रोपवे लगने से और अधिक संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने जा पाएंगे। बुजुर्ग और पैदल यात्रा करने में असमर्थ भी अब आना शुरू कर देंगे। इससे तो और अधिक संख्या में श्रद्धालु आने से व्यापार भी और अधिक बढ़ेगा। रोपवे लगना चाहिए!! ❤
@shahibaaz3 күн бұрын
We Support Ropeway !
@sachhaabehudda11762 күн бұрын
Ropeway is for development. Jo log 8 hrs laga rhe the chalne mai woh abb 10 min mai pahunch skte hai. Sabke liye facility hai.
@rahulsinghrajput41483 күн бұрын
We support ropeway
@mr.expert96753 күн бұрын
To bhai ropeway lag gaya phir tere vaisho devi jane ki manyata kya rahey ghi Charan paduka pata hai adhkuari pata hai aesa hi kuch bhi bol dete ho we support ropeway
@rahulsinghrajput41483 күн бұрын
@mr.expert9675 phale baat tere vaishno devi nhi sabke Vaishno Devi and every month mai aata hu new Delhi se aata hu or fir kal bhi aa raha hu. Mujha to koi problem nahi hota lakin mere bacho ko problem hota hai. That's because we support the ropeway and ropeway lagna he chiye
@mr.expert96753 күн бұрын
@@rahulsinghrajput4148 to bhai jo 40000 families uspe dependent hai unka kya bhai ye bolna easy hota hai agar ap vaha hote na aur usi pe dependent hote apko pata chalta
@mr.expert96753 күн бұрын
@@rahulsinghrajput4148 bhai aese hi ni kisi ko shauk pada hai itni thand mai vaha protest karne ka unki roti ka sawal hai aastha bhi khatam hori hai
@mr.expert96753 күн бұрын
@@rahulsinghrajput4148 aur apko pata hai arti kitne der se bechi jari hai ye apko pata hai kya ispe apne kabhi awaj uthai mai kya galat bolra hu bhai ye sara pesa politics walo ke pas jata hai inko koi tension ni hai development ki inka jeb bharna chahiye
@susheelIndian3 күн бұрын
कटरा की पवित्रता को बनाए रखना: रोपवे प्रस्ताव के खिलाफ़ आवाज़ पवित्र वैष्णो देवी मंदिर का प्रवेशद्वार कटरा, हर साल लाखों श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। स्वयं माँ वैष्णो देवी जी ने इस कटरा कस्बे को चुना था और विभिन्न यात्रा के पड़ावों पर तपस्या की थी। सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार, तीर्थयात्रा सिर्फ़ गंतव्य तक पहुँचने के बारे में नहीं है; यह आस्था, भक्ति और तपस्या की यात्रा है। वैष्णो देवी के रास्ते पर चलना इस आध्यात्मिक अनुभव का अभिन्न अंग है, और रोपवे जैसे किसी भी तकनीकी शॉर्टकट से इस पवित्र यात्रा का सार कमज़ोर हो सकता है। वैष्णो देवी की पारंपरिक यात्रा सिर्फ़ एक शारीरिक क्रिया नहीं है, बल्कि एक गहरा प्रतीकात्मक कार्य है। यह ईश्वरीय इच्छा के प्रति भक्तों के समर्पण, चुनौतियों पर विजय पाने के उनके दृढ़ संकल्प और दिव्य माँ के सामने उनकी विनम्रता को दर्शाता है। रास्ते में, "जय माता दी" का जाप करना, साथी तीर्थयात्रियों से बातचीत करना और प्राकृतिक परिवेश में डूबना आध्यात्मिक यात्रा को बढ़ाता है, जिससे यह एक परिवर्तनकारी अनुभव बन जाता है। रोपवे शुरू करने से न सिर्फ़ यह आध्यात्मिक जुड़ाव बाधित होता है, बल्कि पवित्र तीर्थयात्रा का व्यवसायीकरण होने का भी जोखिम है। यह भक्ति से ज़्यादा सुविधा को प्राथमिकता देता है और यात्रा को एक पवित्र प्रयास के बजाय सिर्फ़ एक पर्यटक गतिविधि बना देता है। इसके अलावा, रोपवे के निर्माण और संचालन से त्रिकुटा पहाड़ियों के प्राचीन पर्यावरण में पारिस्थितिकी तंत्र में गड़बड़ी हो सकती है, जिससे इस स्थल की पवित्रता और भी कम हो सकती है। आध्यात्मिक अनुभव को कमज़ोर करने वाले तकनीकी समाधानों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, हमें ट्रेक के लिए मौजूदा बुनियादी ढाँचे को बेहतर बनाने में निवेश करना चाहिए। बेहतर पैदल पथ, आराम करने की जगह, चिकित्सा सुविधाएँ और स्वच्छता यह सुनिश्चित कर सकती है कि बुज़ुर्गों और दिव्यांगों सहित भक्त गरिमा और सहजता के साथ यात्रा पूरी कर सकें। कटरा और वैष्णो देवी तीर्थयात्रा की पवित्रता को बनाए रखना चाहिए। आइए हम अपनी परंपराओं का सम्मान करें और इस पवित्र स्थल के आध्यात्मिक और पारिस्थितिक संतुलन की रक्षा करें। पैदल यात्रा, अपनी सादगी और पवित्रता में, दिव्य माँ को श्रद्धांजलि है और सनातन धर्म का एक अविभाज्य हिस्सा है। आइए हम उस सार को न खोएँ जो इस यात्रा को इतना पवित्र बनाता है। जय माता दी! राहुल देव सिंह
@anshulkumar-lm4rv2 күн бұрын
जिसको पैदल जाना है वो तो पैदल ही जाएगा रोप वे से कितने यात्री जा पाएंगे मान लो 5हजार प्रतिदिन लेकिन वैष्णो देवी धाम में तो प्रतिदिन 50हजार यात्री आते है धाम में तो पहले से ही बैटरी कार और हेलीकॉप्टर सेवा में है कितने लोग जा पाएंगे भाई 50हजार भक्त जाते है कितना रोप वे सम्भाल पाएगा
@aarusarora86473 күн бұрын
Jay Mata Di 🌷
@ankursethi12953 күн бұрын
Wow wonderful gud job
@krishnapassi59293 күн бұрын
JAI MATA DI
@govindtiwari19103 күн бұрын
Jai mata di 🙏
@Tweensasni3 күн бұрын
रोपवे नही लगना चाहिए 😢😢
@iHearRadio-013 күн бұрын
Bhai koi bta sakta hai ki rasta khula hai ki nhi Buses chal rhi hai ki nhi ?
@susheelIndian3 күн бұрын
*Who is LG to decide our Religious Faith ??* *Wo 1 Din, 1 Mahine, 1 Saal ke baad transfer ho jayega. We are habitats and domicile of this region.* *Development should be focused around us keeping and safeguarding Religious Santity of Shri Mata Vaishno Devi Traditional and Holy Track only.* *Stop this Nonsense of Tarakot once for all and focus on Traditional Track and Katra Town. Shrine Board is not owner of our Kul Devi, Our Chief Diety of this Area. He is just caretaker and here to maintain the Traditional and Religious Santity of Holy Yatra.* *Don't Ever Try To Make It Tourist Spot for Recreation, It is only Holy Pilgrimage Of Our Diety Maa Vaishno Devi Ji 🚩🚩🚩🚩*
Ropeway nahi banana chahiye ke koi picnic spot nahi ha yatra ki pavitrta baney rakhni chahiye
@ArtiSharma-vf4dx3 күн бұрын
Requesting Govt. dont make it a picnic spot this is a holy tirthsthal iski garima kripa ker k banai aur ropeway bandh kerein dont make it your source of income, when you already have more than enough no. of toll plaza's installed on road under construction roads between roads under 60 km radius and roads which are not just roads so please leave atleast mataji holy shrine for local people to have their liveli hood as it since long long ago please stop ropeway
@farooqlone3963Күн бұрын
No ropeway
@Stydentinfo3703 күн бұрын
J&k hmara hai,ye bihari apni marzi kr rha hai,lgta hai apna balidan dene ki baari aa gyi hai,