Jai ho bndi shod Satguru Rampal Ji Maharaj ki Jai ho 🙏🙏🙇🙇
@laxmiprasadrajpoot1784 жыл бұрын
**सत् साहेब गुरूदेवजी, इस दास का बार बार डण्डवत प्रणाम गुरूदेवजी महाराजजी को पहुचे, जयहो बन्दी छोड़ सतगुरूदेव रामपालजी महाराजजी की **भक्ती दान गुरूदेवजी दीजिये देवन के देवा हो**धन्यवाद गुरूदेवजी महाराजजी को पहुचे, इस दास को अपनी पनाह में रखना मालिक, और दास को पॉचों विकारों से बचाकर रखना मालिक ।
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
सुंन मंडल इकु जोगी बैसे ॥ नारि न पुरखु कहहु कोऊ कैसे ॥ त्रिभवण जोति रहे लिव लाई ॥ सुरि नर नाथ सचे सरणाई ॥४॥ आनंद मूलु अनाथ अधारी ॥ गुरमुखि भगति सहजि बीचारी ॥ भगति वछल भै काटणहारे ॥ हउमै मारि मिले पगु धारे ॥५
@santdassahu32562 жыл бұрын
Jai Ho bandichhod sadguru Rampal Ji kavirdew bhgwan ki 🙏🙇🙏🙇🙏🙇🙏🙇🙏🙇
@Aadi_Purush014 жыл бұрын
Sat saheb ji
@Satlok_Wale4 жыл бұрын
पूर्ण परमात्मा सतलोक से आते है और अपना वास्तविक ज्ञान बताते है।
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
रागु गउड़ी भगतां की बाणी ੴ सतिनामु करता पुरखु गुर प्रसादि ॥ गउड़ी गुआरेरी स्री कबीर जीउ के चउपदे १४ ॥ अब मोहि जलत राम जलु पाइआ ॥ राम उदकि तनु जलत बुझाइआ ॥१॥ रहाउ ॥ मनु मारण कारणि बन जाईऐ ॥ सो जलु बिनु भगवंत न पाईऐ ॥१॥ जिह पावक सुरि नर है जारे ॥ राम उदकि जन जलत उबारे ॥२॥ भव सागर सुख सागर माही ॥ पीवि रहे जल निखुटत नाही ॥३॥ कहि कबीर भजु सारिंगपानी ॥ राम उदकि मेरी तिखा बुझानी ॥४॥१॥ {पन्ना 323}
@VS-dj5jp2 жыл бұрын
मालिक जी के श्री चरणों में कोटि कोटि दंडवतम प्रणाम 🙏🙏🙏🙏🙇🙇🙇🙇
@सतगुरूकृपा-ह1ह2 жыл бұрын
पर्वत-पर्वत मैं फिरा, कारण अपने राम। राम जैसे संत मिले, जिन सारे सब काम। सत साहेब जी। 🙏🙏🙏🙏🙏
@सतगुरूकृपा-ह1ह2 жыл бұрын
सत साहेब जी। 🙏🙏🙏🙏🙏 पूर्ण परमात्मा परम अक्षर ब्रह्म सतगुरू श्री कबीरसा साहेब जी के चरणों में बारम्बार प्रणामं। 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@RKPatel-mo6yg4 жыл бұрын
सच्चा गुरु ही एसी सच्च से अवगत कराता है ताकि वह अपनी नैतिक जिम्मेदारी से सत् चित् आनन्द की अनुभूति करते हैं और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त कर पुन्य आत्माओं को अपने साथ सत् लोक लेजाते है
@bhagwansingh29994 жыл бұрын
सतगुरुदेव की जय हो।
@ajayyadav_91984 жыл бұрын
अनमोल वचन 🙏🙏
@AlpoGolpoamar4 жыл бұрын
🙏সত্ সাহেব 🙏 বন্দীছোড় কবীর সাহেব কি জয় হো 🙏 বন্দীছোড় সত্ গুরু রামপাল জি মহারাজ কি জয় হো 🙏
@Fakira_Satsang4 жыл бұрын
कबीर करतार🙇
@chandarpaldaskori45294 жыл бұрын
कबीर हम सुलतानी नानकतारे दादू को उपदेश दिया जात जुलाहा भेद पाया काशी में कबीर हुआ
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
मनगढ़ंत बाणी के इसके अर्थ करके बता
@sanjnashingh70714 жыл бұрын
मूर्खो ये गरीब दास जी की वाणी हैं जो सत्य है झूठे तो आप लोग हो ये अपने कि सही साबित करने के लिए सभी को गलत कह देते है मतलब अब तुम इतने अज्ञानी हो गए हो कि तुम सारे संतों का अपमान कर रहे हो तुम्हारी हालत भी अंधे गधे जैसे ही होगी जैसे अंधा गधा रेल के मार्ग में खड़ा था और उसे कुचल दिया गया था और आप तो आप समझ ही गए होंगे क्या होने वाला है यह संत रामपाल जी महाराज का मान नहीं है यह सारे संतों का गरीबदास जी महाराज का अपमान है स्वामी राम देव आनंद जी महाराज जिन्होंने संतरामपालजीमहाराज को आदेश दिया था इस सच्चे मार्ग को बताने का उनका अपमान कर रहे
@ravishankarshankar51954 жыл бұрын
💠गीता अध्याय 07 श्लोक 12 में गीता ज्ञान दाता ब्रह्म कह रहा है कि तीनों देवताओं द्वारा जो भी उत्पति, स्थिति तथा संहार हो रहा है इसका निमित्त मैं ही हूँ। परन्तु मैं इनसे दूर हूँ। कारण है कि काल को शापवश एक लाख प्राणियों का आहार करना होता है। इसलिए मुख्य कारण अपने आप को कहा है तथा काल भगवान तीनों देवताओं से भिन्न ब्रह्म लोक में रहता है तथा इक्कीसवें ब्रह्मण्ड में रहता है। इसलिए कहा है कि मैं उनमें तथा वे मुझ में नहीं हैं।
@anilsahu69544 жыл бұрын
परमात्मा सतलोक से आते हैं और अपना ज्ञान बताते हैं
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
😁😁😁😁😁
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
और जैसे महामूर्ख अज्ञान फैलाते हैं।
@RajKumar-kr3oy2 жыл бұрын
कबीर हम अवगत से चल आया मेरा कोई भेद मर्म नही पाया।
@SunilKumar-z2r1f7 ай бұрын
Bandi chhod satguru Dev ki Jay
@जीनेकीराहअवश्यपढ़े4 жыл бұрын
सत साहेब गुरुजी चरणों में रखना मालिक ♥️🙏🏻
@lgbehror46584 жыл бұрын
Nice
@Rkdas-wv1ww Жыл бұрын
🙏🪷सतगुरु देव जी की जय🪷🙏
@rustamdas4373 жыл бұрын
Sant rampal Maharaj ka gyan anmol tataegyan hai
@Knowledgeable_a2z4 жыл бұрын
True knowledge
@NivAvya4 жыл бұрын
गुरु नानक देव जी ने सही कहा Kabir is eternal GOD
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
रागु गउड़ी भगतां की बाणी ੴ सतिनामु करता पुरखु गुर प्रसादि ॥ गउड़ी गुआरेरी स्री कबीर जीउ के चउपदे १४ ॥ अब मोहि जलत राम जलु पाइआ ॥ राम उदकि तनु जलत बुझाइआ ॥१॥ रहाउ ॥ मनु मारण कारणि बन जाईऐ ॥ सो जलु बिनु भगवंत न पाईऐ ॥१॥ जिह पावक सुरि नर है जारे ॥ राम उदकि जन जलत उबारे ॥२॥ भव सागर सुख सागर माही ॥ पीवि रहे जल निखुटत नाही ॥३॥ कहि कबीर भजु सारिंगपानी ॥ राम उदकि मेरी तिखा बुझानी ॥४॥१॥ {पन्ना 323}
@its_sandeep4 жыл бұрын
@@gurvindersingh.khalsa6164 गुरूग्रन्थ साहिब मे कबीर जी का नाम वार वार क्यो आया पता करें
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
@@its_sandeep कितनी बार आया बताईए
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
@@its_sandeep भक्त कबीर लिखा है देखो भक्त का अर्थ सीधा-सीधा है कबीर जी भक्त थे बाणी के मनमाने अर्थ करके गुमराह कर रहा है रामू अक्ल का इस्तेमाल करो
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
@@its_sandeep प्रथम उदासी (पहली प्रचार यात्रा) भाई लालो और मलिक भागो श्री गुरू नानक देव जी परमात्मिक ज्ञान बाँटने के लिए पहली प्रचार यात्रा (पहली उदासी)पर निकले, गुरू जी सुल्तान पुर लोधी से लम्बा सफर तय करके सैदपुर नगर में पहुँचे। वहाँ पर उनको बाजार में एक बढ़ई लकड़ी से तैयार की गई वस्तुएँ बेचता हुआ मिला जो कि साधू सँतों की सेवा किया करता था। जिसका नाम लालो था। उसने नानक जी को अपने यहाँ ठहरने का निमन्त्रण दिया। गुरू नानक देव जी ने यह निमन्ण स्वीकार करके भाई मरदाना सहित उसके घर जा पधारे।
@pankaj_18004 жыл бұрын
कबीर साहेब जी पूर्ण परमात्मा है। इस बात की पुष्टि करने के लिए हम कशी के लहरतारा पहुँचे थे जहाँ कबीर जी प्रकट हुए थे। वहाँ लोगो से मिलकर पता चला की पूर्वकाल में काजी पंडितो द्वारा गलत सन्देश फैलाया गया कि कबीर धाणक है। वह जुलाहे के घर पर कपडे बुनने का काम करता है वो नीच है। परंतु जिन महापुरुषो को परमात्मा का दीदार हुआ उन्हों ने कबीर जी को पूर्ण परमात्मा, सृष्टि के रचना हर कहाँ और अब ये प्रमाण वेदों में संत रामपाल जी महाराज ने दिखा पढ़ाकर सर्व समाज को एक नई दिशा प्रदान की है। परमात्मा को पाना अब सबके लिए आसान होगा।
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
यू आर टोटली रागं
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
सुंन मंडल इकु जोगी बैसे ॥ नारि न पुरखु कहहु कोऊ कैसे ॥ त्रिभवण जोति रहे लिव लाई ॥ सुरि नर नाथ सचे सरणाई ॥४॥ आनंद मूलु अनाथ अधारी ॥ गुरमुखि भगति सहजि बीचारी ॥ भगति वछल भै काटणहारे ॥ हउमै मारि मिले पगु धारे ॥५
@bhagirathsingh478 Жыл бұрын
Ram pal guru ji very nice
@madanthakur22904 жыл бұрын
Must watch everyone
@Satlok_Wale4 жыл бұрын
Kabir is supreme god........🙇♂️
@dkchannel98904 жыл бұрын
Very nice
@RajKumar-kr3oy2 жыл бұрын
दादू नाम कबीर की जो कोई लेवे ओट उसे कबहु लागै नही काल बली की चोट।
@hiteshtilavat82324 жыл бұрын
कबीर परमेश्वर कह रहे है कि यहाँ आप किस वस्तु की इच्छा कर रहे हो जहाँ पल का भरोसा नही । कबीर, क्या माँगू कुछ थिर न रहाई, ये देखत नैन चला जग जाई । एक लख पूत सवा लख नाती, उस रावण कै आज दिया न बाती ।।
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
बनारस की पहली नहीं दूसरी उदासी थी बेवकूफ बना रहा है 😁 रामू सरेआम
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
फाही सुरति मलूकी वेश हउ ठगवाडा ठगी देश सुरति यानि ध्यान फाही सुरति यानि ध्यान इस तरफ है कि लोगों को फंसा लूं मलूकी वेश दरवेश वाला वेश हउ यानि कि मैं ठगवाडा-ठगां दा अड्डा हां धाणक रुप रहां करतार धाणक वो लोग जो धनुष बाण से शिकार करते हैं जिन्हें पंजाब में सांसी कहते हैं हे परमात्मा मैं सासिया वाले हाल में रहतां हूं रामू ने सुरति को सूरत हउ को उह रहां को रहा लिखकर अर्थ के अनर्थ कर दिए
@its_sandeep4 жыл бұрын
@@gurvindersingh.khalsa6164 अक्ल नही है क्या आपकी प्रमाण देखकर भी अन्धे बन रहे हो
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
@@its_sandeep कौन है अंधा प्रमाण देखकर भी अंधे हो गए हैं रामू के चेले पहले पढ़ लो इतिहास फिर ही पता चलेगा
@its_sandeep4 жыл бұрын
@@gurvindersingh.khalsa6164 इतिहास की जरूरत नही गुरू ग्रन्थ साहिब के प्रमाण काफी है.! उसकी मानो..
@pannakumbhkar26054 жыл бұрын
Kabir is god. Nice satsang. Sadguru dev ki jay.
@nidhi84683 жыл бұрын
Sat saheb parmatma ji. 🤲🌹 This knowledge ✌ spirituality. 🌼🌍🌸🌺💐🎍🍀🌞☔
@hansrajhrp38974 жыл бұрын
बन्दी छोड़ दयाल जी तुम तक हमारी दौङ । जैसे काग जहाज का सुजत और ना ठौङ ।।
@VinodKumar-ph1fm4 жыл бұрын
कबीर साहेब जी पूर्ण परमात्मा है वही सर्व के पूजा करने योग्य है ।
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
रागु गउड़ी भगतां की बाणी ੴ सतिनामु करता पुरखु गुर प्रसादि ॥ गउड़ी गुआरेरी स्री कबीर जीउ के चउपदे १४ ॥ अब मोहि जलत राम जलु पाइआ ॥ राम उदकि तनु जलत बुझाइआ ॥१॥ रहाउ ॥ मनु मारण कारणि बन जाईऐ ॥ सो जलु बिनु भगवंत न पाईऐ ॥१॥ जिह पावक सुरि नर है जारे ॥ राम उदकि जन जलत उबारे ॥२॥ भव सागर सुख सागर माही ॥ पीवि रहे जल निखुटत नाही ॥३॥ कहि कबीर भजु सारिंगपानी ॥ राम उदकि मेरी तिखा बुझानी ॥४॥१॥ {पन्ना 323}
@jyotishrma27814 жыл бұрын
Sat sahib ji koti koti dandvat parnam parmatma
@rupramsahu39144 жыл бұрын
श्री नानक जी को कबीर परमात्मा मिले और उन्हें सतलोक दिखा कर लाया तब नानक देव जी ने कहा कि यह जो कबीर धानक रूप में काशी में बैठा है यही पूर्ण परमात्मा है।
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
फेक स्टोरी मत सुनिए इतिहास पढ़ लो
@rupramsahu39144 жыл бұрын
@@gurvindersingh.khalsa6164 यह फेक स्टोरी नहीं है इसका प्रमाण हमारे पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब में है।
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
@@rupramsahu3914 नहीं है बेटा तुम लोग सिर्फ भ्रमित हो गये हो
@rupramsahu39144 жыл бұрын
@@gurvindersingh.khalsa6164 फिर गुरु ग्रंथ साहिब। के 721 पृष्ठ पर। लिखा है हक्का कबीर करीम तू है बेऐब परवरदिगार वो क्या है सर?
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
@@rupramsahu3914 अच्छा जी ये शब्द कौनसी भाषा में है
@hansrajhrp38974 жыл бұрын
तीनो लोको में प्रवेश करके सबका धारण पोषण करने वाले परमात्मा कबीर साहेब ही हैं
@reenarani63204 жыл бұрын
नीच जात परदेसी मेरा छिनआवे छिन जावे जाकि संगत नानक रैदा कैसे मुंडा पावे और अधिक जाने के लिए देखिए साधना टीवी रात्रि 7:30 बजे संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
बेटा इसके अर्थ करके तो बता
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
सबसे पहले शब्द है अंधूला जो आपने लिखा नहीं या आपको पता नहीं इस शब्द के सही अर्थ इस प्रकार है 👉अधुंला नीच जाति परदेसी खिन आ्वे तिल जावे जो मन माया के मोह में अंधा हुआ पड़ा है जो विकारा दी मैल से नीच जाति का बना हुआ है जो सदा भटकना में रहता है कभी भी एक जगह टिक कर नहीं बैठता पल में ही कहीं से कहीं चला जाता है ता की संगत नानक रहदा कियो कर मूड़ा पावै नानक दी संगत सदा उस मन नाल है जिस करके अवान नानक परमात्मा के गुणों की कद्र कैसे पा सकता है ये हैं सही अर्थ
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
रामपाल के मंगल प्रवचन ही एक दिन अमंगल सिद्ध हो जाएंगे सभी के लिए
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
सुंन मंडल इकु जोगी बैसे ॥ नारि न पुरखु कहहु कोऊ कैसे ॥ त्रिभवण जोति रहे लिव लाई ॥ सुरि नर नाथ सचे सरणाई ॥४॥ आनंद मूलु अनाथ अधारी ॥ गुरमुखि भगति सहजि बीचारी ॥ भगति वछल भै काटणहारे ॥ हउमै मारि मिले पगु धारे ॥५
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
सलोकु।। रूप न रेख न रंगु किछु त्रिहु गुण ते प्रभ भिंन।। तिसहि बुझाए नानका जिसु होवै सुप्रसंन।। प्रभु का न कोई रूप, रंग, न रेख है। प्रभु तीनों गुणों से अलग है। स्वयं को समझाता है, जिस पर वह प्रसन्न होता है।
@jagendradahare10304 жыл бұрын
कांसी में परमात्मा का रूप धाणक कबीर रूप था अधिक जानकारी के लिये साधना टीवी शाम7:30 से देखिये
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
रागु गउड़ी भगतां की बाणी ੴ सतिनामु करता पुरखु गुर प्रसादि ॥ गउड़ी गुआरेरी स्री कबीर जीउ के चउपदे १४ ॥ अब मोहि जलत राम जलु पाइआ ॥ राम उदकि तनु जलत बुझाइआ ॥१॥ रहाउ ॥ मनु मारण कारणि बन जाईऐ ॥ सो जलु बिनु भगवंत न पाईऐ ॥१॥ जिह पावक सुरि नर है जारे ॥ राम उदकि जन जलत उबारे ॥२॥ भव सागर सुख सागर माही ॥ पीवि रहे जल निखुटत नाही ॥३॥ कहि कबीर भजु सारिंगपानी ॥ राम उदकि मेरी तिखा बुझानी ॥४॥१॥ {पन्ना 323}
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
धाणक का अर्थ है शिकारी रामू तो महामूर्ख है जो पवित्र बाणी के अपने फायदे के लिए अर्थ के अनर्थ कर रहा है और सजा भी भुगत रहा है
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
सुंन मंडल इकु जोगी बैसे ॥ नारि न पुरखु कहहु कोऊ कैसे ॥ त्रिभवण जोति रहे लिव लाई ॥ सुरि नर नाथ सचे सरणाई ॥४॥ आनंद मूलु अनाथ अधारी ॥ गुरमुखि भगति सहजि बीचारी ॥ भगति वछल भै काटणहारे ॥ हउमै मारि मिले पगु धारे ॥५
@pkpatialewali10314 жыл бұрын
Kabir is supreme God 🙇♂🙇♀
@RajKumar-kr3oy2 жыл бұрын
गरीब अनंत कोटि ब्रहिमंड मे बंदीछोड कहाऐ, सो तो एक कबीर है जननी जने न मांऐ।
@lukeshhkumar79164 жыл бұрын
नानक देव जी को कबीर परमात्मा मिले थे
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
कब कहां
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
रागु तिलंग महला १ घरु १ ੴ सति नामु करता पुरखु निरभउ निरवैरु अकाल मूरति अजूनी सैभं गुर प्रसादि ॥ यक अरज गुफतम पेसि तो दर गोस कुन करतार ॥ हका कबीर करीम तू बेऐब परवदगार ॥१॥ दुनीआ मुकामे फानी तहकीक दिल दानी ॥ मम सर मूइ अजराईल गिरफतह दिल हेचि न दानी ॥१॥ रहाउ ॥ जन पिसर पदर बिरादरां कस नेस दसतंगीर ॥ आखिर बिअफतम कस न दारद चूं सवद तकबीर ॥२॥ सब रोज गसतम दर हवा करदेम बदी खिआल ॥ गाहे न नेकी कार करदम मम ईं चिनी अहवाल ॥३॥ बदबखत हम चु बखील गाफिल बेनजर बेबाक ॥ नानक बुगोयद जनु तुरा तेरे चाकरां पा खाक ॥४॥१॥ {पन्ना 721} पद्अर्थ: यक = एक। अरज = विनती। गुफतम = मैंने कही (गुफ़त = कही। म = मैंने)। पेसि = सामने, आगे। पेसि ते = तेरे आगे। दर = में। गोस = गोश, कान। दर गोस = कानों में। कुन = कर। दर गोस कुन = कानों में कर, ध्यान से सुन। करतार = हे करतार! हका = सच्चा। कबीर = बड़ा। करीम = कर्म करने वाला, बख्शिश करने वाला। अैब = ऐब, विकार। बेअैब = निर विकार, पवित्र। परवदगार = पालना करने वाला।1। मुकाम = जगह। फानी = फनाह होने वाला, नाशवंत। मुकामे फानी = फना की जगह। तहकीक = सच। दिल = हे दिल! छानी = तू जान। मम = मेरा। सर = सिर। मूइ = बाल। मम सर मूइ = मेरे सिर के बाल। अजराईल = मौत के फरिश्ते का नाम है। गिरफतह = गिरफत, पकड़े हुए हैं। दिल = हे दिल! हेचि न = कुछ भी नहीं। दानी = तू जानता।1। रहाउ। अर्थ 👉: हे करतार! तू सदा कायम रहने वाला है। तू (सबसे) बड़ा है, तू बख्शिश करने वाला है, तू पवित्र हस्ती वाला है, तू सबकी पालना करने वाला है। मैंने तेरे आगे एक विनती की है, (मेरी विनती) ध्यान से सुन।1। हे (मेरे) दिल! तू सच जान कि ये दुनिया नाशवंत है। हे दिल! तू कुछ भी नहीं समझता कि (मौत के फरिश्ते) अजराईल ने मेरे सिर के बाल पकड़े हुए हैं।1। रहाउ। स्त्री, पुत्र, पिता, (सारे) भाई, (इनमें से) कोई भी मदद करने वाला नहीं है, (जब) आखिर में मैं गिरूँ (भाव, जब मौत आ गई), जब मुर्दे को दबाने के वक्त की नमाज़ (तकबीर) पढ़ी जाती है, कोई भी (मुझे यहाँ) रख नहीं सकता।2
@HariShankar-uq4dr4 жыл бұрын
गरीब,हमहीं अलख अल्लाह हैं, कुतुब गोस और पीर। गरीब दास खालिक धनी, हमरा नाम कबीर।
@neeturani46752 жыл бұрын
Sat Sahib g
@kavitagupta72002 жыл бұрын
verynice satsang
@bhagirathsingh478 Жыл бұрын
Very nice sir
@bhagwansingh29994 жыл бұрын
गुरु नानक जी कासी में परमात्मा से मिले गद गद हो गये ओर सत नाम सार नाम लेकर अमरपद पाकर सत लोक चले गये
@SanjayKumar-rc1oc4 жыл бұрын
Great Gyan of Rampal ji maharaj
@motivation199763 жыл бұрын
Jai kabir baba
@jituvasoya72404 жыл бұрын
Sant rampalji maharaj is one of the tatvdarshi sant all over the world
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
😁😁😁😁😁😁😁😁😁 और तुम भी अकेले ही ह़ इस संसार में जो महामूर्ख रामू को नहीं समझ नहीं पाये
@its_sandeep4 жыл бұрын
गुरु नानक जी ने अपनी वाणी में कहा था,,, हक्का कबीर करीम तू बेऐब परवरदिगार (हक्का- सच्चा, कबीर- कबीर साहिब, करीम- दयालु , बेऐब- निर्विकार अर्थात् जिसमें कोई विकार ना हो।, परवरदिगार- परमात्मा) अर्थात् गुरु नानक जी कहते हैं कि हे कबीर साहेब,तुम ही सच्चे निर्विकार दयालु परमात्मा होगी...
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
हक्का कबीर करीम तूं ये बाणी गुरु नानक जी ने कब कहां और क्यों उच्चारण की कितनी उम्र थी तब गुरु नानक जी की बताईए पता चल जाएगा आप कितने बड़े मूर्ख है कितनी उम्र थी कौनसी जगह थी जब बाणी उच्चारण की गईं
@its_sandeep4 жыл бұрын
@@gurvindersingh.khalsa6164 गुरू ग्रन्थ साहिब मे जो लिखा बकवास है क्या फिर
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
@@its_sandeep आपको समझ नहीं मूर्ख बना रहा है रामू अर्थ के अनर्थ कर रहा है कबीर एक अरबी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है बड़ा या महान लेकिन रामू ने अपने स्वार्थ के लिए ग़लत अर्थ किए हैं पूरा शब्द फ़ारसी भाषा में है
@its_sandeep4 жыл бұрын
@@gurvindersingh.khalsa6164 (श्री गुरु ग्रंथ साहिब राग रंग पहला १ पृष्ठ नं 721 राग तिलंग महला) यक अर्ज गुफतम पेश तो दर कून करतार.! हक्का कबीर करीम तू बेअब परवरदिगार नानक बुगोयद जन तूरा तेरे चाकरा.! पाखाक
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
@@its_sandeep यक अरज गुफतम पेसि तो दर गोस कुन करतार।। यक-एक अरज-बेनती, अरदास गुफतम-मै आखी, पेस-आगे,पेस तो-तेरे आगे,दर-विच,गोस-कान, दर गोस कुन-कान करके सुन, ध्यान नाल सुन, करतार हे करतार।। हे करतार मैं तेरे आगे एक बेनती कीती है ध्यान नाल सुन।। हक्का कबीर करीम तूं बे एब परवरदिगार हक्का-सच्चा , कबीर-महान, करीम कर्म करने वाला, बक्शीश करने वाला, बे ऐब- निर्विकार, परवरदीगार-पालना करन वाला।। तूं सदा कायम रहन वाला है, तूं बहुत महान है, तूं बक्शीश करने वाला है, तूं सबको पालने वाला है।।
@its_sandeep4 жыл бұрын
आदरणीय श्री नानक देव जी की अमृत वाणी में प्रमाण है कि कबीर साहेब जी ही पूर्ण परमात्मा हैं, नानक जी को बेई नदी पर जो सत्पुरुष मिले थे, वो कबीर साहेब ही है।
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
फेक स्टोरी है मूर्ख बना रहा है रामू
@Bhakti_Aandolan4 жыл бұрын
अमृत वाणी मे ये प्रमाण है की कबीरदास जी एक भगत है
@its_sandeep4 жыл бұрын
@@Bhakti_Aandolan कबीर जी ने एक भक्त की रहनी करनी कैसी होनी चाहीए ऐ बताने के लिए एक भक्त की भूमिका निभाई .. बाकि आप माने य न माने कबीर ही भगवान है.!
@Bhakti_Aandolan4 жыл бұрын
@@its_sandeep 🙏भारत में अपने अपने गुरूओं को ईश्वर घोषित करने वालों की एक बहुत बड़ी तादाद है। उनमें एक नाम रामपाल का भी है। वे कबीरपंथी हैं और उन्हें जगतगुरू कहा जा रहा है। जगतगुरू के अज्ञान की हालत यह है कि उन्हें अपने गुरू का पूरा नाम और उसका अर्थ भी पता नहीं है। 👉शॉर्ट में जिस हस्ती को कबीर कह दिया जाता है। उसका पूरा नाम कबीर दास है। 👉 कबीर अरबी में परमेश्वर का एक गुणवाचक नाम है जिसका अर्थ ‘बड़ा‘ है। दास शब्द हिन्दी का है, जिसका अर्थ ग़ुलाम है। 👉 कबीर दास नाम का अर्थ हुआ, ‘बड़े का दास‘ अर्थात ईश्वर का दास। कबीर दास ख़ुद को ज़िंदगी भर परमेश्वर का दास बताते रहे और लोगों ने उन्हें परमेश्वर घोषित कर दिया। 👉 रामपाल भी यही कर रहे हैं। जिसे अपने गुरू के ही पूरे नाम का पता न हो, उसे परमेश्वर का और उसकी भक्ति का क्या पता होगा ? 👉…लेकिन यह भारत है। यहां ऐसे लोगों की भारी भीड़ है। अज्ञानी लोग जगतगुरू बनकर दुनिया को भरमा रहे हैं। अगर कबीरपंथी भाई कबीर दास जी के पूरे नाम पर भी ठीक तरह ध्यान दे लें तो वे समझ लेंगे कि कबीर दास परमेश्वर नहीं हैं, जैसा कि अज्ञानी गुरू उन्हें बता रहे हैं। 👉परमेश्वर से जुदा होने और उसका दास होने की हक़ीक़त स्वयं कबीर दास जी ने कितने ही दोहों में खोलकर भी बताई है। कबीर दोहावली में यह सब देखा जा सकता है। उनका पूरा नाम उनके मुख से ही सुन लीजिए-👇 👉माया मरी न मन मरा, मर मर गए शरीर। आशा तृष्णा न मरी, कह गए दास कबीर।।🌹 👉वह स्वयं परमेश्वर से प्रार्थना भी करते थे। वह कहते हैं कि 👉साई इतना दीजिये जा मे कुटुम समाय। मैं भी भूखा न रहूं साधु भी भूखा न जाय।।🌹 👉एक दूसरी प्रार्थना में उनके भाव देख लीजिए- 👉मैं अपराधी जन्म का, नख सिख भरा विकार। तुम दाता दुख भंजना, मेरी करो सम्हार।।🌹 👉कबीर दास जी रात में उठकर भी भगवान का भजन करते थे- 👉कबीरा सोया क्या करे, उठि न भजे भगवान। जम जब घर ले जाएंगे, पड़ी रहेगी म्यान।।🌹 👉भजन में भी वे अपना नाम न लेकर राम का नाम लेते थे- 👉लूट सके तो लूट ले, राम नाम की लूट। पाछे फिर पछताओगे, प्राण जाहिं जब छूट।।🌹 👉राम के सामने कबीर दास जी अपनी हैसियत बताते हुए कहते हैं कि मेरे गले में राम की रस्सी बंधी है। वह जिधर खींचता है, मुझे उधर ही जाना पड़ता है अर्थात अपने ऊपर मेरा स्वयं का अधिकार नहीं है बल्कि राम का है।👇 👉कबीर कूता राम का, मुतिया मेरा नाउँ। गलै राम की जेवड़ी, जित खैंचे ति�� जाऊँ।।🌹 👉राम नाम का ज्ञान भी उन्हें स्वयं से न था बल्कि यह ज्ञान उन्हें अपने गुरू से मिला था- 👉गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पाय। बलिहारी गुरू आपनो, गोविंद दियो बताय।।🌹 👉इसमें कबीर दास जी स्वयं कह रहे हैं कि जब तक उनके गुरू ने उन्हें परमेश्वर के बारे में नहीं बताया था, तब तक उन्हें परमेश्वर का ज्ञान नहीं हुआ था।🌹 👉क्या यह संभव है कि परमेश्वर को कोई दूसरा बताए कि परमेश्वर कौन है ? 👉कबीर दास जी कहते हैं कि अगर सतगुरू की कृपा न होती तो वे भी पत्थर की पूजा कर रहे होते- 👉हम भी पाहन पूजते होते, बन के रोझ। सतगुरू की किरपा भई, सिर तैं उतरय्या बोझ।।🌹 👉क्या यह संभव है कि अगर परमेश्वर को सतगुरू न मिले तो वह भी अज्ञानियों की तरह केवल पत्थर की पूजा करता रहे ? 👉कबीर दास जी अपने गुरू के बारे में अपना अनुभव बताते हैं कि 👉बलिहारी गुरू आपनो, घड़ी सौ सौ बार। मानुष से देवत किया, करत न लागी बार।।🌹 👉कबीर दास जी की नज़र में परमेश्वर से भी बड़ा स्थान गुरू का है-🌹 👉कबीर ते नर अन्ध हैं, गुरू को कहते और। हरि रूठै गुरू ठौर है, गुरू रूठै नहीं ठौर।।🌹 👉परमेश्वर और कबीर एक दूसरे से अलग वुजूद रखते हैं। उनके आराध्य राम उन्हें बैकुंठ अर्थात स्वर्ग में आने का बुलावा भेजते हैं तो वह रोने लगते हैं। उन्हें बैकुंठ से ज़्यादा सुख साधुओं की संगत में मिलता है। देखिए-👇 👉राम बुलावा भेजिया, दिया कबीरा रोय। जो सुख साधु संग में, सो बैकुंठ न होय।। 👉कबीर दास जी के इतने साफ़ बताने के बाद भी लोग उनकी बात उनके जीवन में भी नहीं समझते थे । उनके मरने के बाद भी लोगों ने उनसे उल्टा चलना नहीं छोड़ा। देखिए वह कहते हैं कि 👇 👉समझाय समझे नहीं, पर के साथ बिकाय। मैं खींचत हूं आपके, तू चला जमपुर जाय।।🌹
@its_sandeep4 жыл бұрын
@@Bhakti_Aandolan आपके कापी पेस्ट कर देने से ग्यानी - अग्यानी नही बन जाता कोई वाणी कबीर जी की है जिन्हे लोग अनपढ समझते रहे पर आज उन्ही का ग्यान संत रामपाल जी बता रहे है जो सारे ग्रन्थो से मेल खा रहा है.!
@sehajpreet66324 жыл бұрын
ek onkar =Parmatam ek hai (only one god
@satlokHanshAatma19964 жыл бұрын
Kabir Is Almighty God
@EthicalAthiest4 жыл бұрын
Dhanank Jaata ke guru hain... Ibb to maan lyo..... Aaan.... Ha......
@jituvasoya72404 жыл бұрын
निर्धन सोचता है धनवान सुखी! धनवान सोचता है राजा सुखी ! राजा सोचता है देवता सुखी! देवता सोचते हैं इंदर सुखी! कबीर परमेश्वर बताते हैं इस संसार में कोई सुखी नहीं है सिवा उनके जो पूर्ण परमात्मा की भक्ति करते हैं
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
रामपाल सोचता था कि जो लोग जेल में हैं वो सुखी इसलिए जेल में ठिकाना बना लिया
@anuchaudhary6684 жыл бұрын
Spiritual knowledge by Saint rampal ji maharajah ji 🙏🙏🙏🙇🙇🙇🙏🙏🙏🙏
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
फेक स्टोरी सुना रहा है पर मूर्ख लोगों को क्या पता
@janaksinghsingh29122 жыл бұрын
😃😃तभी गुरु गोबिंद सिंह जी ने सिखों को पहले ही कह दिया की मेरे जाने के बाद सिर्फ अपना गुरु,गुरु ग्रंथ को मानना,उसकी बानी पढ़ कर अमल करना,वरना देह धारी बहुत आयेंगे और झूठ परोसेंगे, और लोग भेड़ बकरी की तरह उनकी बातें भी मानेंगे,जैसा अभी इस वीडियो क्लिप में रामपाल परोस रहा था और लोग मान भी रहे हैं,,तभी तो कबीर जी महाराज ने जैल में डलवा दिया,की चल बानी को तोड़ मरोड़ कर बानी का खण्डन कर रहा है,तेरी जगह जेल में ही ठीक हे 😃
@SurendraKumar-mx2qv4 жыл бұрын
Satsang
@mithleshprasad43364 жыл бұрын
Verygood gyan
@Satlok_Wale4 жыл бұрын
नानक जी को भी कबीर साहेब जी ही मिले थे🤔
@aruneshsoni4 жыл бұрын
Bahut hi acchi video hai.. Kabir saheb ji hi parmatma Hain.. Dekhen sadhna channel 7:30 pm
@umeshdas43154 жыл бұрын
गरीब,झांकी देख कबीर की नानक की थी वाह,वाह सिक्खों के गल पड़ी अब कौन छुड़ावे ताह।
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
कहां देखी थी झांकी बताईए कबीर ने गुरु नानक जी की झांकी देखी और गुरु नानक जी के गुण गा रहा है ये लिखा है गुरु ग्रंथ साहिब में
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
कबीर जी की बाणी भक्तों की बाणी में दर्ज है 👉 रागु गउड़ी भगतां की बाणी ੴ सतिनामु करता पुरखु गुर प्रसादि ॥ गउड़ी गुआरेरी स्री कबीर जीउ के चउपदे १४ ॥ अब मोहि जलत राम जलु पाइआ ॥ राम उदकि तनु जलत बुझाइआ ॥१॥ रहाउ ॥ मनु मारण कारणि बन जाईऐ ॥ सो जलु बिनु भगवंत न पाईऐ ॥१॥ जिह पावक सुरि नर है जारे ॥ राम उदकि जन जलत उबारे ॥२॥ भव सागर सुख सागर माही ॥ पीवि रहे जल निखुटत नाही ॥३॥ कहि कबीर भजु सारिंगपानी ॥ राम उदकि मेरी तिखा बुझानी ॥४॥१॥ {पन्ना 323}
@Navjotsingh-ep3yi4 жыл бұрын
Bchia vang na kro uncle g Koi ni sunda hun tuhadi Bht ho gya.....
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
मितेश प्रजापति वाले कमैट पढ़ देखला मंजी ठोकती
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
@@Navjotsingh-ep3yi गुरु नानक विष्णु की भक्ति करते थे कहां लिखा है कौनसी जन्म साखी में लिखा है बताईए जरा
@ashokdass55404 жыл бұрын
ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 95 मंत्र 1 - 5 में प्रमाण मिलता है कि परमात्मा मनुष्य सदृश्य है और धरती पर प्रकट होता है, तत्वज्ञान देता है, मोक्ष के गुप्त मंत्रों का अविष्कार करता है।
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
बिल्कुल नहीं ग़लत अर्थ करें हैं महामूर्ख रामू ने
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
*वेद, उपनिषद, रामायण, महाभारत, गीता, पुराण आदि में ईश्वर का स्वरुप व कुछ वैदिक प्रार्थनाएं-* ...................... *यजुर्वेद 2/13 में कहा है "ओ३म् प्रतिष्ठ" अर्थात् निराकार ओ३म् की स्थापना कीजिये* *यजुर्वेद 40/15 में कहा है "ओ३म् क्रतो स्मर" अर्थात् ओ३म् का स्मरण-चिन्तन करना चाहिए* *यजुर्वेद 40/17 में कहा है "ओ३म् खं ब्रह्म" अर्थात् ओ३म् आकाश के तुल्य व्यापक बताया है |* *यजुर्वेद 40.08 में कहा है- स परिअगात शुक्रं अकायम् अवर्णं अस्नाविरम्...अर्थात वह परमात्मा सब दिशाओं में फैला हुआ है, काया रहित है, रंग रुप रहित है और नस नाडियों के बन्धन में न आने वाला है ।* *अशरीरं शरीरेष्वनवस्थेष्ववस्थितम्।* *महान्तं विभुमात्मानं मत्वा धीरो न शोचति।।* कठोपनिषद् वल्ली मन्त्र १/२ अर्थात्-वह परमात्मा बिना हाथ पांव के संसार को वश में करता है,बिना आंख के देखता है,बिना कान के सुनता है, निराकार है, हर आत्मा में उसका वास है । *प्रजापतिश्चरति* *गर्भेअन्तरजायमानो बहुधा विजायते। तस्य योनिं परिपश्यन्ति धीरास्तस्मिन्ह तस्थुर्भुवधानि विश्वा* - यजु० ३१/१९ अर्थात सम्पूर्ण संसार का स्वामी अजन्मा है,वह सबके भीतर है,नाना जगत उसी के सामर्थ्य से है। वह परमात्मा अजर अमर है,उसमें कभी बुढापा प्रकट नहीं होता है। परमात्मा प्राणदाता, ज्ञानदाता है,बुद्धि देने वाला वही परमात्मा शरीर की रचना करने वाला ज्ञान का भण्डार है। वेद की ही इन बातों का समर्थन संसार के अनेक महापुरुषों , विचारकों व सन्तों ने किया है- गुरु नानकदेव जी ने ईश्वर के संबंध में कहा- *इक ओंकार सतनाम कर्ता पुरुख निर्भो निर्वैर अकाल मूरत* अर्थात एक परमात्मा ओम् निर्भय,काल से परे, सदा रहने वाला और मूरतहीन अर्थात् निराकार है। रामायण के उत्तरकाण्ड में ईश्वर के संबंध में कहा गया है- *निराकारमोंकारमूलं तूरीयम्।* अर्थात् निराकार ओंकार वाणी आदि इन्द्रियों से परे है। आचार्य चाणक्य ईश्वर को निराकार बताते हुए कहते हैं- *न देवो विद्दते काष्ठे न पाषाणे न म्रन्मये।* अर्थात् परमदेव महादेव काष्ठ में,पत्थर में,मिट्टी निर्मित मूर्ति में होते हुए भी उनमें उसका साक्षात्कार नहीं होता है। शंकराचार्य ने अपनी परापूजा नाम की पुस्तक में मूर्ति पूजा का निषेध किया है- *तीर्थेषु पशुयज्ञेषु काष्ठपाषाण म्रन्मये। प्रतिमायां मनो येषां ते नरा मूढ चेतस:।।* अर्थात् तीर्थ , पशुयज्ञ, लकडी, पत्थर और मिट्टी की मूर्तियों में जिनका मन है,वे लोग मूर्ख से भी आगे मूढ हैं। शिवपुराण के अनुसार भी ईश्वर निराकार है। (शिवपुराण वायु सं० अ० ८) वह सबमें सर्वत्र व्यापक होकर ठहरा हुआ है,तो भी कही किसी से प्रकट रुप में नहीं देखा जाता।। न वह आंखों से देखा जा सकता है न अन्य इन्द्रियों से ग्रहण किया जा सकता है।अर्थात आकार रहित है। प्रकाशित मन से उसको प्राप्त किया जा सकता है।। जैसे तिलों में तेल और दही में घृत छिपा हुआ है,जैसे पानी स्रोत में तथा जैसे अरणी में अग्नि छुपा है वैसे विलक्षण परमात्मा आत्मा में छुपा रहता है। उसको योगी सत्य और तप से नित्य अपनी आत्मा में देखता है।। *निर्गुणस्य मुने रूपं न भवेद् द्रष्टिगोचरम्। द्रश्यं च नश्वरं यस्मातदरूपं द्रश्यते कथम् ।।* देवीभा० ३/७/९ ब्रह्मा बोले-हे मुने ! निर्गुण का रुप द्रष्टिगोचर नहीं होता,कारण यह है कि दृष्य तो नश्वर है।अरुप का दर्शन कैसे हो सकता है ?अर्थात् परमात्मा का साकार रुप में दर्शन होना सम्भव नहीं। निराकार ईश्वर के अतिरिक्त अन्य को ईश्वर मानने वालों के लिए बडे कडे शब्दों में रामचरितमानस में कहा है- *चौदह भुवन एक पति होई।* *भूत द्रोह तिष्ठहि नहि कोई।।* *अस प्रभु छांडि भजहि जो आना। ते नर पशु बिनु पूंछ विसाना ।।* अर्थात् सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का एक ही स्वामी है । ऐसा प्रभु जो सर्वान्तर्यामी है, उसे छोडकर जो अन्यत्र देवी देवताओं,पाषाण मूर्तियों को भजते-पूजते हैं वे मनुष्य बिना पूंछ और बिना सींग का पशु हैं । *चलहिं कुपथ वेदमग छांडे।* *कपट कलेवर कलि-मल भांडे।।* अर्थात् जो लोग वेदपथ को त्याग कर चलते हैं,वे कुमार्ग पर चल रहे हैं,उनका शरीर कपटी है और पाप एवं विष्ठा के पात्र हैं।
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
*ईश्वर की उपासना मिथ्या विश्वास पर नहीं अपितु सत्य पर आधारित होने चाहिए। यदि कोई नमक की डली को चीनी समझने लगे तो वह चीनी नहीं बन जाएगी। मनुष्य असत्य कल्पना करे तो वह यथार्थ नहीं अपितु भ्रम कहलायेगा। मूर्ति पूजा का समर्थन करने वाले हिन्दू कब श्री राम और श्री कृष्ण को छोड़कर मुसलमानों की कब्रों में ईश्वर को खोजने लग गए मालूम ही नहीं चला। ऐसे ही साईं बाबा को भी भगवान बताने लगे मालूम ही नहीं चला। असत्य को सत्य समझने का यही दुष्प्रभाव है। हिन्दू समाज अगर वेद विदित सत्य को समझ जाये कि ईश्वर निराकार है और सभी की आत्मा में उसका वास है और उनकी पूजा करने के लिए किसी मूर्ति वा मजार की आवश्यकता नहीं है तो एक दिन में संगठित हो जाये। खेद है कि आठ सौ सालों तक मुसलमानों की मार खाने के पश्चात भी हिंदुओं को यह समझ नहीं आया कि उनकी बीमारी क्या है !!*
@omparkashsaini4564 жыл бұрын
Kabir is Supreme God God comes on earth in every era to bewilder humans by his presence. Foretellers and astrologers have predicted so far about Supreme God. God appears like humans and He even created man like himself. God is our father and creator of all the Universe.
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
जवाब गोस दीन इमाम सूरा आखे इमाम गौसदीन पढ़ अहमद दी किताब। करे गुनाह कबीर जो तिस नो बड़े अजाब। जो हालत करे खुदाई दी हानत करे रसूल। फिरें इमान ते मने ना कुरान रसूल।दूजा कबीर गुनाह होर तिसदी सुन तदबीर।धी भैण सकी माउं सो करे गुनाह असीर
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
जब इसका अर्थ करेगा तब पता चलेगा 😁
@bantyjamwal20324 жыл бұрын
Must watch
@saniarandhawa-zo5jh Жыл бұрын
🙇🙇🙏🙏♥️
@raju-km4df4 жыл бұрын
Nice knowledge
@ramkishorekataria23873 жыл бұрын
गुरु नानक जी ने सोहम सोहम जपा था
@dr.vinaydassahubhms7301 Жыл бұрын
👌🥰
@chainnarayannayak96964 жыл бұрын
Sant kabir ki jay bandi chood
@falleshkumar53554 жыл бұрын
Kabir is god
@jayantrisahu28904 жыл бұрын
Kabir is real god
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
कबीर सागर मनगढ़ंत कहानियों का पोथा है
@kaushaldewangan66404 жыл бұрын
अरे मूर्ख एक बात बता दें गुरु ग्रंथ साहिब भी मनगढ़ंत कहानी है क्या
@Bhakti_Aandolan4 жыл бұрын
@@kaushaldewangan6640 कबीर सागर एक मनगढंत कहानी का पिटारा ही है जिसको कबीरपंथियो ने लिखा है अपना पंत तेज़ी से बढ़ाने के लिए लोगो को बेवकूफ बनाया है
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
बिल्कुल सत्य कहा रूद्र भाई अक्ल के अंधे तो कभी समझ नहीं सकते ये भी सत्य है
@singhlali68404 жыл бұрын
@@gurvindersingh.khalsa6164 गुरु ग्रन्थ साहिब में जो कबीर साहब जी की बाणी है वो कबीर सागर से ली गई है आपने किसी नास्तिक के कुमेंट लिखा देख कर कहा कबीर सागर झूठ का पिटारा है तो क्या गुरु नानक जी उनकी बाणी लेकर झूठ फैलाना चाहते थे या आप भी नास्तिक हैं
@janaksinghsingh29122 жыл бұрын
@@singhlali6840 गुरु ग्रंथ साहिब में में किसी की कहानी नहीं हे अकल के अंधे
@deepakshukla15603 жыл бұрын
Dhanak ka matalab Jangali shikari (Wild hunter) hai
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
सभी मूर्खों से एक सवाल की अगर काल के दूत सतनाम मंत्र को निकालकर सभी को देने लग जाते तो काल के हाथ क्या आता मूर्खों सोचकर बतायो
@Navjotsingh-ep3yi4 жыл бұрын
Pehla kaal hai kaun eh dsso..
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
@@Navjotsingh-ep3yi काल का अर्थ है समय जैसे अब समय है कलियुग का
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
@@Navjotsingh-ep3yi काल का अर्थ है मौत जो सबके आनी है
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
काल के दूत कौन है जो 12पथं कबीर जी के नाम पर चलाएं है वो 12काल के दूत जो उनसे दीक्षा लेकर आगे अपने अपने पंथ को बढ़ा रहें हैं जैसे नितिन,रामू, प्रकाश मुनि आदि
@Navjotsingh-ep3yi4 жыл бұрын
Hahaa Acha mtlb maut ne brahma vishnu mahesh paida keete
@RanyodhNahar11 ай бұрын
Thumbnail mai guru nanak ji kai hath Kabir sahib kai aage kyu jode hai galat hai yeh
@DeepSingh-nj4fy10 ай бұрын
Aapko laal rang pasand hai to main moorakh peela kyun bechon 😂 har muqqamal insaan khuda ka roop hai chahe woh kabir sahib hon ya Nanak sahib lekin agar aapko sirf laal chaiye to aapko laal pasand karne wale hee pasand honge Tu Ram Tu hee Rahim Tu hee Nanak Tu hee Virat Tu hee tush kya julaha kya dhanak Allah Hu Akbar 🙏🏼
@janaksinghsingh29122 жыл бұрын
क्यों लोगो को चुटिया बना रहा हे,धानक रूप रहा करतार का मतलब भी पता हे,अपनी मनघड़ंत कहानी बना कर पेश कर दी,गुरु ग्रंथ साहिब की बानी का गलत अनुवाद करके खुद को और सुनने वालो को पाप का भागीदार बना रहा हे
@sehajpreet66324 жыл бұрын
You are wrong
@Akashdeep_Singh_Kashyap2 жыл бұрын
You are misinterpreting gurbani Cheap Rampal
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
शर्म करो अब सबकुछ स्पष्ट रूप उजागर हो गया है कि धाणक रूप है कोई जाति नहीं धाणक का अर्थ शिकारी होता है कुछ तो खौफ खायो परमात्मा का जिसको हिसाब किताब देना है चलो कोई बात नहीं आपके पापों का घड़ा भी तो ऐसे ही भरेगा भरेगा नहीं तो फूटेगा कैसे लगे रहो
@sitadasisita76434 жыл бұрын
शर्म तो तू कर जो आखो देखी सच्चाई नहीं में रहा है
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
@@sitadasisita7643 देखो कैसे अर्थ के अनर्थ कर रहा है सही शब्द है फाही सुरति और रामू ने लिखा है फाही सूरत सरेआम बेवकूफ बना दिया अपने चेलों को सही शब्द है हउ ठगवाडा और रामू ने लिखा उह ठगवाडा मूर्खों के बताने के बाद भी नहीं पता चलता इतनी मूर्खता भी अच्छी नहीं
@singhlali68404 жыл бұрын
@@gurvindersingh.khalsa6164 जब कबीर साहब की बाणी गुरु ग्रंथ साहिब है तो कबीर का अर्थ बड़ा कैसे हो सकता है कबीर किसी नाम है कबीर तो कबीर ही रहेगा
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
साला कितना झूठ बोल रहा है बनारस की पहली नहीं दूसरी उदासी थी
@sitadasisita76434 жыл бұрын
तेरे से बड़ा मूर्ख और कोन होगा
@its_sandeep4 жыл бұрын
अब आप कितना भी क्रोध करे अव परमात्मा का समय है मूर्ख कौन है ग्यान बताएगा
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
झूठ तो झूठ ही रहेगा रामू ने कहा कि गुरु नानक जी पहले काशी गये जबकि सबसे पहले भाई लालो के पास फिर सालस राय जौहरी के पास गये पहली उदासी सम्वत 1556 से प्रारंभ की और कांशी गये 1566 को पहली यात्रा 1556से 1563 तक भाई बाले वाली जन्म साखी के अनुसार रामू तो बिल्कुल ही फेक साबित होता है दूसरी यात्रा बनारस की थी ये भी जन्म साखी में लिखा है
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
आप खुद ही सोचें मूर्ख कौन है 😁
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
@@its_sandeep क्रोध नहीं ठंडे दिमाग से पढ़ो बाणी और समझो
@sharanjitsingh5804 Жыл бұрын
Sat Sahib g
@bhagyabantaluha5600 Жыл бұрын
Sat saheb ji🙏
@sitrealfact4 жыл бұрын
Adbhut gyan
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
फेक स्टोरी है सिर्फ
@Satlok_Wale4 жыл бұрын
Nice
@kulbirsingh78574 жыл бұрын
Kabir is God
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
नो नैवर
@kulbirsingh78574 жыл бұрын
Yes
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
@@kulbirsingh7857 नो नैवर
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
असटपदी ।। जिस कै अंतरि राज अभिमानु।। सो नरक पाती होवत सुआनु।। जिसके मन में राज्य का अहंकार है, वह नरकीय जीव कुत्ता बनता है। जो जानै मैं जोबनवंतु।। सो होवत बिसटा का जंतु।। जो यह समझता है कि मैं जवानी वाला हूँ, वह गंदगी का कीड़ा होता है। आपस कउ करमवंतु कहावै।। जनमि मरै बहु जोनि भ्रमावै।। स्वयं को जो अच्छे कार्यों वाला बनाता है, वह जन्मतः मरता हुआ बहुत योनियों में भटकता है।धन भूमि का जो करै गुमानु।। सो मूरखु अंधा अगिआनु।। धन और धरती का जो अहंकार करता है, वह मूर्ख, अंधा और अज्ञानी है। करि किरपा जिसकै हिरदै गरीबी बसावै।। नानक ईहा मुकतु आगै सुखु पावै।।१।। मेहर करके प्रभु जिसके हृदय में गरीबी बसा देता है, गुरूजी कहते हैं कि वह मनुष्य यहाँ मुक्ति और आगे सुख पाते है। धनवंता होइ करि गरबावै।। त्रिण समानि कछु संगि न जावै।। यदि कोई धनवाला होकर गर्व करता है, तिनके के समान भी कुछ उसके साथ नहीं जाता।बहु लसकर मानुख ऊपरि करे आस।। पल भीतरि ता का होइ बिनास।। अधिक फौज और मनुष्यों पर जो आशा करता है, उसका पल में ही नाश हो जाता है। सभ ते आप जानै बलवंतु।। खिन महि होइ जाइ भसमंतु।। जो स्वंय को सबसे बलवान जानता है उसका क्षण भर में नाश हो जाता है, अर्थात् नष्ट हो जाता है। जैसे रावण को अपने पुत्र मेघनाथ पर गर्व था। इक लख पूत सवा लख नाती, तिस रावण घर दीया न बाती। वह क्षण भर में ही राख हो जाता है। किसै न बदै आपि अहंकारी।। धरम राइ तिसु करे खुआरी।। जो अहंकारी है और अपने बराबर किसी को नहीं समझता धर्मराज उसे बरवाद करता है।गुर प्रसादि जा का मिटै अभिमानु।। सो जनु नानक दरगह परवनु।।२।। गुरूजी की कृपा से जिसका अहंकार मिट जाए, हे नानक, वह दरगाह में परवान होता है। कोटि करम करै हउ धारे।। स्रमु पावै सगले बिरथारे।। जो मनुष्य शुभ कर्म करके मन में अहंकार रखता है, शर्मिंदा होता है और सब काम व्यर्थ जाते हैं। अनिक तपसिआ करे अहंकार।। नरक सुरग फिरि फिरि अवतार।। अधिक तपस्या करके जो अहंकार करता है, वह बार बार नर्क स्वर्ग में जन्म लेता है।अनिक जतन करि आतम नही द्रवै।। हरि दरगाह कहु कैसे गवै।। अनेंकों यत्न करके यदि आत्मा नहीं पिघलती, बताओं वह ईश्वर की दरगाह में कैसे जा सकता है। आपस कउ जो भला कहावै।। तिसहि भलाई निकटि न आवै।। जो स्वयं को अच्छा कहलाता है, भलाई उसके पास नहीं आती। सरब की रेन जा का मनु होइ।। कहु नानक ता की निरमल सोइ।। ३।। जिसका मन सबकी चरण-धूलि हो जाता है, अर्थात् अहंकार त्याग कर नम्रता आ जाती है, हे नानक, उस पुरूष की पवित्र शोभा होती है।
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
धाणक का अर्थ है शिकारी
@workathomehp76774 жыл бұрын
Nice
@gurvindersingh.khalsa61644 жыл бұрын
फेक स्टोरी है सिर्फ मानसिक रूप से विक्षिप्त लोग ही सच मानेगा