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मैं कवि दामोदर दाधीच कवि श्री भंवर जी भंवर जो कि आज हमारे बीच नहीं है आज उनका देवलोक गमन हुए 8 दिन हो गए हैं मैं उनको उन्हीं के शब्दों में श्रद्धांजलि स्वरूप चार पंक्तियां दे रहा हूं आप सभी भंवर जी भंवर को श्रद्धांजलि दें ईश्वर उन्हें अपने निजी चरणों में स्थान दें। वह एक सहज सरल सच्चे व्यक्तित्व के धनी थे जो व्यक्ति भंवर जी से एक बार मिला वह उनका ही होकर रह गया उनके मीठे मीठे गीत हमेशा हम सबकी जुबान पर रहेंगे भले ही वह सशरीर हमारे समक्ष ना हो लेकिन उनके काव्यांजलि सदैव हमें याद रहेगी उन्हें शत-शत नमन।
गया भंवर जी वे बाता रह गी, बाता है बड़ी ही रुपाली।
साहित्य डाल स्यू भंवर उडयो,कुण करसी बाग रुखाळी।।
कुशल चितेरा काव्य रुप का थे, अमर कर गया नाम।
सीधा सांचा कवि श्रेष्ठ न, करु बारम्बार बार प्रणाम।।
नाम भंवर गोविंद पूरा म , ब्राह्मण खाण्डल कुल अवतारी।
पिता आप का बालूराम जी, ओर कान्ही देवी महतारी।।
राजस्थानी कविताई में ,कवियां का सीरमोर ।
कविता सोरम आपकी, बिखरी चयारु ओर।।
आकाशवाणी दूरदर्शन और ,अ.भा.कवि सम्मेलन मंच।
राजस्थानी मायड़ भाषा का थे हा , सांचा साधक सन्त।।
बार बार आशीष मिला मुझे,मिला खूब ही दर्शन लाभ
मधुर मिलन अब आपका,रह गया कोरा ख्वाब।।
छपि किताबा मोकळी ,ज्याका घणा सातरा नाम।
थाका मीठा मीठा गीता ने, आज याद करे आवाम।।
धिन धरती राजस्थानी,अर विरहण को बेरी स्याळो
चोरों से चोकिदार मिले,अर भारत को राम रुखाळो
भजन सुदामा कृष्ण का ,अर भजन राम बनवास।
कथा श्री परशुराम जी, अर मां करणी इतिहास।।
भंवर काव्य पुष्पांजलि अर,भजनामृत की सरीता।
भंवरgभंवर की उमर बीत गई,काव्य सुधा रस पीता
भावपूर्ण काव्यांजलि आपका शब्दा,म ल्यायो आज समेट।
सादर चरणा में श्रृद्धांजलि में आपके, करु भंवर जी भेंट।।
कवि दामोदर दाधीच
राजस्थानी गीतकार 9166363000