही और तानाशाही है। इनके लिए वंचित वर्गों के महान लोग, जैसे ज्योतिराव फ़ूले, बिरसा मुंडा, पेरियार, बाबा साहब, कांशीराम आदि के विचार, काम और नाम केवल सत्ता पाने की सीढ़ी मात्र हैं। इनको इतनी सी बात समझ में नहीं आती कि आज भारत का प्रत्येक वह व्यक्ति भारत का मूलनिवासी है, जिसके पास मूलनिवास प्रमाण-पत्र है! ये लोग प्रायोजित और तथाकथित डीएनए को आधार बनाकर तर्क करते हैं, इनका मकसद केवल सत्ता है
@shambhudas12162 жыл бұрын
जय भीम नमो बुद्धाय जय मूलनिवासी जय संविधान सही जानकारी दिए है सर, धन्यवाद
@sheshmalgahlot86722 жыл бұрын
श्राफ वह वरदान की बात छोड़ो लेकिन हाय जरूर लगती हैं। तू बड़ा ज्ञानी है तू कैसे पैदा हुआ?भीमराव आंबेडकर को आंबेडकर किसने बनाया।भीमराव आंबेडकर नही था भीमराव सकपाल थे।एक ब्राह्मण,एक राजपूत राजा ने पढ़ाई करने विदेश भेजा गया था
@sachafakir47042 жыл бұрын
डॉ अम्बेडकर बनाम अम्बेडकरवादी एक नया ड्रामा डॉ अम्बेडकर के नाम पर प्रचलित हुआ है। इसका उद्देश्य केवल डॉ अम्बेडकर के नाम का प्रयोग कर अपरिपक्व लोगों को भड़काता है। इनकी मान्यताएं डॉ अम्बेडकर की मान्यताओं के सर्वथा विपरीत है। देखिये कैसे- 1. डॉ अम्बेडकर- आर्य लोग बाहर से नहीं आये थे। Aryan invasion theory पश्चिमी लेखकों की एक कल्पना मात्र है। अम्बेडकरवादी- दलित लोग भारत के मूलनिवासी हैं। उन्हें ब्राह्मण आर्यों ने हरा कर इस देश पर कब्ज़ा कर लिया। सभी ब्राह्मण आर्य हैं, सभी दलित अनार्य हैं। कांशीराम साहब ने बहुजन का नारा दिया था और जय भीम उनका मूल मन्त्र था. मेश्राम साहब ने बहुजन के स्थान पर मूलनिवासी शब्द को प्रचारित किया तथा “जय भीम” के स्थान पर “जय मूलनिवासी” को अभिवादन के बतौर पेश किया. इनका नारा है-बोल पचासी-मूलनिवासी”. डा.आम्बेडकर ने अपनी पुस्तक “शूद्र कौन थे” में लिखा है कि आर्य कोई प्रजाति नहीं है. आर्य एक भाषा है. यह भाषा भारत और उसके इर्द-गिर्द बोली जाती थी. इसके बोलने वालों को आर्य कहा जाने लगा. इस तरह दलित व ब्राह्मण दोनों ही आर्य हैं. बाबा साहब ने तिलक के सिद्धान्त को गलत साबित किया कि आर्य यूरेशिया व काकेशिया से भारत में आए हैं. बाबा साहब ने लिखा है कि शूद्रों की तरह ब्राह्मण भी भारत के मूलनिवासी हैं. डा.आम्बेडकर के इस सिद्धांत के विरूद्ध बामन मेश्राम साहब ने अमेरिका के साल्टलेक सिटी, उटाह विश्वविद्यालय के मानवीय आनुवंशिक एकलिस संस्थान के विद्वान बामसाद ने भारत के ब्राह्मण, क्षत्रीय और वैश्यों के DNA का मिलान यूरेशिया के लोगों से किया जो क्रमशः 99.9, 99.88 और 99.86 प्रतिशत मिलता है. अर्थात भारत के ब्राह्मण, क्षत्रीय और वैश्य युरेशियन है. यही नहीं बामन मेश्राम साहब ने उद्घोषणा किया है कि अब हमें दूसरी आजादी की लड़ाई लड़नी पड़ेगी. जिस तरह भारत से अंग्रेजों को खदेड़कर आजादी प्राप्त की गई है, ठीक वैसे ही युरेशियन ब्राह्मणों को भारत से निष्कासित कर दलितों (उनके शब्दों में मूलनिवासियों को) को आजादी दिलाना बामसेफ और बीएमपी-मेश्राम का उद्देश्य है. क्या यहाँ यह बात अजीब और हास्यास्पद नहीं लगता है कि जो ब्राह्मण 8-10 हजार वर्षों से भारत में रह रहा हो, जिसकी न जाने कितनी पीढियां इस देश के नागरिक हैं, ज़र-जमीनें स्थाई हैं और डा.आम्बेडकर के तर्कों और सिद्धान्तों के आधार पर ब्राह्मण भारत का मूलनिवासी है-उसे खदेड़ने की बात कर रहे हैं. ओबीसी वर्ग के शासक ने 70 हजार दलितों को नौकरियों में उनके पदों से रिवर्ट कर निम्न पदों पर पुनर्स्थापित करने का ऐतिहासिक पाप किया है. यही वर्ग है जो दलितों की पिटाई में सबसे अग्रणी रहता है. उसे शूद्र मानता है और उससे शूद्र मनवाने के चक्कर में दलित उसे मूलनिवासी मानता हुआ दोस्त मानता रहता है. यह भी हास्यास्पद लगता है कि सछूत वर्ग अछूत की श्रेणी में आकर अपने को पतित जाति में क्यों शामिल करेगा?
@sachafakir47042 жыл бұрын
@THE MAURYA च में इनका व्यवहार ब्राह्मणों से कई गुना अधिक दुराग्रही और तानाशाही है। इनके लिए वंचित वर्गों के महान लोग, जैसे ज्योतिराव फ़ूले, बिरसा मुंडा, पेरियार, बाबा साहब, कांशीराम आदि के विचार, काम और नाम केवल सत्ता पाने की सीढ़ी मात्र हैं।
Very good brother and Jay bhim Namo Buddhay Bol pachasi Jay Mulniwashi Braman videsi h
@deepakkool71482 жыл бұрын
बहुत ही सुन्दर तरीके से समझाया है अगर हम सब अभी भी नहीं समझें तो फिर कभी भी नहीं समझेंगे
@mukeshdriverdriver81422 жыл бұрын
एक एक बात में दम है जय भीम 85 मूलनिवासी
@sachafakir47042 жыл бұрын
डॉ अम्बेडकर बनाम अम्बेडकरवादी एक नया ड्रामा डॉ अम्बेडकर के नाम पर प्रचलित हुआ है। इसका उद्देश्य केवल डॉ अम्बेडकर के नाम का प्रयोग कर अपरिपक्व लोगों को भड़काता है। इनकी मान्यताएं डॉ अम्बेडकर की मान्यताओं के सर्वथा विपरीत है। देखिये कैसे- 1. डॉ अम्बेडकर- आर्य लोग बाहर से नहीं आये थे। Aryan invasion theory पश्चिमी लेखकों की एक कल्पना मात्र है। अम्बेडकरवादी- दलित लोग भारत के मूलनिवासी हैं। उन्हें ब्राह्मण आर्यों ने हरा कर इस देश पर कब्ज़ा कर लिया। सभी ब्राह्मण आर्य हैं, सभी दलित अनार्य हैं। कांशीराम साहब ने बहुजन का नारा दिया था और जय भीम उनका मूल मन्त्र था. मेश्राम साहब ने बहुजन के स्थान पर मूलनिवासी शब्द को प्रचारित किया तथा “जय भीम” के स्थान पर “जय मूलनिवासी” को अभिवादन के बतौर पेश किया. इनका नारा है-बोल पचासी-मूलनिवासी”. क्या यहाँ यह बात अजीब और हास्यास्पद नहीं लगता है कि जो ब्राह्मण 8-10 हजार वर्षों से भारत में रह रहा हो, जिसकी न जाने कितनी पीढियां इस देश के नागरिक हैं, ज़र-जमीनें स्थाई हैं और डा.आम्बेडकर के तर्कों और सिद्धान्तों के आधार पर ब्राह्मण भारत का मूलनिवासी है-उसे खदेड़ने की बात कर रहे हैं. इनके लिए मूलनिवासी का अर्थ है। अर्थात लोगों को गुमराह करके वोट बैंक तैयार करना। इसलिए ये लोग सत्ता की खातिर वंचित वर्गों को मूलनिवासी के बहाने लगातार गुमराह कर रहे हैं। मूलनिवासी शब्द के बहाने ये लोग केवल खुद को अर्थात एक विशेष तबके को भारत के मूलवासी घोषित करना चाहते हैं। इनसे मेरा सीधा सवाल है कि यदि वास्तव में इनके पूर्वज भारत के मूलवासी थे तो मूलनिवासी जैसे हल्के शब्द को गढ़ने की क्या जरूरत है?
@pslodhi19642 жыл бұрын
पाखंडी सबसे मूर्ख होते हैं अंबेडकरवादी सबसे बुद्धिमान होते हैं बुध की शरण में जाने वाला सबसे महान होता है जय मूलनिवासी जय भारत जय भीम जय संध्या नमो बुद्धाय
@sachafakir47042 жыл бұрын
डॉ अम्बेडकर बनाम अम्बेडकरवादी एक नया ड्रामा डॉ अम्बेडकर के नाम पर प्रचलित हुआ है। इसका उद्देश्य केवल डॉ अम्बेडकर के नाम का प्रयोग कर अपरिपक्व लोगों को भड़काता है। इनकी मान्यताएं डॉ अम्बेडकर की मान्यताओं के सर्वथा विपरीत है। देखिये कैसे- 1. डॉ अम्बेडकर- आर्य लोग बाहर से नहीं आये थे। Aryan invasion theory पश्चिमी लेखकों की एक कल्पना मात्र है। अम्बेडकरवादी- दलित लोग भारत के मूलनिवासी हैं। उन्हें ब्राह्मण आर्यों ने हरा कर इस देश पर कब्ज़ा कर लिया। सभी ब्राह्मण आर्य हैं, सभी दलित अनार्य हैं। कांशीराम साहब ने बहुजन का नारा दिया था और जय भीम उनका मूल मन्त्र था. मेश्राम साहब ने बहुजन के स्थान पर मूलनिवासी शब्द को प्रचारित किया तथा “जय भीम” के स्थान पर “जय मूलनिवासी” को अभिवादन के बतौर पेश किया. इनका नारा है-बोल पचासी-मूलनिवासी”. क्या यहाँ यह बात अजीब और हास्यास्पद नहीं लगता है कि जो ब्राह्मण 8-10 हजार वर्षों से भारत में रह रहा हो, जिसकी न जाने कितनी पीढियां इस देश के नागरिक हैं, ज़र-जमीनें स्थाई हैं और डा.आम्बेडकर के तर्कों और सिद्धान्तों के आधार पर ब्राह्मण भारत का मूलनिवासी है-उसे खदेड़ने की बात कर रहे हैं. इनके लिए मूलनिवासी का अर्थ है। अर्थात लोगों को गुमराह करके वोट बैंक तैयार करना। इसलिए ये लोग सत्ता की खातिर वंचित वर्गों को मूलनिवासी के बहाने लगातार गुमराह कर रहे हैं। मूलनिवासी शब्द के बहाने ये लोग केवल खुद को अर्थात एक विशेष तबके को भारत के मूलवासी घोषित करना चाहते हैं। इनसे मेरा सीधा सवाल है कि यदि वास्तव में इनके पूर्वज भारत के मूलवासी थे तो मूलनिवासी जैसे हल्के शब्द को गढ़ने की क्या जरूरत है?
@sohanrawat649111 ай бұрын
Bhai san एक बात बताओ 28 budho me se एक भी budh ap ले samjh se kyu nahi peda hua सारे बौद्ध राजपूतों ke ghar kyu peda हुए kya ap log सच मे raksash wansh se हो kya a bat राजकुमार hi बोलते है
@sanjaykokne75912 ай бұрын
बामन एक कोरी बकवास है...
@suhasjondhale58372 жыл бұрын
मा.राजकुमार यादवजी आप जैसे बुद्धवादी और आंबेडकरवादी है बोलके परिवर्तन जल्द ही होगा ☸️ नमो बुध्दाय ☸️ जय भीम ☸️
@subhash-chandra_20032 жыл бұрын
Sir आपको बहुत बहुत साधुवाद जो इतनी बारीकी से बहुजन समाज को समझाने का प्रयास किये हैं। जय भीम namobuddhay
यादव जी आपने समाज को जागरूक करने का कार्य बहुत ही सराहनीय है। जय भीम
@ManojKumar-wx6bn2 жыл бұрын
अच्छा संदेश नमो बुद्धाय जय भीम
@RamuRamu-bp7lu2 жыл бұрын
Namo buddhay Jay bheem sar ji 👍👍🙏🙏🙏🙏🙏
@RajeshKumar-zl1xp2 жыл бұрын
राजेश, कुमार, ग्राम,मरकनियां, जिला, चन्दौली
@akhils43832 жыл бұрын
जय भीम सर, आप जैसे बहुजन समाज को जगाने व जागरूक करने के लिए आप को बहुत बहुत धन्यवाद सर
@pradeepGupta-pb1ev2 жыл бұрын
बहुत बहुत धन्यवाद भाई ऐसे ही समाज को जागरूक को जागरूक करते रहे
@nns37042 жыл бұрын
ध्रुव सत्य,पुश्त दर पुस्त का शानदार विजनेश.
@LalChand-vi5nt2 жыл бұрын
आप को बहुत बहुत साधुवाद सादर जय भीम नमो बुधाय
@omprakashram7080 Жыл бұрын
सर सबसे पहले सादर अभिवादन नमो बुद्धाए जय भीम जय भारत जय मूलनिवासी।।। सर आप हम सबो का आवाज।।।
@ashokkumargautam19962 жыл бұрын
Very best speech Jai Bheem Jai Bharat Jai sambidhan namo buddhay ji 🙏🙏
@pradeepkumarupppk75610 ай бұрын
समाज को आईना दिखाने के कार्य के लिए दिल से सैल्यूट नमो बुद्धाय जय भीम 🙏
@सरकारीनौकरी-न3ख2 жыл бұрын
बिना ब्राह्मणवाद को मिटाए हुई हम इस व्यवस्था को परिवर्तित नहीं कर सकते।
@sachafakir47042 жыл бұрын
डॉ अम्बेडकर बनाम अम्बेडकरवादी एक नया ड्रामा डॉ अम्बेडकर के नाम पर प्रचलित हुआ है। इसका उद्देश्य केवल डॉ अम्बेडकर के नाम का प्रयोग कर अपरिपक्व लोगों को भड़काता है। इनकी मान्यताएं डॉ अम्बेडकर की मान्यताओं के सर्वथा विपरीत है। देखिये कैसे- 1. डॉ अम्बेडकर- आर्य लोग बाहर से नहीं आये थे। Aryan invasion theory पश्चिमी लेखकों की एक कल्पना मात्र है। अम्बेडकरवादी- दलित लोग भारत के मूलनिवासी हैं। उन्हें ब्राह्मण आर्यों ने हरा कर इस देश पर कब्ज़ा कर लिया। सभी ब्राह्मण आर्य हैं, सभी दलित अनार्य हैं। कांशीराम साहब ने बहुजन का नारा दिया था और जय भीम उनका मूल मन्त्र था. मेश्राम साहब ने बहुजन के स्थान पर मूलनिवासी शब्द को प्रचारित किया तथा “जय भीम” के स्थान पर “जय मूलनिवासी” को अभिवादन के बतौर पेश किया. इनका नारा है-बोल पचासी-मूलनिवासी”. डा.आम्बेडकर ने अपनी पुस्तक “शूद्र कौन थे” में लिखा है कि आर्य कोई प्रजाति नहीं है. आर्य एक भाषा है. यह भाषा भारत और उसके इर्द-गिर्द बोली जाती थी. इसके बोलने वालों को आर्य कहा जाने लगा. इस तरह दलित व ब्राह्मण दोनों ही आर्य हैं. बाबा साहब ने तिलक के सिद्धान्त को गलत साबित किया कि आर्य यूरेशिया व काकेशिया से भारत में आए हैं. बाबा साहब ने लिखा है कि शूद्रों की तरह ब्राह्मण भी भारत के मूलनिवासी हैं. डा.आम्बेडकर के इस सिद्धांत के विरूद्ध बामन मेश्राम साहब ने अमेरिका के साल्टलेक सिटी, उटाह विश्वविद्यालय के मानवीय आनुवंशिक एकलिस संस्थान के विद्वान बामसाद ने भारत के ब्राह्मण, क्षत्रीय और वैश्यों के DNA का मिलान यूरेशिया के लोगों से किया जो क्रमशः 99.9, 99.88 और 99.86 प्रतिशत मिलता है. अर्थात भारत के ब्राह्मण, क्षत्रीय और वैश्य युरेशियन है. यही नहीं बामन मेश्राम साहब ने उद्घोषणा किया है कि अब हमें दूसरी आजादी की लड़ाई लड़नी पड़ेगी. जिस तरह भारत से अंग्रेजों को खदेड़कर आजादी प्राप्त की गई है, ठीक वैसे ही युरेशियन ब्राह्मणों को भारत से निष्कासित कर दलितों (उनके शब्दों में मूलनिवासियों को) को आजादी दिलाना बामसेफ और बीएमपी-मेश्राम का उद्देश्य है. क्या यहाँ यह बात अजीब और हास्यास्पद नहीं लगता है कि जो ब्राह्मण 8-10 हजार वर्षों से भारत में रह रहा हो, जिसकी न जाने कितनी पीढियां इस देश के नागरिक हैं, ज़र-जमीनें स्थाई हैं और डा.आम्बेडकर के तर्कों और सिद्धान्तों के आधार पर ब्राह्मण भारत का मूलनिवासी है-उसे खदेड़ने की बात कर रहे हैं. ओबीसी वर्ग के शासक ने 70 हजार दलितों को नौकरियों में उनके पदों से रिवर्ट कर निम्न पदों पर पुनर्स्थापित करने का ऐतिहासिक पाप किया है. यही वर्ग है जो दलितों की पिटाई में सबसे अग्रणी रहता है. उसे शूद्र मानता है और उससे शूद्र मनवाने के चक्कर में दलित उसे मूलनिवासी मानता हुआ दोस्त मानता रहता है. यह भी हास्यास्पद लगता है कि सछूत वर्ग अछूत की श्रेणी में आकर अपने को पतित जाति में क्यों शामिल करेगा?
@parmacg88662 жыл бұрын
सही कहा
@AwadhesPandey-y6v3 ай бұрын
किसी भी ब्रहमन का आह ले कर देख फिर क्या होता है
@jesangpadhiyar43193 ай бұрын
Teri 1000 pedhi aayegi tab bhi tu brahmin ko nahi mita shake.teri koi okat nahi he..brahmino ko mitane se pahele tum logo ko xatriyo ka samana karna padega. Ager xatriya brahmi na hote to..aaj kanhi bhi namaj padhate hote..yad rakhna. Ye xatriyoka balidan ke badolat aap aaj...buddh banke bach haye he.
@BrajeshKumar-rt7ed2 жыл бұрын
सर आप ग्रेट हो आप के महान विचारों की हम कदर करते हैं जय भीम नमो बुद्धाय
@rajabhaimaurya38352 жыл бұрын
नमो बुद्धाय जय भीम जय भारत जय संविधान जय मूलनिवासी
@Asraralam1452 жыл бұрын
Kya baat hai sir mujhe v bhot kuch jankari mili aap ke jariye se.🙏🙏
@ramsinghshyam75072 жыл бұрын
सर् आपका विडियो बहुत ही प्रेरणा दायक है इस विडियो से अस्पृश्य समुदाय, बहुजन समाज को सिखने की जरूरत है जो लोग जाति व्यवस्था में जकड़े हुए हैं और काल्पनिक देवी देवताओं की भक्ति में मानसिक रूप से गूलाम है।
@RameshPatel-uu1cr2 жыл бұрын
सर जय भीम नमो बुद्धाय । आपसे निवेदन है कि व मध्य प्रदेश की जनता नींद से जगाना बहुत ही आवश्यक है
@sanjaynath221 Жыл бұрын
Q
@ashwanijangde2769 Жыл бұрын
@@sanjaynath221 h hubb
@santlalnareti18702 жыл бұрын
अतिउत्तम पहल ,आज नही तो कल सामाजिक स्तर में भी जागरूक अवश्य होंगी jai भीम
@ashishbaudh91862 жыл бұрын
Jai bhim namo buddhaya sir aapne bahut achha sandesh diya hamare bahujan samaj ko bahut bahut sadhubad.
@rakeshsoni78762 жыл бұрын
Yadav sir aap bhut sundar gan diya Dhaniyvad jai bhim jai hind
@PawanKumar-lo8xh2 жыл бұрын
Jai Jay Bheem namo buddhay Jay Bheem namo buddhay. Rajkumar uncle.je
@vandanagaikwad5812 жыл бұрын
Rajkumar Yadav ji aapko sadar namo buddhay Jay bheem
@akashkumarrawan39572 жыл бұрын
क्रांतिकारी जय भीम 🙏🙏🙏🙏
@MdYusuf-yu6ej2 жыл бұрын
हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा कुमार जिंदाबाद मजा आ गया राजकुमार गाना
@sureshsharma-nw4bp2 жыл бұрын
Raj kumar Aap sahi bhasha ka istemal karo AAp ke mukh se ye Landbak shabd Accha nahi Laga aap ye no ke maha murkh ho duniya men dhudhne ke baad murkh agar koi milega to tum hi ho pakhandi shirt jo chutiya bhi ho ye no ke
@sagartextiles52732 жыл бұрын
Nice sir
@ravisingh-f2q2 ай бұрын
श्री राजकुमार यादव जी को एक दिन भारत रत्न मिलना ही होगा , जिस दिन श्री यादव जी को भारत रत्न मिलेगा उस दिन मेरी जिंदगी का सबसे अच्छा दिन होगा । हम सबके मसीहा श्री राजकुमार यादव जी को मेरी तरफ से 100 तोपों की सलामी।
@SatishKumar-tx3nl2 жыл бұрын
बहुत-बहुत धन्यवाद जो समाज सुधारने की सेवा कर रहे हैं मैं आपका परिवार सहित स्वागत करते जय भीम नमो बुद्धाय हम लोग अब देवी देवता की पूजा नहीं करते नहीं तो पंडित को दान गरीब और असहाय को खाना है रोगी को इच्छा अनुसार पैसे भी देते हैं
@sachafakir47042 жыл бұрын
डॉ अम्बेडकर बनाम अम्बेडकरवादी एक नया ड्रामा डॉ अम्बेडकर के नाम पर प्रचलित हुआ है। इसका उद्देश्य केवल डॉ अम्बेडकर के नाम का प्रयोग कर अपरिपक्व लोगों को भड़काता है। इनकी मान्यताएं डॉ अम्बेडकर की मान्यताओं के सर्वथा विपरीत है। देखिये कैसे- 1. डॉ अम्बेडकर- आर्य लोग बाहर से नहीं आये थे। Aryan invasion theory पश्चिमी लेखकों की एक कल्पना मात्र है। अम्बेडकरवादी- दलित लोग भारत के मूलनिवासी हैं। उन्हें ब्राह्मण आर्यों ने हरा कर इस देश पर कब्ज़ा कर लिया। सभी ब्राह्मण आर्य हैं, सभी दलित अनार्य हैं। कांशीराम साहब ने बहुजन का नारा दिया था और जय भीम उनका मूल मन्त्र था. मेश्राम साहब ने बहुजन के स्थान पर मूलनिवासी शब्द को प्रचारित किया तथा “जय भीम” के स्थान पर “जय मूलनिवासी” को अभिवादन के बतौर पेश किया. इनका नारा है-बोल पचासी-मूलनिवासी”. क्या यहाँ यह बात अजीब और हास्यास्पद नहीं लगता है कि जो ब्राह्मण 8-10 हजार वर्षों से भारत में रह रहा हो, जिसकी न जाने कितनी पीढियां इस देश के नागरिक हैं, ज़र-जमीनें स्थाई हैं और डा.आम्बेडकर के तर्कों और सिद्धान्तों के आधार पर ब्राह्मण भारत का मूलनिवासी है-उसे खदेड़ने की बात कर रहे हैं. इनके लिए मूलनिवासी का अर्थ है। अर्थात लोगों को गुमराह करके वोट बैंक तैयार करना। इसलिए ये लोग सत्ता की खातिर वंचित वर्गों को मूलनिवासी के बहाने लगातार गुमराह कर रहे हैं। मूलनिवासी शब्द के बहाने ये लोग केवल खुद को अर्थात एक विशेष तबके को भारत के मूलवासी घोषित करना चाहते हैं। इनसे मेरा सीधा सवाल है कि यदि वास्तव में इनके पूर्वज भारत के मूलवासी थे तो मूलनिवासी जैसे हल्के शब्द को गढ़ने की क्या जरूरत है?
भाषा में मधुरता की प्रतिक्रिया एवं शब्दों का प्रयोग करे सर बहुत बहुत धन्यवाद सादर jai bhim
@avinashdassaheb77882 жыл бұрын
"सांचे श्राप न लागे सांचे काल न खाए"(सत कबीर वचन)
@kailashananda37182 жыл бұрын
Rajkumar ji ko sada jai Bheem Namoh Buddhaya from Odisha 🙏🙏🙏
@SanjayDas-pe2gj2 жыл бұрын
जय भीम जय संविधान भैया जी बहुत सही कहा आपने आप जैसे लोग इस समाज को सुधार सकते है।।
@Deepukumar-us3st2 жыл бұрын
जय भीम नमो बुध्दाय
@kushalprakash63102 жыл бұрын
राजकुमार यादव जी आपको सादर प्रणाम 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 . पाखँवाद पर बोलने के लिये सच्चाई तो सच्चाई है शिक्षा जरूरी है वर्णा हम किसी ना किसी रूप मे लुटते रहेंगे .🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏🏻
@ashvanikumar10022 жыл бұрын
Fffffff
@satendarkumarbodhya5532 жыл бұрын
जय भीम
@vinodyadav-sp8hg2 жыл бұрын
Great job sir , keep it up 🙏🙏
@kanhaiyalalbauddh53122 жыл бұрын
Jai bhim namo buddhay 🙏🙏🙏❤️❤️👌👌
@mahipalsingh2242 жыл бұрын
Raj Kumar Yadav ji your work is most appreciable.
@shribhagvan48822 жыл бұрын
Namo buddhay Jay bheem
@jeetytjj9371Ай бұрын
Very good raj kumar yadav ji dhanyawad
@ajjuthorat31432 жыл бұрын
🙏 नमो बुद्धाय जयभिम🙏👍👍👍👍👍👍
@tejugoutam89502 жыл бұрын
ब्राह्मण भिखमंगा है आपकी बात मुझे बहुत पसंद आई
@AKOfficial-vj9ih2 жыл бұрын
Jay bheem namo buddhay sir
@gupteshwarbaitha81184 ай бұрын
सैल्यूट यादव जी।
@amitkumarbauddhrajsthani422 жыл бұрын
आपका बहुत बहुत धन्यवाद सच्चाई को दुनिया के सामने लाने के लिए
@PremSingh-iw7ck2 жыл бұрын
वाहा राजकुमार जी आपको कोटी कोटी धन्यवाद जो
@AbhayYadav-zr3wk2 жыл бұрын
जय भीम जय मूलनिवासी सर जी बहुत ही अच्छा बताये सर जी
@shashisagar29042 жыл бұрын
गुरु जी क्षान बहुत अच्छा है आप आवाज अच्छी लगती हैं आपकी आवाज को बहुत बुलंद है बाबा साहेब आंबेडकर जय हो
@ManojKumar-st2tx2 жыл бұрын
जय भीम 🙏✍️💪
@sangeetibharti41952 жыл бұрын
राजकुमार जी बहुत बड़े समाज सुधारक हैं मैं उनका धन्यवाद करता हू।
@ramendrasingh98182 ай бұрын
Samaj sudharak nhi samaj barbadak hai...pure desh m dharam virodhi bate karta hai
@karamchand44632 жыл бұрын
Jai guru Ravidas ji
@rajendrabagdiya66092 ай бұрын
अति सुन्दर राजकुमार सर जय भीम नमो बुद्धाय
@indianrajkumar67962 жыл бұрын
Right jai bhim mamo buddhay jai samvidhan
@riturajobc2 жыл бұрын
क्या बात है जिसने बुद्ध को जाना वो शुद्ध हुआ, जिसने भीम को जाना वो ज्ञानी हुआ 🙏🙏🙏🙏
@rajeshyadav-sy8gv2 жыл бұрын
बहुत अच्छा प्रयास है। निवेदन है कि भगवान श्रीकृष्ण की वाणी श्रीमद्भागवत गीता भाष्य यथार्थ गीता एक बार अवश्य पढ़ना चाहिए सर
@phulbandh20202 жыл бұрын
Kya bhagwat teeta padhoge dosto Usmai to bhai bhai mai jhgda lagane wala sahi hai kya
@vinodsethiya17652 жыл бұрын
@@phulbandh2020 aajkal kya ho rha h bhai bhai me????
@radheyshyamgautam41802 жыл бұрын
Dear sir do you know that geeta was from the mouth of krishna. Totaly wrong, because geeta was written by ved vyas, a intellectual brahmin.
@mohitkkr1282 жыл бұрын
@@phulbandh2020 jo lagata hai o to others county se aaye hai unke wajah se ham Bhagwat geeta ya sanatan sanskriti ko kyu bhul jaye . Jo galat karta hai unka bycott kare n ki sanskriti ya dharm ki .kisi ko sanskriti ya dharm tang nahi n karta bhaiyo .🙏
@Comedydreamzy Жыл бұрын
Rajesh ji ek bar bhi padiye Geeta ko
@mahandarpartapshakya35732 жыл бұрын
Very good Namo buday Jay bhim jay mool nivasi jay sambidhan from Etawah Uttar
@umehsdas20542 жыл бұрын
Sir Jay bheem namobudhay Jay samvidhan Jay Bharat
@gopalram57732 жыл бұрын
Bilkul sahi kaha apane Namo Budhay Jai Bhim Jai mulniwasi Jai sambidhan Jago bahujn Jago Evm hatao desh bachao
@SanjayKumar-zi9xs2 жыл бұрын
Jay bhim
@nishpakshawaz2 жыл бұрын
@RajkumarYadav सर बहुत बहुत धन्यवाद और बधाई. आपका ये काम सराहनीय है.
@ranjanlkumarraman85542 жыл бұрын
Very good राजकुमारजी
@chetankurrey87452 жыл бұрын
जय भीम जय भारत जय मुल निवासी भाई साहब
@ravisingh-f2q2 ай бұрын
मैं रहे दिल से श्री राजकुमार यादव जी को , अपनी भारत सरकार से भारत रत्न मांगता हूं अर्थात श्री राजकुमार यादव जी को भारत रत्निलन ही चाहिए