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'राष्ट्रीय मुद्दे' जिसमें आज हम बात करेंगे अल्पसंख्यक अधिकारों की। कौन हैं अल्पसंख्यक? अल्पसंख्यक की परिभाषा क्या है और इसके निर्धारण का बेंच मार्क क्या है? हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने अल्पसंख्यकों के निर्धारण के संबंध में केंद्र की 26 साल पुरानी एक अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने स्पष्ट किया कि किसी भी समूह को अल्पसंख्यक का दर्जा देने के लिए धर्म को भारतीय संदर्भ में देखा जाना चाहिए। अभी तक, भाषाई अल्पसंख्यकों की पहचान राज्यवार की जाती है, और इसका निर्धारण राज्य सरकार द्वारा किया जाता है, जबकि धार्मिक अल्पसंख्यकों का निर्धारण केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है।इसके अलावा केंद्र सरकार ने एक राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NCM) की स्थापना की है। देश के हर इलाके में रह रहे सभी अल्पसंख्यकों को उनकी भाषा, लिपि तथा संस्कृति के संरक्षण का अधिकार है। साथ ही संविधान ऐसा निर्देश भी देता है कि सभी अल्पसंख्यकों को यह अधिकार है कि वे देश के किसी भी इलाके में अपनी इच्छानुसार कोई भी शैक्षिक संस्थान खोलने के लिए स्वतंत्र हैं और किसी भी धार्मिक, भाषायी व सामुदायिक अल्पसंख्यक द्वारा स्थापित शैक्षिक संस्थानों को राज्य द्वारा अनुदान प्रदान करने में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाएगा।
ANCHOR: क़ुरबान अली
GUESTS: डा. नरेश चंद्र सक्सेना, पूर्व सचिव योजना आयोग
प्रो. सुब्रता मुखर्जी, राजनीति विज्ञान के जानकार
PRODUCTION: ASHUTOSH MISHRA
REPORT: KESHARI PANDEY
GRAPHICS: PANKAJ JAIN
EDITOR: IMRAN KHAN