बहुत शानदार वीडियो गौहर रजा साहब प्लीज इसको बनाते रहिए
@subhashsharma72872 күн бұрын
बहुत गंभीर विश्लेषण कर प्राचीन भारत में वैज्ञानिक मनोवृति को प्रस्तुत किया है ।हमे इस मानव मित्र वा प्रकृति के अनुकूल विचारों को जन समुदायों के भीतर उतरने के प्रयास कर मानव को मस्तिष्क को पाखंडियों की गुलामी से मुक्त करना होगा। शुक्रिया गौहर साब।
@praveenpandit22982 сағат бұрын
गौहर रज़ा साहब ! आपको सुनना स्वयं को ज्ञान-विज्ञान से संपृक्त -समृद्ध करना भर नहीं , अपितु नीर-क्षीर विवेकी के रूप मे इस प्रिय शृंखला के साथ आपका अभिनंदन करने का सुख ले रहा हूँ | प्रिय विषय अत्यंत प्रिय श्रीयुत गौहर जी के श्रीमुख से सुनना अहोभाग्य |
@ArunKumar-wx6nk3 күн бұрын
Brilliant analysis sir ❤
@praveenpandit22982 сағат бұрын
आनंद ही आनंद -- आप आगे बढ़ें , हम स्वयं को खंगाल कर देखना चाहते हैं |
@sanjeevkumarmalik14292 күн бұрын
Samay ki zaroorat 🙏 nice initiative
@kartarsingh34842 күн бұрын
Awesome. Full knowledgeable and Scientific.
@debashishchakraborty34822 күн бұрын
Very nice
@kaushalgagan67233 күн бұрын
Bahut khub, I still watch your poetry to fight the absurdity of the unscientific societal norms prevalent in our country.
@Sk.foodytongueКүн бұрын
बेहतर से बेहतर विचार को गढ़ो और उस से खुद को इस दुनिया को बेहतर बनाने की कोशिश करो और बेहतर बनाते रहे यही मानव जीवन है
@stimulantdaimamld20995 сағат бұрын
great
@mukhtarktalnikar4174Күн бұрын
बहुत खूब , इस सिलसिले को यूँ ही जारी रखिये।
@manojoy69132 күн бұрын
Thankyou Gauhar Raza sir 🙏
@Srkt62 сағат бұрын
👍
@adityashrivastav60153 күн бұрын
Very nice initiative 🙏🙏
@user-do2dw5vg7k2 күн бұрын
Social science is the interdisciplinary scientific study of human behaviour individual differences such as biological linguist archeological chemistry biological anthropology sociobiology neuroeconomics
@devimiri71482 күн бұрын
Very nice sir ji Thanks 🙏
@R.Shankar333Күн бұрын
Bahut behtarin.... waiting for upcoming episode.❤
@pukhrajmansion8445Күн бұрын
Good presentation 👏
@kishormukt664520 сағат бұрын
Thank you
@GurugramrahmatКүн бұрын
Always awaiting Gauhar sb...
@pritamsinghdhar1056Күн бұрын
Love you my brother salute you meet some where in function
@ursemlata9597Күн бұрын
बहुत सरलता से आज के सवाल।कृपया और अधिक जानकारियां देते रहें। 🎉❤
@Juber_Human14 сағат бұрын
This was needed ❤❤
@VikasValmiki-y7qКүн бұрын
Brilliant 🏆🏆🏆🏆🏆
@user-do2dw5vg7k2 күн бұрын
Social science is the branch of science
@himanshusharma5141Күн бұрын
Great sir
@jayaryavart442522 сағат бұрын
दो घटना के बीच के अंतराल को समझने के लिए बनाया गया पैमाना ही समय हैं और कुछ नहीं. वास्तविकता में समय हैं भी और नहीं हैं. क्यूंकि शून्यता (मोक्ष) को समझना हैं तो वहां समय का अस्तित्व ही नहीं है. जबतक भ्रम हैं तबतक सभी dimensions मौजूद हैं लेकिन जब आप मोक्ष की अवस्था में पहुंच जाते हैं फिर सब कुछ स्थितप्रज्ञ हो जाता है और यहीं संदेश दिया गया है गीता जी में परम प्रभु श्री कृष्ण ने. सनातन धर्म की जय 🙏
@harshikaaswal26132 күн бұрын
Awesome
@RahulDubey-bi1ll13 сағат бұрын
गौहर रज़ा साहब जिस तार्किकता को समाज में फैलाना चाहते हैं, वही फासिस्टवादी ताकतों को पसंद नहीं। उन्हें चाहिए अंधभक्ति में डूबा समाज, ताकि वो हमें मुर्ख बना सत्ता क़ायम रखें हमें आपके अगले एपिसोड का इंतजार रहेगा सर 🙏
@suramya033 күн бұрын
भारतीय परंपरा में समय के चलते एक ही शब्द आनेको संदर्भ में प्रयोग किया गया है जिसका सबसे बड़ा उदाहरण 'आत्मा' शब्द है। शायद बुद्ध जो आत्मा का निषेध करते है ये विपक्षित मन या जीवात्मा के संदर्भ में हो सकता है। ...फिर बुद्ध की जातक कथाओं में बुद्ध के जो पुनर्जन्मकी कहानियां है वो केवल कहानियां है.. या फिर वो क्या था जो बार बार जन्म लेता था ?
@saifshamil4690Күн бұрын
Very informative l❤ from pak
@UpKaLadaka1199Күн бұрын
You are hero 💪
@manjulasaxena4784Күн бұрын
Please discuss science of soul and Holy Science books
@sanjeevचेतना63973 күн бұрын
गौहर रज़ा जी आपको प्रणाम❤❤❤
@unknownvideo57482 күн бұрын
Charvak ❤
@sunilmehrotra20612 күн бұрын
😂😂😂 केवल लिख देने से तुम क़्या जानते हो चार्वाक को कभी नष्ट नहीं किया गया यह साधारण जनता से दूर रहें इनके बिचार 1978 में मैं जब पुराण और भारतीय स्याकोलोजी पढ़ रहा था तब चार्वाक सिहिता की कीमत 26000/ थी दो भागों मैं चार्वाक एक वेद्य थे और वेद्य को नास्तिक होना ही चाहिए और गोहर साहब का मैं स्वागत करता हूं सनातन बिचार धारा जिनमें जैन बोद्ध और भगवान दत्तात्रेय ने सवाल उठाए सनातन ने उनमे कुछ विचारों को अपनाया और बह और मजबूत और मजबूत होता गया
@ManOfSteel1Күн бұрын
how many videos will come in this series? any index of topics?
@sanjeevचेतना63973 күн бұрын
आत्मा--- आज़ादी,समता,बोध, समझ,विवेक पूर्ण, पूर्ण समग्रता, प्रेम, करुणा, माफ,जाती भेद रहित, वर्ण व्यवस्था रहित, नस्ल रहित, लिंग् रहित,समुदाय रहित, रंग भेद रहित,खास विशेष अलगाव तुलना तराज़ू पन रहित,आदि ये सब तत्व आत्मा के है
@manojoy69132 күн бұрын
Sabit Karo aatma.
@sanjeevचेतना63972 күн бұрын
प्रेम,करुणा,प्रीतकर,भाईचारा,आनंद,सौंदर्यता, बंधुत्व,स्वतंत्रता ये सब कालजयी है ये किसी भी काल मे बदलते नही है @@manojoy6913
@sanjeevचेतना63972 күн бұрын
@@manojoy6913पोथी(मत, सिद्धांत,आदर्श, अनुकरण,अनुसरण, प्रकृति की समस्त घटनाएं)पड़ पड़ जग मुआ पंडित(विवेक, बोध,प्रेम, समझ)भया न कोई ढाई आखर प्रेम(मुझे सब जानना है,जाँच पड़ताल, पारखी होकर अपने स्वार्थ अलग रख कर) का पड़े सो पंडित(विवेक, ज्ञान,clarity)होय ❤❤❤❤❤
@sunilmehrotra20612 күн бұрын
@@manojoy6913 आज जिसे तुम ऊर्जा बोलते हो उसी को आत्मा कहकर पुकारा गया यह सभी जगह व्याप्त है और एक है जिसे हम माया बोलते हैं तुम उसे मेंटर बोलते हो यह अनगिनित है मेटर और ऊर्जा मिलन से कोई नयी सामने आती है
@surtaram86622 күн бұрын
जो ब्रह्म परब्रह्म को अलग मानते है जो विद्या अविद्या/परा अपरा को न समझते वे दुसरो की गाये गिनने वाले गवाले के समान है जो आत्मा परमात्मा को नही समझ सकते वे उधारी बाते करते है। @@manojoy6913
@dharamveersingh7627Күн бұрын
💫✨✅👍💡
@avi21253 күн бұрын
I admire the dogged efforts of Gauhar Raza sahab. While he is right about hints of rationality existing, say in the Rg Veda, and then in the Buddha's sayings, one has to be cautious. Especially with Buddhist thought and practice. Shraddha/śraddha/श्रद्धा - faith? - played a very big role in Buddha's preaching and dharma. There is a declarative quality to many of his teachings, especially on doctrinal issues. While Socratic in nature, at times his suttas drive to foregone conclusions. The logico-epistemological phase in Buddhist thought, with Dignaga, Dharmakirti etc is more rigorous. And correspondingly the Nyāya logicians, whose realism, at least in the earlier part was closer to a scientific spirit. Jonardon Ganeri's "Philosophy in Classical India: The proper work of reason" is a fine study.
@Awadhesh72 күн бұрын
Sir we are waiting you to welcome in Surat❤
@sanjeevचेतना63973 күн бұрын
❤हमन है इश्क़ मस्ताना हमन है इश्क़ मस्ताना, हमन को होशियारी क्या? रहें आज़ाद या जग से, हमन दुनिया से यारी क्या? जो बिछुड़े हैं पियारे से, भटकते दर-ब-दर फिरते, हमारा यार है हम में, हमन को इंतज़ारी क्या? ख़ल्क़ सब नाम अपने को, बहुत कर सिर पटकता है, हमन गुरनाम साँचा है, हमन दुनिया से यारी क्या? न पल बिछुड़े पिया हमसे, न हम बिछड़े पियारे से, उन्हीं से नेह लागी है, हमन को बे-क़रारी क्या? कबीरा इश्क़ का माता, दुई को दूर कर दिल से, जो चलना राह नाज़ुक है, हमन सिर बोझ भारी क्या? ~ गुरु कबीर
@chandarchaudhari159519 сағат бұрын
Book batao sir
@sanjeevचेतना63973 күн бұрын
ऋषि के नेतृत्व में लोगों के मन खाली हो जाते हैं। ऋषि उनकी महत्वाकांक्षा को कम करता है, और संकल्प को मज़बूत बनाता है। ऋषि लोगों की वह भूलने में मदद करता है जो वे जानते हैं, और जिसकी वे इच्छा करते हैं। ऋषि उनमें संशय पैदा करता है जो सोचते हैं कि वे जानते हैं। 'कुछ नहीं' से करने से सबकुछ होने लग जाता है।------Under the leadership of the Sage, people's minds become empty. The Sage reduces their ambition, and strengthens their resolve. The Sage helps people forget what they know, and what they desire. The sage creates doubt in those who think they know. By doing from 'nothing', everything starts happening.
@sureshvedia9492 күн бұрын
Akaash tatva hi vayu tatva hai
@jaybhavani84162 күн бұрын
Adhibautic Aadhidaivic Adhyatmic gyaan - vigyaan - vidya per bhi kuch baat karo .
@sunilmehrotra20612 күн бұрын
आकाश मतलव स्पेश
@sanjeevचेतना63973 күн бұрын
❤❤❤❤😢🙏👍
@suramya033 күн бұрын
यह भी संभव हो कि चार्वाकवादियों ने जो कहा गया उस के विरोध में कहना था तो उनके कोई खास ग्रन्थ ही न हो... !
@ursemlata9597Күн бұрын
मैं भी ईश्वर और आत्मा पर विश्वास नहीं करती।❤
@ursemlata9597Күн бұрын
संशय की स्थिति में हूं
@anilkumar-y9j4sКүн бұрын
संशय ही आत्मा और ईश्वर का बोध हैं !!@@ursemlata9597
@sanjeevचेतना63973 күн бұрын
बेचैन से चैन की उत्पति नही हो सकती है अशांति से शांति की उत्पति नही हो सकती है अपूर्ण से पूर्ण की उत्पति नही हो सकती है अभाव से भाव की उत्पति नही हो सकती है अतृप्त से तृप्त की उत्पति नही हो सकती है दुःख से आनंद की उत्पति नही हो सकती है अतीत से भविष्य की उत्पति नही हो सकती है--- सांख्य दर्शन दुःख को खत्म करने का उपाय ही दुःख का उत्पन्न होने का कारण है-- महृषि कपिल❤❤❤
@karanjena17662 күн бұрын
KAMANA KE BINAS ME DUKH KA BINASH HAY LORD BUDHA NE BOLA HAYA LELKIN JO LOG SADIYUN SE ATYACHAR SAHE THE WO DEMOCRACY ME CAPITALISM ME ACHI JINDAGI KI ASS AKARNA KYA GAALT HAY
@sanjeevचेतना63972 күн бұрын
@karanjena1766 कामना क्यों उठती है या उसके मूल मे क्या बैठा है बेचैनी, अधूरा पन उसी अधूरा पन को भरने के लिए कामना उठती है कामना किसको उठती है हमको मतलब कामनाकर्ता(दृष्टा) को किससे कामना पूरी होगी दृश्यमान जगत से लेकिन यथार्थ ईमानदारी यह है कि कामना कर्ता (दुःख कर्ता, बेचैन) को चैन, सुख कभी नही मिलता है केवल दृष्टा और दृश्य का खेल चलता रहता है
@karanjena17662 күн бұрын
@@sanjeevचेतना6397 han bro sahi hay mereko bhi icha hota ahy korean girl jaise sundar gf ho meri lakho karod la ghar property six pack abs body manger type ka position boss wala bindas life ye sab sapana hi hay real me me dalit hu ha ghar pakka hay marbel wala lekin rojgar abhi nahi hay lakh rs mahina ka hoga ki nahi nahi malum uppercaste ke girls to ghas bhi na dalegi sc sunke😁😁 paisa wala ho to alag hi hay baat 😁u stime jaat ud hats ahy garib ko hi jat dharam sab sehna padta ahy 😌 kash mera ye sapana sach ho pata 🥰🥰
@pradiptagaurangadas5647Күн бұрын
सनातन धर्म में तो पुस्तकालय है क्योंकि इसमें अब्राहमिक धर्म की तरह सिर्फ एक पुस्तक नहीं है। आप भगवद्गीता,भागवतम्,ब्रह्म संहिता,चैतन्य चरितामृत आदि ग्रंथों का अध्ययन अवश्य करें और फिर एक वीडियो बनाएँ। इससे आपको सबकुछ स्पष्ट रूप से समझ में आ जाएगा।
@dewsharansahu84292 күн бұрын
Rja sir Mai ek science teacher hu chattisgarh bagbahra me our apka bahut bada fan hu logo me scientific temperament karne ka prayas karta hu insaniyat ko hi ekmatra dharm manta hu Nastikta our tarkwad charwak Darshan ko manta hu
@DevendraJeet2 күн бұрын
आपकी जानकारी अपूर्ण है बिल्कुल चार्वाक की तरह .... प्रमाण भी नहीं देते आप की ____ मंत्र में _______ श्लोक में यह बात लिखी है।
@navinbarthwal45062 күн бұрын
Ipppp
@nidc10002 күн бұрын
, तो आप विश्लेषण दिजिए
@parshurambalmiki13 сағат бұрын
Means you don't believe in your holy book or you are creating anti hindu narrative only what you do.
@sanjeevचेतना63973 күн бұрын
❤महान लोगों का अतिशय महिमामंडन न करें तो लोग पाखंडी नहीं होंगे। वस्तुओं के मूल्य को बहुत न बढ़ाया जाए तो लोग चोरी नहीं करेंगे। प्रलोभन वाली चीजों का प्रदर्शन न करें, और लोगों के हृदयों में अशांति नहीं होगी।------Do not exalt the virtuous, and the people will not contend. Do not treasure rare goods, and the people will not steal. Do not show tempting things, and the hearts of the people will not be in turmoil.
@sanjeevचेतना63973 күн бұрын
शांति & आनंद & ज्ञान & विवेक & समता के पक्ष मे जागरूकता अभियान कब चलाये हो बताओ और कहते हो हे अल्लाह या ईश्वर या गॉड या वाहेगुरु हमे बचा ले इन संसार मे विभिन्न प्रकार के शत्रुओ से , जालिमो से बहुत अन्याय कर रहे है जो हमको हमे हमारे घर से बेघर कर रहे हैं तुम लोग हर वक़्त भेद भाव का उच नीच का तुलना का पृथकता का असमानता का दिन रात इसी को माइ बाप बनाये हो और इसी की निस दिन सेवन कर रहे हो एक ही बाप है विवेक, समता, शांति आदि उदाहरण-- जापान हिरोशिमा, नागाशाकी, शीत युद्ध और बहुत उदाहरण है कि कोई अल्लाह, भगवान नही बचाने आया है दुनिया में खून खराबा और युद्ध हमेशा से होते रहे हैं। यहाँ कुछ प्रमुख युद्ध और खून खराबे की घटनाएं हैं जो इतिहास में दर्ज हैं: प्राचीन युग: 1. महाभारत युद्ध (भारत, 3000 ईसा पूर्व) 2. ट्रोजन युद्ध (ग्रीस, 1200 ईसा पूर्व) 3. रोमन युद्ध (इटली, 1000 ईसा पूर्व से 500 ईसवीं तक) मध्य युग: 1. क्रूसेड युद्ध (यूरोप और मध्य पूर्व, 1095-1291) 2. मोंगोल आक्रमण (एशिया और यूरोप, 1206-1368) 3. हंड्रेड यियर्स वॉर (इंग्लैंड और फ्रांस, 1337-1453) आधुनिक युग: 1. प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) 2. द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945) 3. कोरियाई युद्ध (1950-1953) 4. वियतनाम युद्ध (1955-1975) 5. गुल्फ युद्ध (1990-1991) 6. इराक युद्ध (2003-2011) 7. सीरियाई गृहयुद्ध (2011-वर्तमान) 8. यूक्रेन-रूस युद्ध (2022-वर्तमान) आतंकवादी हमले: 1. 9/11 हमले (संयुक्त राज्य अमेरिका, 2001) 2. मुंबई हमले (भारत, 2008) 3. पेरिस हमले (फ्रांस, 2015) 4. ब्रुसेल्स हमले (बेल्जियम, 2016) इन घटनाओं के अलावा, दुनिया में कई अन्य युद्ध, संघर्ष, और आतंकवादी हमले होते रहे हैं। ये घटनाएं मानवता के लिए एक बड़ा चुनौती हैं और शांति और सुरक्षा के लिए हमेशा प्रयास करना आवश्यक है।
@manojoy69132 күн бұрын
😂 kalpna se bahar aao. History ke beech me apne aur dusro ke mythology ko include karke apne PAKHAND ko JUSTIFY karwana chahte ho.
@sanjeevचेतना63972 күн бұрын
@@manojoy6913कैसी कल्पना दोस्त❤ और आपकी जिज्ञासा को प्रणाम
@sanjeevचेतना63972 күн бұрын
@@manojoy6913अपने दूसरे mythology और पाखंड ये सब एक साथ पैदा होते है और justify एक स्थूल कर्म है जिसे ज्ञानेद्रियो से देख सके कि आपका वाह वाही करे❤
@ashokkumar-b7y3 күн бұрын
चार्वाक फर्जी है
@kaushalgagan67233 күн бұрын
Aage bhi kuchh boliye mahashay ki kaise farzi hai Ya keval rattu tota type ye har jagah ye bolkar nikal jaate hai?
@Awadhesh72 күн бұрын
In फर्जीवाड़ा logo ka yahi kam hai😂 @@kaushalgagan6723
@jayaryavart442522 сағат бұрын
वामपंथी 😂😂😂😂
@ManojTiwari-sc8rcКүн бұрын
बाइबल और कुरान क्या कहती है ब्रह्मांड के बारे में और नक्षत्र के और ग्रह के बारे में गोत्र के बारे में हमें समझाएं जिहादी अंकल जी
@dewsharansahu84292 күн бұрын
Rja sir Mai ek science teacher hu chattisgarh bagbahra me our apka bahut bada fan hu logo me scientific temperament karne ka prayas karta hu insaniyat ko hi ekmatra dharm manta hu Nastikta our tarkwad charwak Darshan ko manta hu
@dewsharansahu84292 күн бұрын
Rja sir Mai ek science teacher hu chattisgarh bagbahra me our apka bahut bada fan hu logo me scientific temperament karne ka prayas karta hu insaniyat ko hi ekmatra dharm manta hu Nastikta our tarkwad charwak Darshan ko manta hu