Sangat Ep82 | Vijay Bahadur Singh on Aalochana, Kavita, Namvar Singh, Vidisha & Bhopal |Anjum Sharma

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Hindwi

Hindwi

Күн бұрын

Пікірлер: 74
@ramdularsingh1435
@ramdularsingh1435 11 күн бұрын
अंजुम जी ! कभी हमारे बनारस के ' ज्ञानेंद्रपति जी ' को भी शामिल कीजिए अपने कार्यक्रम में। बड़ा मज़ा आएगा। धन्यवाद !
@वी.पी.मुहम्मदकुंजमेत्तरकेरल
@वी.पी.मुहम्मदकुंजमेत्तरकेरल 4 ай бұрын
बहुत ही शानदार वार्तालाप। हार्दिक बधाई आप दोनों को!
@Navgeetdhara
@Navgeetdhara 4 ай бұрын
इस साक्षात्कार के लिए आपको बहुत - बहुत बधाई अंजुम जी। संभवतः संगत का यह पहला साक्षात्कार था जिसमें आपने जन्म, शिक्षा, साहित्य में कैसे आए, फिर आलोचना में कैसे आ गए जैसे प्रश्न नहीं थे। पूरी चर्चा साहित्य पर केन्द्रित रही। इस दृष्टि से आपके सबसे खराब साक्षात्कारों में जगूड़ी जी का साक्षात्कार था। बहुत सारा समय व्यर्थ की बातों में चला गया। दरअसल डॉ विजय बहादुर सिंह जी का जीवन ही साहित्य केन्द्रित रहा है। इस चर्चा में न सिर्फ महत्वपूर्ण आलोचकों, साहित्यकारों का उल्लेख हुआ, बल्कि महत्वपूर्ण पुस्तकों का जिक्र भी आया। डाॅ विजय बहादुर सिंह जी की आलोचना प्रामाणिक आलोचना है। प्रामाणिक इस लिए कि उनमें किसी भी तरह की वैचारिक जड़ता नहीं है। वे बहुत संकोच के साथ न बोलते हैं और न संकोच के साथ लिखते हैं। उनका पूरा व्यक्तित्व ही बहुत खरा और खुलकर कहने वाला व्यक्तित्व है। उनके पास बैठने के बाद जब उठते हैं, तबतक बैठने वाले के विचारों में कुछ न कुछ अवश्य जुड़ चुका होता है। यह मैने हर बार अनुभव किया है। आपने भी किया ही होगा। यह साक्षात्कार बिल्कुल साहित्य केन्द्रित था, तो इसमें तो बहुत कुछ मिलना ही था। विजय बहादुर सिंह जी पर ही साक्षात्कारों की एक लम्बी श्रृंखला की जरूरत है, जिसमें साहित्य की समस्याओं पर कई प्रश्न खुल सकते हैं। अभी कविता की आलोचना बहुत संकुचित दायरे में सिमट चुकी है। कह सकते हैं कि एक खेमें में रह गई है। जैसे डाॅक्टर साहब ने जे एन यू का जिक्र कर ही दिया है। और यह मैनेजर पाण्डेय भी महसूस करते हैं, तभी तो वे कहते हैं कि आचार्य नंददुलारे बाजपेई जे एन यू में नहीं थे, इसलिए नहीं पढ़ा। दरअसल कविता की आलोचना को बहुत संकुचित कर देने में जे एन यू से निकले और देश भर के महाविद्यालयों में पहुँचे प्राध्यापकों , कवियों, आलोचकों के समूह का रहा है। जे एन यू के विद्यार्थी ज्यादातर एक विचारधारा और दृष्टि की जड़ता से ग्रसित रहे हैं। उनकी स्वतंत्र दृष्टि विकसित हुई हो, ऐसा कम देखने में आता है। जबकि अन्य विश्वविद्यालयों को देखें तो प्रायः शिष्य की दृष्टि भी गुरू की ही अनुगामिनी हो, ऐसा कम हुआ है। आपको इस महत्वपूर्ण साक्षात्कार के लिए पुनः बधाई। राजा अवस्थी, कटनी
@rajendrarai1953
@rajendrarai1953 4 ай бұрын
उम्दा सवाल , बेबाक जवाब . संगत और भाई अंजुम शर्मा को साधुवाद ! - राजेंद्र चन्द्रकान्त राय
@sanjeevshukla9582
@sanjeevshukla9582 4 ай бұрын
बहुत ही रोचक और ज्ञानवर्धक साक्षात्कार। समृद्ध हुआ🙏🙏💐💐💐
@Swatantra-i1j
@Swatantra-i1j 4 ай бұрын
'विचारधारा रखना अच्छा है पर उसे रूढ़ नहीं होने देना चाहिए! ' अति उत्तम!
@ranendrakumar1969
@ranendrakumar1969 4 ай бұрын
🍁🙏🍁आदरणीय विजय बहादुर सिंह जी को खूब मनोयोग से सुना , बहुत समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार उन का, खुल कर अपने को अभिव्यक्त करने के लिए । परम्परा की महत्ता से परिचय कराने और उसे गहराई से रेखांकित करने के लिए । सादर 🍁🙏🙏🍁
@harishsamyak2413
@harishsamyak2413 4 ай бұрын
अंजुम भाई आप बहुत अच्छे लोगों से मिला रहे हैं,ये उत्तम संवाद कहाँ इतनी सुलभता से मिल पाता है ।
@madhushukla879
@madhushukla879 4 ай бұрын
प्रखरता आलोचक डॉक्टर विजय बहादुर सिंह को सुनना जैसे साहित्य की सुंदर बीथीयों और पगडण्डियों से गुजरना है. आदरणीय विजय बहादुर जी साहित्य का चलता फिरता विश्वविद्यालय हैं. बहुत शानदार साक्षात्कार! 🙏
@SaurabhiMishra-c9j
@SaurabhiMishra-c9j 4 ай бұрын
बहुत बहुत धन्यवाद सर आपका हर चीज़ का सोचने और समझने का अपना दृष्टिकोण देते,कई तरह की जिज्ञासा का उत्तर मिला। बेहद आभार 🙏🙏
@SumitKumar-xb4hs
@SumitKumar-xb4hs 4 ай бұрын
हिंदवी का आभार भावी पीढ़ी के लिए एक अद्भुत उपहार का सृजन ❤
@subhashsharma7288
@subhashsharma7288 4 ай бұрын
4:20 डा. विजय बहादुर सिह ने बहुत स्पष्ट वक्ता है।खुलकर अपने विचार प्रस्तुत करते है। उन्होने काफी अध्ययन किया है और निष्पक्श बोलते और लिखते है।उनकी उदारता सराहनीय है।आज ऐसे आलोचको की जरूरत है जो मुद्दे जानते हो,और लिखते पढते भी हो।
@rajendrasajal2643
@rajendrasajal2643 4 ай бұрын
गुरुदेव ने सभी सवालों का स्पष्ट जवाब दिया । किन्तु यह बात खटकती है कि दलित साहित्य पर पूछे गए सवाल को टाल गए । जबकि अंजुम जी ने दो बार विशेष जोर दे कर दलित साहित्य पर प्रश्न पूछा है ।
@uttara.kulkarni6790
@uttara.kulkarni6790 Ай бұрын
वहुत ही सशक्त संवाद...अनेकों बार प्रो. विजयबहादुर सिंह जीको RC में सुना है।बडे विद्वान आलोचक है उतने ही संवेदनशील कवि..अंजुम जीने आपने सुंदर साक्षात्कार लिया।काफी दिनों के बाद अच्छा सुनने को मिला।धन्यवाद।
@drazam4372
@drazam4372 4 ай бұрын
आदरणीय विजय बहादुर सिंह सच्चे और खरे इंसान हैं । अपने दिल की सुनते हैं । और दिल की बात दिल से कहते हैं । मेरा सौभाग्य है कि मेरी उन से मुलाकात रही है और उनका आशीर्वाद मिलता रहता है। मेरे पहले ग़ज़ल संग्रह के लिए आप ने अपने विचार लिखने का कष्ट भी किया । विद्वान ऐसे हैं कि हिंदी , उर्दू के साहित्यों पर गहरी नज़र रखते हैं। उनकी सेहत और उम्र की शतकीय पारी के लिया दुआ करता हूं।
@Dp30-e1q
@Dp30-e1q 4 ай бұрын
अच्छे प्रश्न और अच्छे उत्तर। प्रोफ़ेसर सिंह साहब ने बड़ी बेबाक़ी से सभी प्रश्नों के उत्तर दिए। यह सही है कि मार्क्सवाद उदारमना नहीं रह सका और इसीलिए वह आज हाशिए पर चला गया। मैं भी इस बात से सहमत हूँ कि आलोचक को आलोच्य विषय को केन्द्र में रखकर अपने विचार स्वतन्त्र रूप से लिखने चाहिए, न कि रचनाकार के जीवन से प्रभावित होकर। प्रोफ़ेसर सिंह साहब की आत्मकथा की बेसब्री से प्रतीक्षा है।
@radheshyamsharma2026
@radheshyamsharma2026 4 ай бұрын
अच्छा व अर्थपूर्ण समय बीतता है इन्हें सुनते हुए।
@HistoryloversbyKumarsuresh
@HistoryloversbyKumarsuresh 4 ай бұрын
आनंद आ गया सुन कर।गुरुदेव बेलाग कहते हैं।
@dr.ajaykumar4419
@dr.ajaykumar4419 4 ай бұрын
बहुत बहुत आभार सर। सुनकर बहुत कुछ सीखने को मिला।
@HistoryloversbyKumarsuresh
@HistoryloversbyKumarsuresh 4 ай бұрын
जब तर्क गायब हो जाता है तब गुलामी शुरू होती है।❤
@HistoryloversbyKumarsuresh
@HistoryloversbyKumarsuresh 4 ай бұрын
मेरा स्वास्थ्य कोलकाता में खराब हो गया था।गुरु जी हॉस्पिटल आए और मेरा हौंसला बढ़ाया। उनके छोटे भाई घर का बना खाना लाए। ऐसे सहृदय हैं गुरु जी।
@radheshyamsharma2026
@radheshyamsharma2026 4 ай бұрын
इन साक्षात्कारों को देख कर शुभ लाभ ये हैं कि हम हिंदी साहित्य की किताबें खरीद लेते हैं। पढ़ने के लिए।
@साॅरीआर्यभट्टसर
@साॅरीआर्यभट्टसर 4 ай бұрын
बहुत अच्छी वार्ता
@satyarthsingh597
@satyarthsingh597 4 ай бұрын
गुरुदेव जबरदस्त जवाब दिया है आप ने
@गिरिजाकुलश्रेष्ठ
@गिरिजाकुलश्रेष्ठ 4 ай бұрын
पूरा साक्षात्कार पग पग पर रोशनी लाते झरोखे की तरह खुलता है। लेखकों के वर्ग और आलोचना संसार के बारे में जानकर यही लगा कि आप लिखते रहें पर प्रकाश में आने के लिये किसी आलोचक की कृपा आवश्यक है। कृति का फल चखना है तो आलोचक को खुश रखना है। जिनके पास को समर्थ आलोचक नहीं वे कहाँ के कवि और कहाँ के लेखक..लेखन और आलोचना पर केन्द्रित इतने अच्छे बहु आयामी साक्षात्कार में अंजुम जी के प्रश्नों की बड़ी भूमिका है। विजय बहादुर जी बड़े आलोचक और विद्वान है तभी उनके उत्तरों के साथ तमाम जानकारियां और सूत्र भी आए हैं। परिवार लेखक को नहीं समझ पाता यह एक तथ्य है।
@mohankumardeheria1332
@mohankumardeheria1332 4 ай бұрын
महत्वपूर्ण साक्षात्कार
@Arunoday7oct
@Arunoday7oct 4 ай бұрын
बहुत सुंदर ❤
@unnatisafalta4736
@unnatisafalta4736 4 ай бұрын
Behtreen interview
@JanhveeSingh-t6f
@JanhveeSingh-t6f 4 ай бұрын
Very nice thank you so much 🎉
@sandhyagangrade7360
@sandhyagangrade7360 4 ай бұрын
आत्मकथा का इंतजार रहेगा
@bhagwanpdsinha1142
@bhagwanpdsinha1142 4 ай бұрын
बेबाक व स्पष्ट साहित्यकार
@mukesh.burnwal
@mukesh.burnwal 4 ай бұрын
नामवर सिंह बहुत बड़े विद्वान थे, बहुत अच्छे शिक्षक भी होंगे लेकिन जितना सुना है कई लोगों से वे हिंदी अकादमिक जगत और हिंदी साहित्य के भी बहुत बड़े माफ़िया, गिरोहबाज भी थे
@dharmendrayadav-um4iv
@dharmendrayadav-um4iv 4 ай бұрын
पूरा सुनेगा मैं फुरसत से
@dhananjaysingh7266
@dhananjaysingh7266 4 ай бұрын
शानदार साक्षात्कार।
@shashankshukla2410
@shashankshukla2410 4 ай бұрын
उत्तम. विजय बहादुर सिंह जी की ईमानदार बातचीत प्रभावित करती है.
@dharmvirsharma3232
@dharmvirsharma3232 4 ай бұрын
बहुत सुंदर साक्षात्कार
@ashokseth2426
@ashokseth2426 4 ай бұрын
विजय बहादुर सिंह का शानदार इंटरव्यू
@abhigyat
@abhigyat 4 ай бұрын
गहन चिंतन और सप्ष्टवादिता आक्रांतकारी है l
@priyambdapandey5880
@priyambdapandey5880 4 ай бұрын
मन प्रसन्न हो गया सुनकर। पहला साक्षात्कार जिसे एकबार में ही सुन गई। आप दोनों को हार्दिक बधाई।
@nawalsharma8755
@nawalsharma8755 4 ай бұрын
महत्वपूर्ण बातचीत ।
@RanjeetaKulmi
@RanjeetaKulmi 4 ай бұрын
Guru ji lajvab hai
@aspirants0309
@aspirants0309 3 ай бұрын
ठीक है न,,,,,,❤😂
@dharmendrayadav-um4iv
@dharmendrayadav-um4iv 4 ай бұрын
बहुत अच्छी बातचीत
@rajendraprasadbari3274
@rajendraprasadbari3274 4 ай бұрын
उत्कृष्ट साक्षात्कार
@jitendraKumar-cw2yv
@jitendraKumar-cw2yv 4 ай бұрын
शानदार वार्तालाप
@Vinodkumarhans
@Vinodkumarhans 4 ай бұрын
श्रीमान हमारे महाविद्यालय चित्रकूट में कबीर दास पर हुई एक संगोष्ठी में शामिल हुए थे। उनसे मिलकर एक विराट व्यक्तित्व का अनुभव किया
@kuldeepnarayan5113
@kuldeepnarayan5113 4 ай бұрын
Nice 🎉
@HistoryloversbyKumarsuresh
@HistoryloversbyKumarsuresh 4 ай бұрын
बढ़िया।
@sankalptyagi8797
@sankalptyagi8797 4 ай бұрын
Please start a podcast channel for all these videos. People like us who can’t watch KZbin for more than an hour, can be immensely benefited by podcasts .
@ai.ai.captain
@ai.ai.captain 4 ай бұрын
❤❤❤
@dharmvirsharma3232
@dharmvirsharma3232 4 ай бұрын
ठीक है ना, सुंदर लगा बार बार
@manojbhartigupta6555
@manojbhartigupta6555 4 ай бұрын
👍❤️❤️
@sandhyagangrade7360
@sandhyagangrade7360 4 ай бұрын
साक्षात्कार से आपको और अधिक जानने का मौका मिला।
@atheistnothing5039
@atheistnothing5039 4 ай бұрын
❤❤❤❤❤❤❤❤
@rinkurao792
@rinkurao792 4 ай бұрын
🙏
@kartikeyashukla5628
@kartikeyashukla5628 4 ай бұрын
सर, हिंदी विभाग, BHU के पूर्व हेड कुमार पंकज का भी इंटरव्यू लीजिए।
@ashokseth2426
@ashokseth2426 4 ай бұрын
@dr.ashwanikumar9361
@dr.ashwanikumar9361 4 ай бұрын
काफी महत्वपूर्ण बातचीत। लेकिन साक्षात्कारकर्ता थोड़ी और तैयारी के साथ आते तो काफी कुछ निकलकर सामने आता।
@MaiEkShayarDilip
@MaiEkShayarDilip 4 ай бұрын
प्रख्यात आलोचक एवं कवि विजय बहादुर सिंह जी की बातों में जो तकिया कलाम ,ठीक है ना उनके विराट व्यक्तित्व की सहज अभिव्यक्ति है
@ashokmishra4106
@ashokmishra4106 4 ай бұрын
विजय बहादुर सिंह से यह बातचीत अच्छी तो है लेकिन इस पूरी बातचीत में विजय बहादुर सिंह द्वारा खुद आलोचना में किए गए कार्यों पर जरा भी चर्चा नहीं की गई है बस इधर-उधर की बातें ही अधिक हुई है यह इस साक्षात्कार की बहुत बड़ी कमी है।
@himanshudwivedi4774
@himanshudwivedi4774 4 ай бұрын
जी जो जरूरी था
@RekhaKumari-vg6nq
@RekhaKumari-vg6nq Ай бұрын
Aashcharya hua ki vina Nand Dulare Vajpayee ko padhe vina Hindi aalochna ka sheersh vidwan kaise huaa ja sakta hai ? Fir bhi Dr. maneger Pandey is kshetra me itna nam kaise kama liya !
@prakashchandra69
@prakashchandra69 4 ай бұрын
साप्ताहिक हिंदुस्तान में यह परिचर्चा धारावाहिक चली थी-पत्नी घर में प्रेमिका बाहर। अंजुम बार-बार अकादमिक घेरे में बातचीत ले जाते हैं। वक्ता को खुलने से रोकते हैं। शायद यह हिंदवी का दायरा है।वे व्यक्ति -विवाद में घसीटते हैं?
@Unscriptedbypranjal
@Unscriptedbypranjal 4 ай бұрын
Aajkal ke rappers me bhot h 😂😂😂haters word use krte h yelog har din me 5 बार 😂
@Unscriptedbypranjal
@Unscriptedbypranjal 4 ай бұрын
06:50
@rupakkumarb
@rupakkumarb 4 ай бұрын
संगत तो बहुत सुंदर है मगर विजय बहादुर जी विचार से ढुल-मुल नजर आ रहे हैं। मेरी असहमति हैं इनके विचारधारा के विचार से। अवसरवादी किसको कहते हैं ये बता देते तो ठीक रहता क्या अवसरवादी रहना सही है या गलत।
@kavitacollection5861
@kavitacollection5861 4 ай бұрын
तो मेरा ये कहना है... अच्छी बातचीत है... ठीक है न। प्रणाम
@ajeyklg
@ajeyklg 4 ай бұрын
मज़ा आया! प्रतीत होता है वे बहुत खिन्न रहे हैं अपनी साहित्यक स्थितियों से , आप ने समय दे कर उन्हें खुश किया। संगत मौका न देता तो ऐसी सहजता के साथ कहाँ बोल पाते कि मेरा नुकसान न हुआ और मै तो मस्त हूँ वगैरह! भीम बैठका पर री ड्राफ्ट और एफर्ट को लेकर गड़बड़ बोल गए।
@mukesh.burnwal
@mukesh.burnwal 4 ай бұрын
डेढ़ घंटे के साक्षात्कार में 15-20 बार विज्ञापन, हद है यार
@ekantshrivastava6359
@ekantshrivastava6359 4 ай бұрын
खरा व्यक्तित्व, खरी बातें। कुछ असहमतियों के बावजूद, बकौल शमशेर बहादुर सिंह "जी को लगती है, तेरी बात खरी है शायद......"
@ashokseth2426
@ashokseth2426 4 ай бұрын
स्पष्टवादी ८४ साल के युवा
@जीवनशिक्षा
@जीवनशिक्षा 4 ай бұрын
Bhai jo aap interview le rahe ho aapka number kaise milega
@bishwanathjha3428
@bishwanathjha3428 4 ай бұрын
Wednesday VS Enid: Who is The Best Mommy? #shorts
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Troom Oki Toki
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Lecture by Prof.  Vijay Bahadur singh
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Sanchi University of Buddhist-Indic Studies(SUBIS)
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