Sir aap physics padhate nahi hain balki physics ko Mind me feel kara dete hain ❤
@BageshwarDham88282 ай бұрын
राधे राधे sir Ji thanks
@ksgamerz54102 ай бұрын
Amazing class sir😊😊
@Mayank-qq4hnАй бұрын
You are amazing sir 🥰...❤❤❤
@Shiva_gupta912 ай бұрын
Best of best teacher for physics ❤❤ (Jeetu sir)
@jay-shree-ram122 ай бұрын
Bahut bahut dhanyavaad sir ji
@Aditya-kushwah-052 ай бұрын
Jay shree Ram guru ji 🙏🙏
@NikhilGupta-nl1ok2 ай бұрын
Maja aa gayaaaa
@Radhikakori-v1g2 ай бұрын
Nice class sir ❤❤😊
@Story_Wala_0.229 күн бұрын
👍
@princei100x14 күн бұрын
rock N' roll stady
@sherarawat3089Ай бұрын
Thaks
@AnjaliMaurya-ty7cs2 ай бұрын
Sir behad sundar raha class thank you sir 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
@RajThakur-ye2jnАй бұрын
Hii
@RajThakur-ye2jnАй бұрын
Hello
@amanchandrol3396Ай бұрын
Thanku sir for these smooth explaining
@AmritGupta-ko8lm2 ай бұрын
Thank you sir 🙏 ☺️ 😊😊🎉🎉
@RajnishKumar-i9l7k28 күн бұрын
Nice bench sir
@IndianGaming-nc9kl2 ай бұрын
Hooo
@Akshanh112 ай бұрын
HERE SOME MORE INFORMATION ABOUT NUCLEAR FUSION...हाइड्रोजन के दो नाभिकों (प्रोटॉन) के मिलकर हीलियम बनाने की प्रक्रिया को **नाभिकीय संलयन** (nuclear fusion) कहते हैं। यह प्रक्रिया तारों के केंद्र में होती है, जैसे कि हमारे सूर्य में, जहां तापमान और दबाव बेहद उच्च होते हैं। इसे समझने के लिए यहां एक सरल व्याख्या दी गई है: 1. **प्रारंभिक हाइड्रोजन नाभिक (प्रोटॉन):** तारों में, हाइड्रोजन के नाभिक (जो केवल प्रोटॉन होते हैं) अत्यधिक तापमान और दबाव के कारण बहुत तेज गति से चलते हैं। 2. **संलयन प्रक्रिया:** जब दो प्रोटॉन बहुत अधिक ऊर्जा के साथ टकराते हैं, तो वे अपनी प्राकृतिक प्रतिकर्षण (क्योंकि दोनों का सकारात्मक आवेश होता है) को पार कर सकते हैं और आपस में जुड़ सकते हैं। 3. **ड्यूटेरियम का निर्माण:** प्रारंभ में, दो प्रोटॉन मिलकर ड्यूटेरियम नामक एक नाभिक बनाते हैं, जो एक प्रोटॉन और एक न्यूट्रॉन से मिलकर बना होता है। इस प्रक्रिया में, एक प्रोटॉन न्यूट्रॉन में बदल जाता है और एक पॉजिट्रॉन (सकारात्मक इलेक्ट्रॉन) और एक न्यूट्रिनो छोड़ता है। 4. **हेलियम-3 का निर्माण:** इसके बाद, ड्यूटेरियम नाभिक एक अन्य प्रोटॉन के साथ मिलकर हेलियम-3 नामक नाभिक बनाता है, जिसमें दो प्रोटॉन और एक न्यूट्रॉन होते हैं। 5. **हेलियम-4 का निर्माण:** अंत में, दो हेलियम-3 नाभिक आपस में टकराकर हेलियम-4 नाभिक का निर्माण करते हैं (जिसमें दो प्रोटॉन और दो न्यूट्रॉन होते हैं) और दो प्रोटॉन छोड़ते हैं। इस पूरी श्रृंखला को **प्रोटॉन-प्रोटॉन चेन रिएक्शन** कहा जाता है, जो सूर्य जैसे तारों में प्रमुख संलयन प्रक्रिया है। इन प्रक्रियाओं के दौरान जो ऊर्जा निकलती है, वह तारे को शक्ति देती है और प्रकाश और गर्मी उत्पन्न करती है। यह ऊर्जा इस तथ्य से आती है कि अंत में बनने वाले हेलियम नाभिक का द्रव्यमान, प्रारंभिक हाइड्रोजन नाभिकों के कुल द्रव्यमान से थोड़ा कम होता है। आइंस्टीन के समीकरण \(E = mc^2\) के अनुसार, यह खोया हुआ द्रव्यमान ऊर्जा में बदल जाता है।