Man jot svrup Aatma ki chetnta se he vse man tet he he kyo ki man 49tet se bana he Sahib kabir ne kaha he
@aparokshanubhuti.ratishanand9 күн бұрын
ॐ
@ManojGupta-hm1gc20 күн бұрын
गुरु जी प्रणाम मन एक स्थाई स्वरुप है मन सबका एक है मन विचरण करता है एक करेंट की तरह पारदर्शी है आमंत्रित करते रहता है मन एक शांति का प्रतीक है मन क्या कहता समझे यह हर एक किसी मनुष्य के सोच विचार से उत्पत्ति होती रहती है जैसे समझे अगर साथ में तीन चार मनुष्य बात करते रहते है तो जो भी इनकी उनकी बातें करते है और जो सोचते वही कहते है यहां मन का क्या काम मन गंदी विचारों से निकलता है हर किसी को मन सकारात्मक विचार प्रस्तुति करता नकारात्मक से दूर रखता है दुर्भाग्य है मन को बदनाम किया जा रहा है इसी लिए किसी को भगवान नहीं दिखते है यही कारण है कोई अपने सोच से काम नहीं करता है मन को लगा देता है जैसे इंसान बैठा है वह उठ नहीं सकता है जब तक मन को नही आकर्षित करता है यही सत्य है जिसकी जैसी सोच विचार यह आत्माध्यात्मिक विषय है गलत लगे तो छमा करे