श्री ज्ञानेश्वरीतील सद्गुरू स्तवन (भाग १) - ह.भ.प. श्रीचैतन्यमहाराज देगलूरकर सद्गुरू श्री गुंडामहाराज देगलूरकर द्विशताब्दी पुण्यमहोत्सव
Пікірлер: 26
@aratir95652 ай бұрын
🙏 रामकृष्ण हरी माऊली 🙏
@rameshdeshmukh6417 Жыл бұрын
अत्यंत सुंदर विचारांची मांडणी शब्दाची पेरणी.अती सुंदर हृदयाला भिडणारी आहे
@shubhangishigam71952 жыл бұрын
राम कृष्ण हरी माऊली
@shubhangishigam71952 жыл бұрын
१ जय जय राम कृष्ण हरी २ जय जय राम कृष्ण हरी ३ जय जय राम कृष्ण हरी ४ जय जय राम कृष्ण हरी ५ जय जय राम कृष्ण हरी ६ जय जय राम कृष्ण हरी ७ जय जय राम कृष्ण हरी ८ जय जय राम कृष्ण हरी ९ जय जय राम कृष्ण हरी १० जय जय राम कृष्ण हरी ११ जय जय राम कृष्ण हरी १२ जय जय राम कृष्ण हरी १३ जय जय राम कृष्ण हरी १४ जय जय राम कृष्ण हरी १५ जय जय राम कृष्ण हरी १६ जय जय राम कृष्ण हरी १७ जय जय राम कृष्ण हरी १८ जय जय राम कृष्ण हरी १९ जय जय राम कृष्ण हरी २० जय जय राम कृष्ण हरी २१ जय जय राम कृष्ण हरी २२ जय जय राम कृष्ण हरी २३ जय जय राम कृष्ण हरी २४ जय जय राम कृष्ण हरी २५ जय जय राम कृष्ण हरी २६ जय जय राम कृष्ण हरी २७ जय जय राम कृष्ण हरी २८ जय जय राम कृष्ण हरी २९ जय जय राम कृष्ण हरी ३० जय जय राम कृष्ण हरी ३१ जय जय राम कृष्ण हरी ३२ जय जय राम कृष्ण हरी ३३ जय जय राम कृष्ण हरी ३४ जय जय राम कृष्ण हरी ३५ जय जय राम कृष्ण हरी ३६ जय जय राम कृष्ण हरी ३७ जय जय राम कृष्ण हरी ३८ जय जय राम कृष्ण हरी ३९ जय जय राम कृष्ण हरी ४० जय जय राम कृष्ण हरी ४१ जय जय राम कृष्ण हरी ४२ जय जय राम कृष्ण हरी ४३ जय जय राम कृष्ण हरी ४४ जय जय राम कृष्ण हरी ४५ जय जय राम कृष्ण हरी ४६ जय जय राम कृष्ण हरी ४७ जय जय राम कृष्ण हरी ४८ जय जय राम कृष्ण हरी ४९ जय जय राम कृष्ण हरी ५० जय जय राम कृष्ण हरी ५१ जय जय राम कृष्ण हरी ५२ जय जय राम कृष्ण हरी ५३ जय जय राम कृष्ण हरी ५४ जय जय राम कृष्ण हरी ५५ जय जय राम कृष्ण हरी ५६ जय जय राम कृष्ण हरी ५७ जय जय राम कृष्ण हरी ५८ जय जय राम कृष्ण हरी ५९ जय जय राम कृष्ण हरी ६० जय जय राम कृष्ण हरी ६१ जय जय राम कृष्ण हरी ६२ जय जय राम कृष्ण हरी ६३ जय जय राम कृष्ण हरी ६४ जय जय राम कृष्ण हरी ६५ जय जय राम कृष्ण हरी ६६ जय जय राम कृष्ण हरी ६७ जय जय राम कृष्ण हरी ६८ जय जय राम कृष्ण हरी ६९ जय जय राम कृष्ण हरी ७० जय जय राम कृष्ण हरी ७१ जय जय राम कृष्ण हरी ७२ जय जय राम कृष्ण हरी ७३ जय जय राम कृष्ण हरी ७४ जय जय राम कृष्ण हरी ७५ जय जय राम कृष्ण हरी ७६ जय जय राम कृष्ण हरी ७७ जय जय राम कृष्ण हरी ७८ जय जय राम कृष्ण हरी ७९ जय जय राम कृष्ण हरी ८० जय जय राम कृष्ण हरी ८१ जय जय राम कृष्ण हरी ८२ जय जय राम कृष्ण हरी ८३ जय जय राम कृष्ण हरी ८४ जय जय राम कृष्ण हरी ८५ जय जय राम कृष्ण हरी ८६ जय जय राम कृष्ण हरी ८७ जय जय राम कृष्ण हरी ८८ जय जय राम कृष्ण हरी ८९ जय जय राम कृष्ण हरी ९० जय जय राम कृष्ण हरी ९१ जय जय राम कृष्ण हरी ९२ जय जय राम कृष्ण हरी ९३ जय जय राम कृष्ण हरी ९४ जय जय राम कृष्ण हरी ९५ जय जय राम कृष्ण हरी ९६ जय जय राम कृष्ण हरी ९७ जय जय राम कृष्ण हरी ९८ जय जय राम कृष्ण हरी ९९ जय जय राम कृष्ण हरी १०० जय जय राम कृष्ण हरी १०१ जय जय राम कृष्ण हरी १०२ जय जय राम कृष्ण हरी १०३ जय जय राम कृष्ण हरी १०४ जय जय राम कृष्ण हरी १०५ जय जय राम कृष्ण हरी १०६ जय जय राम कृष्ण हरी १०७ जय जय राम कृष्ण हरी१०८ जय जय राम कृष्ण हरी
@rameshlahane30355 жыл бұрын
वारकरी सांप्रदायला आज आशा महात्माची गरज आहे
@nitinthanekar99555 жыл бұрын
माऊली खरच खूप सुंद रमाऊली
@user-os2yy4qh1q3 жыл бұрын
श्रीगुरु चैतन्य महाराज देगलूरकर यांचे विचार सागर ग्रंथावरील चिंतन असल्यास प्रसिद्ध करावीत ही विनंती.
@sandeepnarayanpure99023 жыл бұрын
Milel paha yutube varti
@user-os2yy4qh1q3 жыл бұрын
@@sandeepnarayanpure9902 नाही आहेत
@mayurpatil85705 жыл бұрын
वाचा बोलो वेदनीती ।करु संती केले ते। असे असणारे गुरुवर्य चैतन्य महाराज
Super pravchan I like it really it's too good I am so happy when I got this video. ..
@anantkulkarni43596 жыл бұрын
Maje Guru Dhunda Maharaj yacnche charani trivar Dandvat.
@SunilSonawaneNILIMBERIPHOTO6 жыл бұрын
माऊली खरच खूप सुंदर
@subhashbhaik38966 жыл бұрын
जय हरी
@renukaamarnarode39146 жыл бұрын
साक्षत ब्रम्ह....💐💐
@ovhal578766 жыл бұрын
🙏🙏🌹🌹आत्मा मालिक🌹🌹🙏🙏
@mayurkhamkar38645 жыл бұрын
रामकृष्ण हारी.
@ulhasdharne24324 жыл бұрын
माउली, जय हरि, अत्यंत ओघवत्या व रसाळ वाणीतील प्रवचनाने तृप्त झालो.
@rameshwardatar63075 жыл бұрын
राम कृष्ण हरि
@ashokpawar41075 жыл бұрын
Rameshwar Datar प्रवचन फारच गले
@ashokpawar41075 жыл бұрын
Rameshwar Datar प्रवचन चागले आहे लोकांचा यांचा फारच फायदा zhala आहे
@arvindkulkarni71053 жыл бұрын
राम कृष्ण हरी सद्गुरू तत्व अपार आहे. अनिर्वचनिय आहे.सर्व सामान्य लोकांसाठी हे स्तवन व्यक्त करणारी अदभुत दिव्य भाषा नसते त्यामुळे.त्या अव्यक्त प्रेमाची पुर्ती संत वचनानी होते. परंतु संत वचनाचा आशय समजण्या साठी आपणा सारख्या अधिकारी सत्पुरुष आणि सद्गुरू तत्वाच्या महनीय व्यक्ती आवश्यक असते केवळ अदभुत, अप्रतिम आणि वंदनीय निरूपण. माऊली आदरपूर्वक नमस्कार. अरविंद कुलकर्णी सोयगाव