हमारा दुर्भाग्य है कि आदरणीय नौटियाल जी जैसे बुद्धिजीवी लोगों की बातों पर कोई ध्यान ही नहीं दें रहा है. बारामासा के जब भी वीडियोज देखता हूं तो अपने प्रदेश की दयनीय स्थिति को देखकर बड़ा दुख होता है. आशा करता हूं कि आपकी इस पहल और कोशिशों से भविष्य में प्रदेश की स्थिति में सुधार हो पाये.
@sharadsingh134918 күн бұрын
neta uttrakhand ko kha gae
@kamalpant_12318 күн бұрын
राहुल जी और नौटियाल जी के मुताबिक हमें पाषाण युग में लौट जाना चाहिए। ये 6 महीने की योजना में दून के लिए शहरी एजेंडा की बात करते हैं, लेकिन पूरी वीडियो में शहरीकरण के खिलाफ ही बोले हैं। 5 साल की योजना, 6 महीने की योजना या मेयर कैसा होना चाहिए, ये बताते हुए ऐसा लगता है कि नौटियाल जी मानते हैं कि जो कुछ भी हो रहा है वह बिना किसी योजना के हो रहा है। या फिर अब तक के मेयर इन योग्यताओं से दूर रहे हैं। इनके सुझाव बहुत सामान्य (जेनरिक) हैं। किसी भी तर्क के समर्थन में कोई ठोस डेटा या अध्ययन का जिक्र नहीं है। बस तीन जगहों पर मतदाता प्रतिशत बढ़ने की बात कही गई है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि यह बढ़ोतरी क्यों हुई, किस तरह के मतदाता जुड़े, आदि। कुल मिलाकर, यह बातें अअनुसंधानित, अस्पष्ट और अधूरी लगती हैं। साथ ही, यह मूल निवासी और बाहरी लोगों के बीच दूरी बढ़ाने वाली भी लगती हैं।
@atulmalhotra230317 күн бұрын
यह समस्या मात्र देहरादून अथवा उत्तराखंड का नहीं है । देश के अनेक राज्यों में लोग रोटी और कपड़े तक के लिए मोहताज हैं । ये राज्य सरकारें पूरी तरह से असफल रही हैं । जब तक बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा आदि जैसे राज्य अपने नागरिकों को अपने यहां रोकने का प्रण नहीं करेंगे, हमारा हर बड़ा और सुंदर शहर नर्क बनता रहेगा एक हफ्ते में आधार और वोटर कार्ड बन जाता है, आप कहीं भी जाईए
@shanusingh313917 күн бұрын
Aap kaun se sunder rajya se hain jra bataye @@atulmalhotra2303
@thisisnegi17 күн бұрын
ये लिबरल प्रजाति के तथाकथित उत्तराखंडी दो तरह के हैं एक जो चीन के विकास का उदाहरण पेश कर सरकारों को कोसते हैं उत्तराखंड के लोग आज भी सड़के बिजली पानी जैसे मूलभूत आवश्कताओं से वंचित हैं । दूसरे वो जो पर्यावरण के संरक्षण नाम पर विकास को अभिशाप मानते हैं । डुटियाल जी जैसे लोग ख़ुद मुंबई दिल्ली शहरों में रहते हैं और ज्ञान पेलते पहाड़ पर पहाड़ियों पर ।
@Yogesh_pandey.0418 күн бұрын
देहरादून शहर से ही शुरू हुआ यह खेल😢धीरे धीरे संपूर्ण उत्तराखंड की बर्बादी की ओर बढ़ रहा है😢आज फिर से हुई एक बस दुर्घटना राज्य की परिवहन व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है😢भगवान सभी लोगों की रक्षा करें🙏
@kamalpant_12318 күн бұрын
राहुल जी और नौटियाल जी के मुताबिक हमें पाषाण युग में लौट जाना चाहिए। ये 6 महीने की योजना में दून के लिए शहरी एजेंडा की बात करते हैं, लेकिन पूरी वीडियो में शहरीकरण के खिलाफ ही बोले हैं। 5 साल की योजना, 6 महीने की योजना या मेयर कैसा होना चाहिए, ये बताते हुए ऐसा लगता है कि नौटियाल जी मानते हैं कि जो कुछ भी हो रहा है वह बिना किसी योजना के हो रहा है। या फिर अब तक के मेयर इन योग्यताओं से दूर रहे हैं। इनके सुझाव बहुत सामान्य (जेनरिक) हैं। किसी भी तर्क के समर्थन में कोई ठोस डेटा या अध्ययन का जिक्र नहीं है। बस तीन जगहों पर मतदाता प्रतिशत बढ़ने की बात कही गई है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि यह बढ़ोतरी क्यों हुई, किस तरह के मतदाता जुड़े, आदि। कुल मिलाकर, यह बातें अअनुसंधानित, अस्पष्ट और अधूरी लगती हैं। साथ ही, यह मूल निवासी और बाहरी लोगों के बीच दूरी बढ़ाने वाली भी लगती हैं।
@ॐपर्वत.KailashVasi16 күн бұрын
ब्यास घाटी, आदि कैलाश, ॐ पर्वत तीर्थ मै चार धाम की तर्ज पर जो हिमालय का सर्वनाश शुरू हो रहा...कृपया उस पे भी वीडियो बनाए... Schedule 5 आर्टिकल 13(१),13(3)
@TheAnkitbisht18 күн бұрын
Anoop Nautiyal could be a strong candidate for Dehradun city Mayor. He possesses a solid understanding of the city’s dynamics and a well-defined vision for addressing its challenges and fostering progress for the benefit of its citizens.
@dnpande774118 күн бұрын
लेकिन नौटियाल जी क्या इस जिम्मेदारी को उठाने के लिए सहमत हैं? उनको बेशक इस चुनौती को स्वीकार करना चाहिए
@ashuexcel18 күн бұрын
Han fir ho gaya kaam ..aise activist ek number ke chor nikamme hote ha
@Jai_Hanuman20718 күн бұрын
यदि नौटियाल जी स्वीकार कर भी लें तो भी वह मेयर का चुनाव कभी नहीं जीत सकते क्यों कि आज चुनाव पंचायत से लेकर लोकसभा का चुनाव में उन मुद्दो पर लड़ा और जीता जाता है जो हर मनुष्य के व्यक्तिगत जीवनचर्या से सम्बन्धित होता है। हर हर महादेव।।
@kamalpant_12318 күн бұрын
राहुल जी और नौटियाल जी के मुताबिक हमें पाषाण युग में लौट जाना चाहिए। ये 6 महीने की योजना में दून के लिए शहरी एजेंडा की बात करते हैं, लेकिन पूरी वीडियो में शहरीकरण के खिलाफ ही बोले हैं। 5 साल की योजना, 6 महीने की योजना या मेयर कैसा होना चाहिए, ये बताते हुए ऐसा लगता है कि नौटियाल जी मानते हैं कि जो कुछ भी हो रहा है वह बिना किसी योजना के हो रहा है। या फिर अब तक के मेयर इन योग्यताओं से दूर रहे हैं। इनके सुझाव बहुत सामान्य (जेनरिक) हैं। किसी भी तर्क के समर्थन में कोई ठोस डेटा या अध्ययन का जिक्र नहीं है। बस तीन जगहों पर मतदाता प्रतिशत बढ़ने की बात कही गई है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि यह बढ़ोतरी क्यों हुई, किस तरह के मतदाता जुड़े, आदि। कुल मिलाकर, यह बातें अअनुसंधानित, अस्पष्ट और अधूरी लगती हैं। साथ ही, यह मूल निवासी और बाहरी लोगों के बीच दूरी बढ़ाने वाली भी लगती हैं।
@TheAnkitbisht18 күн бұрын
@@Jai_Hanuman207 It’s unfortunate when people underestimate a candidate who has deep knowledge of the city’s issues and a clear vision for addressing them. Elections should be about selecting correct leaders not on political narratives. If voters don’t prioritize city-related issues, the real challenges will remain unresolved, affecting everyone in the long run.
@bhartinarayan18 күн бұрын
Nautiyal ji का DUN vision सरकार के कानों तक पहुंचे ऐसी प्रार्थना करते हैं। आप सभी को शुभकामनाएं।
@sachinbhalla227818 күн бұрын
Hamare dhamo ji ek he dialog hai ,hamare pradhanmantri ji ke nitritva mein hum bahut tarakki kar rahe hain ,hamare pradhanmantri, hamare pradhanmantri Bass ,yehi bol bol ke ye 5 saal nikal dega
@kamalpant_12318 күн бұрын
राहुल जी और नौटियाल जी के मुताबिक हमें पाषाण युग में लौट जाना चाहिए। ये 6 महीने की योजना में दून के लिए शहरी एजेंडा की बात करते हैं, लेकिन पूरी वीडियो में शहरीकरण के खिलाफ ही बोले हैं। 5 साल की योजना, 6 महीने की योजना या मेयर कैसा होना चाहिए, ये बताते हुए ऐसा लगता है कि नौटियाल जी मानते हैं कि जो कुछ भी हो रहा है वह बिना किसी योजना के हो रहा है। या फिर अब तक के मेयर इन योग्यताओं से दूर रहे हैं। इनके सुझाव बहुत सामान्य (जेनरिक) हैं। किसी भी तर्क के समर्थन में कोई ठोस डेटा या अध्ययन का जिक्र नहीं है। बस तीन जगहों पर मतदाता प्रतिशत बढ़ने की बात कही गई है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि यह बढ़ोतरी क्यों हुई, किस तरह के मतदाता जुड़े, आदि। कुल मिलाकर, यह बातें अअनुसंधानित, अस्पष्ट और अधूरी लगती हैं। साथ ही, यह मूल निवासी और बाहरी लोगों के बीच दूरी बढ़ाने वाली भी लगती हैं।
@SmitaiRawat18 күн бұрын
मैं सोचती थी कि मेरे सिवा कोई और देहरादून और मेरे उत्तराखंड के बारे में कोई नहीं सोचता है, पर भईया आपके इस वीडियो ने मेरा होंसला बढ़ा दिया है। हम सब को एक होना पड़ेगा। देवभूमि को शराब भूमि बना दिया गया है। माँ गंगा में मीट मछि और शराब का सेवन टिहरी में कराया जा रहा है।
@kamalpant_12318 күн бұрын
राहुल जी और नौटियाल जी के मुताबिक हमें पाषाण युग में लौट जाना चाहिए। ये 6 महीने की योजना में दून के लिए शहरी एजेंडा की बात करते हैं, लेकिन पूरी वीडियो में शहरीकरण के खिलाफ ही बोले हैं। 5 साल की योजना, 6 महीने की योजना या मेयर कैसा होना चाहिए, ये बताते हुए ऐसा लगता है कि नौटियाल जी मानते हैं कि जो कुछ भी हो रहा है वह बिना किसी योजना के हो रहा है। या फिर अब तक के मेयर इन योग्यताओं से दूर रहे हैं। इनके सुझाव बहुत सामान्य (जेनरिक) हैं। किसी भी तर्क के समर्थन में कोई ठोस डेटा या अध्ययन का जिक्र नहीं है। बस तीन जगहों पर मतदाता प्रतिशत बढ़ने की बात कही गई है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि यह बढ़ोतरी क्यों हुई, किस तरह के मतदाता जुड़े, आदि। कुल मिलाकर, यह बातें अअनुसंधानित, अस्पष्ट और अधूरी लगती हैं। साथ ही, यह मूल निवासी और बाहरी लोगों के बीच दूरी बढ़ाने वाली भी लगती हैं।
@atulmalhotra230317 күн бұрын
There are a lot of silent people who support your thoughts Smita. I am one of them.
@bipins729516 күн бұрын
एक संस्था बनानी चाहिए स्थानीय निवासियों को मिलकर । इस संस्था के लोगों पहाड़ों पर गाँव गाँव जाकर लोगों को पूछना चाहिए कि उन्हें विकास चाहिए या विनाश । क्योंकि पछाड़ों पर रहने वाले लोग बोलते हैं कि हमें भी सुविधाए चाहिए । विकास चाहिए । उन्हें बताना होगा की विकास आएगा तो विनाश भी होगा । तब भी वह विकास का है चुनाव करते हैं तो फिर ना हम रोक पाएंगे और ना हमें अधिकार होगा । क्योंकि बहुत से पहाड़ी भी अपने पहाड़ी गाँवें को छोड़कर नीचे आकर बस जाते हैं सुविधाओं के लिए । तो फिर उन्हें कोई अधिकार नहीं रह जाता । पर मैं नी मानता हूँ कि विकास नहीं होना चाहिए । दुर्गम स्थलों पर ही देवता बसते हैं ।
@KhaasLog202316 күн бұрын
@@bipins7295 pehle ye bata tu pahadi h yaa desi. Tu kya chahta hai ki pahadi 21st century mein bhi basic facilities k bina jeevan yapan kare. Aur agar kare bhi to tu badle mein mei unhe kya incentive dega ?? Saari jimmedaari pahadiyon par hi thopega environment bachaane ki?
@akhandbha15 күн бұрын
सबको अधिक से अधिक धन चाहिए, इसीलिए सर्वत्र नाश और अशांति है
@digamberuniyal81018 күн бұрын
उत्तराखंड के सभी नेता पार्टियां, अधिकारी/कर्मचारी एक तरफ कर दें तब भी आप दोनो भारी पड़ेंगे। मैने किसी भी प्लेटफार्म पर इतना ज्यांबर्धक और जागरूक करे वाली चर्चा आज तक नहीं देखी। बहुत शानदार ! आप दोनो विद्वानों का आभार ! ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
@satyendrasinghrawat666818 күн бұрын
देहरादून को राजधानी बनाकर देहरादून की बर्बादी की पटकथा लिख दी यहां सामाजिक और आर्थिक अपराध हर रोज बढ़ते जा रहे हैं. आप लोग बिल्कुल सही बात कर रहे हैं किन्तु इसकी चिंता किसको है और कौन इसको रोकेगा
@gopalpant1218 күн бұрын
Iski chinta dehradun ke har ek vyakti ko krni chaiye isliye neta sahi chune jo in sab baton ko manne ke liye aur krne ke liye tyar ho
@kamalpant_12318 күн бұрын
राहुल जी और नौटियाल जी के मुताबिक हमें पाषाण युग में लौट जाना चाहिए। ये 6 महीने की योजना में दून के लिए शहरी एजेंडा की बात करते हैं, लेकिन पूरी वीडियो में शहरीकरण के खिलाफ ही बोले हैं। 5 साल की योजना, 6 महीने की योजना या मेयर कैसा होना चाहिए, ये बताते हुए ऐसा लगता है कि नौटियाल जी मानते हैं कि जो कुछ भी हो रहा है वह बिना किसी योजना के हो रहा है। या फिर अब तक के मेयर इन योग्यताओं से दूर रहे हैं। इनके सुझाव बहुत सामान्य (जेनरिक) हैं। किसी भी तर्क के समर्थन में कोई ठोस डेटा या अध्ययन का जिक्र नहीं है। बस तीन जगहों पर मतदाता प्रतिशत बढ़ने की बात कही गई है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि यह बढ़ोतरी क्यों हुई, किस तरह के मतदाता जुड़े, आदि। कुल मिलाकर, यह बातें अअनुसंधानित, अस्पष्ट और अधूरी लगती हैं। साथ ही, यह मूल निवासी और बाहरी लोगों के बीच दूरी बढ़ाने वाली भी लगती हैं।
@mayanktirthwal157317 күн бұрын
सही बोला अपने राजधानी यहाँ नही होनी चाहिए
@yaspalsundriyal5637 күн бұрын
बहुत महत्वपूर्ण और ज्वलंत मुद्दों पर निश्चित रूप से सार्थक वार्ता
@himalayageographers981316 күн бұрын
अनूप नौटियाल सर और राहुल कोटियाल जी को मेरा प्रणाम 🙏🏻 सर आपने इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर अपने विचार रखें आपके विचार बहुत ही सत्य है. देहरादून शहर में ट्रांसपोर्ट, ठोस कूड़ा प्रबंधन, देहरादून की नदियों का जल प्रदूषण, तथा अर्बन स्प्रोल और स्लम बढ़ता जा रहा है, जो चिंता का विषय है आने वाला निगम चुनाव इन्हीं मुद्दों पर लड़े जाना चाहिए। सच्ची पत्रकारिता तथा तथ्य/सत्य वचा के लिए बारहमासा की समस्त टीम , राहुल कोटियाल जी और अनूप नौटियाल सर को बहुत-बहुत धन्यवाद
@kantaprasadkaparwan485218 күн бұрын
अति उत्तम राहुल कोठियाल एवं अनूप नौटियाल जी उत्तराखंड नगर निगम चुनाव पर जनसंख्या वृद्धि और विकास का रचयिता वार्ता सर्वश्रेष्ठ
@kamalpant_12318 күн бұрын
राहुल जी और नौटियाल जी के मुताबिक हमें पाषाण युग में लौट जाना चाहिए। ये 6 महीने की योजना में दून के लिए शहरी एजेंडा की बात करते हैं, लेकिन पूरी वीडियो में शहरीकरण के खिलाफ ही बोले हैं। 5 साल की योजना, 6 महीने की योजना या मेयर कैसा होना चाहिए, ये बताते हुए ऐसा लगता है कि नौटियाल जी मानते हैं कि जो कुछ भी हो रहा है वह बिना किसी योजना के हो रहा है। या फिर अब तक के मेयर इन योग्यताओं से दूर रहे हैं। इनके सुझाव बहुत सामान्य (जेनरिक) हैं। किसी भी तर्क के समर्थन में कोई ठोस डेटा या अध्ययन का जिक्र नहीं है। बस तीन जगहों पर मतदाता प्रतिशत बढ़ने की बात कही गई है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि यह बढ़ोतरी क्यों हुई, किस तरह के मतदाता जुड़े, आदि। कुल मिलाकर, यह बातें अअनुसंधानित, अस्पष्ट और अधूरी लगती हैं। साथ ही, यह मूल निवासी और बाहरी लोगों के बीच दूरी बढ़ाने वाली भी लगती हैं।
@onlyviren18 күн бұрын
एक बहुत ही सामयिक और नितान्त आवश्यक विश्लेषण किया है। हमारा दुर्भाग्य है कि नौटियाल जी जैसे बुद्धिजीवी नागरिक को सरकार और खुद हम सब देहरादून और उत्तराखंड वासियों का भी उत्तरदायित्व है कि ऐसे व्यक्तित्व और भावनाओं के साथ खड़े हों। बारामासा और राहुल जी को ऐसे प्रस्तुति के लिए साधुवाद।,
@kamalpant_12318 күн бұрын
राहुल जी और नौटियाल जी के मुताबिक हमें पाषाण युग में लौट जाना चाहिए। ये 6 महीने की योजना में दून के लिए शहरी एजेंडा की बात करते हैं, लेकिन पूरी वीडियो में शहरीकरण के खिलाफ ही बोले हैं। 5 साल की योजना, 6 महीने की योजना या मेयर कैसा होना चाहिए, ये बताते हुए ऐसा लगता है कि नौटियाल जी मानते हैं कि जो कुछ भी हो रहा है वह बिना किसी योजना के हो रहा है। या फिर अब तक के मेयर इन योग्यताओं से दूर रहे हैं। इनके सुझाव बहुत सामान्य (जेनरिक) हैं। किसी भी तर्क के समर्थन में कोई ठोस डेटा या अध्ययन का जिक्र नहीं है। बस तीन जगहों पर मतदाता प्रतिशत बढ़ने की बात कही गई है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि यह बढ़ोतरी क्यों हुई, किस तरह के मतदाता जुड़े, आदि। कुल मिलाकर, यह बातें अअनुसंधानित, अस्पष्ट और अधूरी लगती हैं। साथ ही, यह मूल निवासी और बाहरी लोगों के बीच दूरी बढ़ाने वाली भी लगती हैं।
@seriousman130618 күн бұрын
अनुप जी आप ही खड़े हो जाएं चुनाव मैं । मेरा वोट आपको🙏
@kamalpant_12318 күн бұрын
राहुल जी और नौटियाल जी के मुताबिक हमें पाषाण युग में लौट जाना चाहिए। ये 6 महीने की योजना में दून के लिए शहरी एजेंडा की बात करते हैं, लेकिन पूरी वीडियो में शहरीकरण के खिलाफ ही बोले हैं। 5 साल की योजना, 6 महीने की योजना या मेयर कैसा होना चाहिए, ये बताते हुए ऐसा लगता है कि नौटियाल जी मानते हैं कि जो कुछ भी हो रहा है वह बिना किसी योजना के हो रहा है। या फिर अब तक के मेयर इन योग्यताओं से दूर रहे हैं। इनके सुझाव बहुत सामान्य (जेनरिक) हैं। किसी भी तर्क के समर्थन में कोई ठोस डेटा या अध्ययन का जिक्र नहीं है। बस तीन जगहों पर मतदाता प्रतिशत बढ़ने की बात कही गई है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि यह बढ़ोतरी क्यों हुई, किस तरह के मतदाता जुड़े, आदि। कुल मिलाकर, यह बातें अअनुसंधानित, अस्पष्ट और अधूरी लगती हैं। साथ ही, यह मूल निवासी और बाहरी लोगों के बीच दूरी बढ़ाने वाली भी लगती हैं।
@DEHRADUNSE18 күн бұрын
Mera bhi
@arteducation186218 күн бұрын
उठे तो थे, बचा नहीं पाए, जमानत, ये चचा बहुत हाथ पैर मार रहे हैं। पहले 108 सफेद हाथी चलाते थे।
@kirtijadli72316 күн бұрын
Very solid points raised by Anoop sur! Waste management is a serious matter of concern that needs immediate attention .
@ravinderkandari979618 күн бұрын
Jabardast journalist and journalism at it’s best. Salute to both of you and yes we all people should follow you guy’s. Jai Uttarakhand.
@kamalpant_12318 күн бұрын
राहुल जी और नौटियाल जी के मुताबिक हमें पाषाण युग में लौट जाना चाहिए। ये 6 महीने की योजना में दून के लिए शहरी एजेंडा की बात करते हैं, लेकिन पूरी वीडियो में शहरीकरण के खिलाफ ही बोले हैं। 5 साल की योजना, 6 महीने की योजना या मेयर कैसा होना चाहिए, ये बताते हुए ऐसा लगता है कि नौटियाल जी मानते हैं कि जो कुछ भी हो रहा है वह बिना किसी योजना के हो रहा है। या फिर अब तक के मेयर इन योग्यताओं से दूर रहे हैं। इनके सुझाव बहुत सामान्य (जेनरिक) हैं। किसी भी तर्क के समर्थन में कोई ठोस डेटा या अध्ययन का जिक्र नहीं है। बस तीन जगहों पर मतदाता प्रतिशत बढ़ने की बात कही गई है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि यह बढ़ोतरी क्यों हुई, किस तरह के मतदाता जुड़े, आदि। कुल मिलाकर, यह बातें अअनुसंधानित, अस्पष्ट और अधूरी लगती हैं। साथ ही, यह मूल निवासी और बाहरी लोगों के बीच दूरी बढ़ाने वाली भी लगती हैं।
@newlook.suk07g.i4218 күн бұрын
सर ने जो बात कही सारी बातों से मैं सहमत हूं 👍
@kamalpant_12318 күн бұрын
राहुल जी और नौटियाल जी के मुताबिक हमें पाषाण युग में लौट जाना चाहिए। ये 6 महीने की योजना में दून के लिए शहरी एजेंडा की बात करते हैं, लेकिन पूरी वीडियो में शहरीकरण के खिलाफ ही बोले हैं। 5 साल की योजना, 6 महीने की योजना या मेयर कैसा होना चाहिए, ये बताते हुए ऐसा लगता है कि नौटियाल जी मानते हैं कि जो कुछ भी हो रहा है वह बिना किसी योजना के हो रहा है। या फिर अब तक के मेयर इन योग्यताओं से दूर रहे हैं। इनके सुझाव बहुत सामान्य (जेनरिक) हैं। किसी भी तर्क के समर्थन में कोई ठोस डेटा या अध्ययन का जिक्र नहीं है। बस तीन जगहों पर मतदाता प्रतिशत बढ़ने की बात कही गई है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि यह बढ़ोतरी क्यों हुई, किस तरह के मतदाता जुड़े, आदि। कुल मिलाकर, यह बातें अअनुसंधानित, अस्पष्ट और अधूरी लगती हैं। साथ ही, यह मूल निवासी और बाहरी लोगों के बीच दूरी बढ़ाने वाली भी लगती हैं।
@rocketsinghism18 күн бұрын
Thanks
@Baramasa17 күн бұрын
Thankyou so much. Keep supporting 🙏🏻
@AmitSharma-zl1be17 күн бұрын
Sir, aapne ekdam sahi baat kahi hi...500% real truth hai.... 🎉
@idiotdev5718 күн бұрын
मैं खुद मैदानी क्षेत्र से हूं जब भी मैं देहरादून आता था तो बहुत अच्छा और शकुन मिलता था लेकिन 5 साल पहले जब मैं देहरादून गया तो वहां पर इतनी गन्दगी और भीड़भाड़ थी उसके बाद में कभी देहरादून नहीं गया आज से 20 साल पहले देहरादून बहुत अच्छा था लेकिन आज देहरादून बहुत गन्दा और भीड़भाड़ वाली जगह बन गई है
@kamalpant_12318 күн бұрын
राहुल जी और नौटियाल जी के मुताबिक हमें पाषाण युग में लौट जाना चाहिए। ये 6 महीने की योजना में दून के लिए शहरी एजेंडा की बात करते हैं, लेकिन पूरी वीडियो में शहरीकरण के खिलाफ ही बोले हैं। 5 साल की योजना, 6 महीने की योजना या मेयर कैसा होना चाहिए, ये बताते हुए ऐसा लगता है कि नौटियाल जी मानते हैं कि जो कुछ भी हो रहा है वह बिना किसी योजना के हो रहा है। या फिर अब तक के मेयर इन योग्यताओं से दूर रहे हैं। इनके सुझाव बहुत सामान्य (जेनरिक) हैं। किसी भी तर्क के समर्थन में कोई ठोस डेटा या अध्ययन का जिक्र नहीं है। बस तीन जगहों पर मतदाता प्रतिशत बढ़ने की बात कही गई है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि यह बढ़ोतरी क्यों हुई, किस तरह के मतदाता जुड़े, आदि। कुल मिलाकर, यह बातें अअनुसंधानित, अस्पष्ट और अधूरी लगती हैं। साथ ही, यह मूल निवासी और बाहरी लोगों के बीच दूरी बढ़ाने वाली भी लगती हैं।
@SatishChaurasiya-q7i13 күн бұрын
1 bachcha palo to satyanas na ho
@geetug373818 күн бұрын
राहुल जी जब तक हम जनता इस बात को की मेयर चुनाव हमारे लिए क्या है इस बात को समझे तभी हम अपने सिटी को बचा सकते है नेताओं का क्या कहना वह चुनावी जुमला थमा देंगे पर आपके प्रोग्राम देखकर बहुत अच्छा लगता है सब मुद्दों की बात होती है शुक्रिया आपका ❤❤❤❤❤❤❤
@kamalpant_12318 күн бұрын
राहुल जी और नौटियाल जी के मुताबिक हमें पाषाण युग में लौट जाना चाहिए। ये 6 महीने की योजना में दून के लिए शहरी एजेंडा की बात करते हैं, लेकिन पूरी वीडियो में शहरीकरण के खिलाफ ही बोले हैं। 5 साल की योजना, 6 महीने की योजना या मेयर कैसा होना चाहिए, ये बताते हुए ऐसा लगता है कि नौटियाल जी मानते हैं कि जो कुछ भी हो रहा है वह बिना किसी योजना के हो रहा है। या फिर अब तक के मेयर इन योग्यताओं से दूर रहे हैं। इनके सुझाव बहुत सामान्य (जेनरिक) हैं। किसी भी तर्क के समर्थन में कोई ठोस डेटा या अध्ययन का जिक्र नहीं है। बस तीन जगहों पर मतदाता प्रतिशत बढ़ने की बात कही गई है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि यह बढ़ोतरी क्यों हुई, किस तरह के मतदाता जुड़े, आदि। कुल मिलाकर, यह बातें अअनुसंधानित, अस्पष्ट और अधूरी लगती हैं। साथ ही, यह मूल निवासी और बाहरी लोगों के बीच दूरी बढ़ाने वाली भी लगती हैं।
@sarveshdangwal183218 күн бұрын
बहुत अच्छी विश्लेषणात्मक चर्चा। जो परिस्थिति है उसका सुधार करने के लिए यह जरूरी है की, राजधानी गैरसैंण में हो । उत्तराखंड शासन के 75% कार्यालय देहरादून में हैं । इस कारण यहाँ की अस्थाई जनसंख्या देहरादून में अव्यवस्था बनाने के लिए जिम्मेदार है।
@kamalpant_12318 күн бұрын
राहुल जी और नौटियाल जी के मुताबिक हमें पाषाण युग में लौट जाना चाहिए। ये 6 महीने की योजना में दून के लिए शहरी एजेंडा की बात करते हैं, लेकिन पूरी वीडियो में शहरीकरण के खिलाफ ही बोले हैं। 5 साल की योजना, 6 महीने की योजना या मेयर कैसा होना चाहिए, ये बताते हुए ऐसा लगता है कि नौटियाल जी मानते हैं कि जो कुछ भी हो रहा है वह बिना किसी योजना के हो रहा है। या फिर अब तक के मेयर इन योग्यताओं से दूर रहे हैं। इनके सुझाव बहुत सामान्य (जेनरिक) हैं। किसी भी तर्क के समर्थन में कोई ठोस डेटा या अध्ययन का जिक्र नहीं है। बस तीन जगहों पर मतदाता प्रतिशत बढ़ने की बात कही गई है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि यह बढ़ोतरी क्यों हुई, किस तरह के मतदाता जुड़े, आदि। कुल मिलाकर, यह बातें अअनुसंधानित, अस्पष्ट और अधूरी लगती हैं। साथ ही, यह मूल निवासी और बाहरी लोगों के बीच दूरी बढ़ाने वाली भी लगती हैं।
@OMPRAKASHDABAS-e4x18 күн бұрын
Best explained by sh. Anoop Nautialji
@kamalpant_12318 күн бұрын
राहुल जी और नौटियाल जी के मुताबिक हमें पाषाण युग में लौट जाना चाहिए। ये 6 महीने की योजना में दून के लिए शहरी एजेंडा की बात करते हैं, लेकिन पूरी वीडियो में शहरीकरण के खिलाफ ही बोले हैं। 5 साल की योजना, 6 महीने की योजना या मेयर कैसा होना चाहिए, ये बताते हुए ऐसा लगता है कि नौटियाल जी मानते हैं कि जो कुछ भी हो रहा है वह बिना किसी योजना के हो रहा है। या फिर अब तक के मेयर इन योग्यताओं से दूर रहे हैं। इनके सुझाव बहुत सामान्य (जेनरिक) हैं। किसी भी तर्क के समर्थन में कोई ठोस डेटा या अध्ययन का जिक्र नहीं है। बस तीन जगहों पर मतदाता प्रतिशत बढ़ने की बात कही गई है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि यह बढ़ोतरी क्यों हुई, किस तरह के मतदाता जुड़े, आदि। कुल मिलाकर, यह बातें अअनुसंधानित, अस्पष्ट और अधूरी लगती हैं। साथ ही, यह मूल निवासी और बाहरी लोगों के बीच दूरी बढ़ाने वाली भी लगती हैं।
@ManishSingh-vz7ue18 күн бұрын
उत्तराखंड के बारे में बहुत ही अच्छी राय है और सरकार को भी इन बातों पर अमल करना चाहिए
@kamalpant_12318 күн бұрын
राहुल जी और नौटियाल जी के मुताबिक हमें पाषाण युग में लौट जाना चाहिए। ये 6 महीने की योजना में दून के लिए शहरी एजेंडा की बात करते हैं, लेकिन पूरी वीडियो में शहरीकरण के खिलाफ ही बोले हैं। 5 साल की योजना, 6 महीने की योजना या मेयर कैसा होना चाहिए, ये बताते हुए ऐसा लगता है कि नौटियाल जी मानते हैं कि जो कुछ भी हो रहा है वह बिना किसी योजना के हो रहा है। या फिर अब तक के मेयर इन योग्यताओं से दूर रहे हैं। इनके सुझाव बहुत सामान्य (जेनरिक) हैं। किसी भी तर्क के समर्थन में कोई ठोस डेटा या अध्ययन का जिक्र नहीं है। बस तीन जगहों पर मतदाता प्रतिशत बढ़ने की बात कही गई है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि यह बढ़ोतरी क्यों हुई, किस तरह के मतदाता जुड़े, आदि। कुल मिलाकर, यह बातें अअनुसंधानित, अस्पष्ट और अधूरी लगती हैं। साथ ही, यह मूल निवासी और बाहरी लोगों के बीच दूरी बढ़ाने वाली भी लगती हैं।
@pradeeplekhwar466918 күн бұрын
नौटियाल जी जैसे लोगों की जरुरत है आज की राजनीति में, लेकिन लोग पार्टी विशेष में डूब जाते हैं, और अपना भविष्य बिगाड़ देते हैं .
@dineshlimbu811718 күн бұрын
बहुत सटीक विश्लेषण 👍
@Chimpuk9918 күн бұрын
Ghantaaa......Adhoora hai..Aaankde sahi nahi hai
@kamalpant_12318 күн бұрын
राहुल जी और नौटियाल जी के मुताबिक हमें पाषाण युग में लौट जाना चाहिए। ये 6 महीने की योजना में दून के लिए शहरी एजेंडा की बात करते हैं, लेकिन पूरी वीडियो में शहरीकरण के खिलाफ ही बोले हैं। 5 साल की योजना, 6 महीने की योजना या मेयर कैसा होना चाहिए, ये बताते हुए ऐसा लगता है कि नौटियाल जी मानते हैं कि जो कुछ भी हो रहा है वह बिना किसी योजना के हो रहा है। या फिर अब तक के मेयर इन योग्यताओं से दूर रहे हैं। इनके सुझाव बहुत सामान्य (जेनरिक) हैं। किसी भी तर्क के समर्थन में कोई ठोस डेटा या अध्ययन का जिक्र नहीं है। बस तीन जगहों पर मतदाता प्रतिशत बढ़ने की बात कही गई है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि यह बढ़ोतरी क्यों हुई, किस तरह के मतदाता जुड़े, आदि। कुल मिलाकर, यह बातें अअनुसंधानित, अस्पष्ट और अधूरी लगती हैं। साथ ही, यह मूल निवासी और बाहरी लोगों के बीच दूरी बढ़ाने वाली भी लगती हैं।
@asho36918 күн бұрын
What a intelligence of nautiyal ji Keep it up rahul bhai, We are supporting you❤
@diwakarprasadraturi426013 күн бұрын
बहुत सुन्दर प्रस्तुति..... 😍
@kalamrawat419118 күн бұрын
पहाड़ की आवाज गणेश गोदियाल जीजिंदाबाद जिंदाबाद जिंदाबाद❤❤❤
@uttarakhandipahadi894718 күн бұрын
😂😂😂😂😂
@prueindian198016 күн бұрын
बहुत बहुत आभार नौटियाल जी और बारमासा टीम का.. इसको ज्यादा से ज्यादा शेयर और लाइक करें.
@sumanbisht100818 күн бұрын
apki report ka hmesha intezar rehta hai ... uttrakhand ke bare mai shi jankari milti hai ...baramasa ki poori team ko badhai .❤
@khembisht109018 күн бұрын
मुझे खुशी है कि हमारी भागम भाग वाली जिंदगी में बारामासा के माध्यम से कुछ मनन करने समय मिला। बहुत सटीक विश्लेषण सुनने को मिला। मेरा विचार अलग है और वह यह कि उत्तराखंड नामक भेड़ को अब तक सिर्फ नोचा और निचोड़ा गया है चारा नहीं दिया गया। किसने किया ?कौन दोषी रहे? और क्यों मैदान की ओर दौड़ लगाई गई,विशेषकर देहरादून, अल्मोड़ा, हल्द्वानी,कोटद्वार आदि । यकीनन मैदानी इलाकों की ओर जो रुझान रहा और अभी भी है, ये दुर्भाग्यपूर्ण है। कोई पहाड़ नहीं चढ़ना चाहता।
@kamalpant_12318 күн бұрын
राहुल जी और नौटियाल जी के मुताबिक हमें पाषाण युग में लौट जाना चाहिए। ये 6 महीने की योजना में दून के लिए शहरी एजेंडा की बात करते हैं, लेकिन पूरी वीडियो में शहरीकरण के खिलाफ ही बोले हैं। 5 साल की योजना, 6 महीने की योजना या मेयर कैसा होना चाहिए, ये बताते हुए ऐसा लगता है कि नौटियाल जी मानते हैं कि जो कुछ भी हो रहा है वह बिना किसी योजना के हो रहा है। या फिर अब तक के मेयर इन योग्यताओं से दूर रहे हैं। इनके सुझाव बहुत सामान्य (जेनरिक) हैं। किसी भी तर्क के समर्थन में कोई ठोस डेटा या अध्ययन का जिक्र नहीं है। बस तीन जगहों पर मतदाता प्रतिशत बढ़ने की बात कही गई है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि यह बढ़ोतरी क्यों हुई, किस तरह के मतदाता जुड़े, आदि। कुल मिलाकर, यह बातें अअनुसंधानित, अस्पष्ट और अधूरी लगती हैं। साथ ही, यह मूल निवासी और बाहरी लोगों के बीच दूरी बढ़ाने वाली भी लगती हैं।
@nitinkandpal118 күн бұрын
Mr. Anoop Nautiyal is one of the visionary for Uttarakhand and among the best mature voice for sustainable development of Uttarakhand. Thanks to Baramasa for having him in your show.
@raybhaivlog18 күн бұрын
बहुत ही सटीक विश्लेषण किया है नौटियाल जी ने
@satishkandpal483618 күн бұрын
BAHUT HI SUNDER PROGRAMME GAZAB KI PRESENTATION
@dnpande774118 күн бұрын
बहुत विचारोत्तेजक चर्चा ❤
@raghunandanprasaduniyal495918 күн бұрын
Shri Nautiyal ji is absolutely Right. I salute him.
@MrShaileshnegi18 күн бұрын
शानदार चर्चा । अच्छा मन्थन ।
@dipu7250617 күн бұрын
सटीक विश्लेषण 👌👌बहुत बहुत धन्यवाद
@हिमालयमस्तक18 күн бұрын
मेयर पद पर ऐसे लोगों की अधिकांश नियुक्ति हो जाती है जिनकी सोच चल खाल नाली एवं प्रॉपर्टी तक सीमित रहती है आदरणीय नौटियाल जी जैसे लोग जीने देहरादून तथा अन्यत्र उत्तराखंड की जानकारी है महत्व देने की आवश्यकताहै राजनीतिक दलोंको भी आरक्षण तथा धनबल आदि को महत्व में देते हुए योग्यता को भी महत्व देना चाहिए
@thediplomaticthinker18 күн бұрын
Awsome and informative video..!!!
@rahuljoshi634313 күн бұрын
यह वीडियो उत्तराखंड के आगामी निकाय चुनावों और विशेष रूप से देहरादून नगर निगम की वर्तमान स्थिति पर एक गहन दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। इसमें शहर की बर्बादी के कारणों और भविष्य में संभावित सुधारों पर चर्चा को बड़े ही प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया गया है। सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल द्वारा दी गई अंतर्दृष्टि न केवल समस्या की गहराई को उजागर करती है बल्कि समाधान की दिशा में सोचने के लिए प्रेरित भी करती है। वीडियो की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह जमीनी हकीकत को साफ-सुथरे और तथ्यपूर्ण तरीके से दर्शाता है। साथ ही, दर्शकों को यह सोचने पर मजबूर करता है कि आने वाले मेयर से क्या अपेक्षाएं होनी चाहिए। यह जानकारीपूर्ण, प्रासंगिक और विचारोत्तेजक है, जो किसी भी जागरूक नागरिक के लिए बेहद उपयोगी है। ऐसे मुद्दों पर प्रकाश डालना और एक शहर के भविष्य पर चर्चा करना बेहद सराहनीय प्रयास है। इस प्रकार की सामग्री समाज में जागरूकता लाने और सकारात्मक बदलाव के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
@samuelchand861717 күн бұрын
Thank you Rahul and Nautiyal ji for very meaningful discussion and sharing of information regarding Dehradun.We are not residing in the area but indirectly connected with Utherakhand specially with Dehradun.Appreciate & all the best.
@Hmari_parampara18 күн бұрын
आदरणीय नौटियाल जी के बहुत ही महत्वपूर्ण सुझाव है इस पर सरकार सरकार को और आम जनमानस को भी बहुत गंभीरता से लेना चाहिए देहरादून को और बर्बाद होने से बचना चाहिए इस प्रकार के संवाद आम जनमानस तक ले जाने के लिए बारामासा टीम को बहुत बहुत धन्यवाद
@kamalpant_12318 күн бұрын
राहुल जी और नौटियाल जी के मुताबिक हमें पाषाण युग में लौट जाना चाहिए। ये 6 महीने की योजना में दून के लिए शहरी एजेंडा की बात करते हैं, लेकिन पूरी वीडियो में शहरीकरण के खिलाफ ही बोले हैं। 5 साल की योजना, 6 महीने की योजना या मेयर कैसा होना चाहिए, ये बताते हुए ऐसा लगता है कि नौटियाल जी मानते हैं कि जो कुछ भी हो रहा है वह बिना किसी योजना के हो रहा है। या फिर अब तक के मेयर इन योग्यताओं से दूर रहे हैं। इनके सुझाव बहुत सामान्य (जेनरिक) हैं। किसी भी तर्क के समर्थन में कोई ठोस डेटा या अध्ययन का जिक्र नहीं है। बस तीन जगहों पर मतदाता प्रतिशत बढ़ने की बात कही गई है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि यह बढ़ोतरी क्यों हुई, किस तरह के मतदाता जुड़े, आदि। कुल मिलाकर, यह बातें अअनुसंधानित, अस्पष्ट और अधूरी लगती हैं। साथ ही, यह मूल निवासी और बाहरी लोगों के बीच दूरी बढ़ाने वाली भी लगती हैं।
@prakashchauhan902018 күн бұрын
रवीन्द्र जुगरान अनूप नौटियाल जी लोग को मेयर पद हेतु निर्वाचित होना चाहिए
@kamalpant_12318 күн бұрын
राहुल जी और नौटियाल जी के मुताबिक हमें पाषाण युग में लौट जाना चाहिए। ये 6 महीने की योजना में दून के लिए शहरी एजेंडा की बात करते हैं, लेकिन पूरी वीडियो में शहरीकरण के खिलाफ ही बोले हैं। 5 साल की योजना, 6 महीने की योजना या मेयर कैसा होना चाहिए, ये बताते हुए ऐसा लगता है कि नौटियाल जी मानते हैं कि जो कुछ भी हो रहा है वह बिना किसी योजना के हो रहा है। या फिर अब तक के मेयर इन योग्यताओं से दूर रहे हैं। इनके सुझाव बहुत सामान्य (जेनरिक) हैं। किसी भी तर्क के समर्थन में कोई ठोस डेटा या अध्ययन का जिक्र नहीं है। बस तीन जगहों पर मतदाता प्रतिशत बढ़ने की बात कही गई है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि यह बढ़ोतरी क्यों हुई, किस तरह के मतदाता जुड़े, आदि। कुल मिलाकर, यह बातें अअनुसंधानित, अस्पष्ट और अधूरी लगती हैं। साथ ही, यह मूल निवासी और बाहरी लोगों के बीच दूरी बढ़ाने वाली भी लगती हैं I
@pushkarsingh696518 күн бұрын
सही कहा D .Dun के साथ साथ UK की बर्बादी निश्च है ।
@vivekbahuguna109118 күн бұрын
श्री नौटियाल जी को राजनीति में आना चाहिए। आज का जनमानस श्री नौटियाल जी जैसे बुद्धिजीवी वर्ग का उत्तराखंड में तीसरे विकल्प के रूप में इंतजार कर रहा है। बुद्धजीवी वर्ग अगर राजनीति में रहेगा तो अवश्य इस प्रदेश के विकास में अपना प्रभाव छोड़ पाएगा।
@geetaramchamoli602418 күн бұрын
भाई जी, सबसे बड़ा समस्याएं यह है की जो लॉग बाहर से यूपी, हरियाणा, आदि शहर से अब यहां बस गया है। राजनेता तो बस वोट ही देखता है। अब उत्तराखंड में वो वह जो यहां के मूल निवासी हैं जिनकी दादा परदादा सब यही रहे हैं वो तो 2050 तक पता नहीं उत्तराखंड के होगे या नहीं। मुझको तो लगता है की हम उत्तराखंडी फिर से यूपी पहुंच गए। जिस हिसाब से यह बाहरी लोग बस गाय हैं।🙏🙏🙏
@arjunsinghchauhan438317 күн бұрын
चमोली जी आप भी तो पहाड़ से नीचे आ गए है वहां क्यों नहीं रुके।
@himanshukaushik724214 күн бұрын
Jameen up hariyana walo ko bechna band karna chahiye. Or pahado se logo ka ncr me kamane k liye aana band hona chahiye jis se jiske pass jo hai vo unke bacho ko mile yaha aakar badi naukariya khai hai
@rahulrana9180Күн бұрын
Bhai sirf up haryana nhi uttrakhand k saare district se log dehradun aa k bss gye hain ,,, to sirf UP haryana walo ko bolna justified nhi h...
@prateekvashisht832816 күн бұрын
Bahut sahi thankyou for bringing and speaking up.
@GauravNankani-s7o17 күн бұрын
Great Anoop ji
@urgyentenzin666318 күн бұрын
Really true said
@homosapienssapiens484818 күн бұрын
मैं सोच रहा था कि अजकल पानी इतना ज्यादा क्यों आ रहा है तो याद आया कि चुनाव आ रहा है पार्षद के!
@Nabhogati2918 күн бұрын
Bhai parshad ka chunav kab hai any date
@kamalpant_12318 күн бұрын
राहुल जी और नौटियाल जी के मुताबिक हमें पाषाण युग में लौट जाना चाहिए। ये 6 महीने की योजना में दून के लिए शहरी एजेंडा की बात करते हैं, लेकिन पूरी वीडियो में शहरीकरण के खिलाफ ही बोले हैं। 5 साल की योजना, 6 महीने की योजना या मेयर कैसा होना चाहिए, ये बताते हुए ऐसा लगता है कि नौटियाल जी मानते हैं कि जो कुछ भी हो रहा है वह बिना किसी योजना के हो रहा है। या फिर अब तक के मेयर इन योग्यताओं से दूर रहे हैं। इनके सुझाव बहुत सामान्य (जेनरिक) हैं। किसी भी तर्क के समर्थन में कोई ठोस डेटा या अध्ययन का जिक्र नहीं है। बस तीन जगहों पर मतदाता प्रतिशत बढ़ने की बात कही गई है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि यह बढ़ोतरी क्यों हुई, किस तरह के मतदाता जुड़े, आदि। कुल मिलाकर, यह बातें अअनुसंधानित, अस्पष्ट और अधूरी लगती हैं। साथ ही, यह मूल निवासी और बाहरी लोगों के बीच दूरी बढ़ाने वाली भी लगती हैं।
@rekhanaithani31018 күн бұрын
Bahut badhiya aise hi jaankari dete rahiye god bless you
@sunitathapa969216 күн бұрын
अब तो गांव का भी शहरीकरण करने से गांव की भी सुंदरता खत्म हो गई है 🌹🙏🌹
@anujcharu18 күн бұрын
Rahul g आप बहुत अच्छे पत्रकार है.
@biosciencescholars732418 күн бұрын
Your channel just speaks true facts. Worst political will , worst planning of govt is ruining Dehradun.
@kamalpant_12318 күн бұрын
राहुल जी और नौटियाल जी के मुताबिक हमें पाषाण युग में लौट जाना चाहिए। ये 6 महीने की योजना में दून के लिए शहरी एजेंडा की बात करते हैं, लेकिन पूरी वीडियो में शहरीकरण के खिलाफ ही बोले हैं। 5 साल की योजना, 6 महीने की योजना या मेयर कैसा होना चाहिए, ये बताते हुए ऐसा लगता है कि नौटियाल जी मानते हैं कि जो कुछ भी हो रहा है वह बिना किसी योजना के हो रहा है। या फिर अब तक के मेयर इन योग्यताओं से दूर रहे हैं। इनके सुझाव बहुत सामान्य (जेनरिक) हैं। किसी भी तर्क के समर्थन में कोई ठोस डेटा या अध्ययन का जिक्र नहीं है। बस तीन जगहों पर मतदाता प्रतिशत बढ़ने की बात कही गई है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि यह बढ़ोतरी क्यों हुई, किस तरह के मतदाता जुड़े, आदि। कुल मिलाकर, यह बातें अअनुसंधानित, अस्पष्ट और अधूरी लगती हैं। साथ ही, यह मूल निवासी और बाहरी लोगों के बीच दूरी बढ़ाने वाली भी लगती हैं।
@Pramodnegi0117 күн бұрын
Bahut badiya sir...🎉
@sharadsingh134918 күн бұрын
bahut hi shaandar interview
@kamalpant_12318 күн бұрын
राहुल जी और नौटियाल जी के मुताबिक हमें पाषाण युग में लौट जाना चाहिए। ये 6 महीने की योजना में दून के लिए शहरी एजेंडा की बात करते हैं, लेकिन पूरी वीडियो में शहरीकरण के खिलाफ ही बोले हैं। 5 साल की योजना, 6 महीने की योजना या मेयर कैसा होना चाहिए, ये बताते हुए ऐसा लगता है कि नौटियाल जी मानते हैं कि जो कुछ भी हो रहा है वह बिना किसी योजना के हो रहा है। या फिर अब तक के मेयर इन योग्यताओं से दूर रहे हैं। इनके सुझाव बहुत सामान्य (जेनरिक) हैं। किसी भी तर्क के समर्थन में कोई ठोस डेटा या अध्ययन का जिक्र नहीं है। बस तीन जगहों पर मतदाता प्रतिशत बढ़ने की बात कही गई है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि यह बढ़ोतरी क्यों हुई, किस तरह के मतदाता जुड़े, आदि। कुल मिलाकर, यह बातें अअनुसंधानित, अस्पष्ट और अधूरी लगती हैं। साथ ही, यह मूल निवासी और बाहरी लोगों के बीच दूरी बढ़ाने वाली भी लगती हैं।
@Sushilsainitravler07Dehradun18 күн бұрын
नौटियाल जी की सारी बातें सही बात कह रहे हैं
@urgyentenzin666318 күн бұрын
Uttarakhand was considered as the most peaceful states in India… but sadly, this won’t stay for long…
@ulog234018 күн бұрын
Outsiders
@urgyentenzin666318 күн бұрын
@ because of our Govt.
@ulog234018 күн бұрын
@@urgyentenzin6663tu Tibetan h na ?
@ulog234018 күн бұрын
@@urgyentenzin6663 Tibetan ho tum ?
@dnpande774118 күн бұрын
Yes you are absolutely right.
@satpuliboys906118 күн бұрын
Asli patrkar Uttrakhand ka ❤ baramasha❤
@mukeshjayara461418 күн бұрын
बहुत सुंदर भाई जी
@laxmiprasaddimri800518 күн бұрын
Respted sir Namaskar
@rocketsinghism18 күн бұрын
बेहद सार्थक चर्चा, नगर निगम के चुनावों में हर नागरिक को बढ़चढ़कर कर हिस्सा लेना चाहिए और शहर के मेयर और स्थानीय पार्षदों पर शहर को फिर से हरा भरा बनाने, नहरों से लबरेज़ करने और सस्ते, sustainable पब्लिक ट्रांसपोर्ट, बढ़ते अपराध और नशे से मुक्ति दिलाने के लिए काम करना चाहिए!!!
@Motivationandawearness18 күн бұрын
बहुत सुंदर ❤
@dnpande774118 күн бұрын
श्री नौटियाल जैसे विजनरी लोगों को समाज निर्माण और समाज सुधार जैसे कार्यो में अहम भूमिका निभाने का जिम्मा दिया जाना चाहिए। बल्कि ऐसे लोगों को नेतृत्व में लिया जाना चाहिए।
@sunilkumarpanchbhaiya775118 күн бұрын
Great keep it up God bless you
@santoshbharadwj241318 күн бұрын
Sir Bahut badhiya analysis
@bijendrachaudhary846718 күн бұрын
Still Anup sir ... Amazing..
@shekharpathak380518 күн бұрын
A true citizen is speaking..
@yashsemwal69318 күн бұрын
नौटियाल सर जी को और इन जैसे लोगो को चुनाव में आना बहुत जरूरी है। बीजेपी और कांग्रेस से किसी भी विकास की उम्मीद बेकार ही है
@gajendrarautelahimalayanso230918 күн бұрын
बेहद जरूरी चर्चा।
@ronalhadal354318 күн бұрын
Thank you jagruk karne ko🙏
@Chalothodaghoomkraateh15 күн бұрын
Bahut sundar sir👍
@hindukaanalysis989718 күн бұрын
Appreciation for this video
@manoharrawat480418 күн бұрын
अच्छी बात
@हिमालयमस्तक18 күн бұрын
शानदार कवरेज
@Chalothodaghoomkraateh15 күн бұрын
आप ने बहुत सुंदर और सही बात कही।हमे सुविधा चाहिए पर्यटन भी चाहिए हमे आधुनिक समाज की सब व्यवस्था चाहिए लेकिन.... उन सब व्यवस्थागत चीजो से जो अव्यवस्थित हालात होगे उस का सामना किस प्रकार करे ये कौन बतायेगा??? क्युंकी आम नागरिक चाहिए कर भी कुछ नही कर पाता.. पर्यटक लाना आप का कम था आप लाए लेकिन...उस बददिमाग बेतरतीब सहरीफूहडपन से भरे उस पर्यटक से अपने मासूम भोले-भाले युवा या बच्चे या किसी को केसे बचाए ये कौन तय करेगा या बतायेगा सडको का जो चौड़ीकरण हो रहा है उसके कारण जो हर साल पहाड गिरते उसके कारण कौन पता करेगा क्या पहले रोड नही बनती थी ईन आधुनिक मशीनरी को सहन करने की छमता पहाड मे नही है ये कौन बतायेगा हा ठीक मै भी समझती हू आधुनिक युग छलनी हथोड़े से सबके नही बन सकती लेकिन इतनी ताकत force @और vibration को सहने की capacity भी पहाड़ मे नही है अन्दर अन्दर दरारे पड जाती है और फिर ये पहाड आज नही तो कल गिर जाएगे Traffic फिर चाहे किसी भी प्रकार का हो आम जन को बहुत दिक्कत होती है आप लोगो को आज सुन कर बहुत ही अच्छा लगा और भरोसा भी हुआ की हा कोई तो है जो बहुत ही बारीकी से पहाड और उसकी विकास के नाम पर होती बर्बादी पर न केवल सोचते है करना चाहते और कर भी रहे है आपका आभार और धन्यवाद 👍🙏🏻
@dr.aniruddhbhatt236815 күн бұрын
सरल संवाद से गम्भीर विषयों पर प्रकाश डालने के लिए साधुवाद।
@DIGPALSINGHBISHT-k2b12 күн бұрын
Congrss bjp dono me uk barbad kiya sare desi bqsa dye mafia
@suresh5820242317 күн бұрын
वर्ल्ड क्लास रिपोर्टिंग भाई 🙏🏽
@Vijaykumar-zt9yq17 күн бұрын
सलाम,, बात देहरादून की है या ऋषिकेश की या हल्द्वानी की मेरा कोटद्वार आज भी बेजान है थोडा नजीमाबाद का दबाव पड़ा है लेकीन उसका हिस्सा कम है, बजाय ऋषिकेस देहरादुन का, इन दोनों शहरो मे लोकल कुछ भी नहीं है, अब हमारे मूल निवासी पहाड़ी अल्प आबादी से जुड़ चुका जिसका नतीजा सरकार की नीतियों में पड़ा और बाहरी लोग सरकार और नौकरी में आने लगे, लगता है उत्तराखंड उत्तराखंडीयों को भूल जायेगा,, अगर शहरी करण करना है और जिनको देहरादून में बसना है उनके लिए पहली शर्त है वे हमारे पहाड़ी क्षेत्र के बाजारों में बसे जिसे गांव में खेती करने को बाजार से जोड़ने में मदद मिलेगी, इसके लिए नेतागिरी को अपनी खेती और गांव को बचाने के लिए काम करना होगा, होगे तुम देहरादून वाले, तुम्हारे होने से पहाड़ी गांव खेती के लिए क्या फायदा, उसके लिए तुम्हारा होना न होना किसी काम का नही,,
@vipinnegi101018 күн бұрын
Bhut he acha show tha.
@Wanderlust2.018 күн бұрын
As an environmentalist, we have to face more severe climate changes in Doon valley in upcoming years. Its very sad. Thankkyou #Barmaasateam & #AnoopNautiyal ji...
@kamalpant_12318 күн бұрын
राहुल जी और नौटियाल जी के मुताबिक हमें पाषाण युग में लौट जाना चाहिए। ये 6 महीने की योजना में दून के लिए शहरी एजेंडा की बात करते हैं, लेकिन पूरी वीडियो में शहरीकरण के खिलाफ ही बोले हैं। 5 साल की योजना, 6 महीने की योजना या मेयर कैसा होना चाहिए, ये बताते हुए ऐसा लगता है कि नौटियाल जी मानते हैं कि जो कुछ भी हो रहा है वह बिना किसी योजना के हो रहा है। या फिर अब तक के मेयर इन योग्यताओं से दूर रहे हैं। इनके सुझाव बहुत सामान्य (जेनरिक) हैं। किसी भी तर्क के समर्थन में कोई ठोस डेटा या अध्ययन का जिक्र नहीं है। बस तीन जगहों पर मतदाता प्रतिशत बढ़ने की बात कही गई है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि यह बढ़ोतरी क्यों हुई, किस तरह के मतदाता जुड़े, आदि। कुल मिलाकर, यह बातें अअनुसंधानित, अस्पष्ट और अधूरी लगती हैं। साथ ही, यह मूल निवासी और बाहरी लोगों के बीच दूरी बढ़ाने वाली भी लगती हैं।
@ramsinghgusain535618 күн бұрын
बहुत अच्छा विचार विमर्श।
@kamalpant_12318 күн бұрын
राहुल जी और नौटियाल जी के मुताबिक हमें पाषाण युग में लौट जाना चाहिए। ये 6 महीने की योजना में दून के लिए शहरी एजेंडा की बात करते हैं, लेकिन पूरी वीडियो में शहरीकरण के खिलाफ ही बोले हैं। 5 साल की योजना, 6 महीने की योजना या मेयर कैसा होना चाहिए, ये बताते हुए ऐसा लगता है कि नौटियाल जी मानते हैं कि जो कुछ भी हो रहा है वह बिना किसी योजना के हो रहा है। या फिर अब तक के मेयर इन योग्यताओं से दूर रहे हैं। इनके सुझाव बहुत सामान्य (जेनरिक) हैं। किसी भी तर्क के समर्थन में कोई ठोस डेटा या अध्ययन का जिक्र नहीं है। बस तीन जगहों पर मतदाता प्रतिशत बढ़ने की बात कही गई है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि यह बढ़ोतरी क्यों हुई, किस तरह के मतदाता जुड़े, आदि। कुल मिलाकर, यह बातें अअनुसंधानित, अस्पष्ट और अधूरी लगती हैं। साथ ही, यह मूल निवासी और बाहरी लोगों के बीच दूरी बढ़ाने वाली भी लगती हैं।
@tikaramkothari590318 күн бұрын
Bahut sunder
@kamalpant_12318 күн бұрын
राहुल जी और नौटियाल जी के मुताबिक हमें पाषाण युग में लौट जाना चाहिए। ये 6 महीने की योजना में दून के लिए शहरी एजेंडा की बात करते हैं, लेकिन पूरी वीडियो में शहरीकरण के खिलाफ ही बोले हैं। 5 साल की योजना, 6 महीने की योजना या मेयर कैसा होना चाहिए, ये बताते हुए ऐसा लगता है कि नौटियाल जी मानते हैं कि जो कुछ भी हो रहा है वह बिना किसी योजना के हो रहा है। या फिर अब तक के मेयर इन योग्यताओं से दूर रहे हैं। इनके सुझाव बहुत सामान्य (जेनरिक) हैं। किसी भी तर्क के समर्थन में कोई ठोस डेटा या अध्ययन का जिक्र नहीं है। बस तीन जगहों पर मतदाता प्रतिशत बढ़ने की बात कही गई है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि यह बढ़ोतरी क्यों हुई, किस तरह के मतदाता जुड़े, आदि। कुल मिलाकर, यह बातें अअनुसंधानित, अस्पष्ट और अधूरी लगती हैं। साथ ही, यह मूल निवासी और बाहरी लोगों के बीच दूरी बढ़ाने वाली भी लगती हैं।
@gajendersinghbisht372518 күн бұрын
Bhut badiya sir ji apke soo bhut axe hai🎉🎉
@prembhadri565018 күн бұрын
Nice work team 🎉
@rajivsharma928712 күн бұрын
मैं आपका चैनल फॉलो करता हूं । सही बात करते हैं आप । मैं 1994 में पहली बार देहरादून में करीबन 20 दिन रहा था । धरमपुर के बाद बहुत कम आबादी थी। हरिद्वार से देहरादून की तरफ आते हुए रिसपन्ना पुल के पास आने के बाद जो सड़क बाएं तरफ मुड़ती थी उसके बाएं तरफ नाम की आबादी थी । बंगाली कोठी शायद पहले रहा हो परंतु यहां खेत और खेत थे । मोथरावाला गांव ही था जिसका देहरादून से शायद वैसा वास्ता नहीं था जैसा आज । आज मोथरावाला केवल एक नाम का गांव है । जोगीवाला तो 2003 तक भी एक बेहद छितरी आबादी थी । देहरादून का जो भविष्य बताया जा रहा है वह सही आकलन है । हमें इसके लिए तैयार रहना चाहिए । और यदि कुछ बदलना है तो वह केवल बौद्धिकता से नहीं होगा ।
@albertishu906615 күн бұрын
Loved the interaction ❤
@PraveenChauhan1518 күн бұрын
Very good and important topic 👍👍
@anandsinghbisht307418 күн бұрын
बारोमासा चैनल बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाता वो काबिले तारीफ है। वास्तव में भविष्य को देखते हुए शहर प्लान तैयार किया जाना चाहिए। उत्तराखंड में सरकारें संवेदनशील नहीं है।
@arjun8gusain18 күн бұрын
Great talk ❤
@devrajsingh990016 күн бұрын
26:45 summer capital ke naam pe kya hota hai ....koi expain karo bhai
@सरकारी_रोटी18 күн бұрын
भू कानून ऐसा कानून बनेगा जो बस हम उत्तराखंड वासियों के लिए होगा। जो हमेशा से लड़ते आ रहे हैं इस कानून के लिए बाकी बीजेपी, कांग्रेस, बड़ी - बड़ी पार्टियाँ ये सब खरीदते रहेंगे, बेचते रहेंगे। Ripp................ 🙏
@rahulnegi380418 күн бұрын
गैरसैन राजधानी का मुद्दा बहुत बड़ा है
@devendranegi398516 күн бұрын
समय की मांग है क्या पीछे चलना चाहते हैं या वहीं पर खड़े रहना चाहते हैं या आगे चलना चाहते हैं हर स्थिति में स्थितियां अलग-अलग होती हैं इसमें कोई भी नया बात नहीं है l तरक्की अगर हमको बड़े शहर जैसी चाहिए तो ये सब समस्याएं आएंगी... कलयुग के समय में हम सतयुग नहीं ला सकते ये भी क्लियर है
@shlokfitVlogs306218 күн бұрын
❤❤❤❤sahi बात है
@pahadiboy857418 күн бұрын
माँ की कसम नौटियाल जी ने तो आईना दिखा दिया दून वालो को... अभी भी समझ जाओ दून वालो वरना देर होजाएगी. प्रगती जी कैसे हो आप इट्स बीन लोंग time ❤
@rajinderjoshi204814 күн бұрын
Bahut sundar information sir thanks 🙏🙏👍👍 Dil se salute ❤❤❤
@harirajsingh75718 күн бұрын
In a fatalist civil society ... that of like this Doon Valley.... It's inevitable....😢 होए वही जो राम रची राखा..... राजा हरिश्चंद्र गए रघुवंशी गए यदुवंशी गए ..... दून की क्या बिसात😞🙏😊 ....it's a tipping point, and I believe 🙏 let it happen 👍.... The most essential experiences come around by the experience itself 🥺
@GrowwHusle18 күн бұрын
17:10 सही कहा अनूपजी. इसे राहुल जी की आवाज में , मवासी घाम लगा दी है पूरे प्रदेश की.