अंजुम जी ! कभी हमारे बनारस के ' ज्ञानेंद्रपति जी ' को भी शामिल कीजिए अपने कार्यक्रम में। बड़ा मज़ा आएगा। धन्यवाद !
@वी.पी.मुहम्मदकुंजमेत्तरकेरल4 ай бұрын
बहुत ही शानदार वार्तालाप। हार्दिक बधाई आप दोनों को!
@Navgeetdhara4 ай бұрын
इस साक्षात्कार के लिए आपको बहुत - बहुत बधाई अंजुम जी। संभवतः संगत का यह पहला साक्षात्कार था जिसमें आपने जन्म, शिक्षा, साहित्य में कैसे आए, फिर आलोचना में कैसे आ गए जैसे प्रश्न नहीं थे। पूरी चर्चा साहित्य पर केन्द्रित रही। इस दृष्टि से आपके सबसे खराब साक्षात्कारों में जगूड़ी जी का साक्षात्कार था। बहुत सारा समय व्यर्थ की बातों में चला गया। दरअसल डॉ विजय बहादुर सिंह जी का जीवन ही साहित्य केन्द्रित रहा है। इस चर्चा में न सिर्फ महत्वपूर्ण आलोचकों, साहित्यकारों का उल्लेख हुआ, बल्कि महत्वपूर्ण पुस्तकों का जिक्र भी आया। डाॅ विजय बहादुर सिंह जी की आलोचना प्रामाणिक आलोचना है। प्रामाणिक इस लिए कि उनमें किसी भी तरह की वैचारिक जड़ता नहीं है। वे बहुत संकोच के साथ न बोलते हैं और न संकोच के साथ लिखते हैं। उनका पूरा व्यक्तित्व ही बहुत खरा और खुलकर कहने वाला व्यक्तित्व है। उनके पास बैठने के बाद जब उठते हैं, तबतक बैठने वाले के विचारों में कुछ न कुछ अवश्य जुड़ चुका होता है। यह मैने हर बार अनुभव किया है। आपने भी किया ही होगा। यह साक्षात्कार बिल्कुल साहित्य केन्द्रित था, तो इसमें तो बहुत कुछ मिलना ही था। विजय बहादुर सिंह जी पर ही साक्षात्कारों की एक लम्बी श्रृंखला की जरूरत है, जिसमें साहित्य की समस्याओं पर कई प्रश्न खुल सकते हैं। अभी कविता की आलोचना बहुत संकुचित दायरे में सिमट चुकी है। कह सकते हैं कि एक खेमें में रह गई है। जैसे डाॅक्टर साहब ने जे एन यू का जिक्र कर ही दिया है। और यह मैनेजर पाण्डेय भी महसूस करते हैं, तभी तो वे कहते हैं कि आचार्य नंददुलारे बाजपेई जे एन यू में नहीं थे, इसलिए नहीं पढ़ा। दरअसल कविता की आलोचना को बहुत संकुचित कर देने में जे एन यू से निकले और देश भर के महाविद्यालयों में पहुँचे प्राध्यापकों , कवियों, आलोचकों के समूह का रहा है। जे एन यू के विद्यार्थी ज्यादातर एक विचारधारा और दृष्टि की जड़ता से ग्रसित रहे हैं। उनकी स्वतंत्र दृष्टि विकसित हुई हो, ऐसा कम देखने में आता है। जबकि अन्य विश्वविद्यालयों को देखें तो प्रायः शिष्य की दृष्टि भी गुरू की ही अनुगामिनी हो, ऐसा कम हुआ है। आपको इस महत्वपूर्ण साक्षात्कार के लिए पुनः बधाई। राजा अवस्थी, कटनी
@rajendrarai19534 ай бұрын
उम्दा सवाल , बेबाक जवाब . संगत और भाई अंजुम शर्मा को साधुवाद ! - राजेंद्र चन्द्रकान्त राय
@sanjeevshukla95824 ай бұрын
बहुत ही रोचक और ज्ञानवर्धक साक्षात्कार। समृद्ध हुआ🙏🙏💐💐💐
@Swatantra-i1j4 ай бұрын
'विचारधारा रखना अच्छा है पर उसे रूढ़ नहीं होने देना चाहिए! ' अति उत्तम!
@ranendrakumar19694 ай бұрын
🍁🙏🍁आदरणीय विजय बहादुर सिंह जी को खूब मनोयोग से सुना , बहुत समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार उन का, खुल कर अपने को अभिव्यक्त करने के लिए । परम्परा की महत्ता से परिचय कराने और उसे गहराई से रेखांकित करने के लिए । सादर 🍁🙏🙏🍁
@harishsamyak24134 ай бұрын
अंजुम भाई आप बहुत अच्छे लोगों से मिला रहे हैं,ये उत्तम संवाद कहाँ इतनी सुलभता से मिल पाता है ।
@madhushukla8794 ай бұрын
प्रखरता आलोचक डॉक्टर विजय बहादुर सिंह को सुनना जैसे साहित्य की सुंदर बीथीयों और पगडण्डियों से गुजरना है. आदरणीय विजय बहादुर जी साहित्य का चलता फिरता विश्वविद्यालय हैं. बहुत शानदार साक्षात्कार! 🙏
@SaurabhiMishra-c9j4 ай бұрын
बहुत बहुत धन्यवाद सर आपका हर चीज़ का सोचने और समझने का अपना दृष्टिकोण देते,कई तरह की जिज्ञासा का उत्तर मिला। बेहद आभार 🙏🙏
@SumitKumar-xb4hs4 ай бұрын
हिंदवी का आभार भावी पीढ़ी के लिए एक अद्भुत उपहार का सृजन ❤
@subhashsharma72884 ай бұрын
4:20 डा. विजय बहादुर सिह ने बहुत स्पष्ट वक्ता है।खुलकर अपने विचार प्रस्तुत करते है। उन्होने काफी अध्ययन किया है और निष्पक्श बोलते और लिखते है।उनकी उदारता सराहनीय है।आज ऐसे आलोचको की जरूरत है जो मुद्दे जानते हो,और लिखते पढते भी हो।
@rajendrasajal26434 ай бұрын
गुरुदेव ने सभी सवालों का स्पष्ट जवाब दिया । किन्तु यह बात खटकती है कि दलित साहित्य पर पूछे गए सवाल को टाल गए । जबकि अंजुम जी ने दो बार विशेष जोर दे कर दलित साहित्य पर प्रश्न पूछा है ।
@uttara.kulkarni6790Ай бұрын
वहुत ही सशक्त संवाद...अनेकों बार प्रो. विजयबहादुर सिंह जीको RC में सुना है।बडे विद्वान आलोचक है उतने ही संवेदनशील कवि..अंजुम जीने आपने सुंदर साक्षात्कार लिया।काफी दिनों के बाद अच्छा सुनने को मिला।धन्यवाद।
@drazam43724 ай бұрын
आदरणीय विजय बहादुर सिंह सच्चे और खरे इंसान हैं । अपने दिल की सुनते हैं । और दिल की बात दिल से कहते हैं । मेरा सौभाग्य है कि मेरी उन से मुलाकात रही है और उनका आशीर्वाद मिलता रहता है। मेरे पहले ग़ज़ल संग्रह के लिए आप ने अपने विचार लिखने का कष्ट भी किया । विद्वान ऐसे हैं कि हिंदी , उर्दू के साहित्यों पर गहरी नज़र रखते हैं। उनकी सेहत और उम्र की शतकीय पारी के लिया दुआ करता हूं।
@Dp30-e1q4 ай бұрын
अच्छे प्रश्न और अच्छे उत्तर। प्रोफ़ेसर सिंह साहब ने बड़ी बेबाक़ी से सभी प्रश्नों के उत्तर दिए। यह सही है कि मार्क्सवाद उदारमना नहीं रह सका और इसीलिए वह आज हाशिए पर चला गया। मैं भी इस बात से सहमत हूँ कि आलोचक को आलोच्य विषय को केन्द्र में रखकर अपने विचार स्वतन्त्र रूप से लिखने चाहिए, न कि रचनाकार के जीवन से प्रभावित होकर। प्रोफ़ेसर सिंह साहब की आत्मकथा की बेसब्री से प्रतीक्षा है।
@radheshyamsharma20264 ай бұрын
अच्छा व अर्थपूर्ण समय बीतता है इन्हें सुनते हुए।
@HistoryloversbyKumarsuresh4 ай бұрын
आनंद आ गया सुन कर।गुरुदेव बेलाग कहते हैं।
@dr.ajaykumar44194 ай бұрын
बहुत बहुत आभार सर। सुनकर बहुत कुछ सीखने को मिला।
@HistoryloversbyKumarsuresh4 ай бұрын
जब तर्क गायब हो जाता है तब गुलामी शुरू होती है।❤
@HistoryloversbyKumarsuresh4 ай бұрын
मेरा स्वास्थ्य कोलकाता में खराब हो गया था।गुरु जी हॉस्पिटल आए और मेरा हौंसला बढ़ाया। उनके छोटे भाई घर का बना खाना लाए। ऐसे सहृदय हैं गुरु जी।
@radheshyamsharma20264 ай бұрын
इन साक्षात्कारों को देख कर शुभ लाभ ये हैं कि हम हिंदी साहित्य की किताबें खरीद लेते हैं। पढ़ने के लिए।
@साॅरीआर्यभट्टसर4 ай бұрын
बहुत अच्छी वार्ता
@satyarthsingh5974 ай бұрын
गुरुदेव जबरदस्त जवाब दिया है आप ने
@गिरिजाकुलश्रेष्ठ4 ай бұрын
पूरा साक्षात्कार पग पग पर रोशनी लाते झरोखे की तरह खुलता है। लेखकों के वर्ग और आलोचना संसार के बारे में जानकर यही लगा कि आप लिखते रहें पर प्रकाश में आने के लिये किसी आलोचक की कृपा आवश्यक है। कृति का फल चखना है तो आलोचक को खुश रखना है। जिनके पास को समर्थ आलोचक नहीं वे कहाँ के कवि और कहाँ के लेखक..लेखन और आलोचना पर केन्द्रित इतने अच्छे बहु आयामी साक्षात्कार में अंजुम जी के प्रश्नों की बड़ी भूमिका है। विजय बहादुर जी बड़े आलोचक और विद्वान है तभी उनके उत्तरों के साथ तमाम जानकारियां और सूत्र भी आए हैं। परिवार लेखक को नहीं समझ पाता यह एक तथ्य है।
@mohankumardeheria13324 ай бұрын
महत्वपूर्ण साक्षात्कार
@Arunoday7oct4 ай бұрын
बहुत सुंदर ❤
@unnatisafalta47364 ай бұрын
Behtreen interview
@JanhveeSingh-t6f4 ай бұрын
Very nice thank you so much 🎉
@sandhyagangrade73604 ай бұрын
आत्मकथा का इंतजार रहेगा
@bhagwanpdsinha11424 ай бұрын
बेबाक व स्पष्ट साहित्यकार
@mukesh.burnwal4 ай бұрын
नामवर सिंह बहुत बड़े विद्वान थे, बहुत अच्छे शिक्षक भी होंगे लेकिन जितना सुना है कई लोगों से वे हिंदी अकादमिक जगत और हिंदी साहित्य के भी बहुत बड़े माफ़िया, गिरोहबाज भी थे
@dharmendrayadav-um4iv4 ай бұрын
पूरा सुनेगा मैं फुरसत से
@dhananjaysingh72664 ай бұрын
शानदार साक्षात्कार।
@shashankshukla24104 ай бұрын
उत्तम. विजय बहादुर सिंह जी की ईमानदार बातचीत प्रभावित करती है.
@dharmvirsharma32324 ай бұрын
बहुत सुंदर साक्षात्कार
@ashokseth24264 ай бұрын
विजय बहादुर सिंह का शानदार इंटरव्यू
@abhigyat4 ай бұрын
गहन चिंतन और सप्ष्टवादिता आक्रांतकारी है l
@priyambdapandey58804 ай бұрын
मन प्रसन्न हो गया सुनकर। पहला साक्षात्कार जिसे एकबार में ही सुन गई। आप दोनों को हार्दिक बधाई।
@nawalsharma87554 ай бұрын
महत्वपूर्ण बातचीत ।
@RanjeetaKulmi4 ай бұрын
Guru ji lajvab hai
@aspirants03093 ай бұрын
ठीक है न,,,,,,❤😂
@dharmendrayadav-um4iv4 ай бұрын
बहुत अच्छी बातचीत
@rajendraprasadbari32744 ай бұрын
उत्कृष्ट साक्षात्कार
@jitendraKumar-cw2yv4 ай бұрын
शानदार वार्तालाप
@Vinodkumarhans4 ай бұрын
श्रीमान हमारे महाविद्यालय चित्रकूट में कबीर दास पर हुई एक संगोष्ठी में शामिल हुए थे। उनसे मिलकर एक विराट व्यक्तित्व का अनुभव किया
@kuldeepnarayan51134 ай бұрын
Nice 🎉
@HistoryloversbyKumarsuresh4 ай бұрын
बढ़िया।
@sankalptyagi87974 ай бұрын
Please start a podcast channel for all these videos. People like us who can’t watch KZbin for more than an hour, can be immensely benefited by podcasts .
@ai.ai.captain4 ай бұрын
❤❤❤
@dharmvirsharma32324 ай бұрын
ठीक है ना, सुंदर लगा बार बार
@manojbhartigupta65554 ай бұрын
👍❤️❤️
@sandhyagangrade73604 ай бұрын
साक्षात्कार से आपको और अधिक जानने का मौका मिला।
@atheistnothing50394 ай бұрын
❤❤❤❤❤❤❤❤
@rinkurao7924 ай бұрын
🙏
@kartikeyashukla56284 ай бұрын
सर, हिंदी विभाग, BHU के पूर्व हेड कुमार पंकज का भी इंटरव्यू लीजिए।
@ashokseth24264 ай бұрын
❤
@dr.ashwanikumar93614 ай бұрын
काफी महत्वपूर्ण बातचीत। लेकिन साक्षात्कारकर्ता थोड़ी और तैयारी के साथ आते तो काफी कुछ निकलकर सामने आता।
@MaiEkShayarDilip4 ай бұрын
प्रख्यात आलोचक एवं कवि विजय बहादुर सिंह जी की बातों में जो तकिया कलाम ,ठीक है ना उनके विराट व्यक्तित्व की सहज अभिव्यक्ति है
@ashokmishra41064 ай бұрын
विजय बहादुर सिंह से यह बातचीत अच्छी तो है लेकिन इस पूरी बातचीत में विजय बहादुर सिंह द्वारा खुद आलोचना में किए गए कार्यों पर जरा भी चर्चा नहीं की गई है बस इधर-उधर की बातें ही अधिक हुई है यह इस साक्षात्कार की बहुत बड़ी कमी है।
@himanshudwivedi47744 ай бұрын
जी जो जरूरी था
@RekhaKumari-vg6nqАй бұрын
Aashcharya hua ki vina Nand Dulare Vajpayee ko padhe vina Hindi aalochna ka sheersh vidwan kaise huaa ja sakta hai ? Fir bhi Dr. maneger Pandey is kshetra me itna nam kaise kama liya !
@prakashchandra694 ай бұрын
साप्ताहिक हिंदुस्तान में यह परिचर्चा धारावाहिक चली थी-पत्नी घर में प्रेमिका बाहर। अंजुम बार-बार अकादमिक घेरे में बातचीत ले जाते हैं। वक्ता को खुलने से रोकते हैं। शायद यह हिंदवी का दायरा है।वे व्यक्ति -विवाद में घसीटते हैं?
@Unscriptedbypranjal4 ай бұрын
Aajkal ke rappers me bhot h 😂😂😂haters word use krte h yelog har din me 5 बार 😂
@Unscriptedbypranjal4 ай бұрын
06:50
@rupakkumarb4 ай бұрын
संगत तो बहुत सुंदर है मगर विजय बहादुर जी विचार से ढुल-मुल नजर आ रहे हैं। मेरी असहमति हैं इनके विचारधारा के विचार से। अवसरवादी किसको कहते हैं ये बता देते तो ठीक रहता क्या अवसरवादी रहना सही है या गलत।
@kavitacollection58614 ай бұрын
तो मेरा ये कहना है... अच्छी बातचीत है... ठीक है न। प्रणाम
@ajeyklg4 ай бұрын
मज़ा आया! प्रतीत होता है वे बहुत खिन्न रहे हैं अपनी साहित्यक स्थितियों से , आप ने समय दे कर उन्हें खुश किया। संगत मौका न देता तो ऐसी सहजता के साथ कहाँ बोल पाते कि मेरा नुकसान न हुआ और मै तो मस्त हूँ वगैरह! भीम बैठका पर री ड्राफ्ट और एफर्ट को लेकर गड़बड़ बोल गए।
@mukesh.burnwal4 ай бұрын
डेढ़ घंटे के साक्षात्कार में 15-20 बार विज्ञापन, हद है यार
@ekantshrivastava63594 ай бұрын
खरा व्यक्तित्व, खरी बातें। कुछ असहमतियों के बावजूद, बकौल शमशेर बहादुर सिंह "जी को लगती है, तेरी बात खरी है शायद......"
@ashokseth24264 ай бұрын
स्पष्टवादी ८४ साल के युवा
@जीवनशिक्षा4 ай бұрын
Bhai jo aap interview le rahe ho aapka number kaise milega