कितने सटीक तरीके से अपने विचारों को अभिव्यक्त करते हैं अजय जी। बहुत कुछ स्पष्ट होता चलता है। समृद्ध करता साक्षात्कार है यह।
@rupindersoz37812 ай бұрын
निशब्द हूँ- इतने अच्छे साक्षात्कार को सुन के कमेंट करने में । अंजुम जी आपको सटीक सवाल और हाज़िर जवाबी कमाल है । अजय तिवारी जी का ज्ञान से बहुत प्रभावित हूँ। सनातन का अर्थ परिवर्तन के साथ बने रहने से भी है - वाहहहह
@kamleshchourasia556610 күн бұрын
बहुत जानकारी और सार्थक वार्तालाप
@harishsamyak24132 ай бұрын
बहुत बढ़िया संवाद,बहुत कुछ पढ़ने की प्रेरणा मिली, ऐसी विद्वतापूर्ण बैठक पर सौ सौ जन वारिये ।
@Dp30-e1q2 ай бұрын
पूरा साक्षात्कार बहुत ही ज्ञानवर्धक रहा। तिवारी जी ने सभी सवालों का ईमानदारी से माकूल जवाब दिया। उनकी अगली पुस्तकों की प्रतीक्षा रहेगी।
@गौरवतिवारी-ष5थ2 ай бұрын
अजय सर को प्रणाम। मैं आपकी अनेक बातों से असहमत होते हुए भी आपका प्रशंसक रहा हूं। विद्वता, विचारों की स्पष्टता और साफगोई से भरे इस साक्षात्कार के लिए आपको बधाई।
@rahulpandey77962 ай бұрын
प्रो अजय सर उम्दा लेखक,अध्ययनशील व्यक्तित्व,प्रमुख आलोचक और बड़े हृदय के इंसान हैं।ऐसे प्रो अब कम ही यूनिवर्सिटी में दिखते हैं।
@yatindragarg332 ай бұрын
अत्यंत सारगर्भित एवं विद्वतापूर्ण साक्षात्कार प्रो अजय तिवारी जी ।
@gangadhardhoke62582 ай бұрын
बेहतरीन साक्षात्कार । अंजुम जी ने इस साक्षात्कार में साहित्य से सम्बद्ध प्रश्नों को अधिक समय देकर साक्षात्कार को महत्वपूर्ण बना दिया है । शुक्रिया
@mahajbeenjmi78022 ай бұрын
बहुत सार्थक और विचारशील जानकारी पूर्ण साक्षात्कार रहा सर के साथ। सर का स्वास्थ्य और सक्रियता बनी रहे शुभकामनाएं ❤
@namitasachanАй бұрын
सनातन है परिवर्तन के साथ बने रहना....वाह। अतीत से भविष्य में गति
@prabhakarpandey54302 ай бұрын
बहुत शानदार साक्षात्कार 👌👌
@abhimanyu.tiwari.14012 ай бұрын
बहुत शानदार बातचीत हुईं 🎉🎉 बहुत कुछ सीखने और समझने को मिला। अब तक का सबसे बेहतर संगत ❤❤❤❤❤❤❤
@divyasuhag51642 ай бұрын
आपकी जीवटता और पुरुषार्थ को नमन है आदरणीय🙏🌹
@gulabsingh57442 ай бұрын
अजय सर के योग्य निर्देशन में मैंने एम फिल किया। पी-एच डी का विषय तय करने से लेकर उसमें अहम योगदान करने में आपकी भूमिका इसके लिए मैं आपका कृतज्ञ हूँ! आपका सहृदय और छात्रों से घुलना मिलने की प्रवृति का होना आपके व्यक्तिगत नुकसान का कारण बना!
@Dr.VimleshTripathiInitiatives2 ай бұрын
आपको सलाम है सर।
@shashankshukla24102 ай бұрын
अजय तिवारी की नागार्जुन वाली पुस्तक महत्वपूर्ण है.
@pritiprakashprajapati2 ай бұрын
बहुत दिनों के बाद एक स्पष्ट, बेबाक़ और ईमानदार साक्षात्कार का आनंद मिला। सर, आपकी जिजीविषा, साहस और कर्म चेतना को सादर नमन।
@नास्तिककीकलमसे-ब8ड2 ай бұрын
😂
@shinys5752 ай бұрын
😂
@mahajbeenjmi78022 ай бұрын
बहुत सुंदर बातचीत सर के साथ ❤
@bhagwanpdsinha11422 ай бұрын
आपके स्वस्थ रहने और दीर्घ जीवन की कामना करता हूँ
@pradeepmishrapoet2 ай бұрын
अजय तिवारी इस समय हिन्दी आलोचना के सुलझे और वैज्ञानिक चिंतन से समृद्ध आलोचकों में शिखर पर हैं। हिन्दवी को इस सार्थक आयोजन के लिए बधाई। इस वीडियो के कमेंट्स में भी लोगों ने व्यक्तिगत टिप्पणी की है। यह भगतों जैसी टिप्पणी है। जो विवेकहीनता का परिचय देती है।
@akhileshakhil45852 ай бұрын
जानकारी से भरा। तिवारी जी भी असग़र वजाहत की तरह हाथ मलते हुए बात कर रहे हैं।
@priyambdapandey58802 ай бұрын
ऐसे षड्यंत्र आम हो गए हैं अब। स्वयं सही होना मनुष्य को मजबूत करते हुए संघर्ष की शक्ति देता है। आपको प्रणाम। 🙏
@narayanmishra13292 ай бұрын
शम शेर कभी बाँदा नहीं आये।
@NasreenHaider72 ай бұрын
अंजुम सर ! प्रो. जगदीश्वर चतुर्वेदी जी के साथ भी एक संगत करें ।
@dr.chaitalisinha63522 ай бұрын
अजय सर को मेरा प्रणाम. यह सच है कि जब आपका यश और प्रभाव बढ़ने लगता है दुनिया में आपके शत्रु भी स्वतः पैदा हो जाते हैं. सर के बारे में कौन क्या कहते हैं उसपर तो कोई कुछ नहीं कह सकता लेकिन सर एक अच्छे और बेहतरीन शिक्षक रहे हैं इसे गर्व से कह सकती हूं. आपने हमें राम की शक्ति पूजा को जिस उदात्त भाव से पढ़ाया है उसकी स्मृतियाँ आज भी भूले नहीं हैं. निराला आपके भीतर रचे-बसे थे और हैं भी. मुझे याद है एम. ए. आप किस तरह हमें बेटा के अतिरिक्त और किसी सम्बोधन से नहीं बुलाते थे. आप सृजनरत रहें, स्वस्थ रहें मेरी यही शुभेच्छा है आपके लिए.
@ravishanker96722 ай бұрын
साहित्य का सरल और to the point man
@bhagwanpdsinha11422 ай бұрын
आपके आख़िरी प्रश्न के उत्तर ने मुझे बहुत सुक़ून दिया. किंतु मलाल पैदा हुआ कि आपकी साहित्यिक प्रतिभा के दौड़ पथ पर अवरोध पैदा कर साहित्य व समाज का नुकसान हुआ
@jawedjahadpoetry12672 ай бұрын
Bahut shaandaar🎉
@sumanikasethi54522 ай бұрын
मुझे तो इस साक्षात्कार में आपकी अदालत वाले कार्यक्रम की झलक लगी।
@hamariaavaazshashibhooshan2262 ай бұрын
"हनुमान की प्रशंसा में लिखी गयी कविता है, राम की शक्ति पूजा।" • अजय तिवारी (36'.30'', हिंदवी संगत, 86) इस स्थापना के आगे 'संगत' सुनना न हो सका। बकौल अंजुम शर्मा बेहद बेहद बेहद लोकप्रिय (अध्यापक) प्रोफ़ेसर की उपर्युक्त स्थापना ही समझने में लगा हूँ। सफलता मिल नहीं रही। इस स्थापना के पीछे तर्क और तथ्य क्या-क्या हैं? अगर आपने 'राम की शक्तिपूजा' पढ़ी हो, तो इस नवीन स्थापना को समझ पाने में मेरी सहायता करें। आभारी रहूँगा। शशिभूषण
@dr.m.k.pandey48942 ай бұрын
विद्वान शिक्षक का शानदार इंटरव्यू
@radheshyamsharma20262 ай бұрын
कितना कठिन है साहित्य और संस्कृति को समझना
@literature_Hindi_Sahity2 ай бұрын
अंजुम जी! मुश्ताक़ अली सर क़ो बुलाइये.
@agnishekhar47802 ай бұрын
विद्वतापूर्ण साक्षात्कार सुनना एक पूरी पुस्तक पढ़ने जैसा अनुभव रहा..कुछ असहमतियों की स्पेस छोड़ने के बाद भी अजय तिवारी जी आश्वस्ति की तरह हैं..अंजुम शर्मा की तैयारी और प्रस्तुति दाद देने लायक है.. एक ही सिटिंग में सुना..बधई
@shantanudwivedi98152 ай бұрын
❤❤❤
@livefully19592 ай бұрын
हिंदवी ,अंजुमजी कृपा करके पुस्तकाकार निकालिए
@ashokseth24262 ай бұрын
एक लड़की ने आपका विरोध किया उस लड़की के संघर्ष को सलाम
@priyambdapandey58802 ай бұрын
लोकप्रिय लोगों को लोग रहने ही नहीं देते।
@sudhirsingh26892 ай бұрын
2011 में केदार नाथ अग्रवाल की जन्मशती पर एक महत्वपूर्ण संकलन एक लम्बी भूमिका के साथ साहित्य भंडार से दूधनाथ सिंह के संपादन में आया। नाम है - ' ओट में खड़ा मै बोलता हूं ' । इसका विमोचन भी केदार जी घर में (बांदा ) हुआ। यह किताब आपके संज्ञान में नहीं आई अजय जी। आपने केवल अपनी ही किताब गिनाई जो 1986 में स्व. शिव कुमार सहाय ने छापी थी। उसमे आपका कितना योगदान था , आप खुद ही जानते हैं। बहरहाल , आप धन्य हैं आपका धन्यवाद है।।
@narayanmishra13292 ай бұрын
अजय जी 1986 मेंराम विलास जी की पुस्तक " प्रगति शील काव्य धारा और केदार नाथ अग्रवाल " जिसका विमोचन हुआ था। जिसके संयोजक आप थे। इस पुस्तक में 6 लेख हैं। जो राम विलास जी के हैं।
@narayanmishra13292 ай бұрын
19981 में राम विलास जी की पुस्तक " भाषा, युग बोध और कविता " का प्रकाशन हुआ था। उसमें " केदार नाथ अग्रवाल " शीर्षक से है जो उन्होंने 1947 में लिखा था। इसी में एक लेख और शामिल है जो उन्होंने 1970 में लिखा था। जबकि आप इस बातचीत में कह रहे हैं कि राम विलास जी ने केदार नाथ अग्रवाल पर एक लेख था।
@AnujKartik2 ай бұрын
गुरुजी आज के समय में हिंदी के बचे हुए प्रबुद्ध चिंतकों में से एक हैं।
@prakashchandra692 ай бұрын
हिन्दी के, हिन्दी समाज के या हिन्दी साहित्य के?
@Dr.BhaskarKarn2 ай бұрын
इस साक्षात्कार को बहुत पहले आ जाना चाहिए था। बहरहाल ... देर लाए दुरुस्त लाए।
@rajeevkumar-tp4qh2 ай бұрын
आपके द्वारा निराला पर लिखी जा रही है पुस्तक की प्रतीक्षा रहेगी
@ravishanker96722 ай бұрын
सनातन धर्म महान परंपरा और अजय जी उसके लिए डट गए /पीठ नहीं दिखाई/गर्व है
@shinys5752 ай бұрын
निराला सम्मान देने वाले उनके परिवार को पता नहीं होगा क्या विष्णु नागर जी का लेखन ? या सिर्फ इन्हें ही पता है ?
@narayanmishra13292 ай бұрын
केदार सम्मान में केवल राम विलास जी केदार के यहाँ रुके थे।
@priyambdapandey58802 ай бұрын
कब से प्रतीक्षा थी इस साक्षात्कार की।
@kamladutt9114Ай бұрын
Anjum he is more evolved face of left we should listen to him why do we forget left i mean so called left supported Mrs. Gandhi in emergency left needs to grow they are struck in old ideology Stalin their hero may be Putin too creativity jumbled with left ideology is not lit it has to be integral part of it not propaganda Ajay Tiwari makes sense aim not part of lit world just enjoy your interviews thanks for good interview regards kamla dutt
@RekhaKumari-vg6nqАй бұрын
Emergency ka samarthan...hi inki abhivyakti ki swatantra hai aur Stalin ka samarthan Inka manavtavad hai😅
@dr.m.k.pandey48942 ай бұрын
प्रो रमेश गौतम जी ने वामपंथ का चोला पहना आपकी वजह से ? उसी बैच का मैं स्टूडेंट हूँ नाटक में वैसा कोई नाम यहाँ नहीं था बहरहाल पत्राचार में ज़रूर था । खैर छोड़िए आदरणीय गुरुवर बस यही समस्या है कि निरपेक्ष व्यक्ति वामपंथ को पसंद नहीं आता बहरहाल आप आदरणीय हैं।
@ravishanker96722 ай бұрын
दरवेश क्रांतिचेता
@bhagwanpdsinha11422 ай бұрын
मुज़फ़्फ़र अहमद की धारा की स्थापना लंदन में नहीं ताशकंद में एम एन राय के द्वारा हुई थी .
@suryanarayan8922 ай бұрын
निराला सम्मान वाले विवाद को लेकर आपका जवाब संतुष्ट करने वाला नहीं है।
@Kmesh--14252 ай бұрын
ऐसे समझें कि क्या प्रेमचंद के नाम से कोई सम्मान किसी पूंजीवादी व्यवस्था के समर्थक को देना चाहिए?
@mukeshkumarpandey602 ай бұрын
.. P 1:01:50 😅😅
@amitkumar-tx6zb2 ай бұрын
Rajesh kushwaha ji pichhle interview me kya personality hain...
@subhashsharma74092 ай бұрын
यह लेखक भी वाम पंथ के एक नमूना हैं । वाम पंथ के मूल भाव छोड़ अपने निजी लाभ और मौजमस्ती के लिए मार्क्सवाद का मंत्र गढ़ते हैं।
@ashokseth24262 ай бұрын
दूसरा पक्ष सुने बिना अंजुम जी आपने अजय तिवारी जी को चरित्र प्रमाण पत्र कैसे दे दिया?
@RekhaKumari-vg6nqАй бұрын
Sanghi un logon se jyada manavtavadi ...naitik...aur yogya hain jinhone is sabda ko gali bana diya hai
@Kaushalkumar-qt1wc2 ай бұрын
तो आप मानते हैं, मार्क्सवादी बुद्धि से चलें तो केदार जी डेढ़ रचनाओं से अधिक के योग्य नहीं थे, 2011तक?
@j.p.singhonlytruth1322 ай бұрын
बाभन नहीं होते तो पता चलता
@ashokseth24262 ай бұрын
2011 में शोध छात्रा के यौन उत्पीड़न के लिए न्यायालय द्वारा दोषी ठहराए गए तिवारी जी आपका चरित्र बेदाग तो नहीं ही है
@saumitramohan18972 ай бұрын
ये जनाब ख़ुद ऐसे दोषों से घिरे हैं,लेकिन दूसरों को सर्टिफिकेट बांटते फिरते हैं।
@ravishanker96722 ай бұрын
है तो इंसान ही /पाब्लो नेरुदा पर अपनी नौकरानी के शोषण के आरोप है
@नास्तिककीकलमसे-ब8ड2 ай бұрын
@@ravishanker9672 वह आरोप नहीं है बल्कि नेरूदा ने उसे अपने संस्मरण में ख़ुद दर्ज़ किया था जोकि 1974 में छपा था।
@PrakashPatel-lo9tv2 ай бұрын
😂😂😂
@rashmithakur60952 ай бұрын
😅.
@j.p.singhonlytruth1322 ай бұрын
वामपंथ का अर्थ लम्पटता नहीं है
@ashokseth24262 ай бұрын
बड़ी बड़ी बातें पर ब्राह्मणवादी और स्त्री शोषक
@j.p.singhonlytruth1322 ай бұрын
यौन शोषण के आरोप में दिल्ली विवि से निकले गये थे ,अब इसी तरह पुन:स्थापित होने का असफल प्रयास कर रहे हैं
@rupakkumarb2 ай бұрын
अजय जी आप कौन सा कम्युनिस्ट है हनुमान तो सूर्य को निगल गया था। काल्पनिक पात्रों या बातों की बराई कर रहे हैं आप इतना ज्ञान अर्जन किए फिर भी आपका लॉजिक की ज्ञान कमी ही रह गया।