अंगेजो के समय कितनी जाती थी और अब कितनी है। ये ही contradict है। बाबा साहेब, जगजीवन राम की बेटी। रामविलास पासवान आदि जाती प्रथा का विरोध करते करते शादी ब्राह्मण से की
@michaelpalghadmal462011 ай бұрын
अच्छा विश्लेषण, वापस जातीय व्यवस्था को रोक लगानी चाहीए |
@chennai52rock246 ай бұрын
🙏Ram Puniyani sir, and the Satya channel anchor we salute your programe, because of uprooting the social activities which was hidden and untold about the social practices of the communities. Thank you 🙏carry on🙏.
@VivekGarg-ue9lw Жыл бұрын
निर्भीक एवं निष्पक्ष विवेचना की है। इतिहास विश्लेषण भी तर्कसंगत प्रतीत होती है। बड़ी ज़रूरत थी इस वर्ण एवं जाति विश्लेषण तथा व्याख्या के इतिहास वर्णन की। मानसिक शोध का कच्चा माल दे दिया धन्यवाद।
@Tulsiram-oc9nx2 ай бұрын
जाति व्यवस्था भारत के मूल निवासियों को आर्यों द्वारा गुलाम बनाए जाने के बाद समाज पर एक क्षत्र राज करने के लिए बनाई गई मनु द्वारा।यही सत्य है।
@MaheshchandraSharma-qx4ny10 ай бұрын
अशोक सम्राट के समय तक जाति का विवरण नहीं है ।12वी सदी तक एक ही स्थान पर जैन बौद्ध शिव राम कृष्ण सभी की मुर्तिया पायी गयी हैं
@ramkumar-qm5el2 ай бұрын
अच्छा बारहवी सदी कि शिव राम कृष्ण कि कौन सी मूर्ति मिली है ज़रा शेयर करो हम भी देख |
@Mk-el8cd2 ай бұрын
@@ramkumar-qm5el pasupatinath ki murtii
@ramkumar-qm5el2 ай бұрын
@@Mk-el8cd अच्छा इसका मतलब है कि तुम्हरे देवी देवता पिछले 1000 सालो में पैदा लिए है अगर इस मूर्ति कि भी जाँच हो जाए या इस मंदिर कि भी खुदाई हो जाए तो बुद्द ही निकलेगे | वैसे तुम्हारे ब्राह्मण समाज में मूर्तिकला कब और कौन सी थी
@ambitioussan8805Ай бұрын
@@ramkumar-qm5el kuch bhi
@Mk-el8cdАй бұрын
@@ramkumar-qm5el पशुपतिनाथ की मूर्ति 4700 वर्ष पुरानी है। जो कि सिन्धु घाटी सभ्यता स्थल से पायी गयी थी।
@radheshyamsharma202611 ай бұрын
बहुत सुंदर चर्चा।
@arunshankhavar8325 Жыл бұрын
अंतर्जातीय विवाह वरीयता सरकार देना शुरू करे तो जातीय व्यवस्था को खत्म करने का सफल प्रयास होगा।
@deepakkumr2 ай бұрын
अंतर जातीय विवाह से विवाह में संबंध विच्छेद, घरेलू झगड़ा बढ़ जायेगा,
@prathameshwankhade89882 ай бұрын
@@deepakkumr to phir ek din ghatiya dharm khatam ho jayega.
@deepakkumr2 ай бұрын
@@prathameshwankhade8988 विश्व में सभी लोग अपने जान पहचान गुट ट्राइब के लोगो में ही विवाह करते है , सबको अपनी पुत्री की चिंता होती है ,नहीं तो फ्रिज या सूटकेस में बंद मिलेगी पुत्री
@sushilsen40782 ай бұрын
Sabse pahle apne bahan ki saddi dusre jati me karo
@deepakkumr2 ай бұрын
@@sushilsen4078 क्यों ? एक जाती में विवाह करने से उस परिवार के बारे में पता चतला है , दूसरे गाँव में अपनी जाती में विवाह करने से पूरे परिवार और पुत्री के बारे में समाचार मिलता रहता है , नहीं तो पुत्री फ्रिज सूटकेस में मिलती है , हमें कुछ बदलने की जरूरत नहीं है , हमारी व्यवस्था दस हज़ार बर्षो से चलती आ रही है , आक्रांताओ के आने के बाद साद गड़बड़ शुरू हुआ ,
@kcm4554Ай бұрын
100 % absolute honest factual truthful right analysis by Dr.Ram Puniyani ji......beautiful factual truthful discourse 👌💐❤️
@KamalJhamat-ly8oy3 күн бұрын
बहुत बढ़िया मुकेश जी बहुत ख़ास इंटरव्यू राम पुनियानी साब ने बहुत ही अच्छा विश्लेषण पेश किया
@kulwantsinghsaggu8905 Жыл бұрын
सच का सामना प्रोग्राम मुझे कभी पसंद नहीं आया क्योंकि मेरे ख्याल से वह एकतरफा होता था लेकिन यह प्रोग्राम इतना अच्छा लगा कि कई बार सुना। पुनयानी साहब के कुछ शब्द तो हीरे मोतियों जैसे बेशकीमती हैं। उत्कृष्ट।
@valsalankanara Жыл бұрын
Very interesting and enlightening discussion. 👏👏 thanks
@bachansingh568310 ай бұрын
यदि हम श्रीराम और श्रीकृष्ण के अस्तित्व को मानते हैं तो आर्य बाहर से आए यह उचित नहीं होगा। सनातन में वर्ण व्यवस्था थीं जी मद्य काल में जाति व्यवस्था में परिवर्तित कर गया जो बहुत बड़ा षड्यंत्र था।
@prathameshwankhade89882 ай бұрын
Tu apne pariwar ke ladkiyo ki intercaste marriage karwaado Maan jaunga. Warna ye PAKHAND band karo. Waise bhi pakhandi dharm me bas 10% log rahenge future me. Baki Mera dharm insaniyat hain.
@mangeshkumarman41442 ай бұрын
लगता है आपने सच्ची रामायण पर 1976 में आए सुप्रीम कोट के आदेश को नही जाना है।। रामायण महाभारत महाकाव्य है न की इतिहास
@harnektl Жыл бұрын
संस्कृत भाषा का इतिहास भी अभी तक नहीं समझा जा सका है॥ संस्कृत पाली प्राकृत का refined form है, पाणिनि बोध भिक्षु थे, मतलब संस्कृत कोई पौराणिक भाषा नहीं है॥ देवनागरी लिपि में लिखि जाती है। मगर दुष्प्रचार किया जाता है संस्कृत पुरानी है ।॥
@UdaySingh-nf7tu Жыл бұрын
😮
@mustufaghanchi446710 ай бұрын
संस्कृत भाषा पारसी धर्म की झुनदी भाषा की नकल है हिन्दू धर्म नहीं ऐक पंथ है हिन्दू धर्म रिलीजन है,,
@mangeshkumarman41442 ай бұрын
Ji बिलकुल पाली प्राकृत भाषा को ही संस्कारित करके संस्कृत भाषा का उदय हुआ
@mohineemjeetun43598 ай бұрын
Why doesn't your host mention the name of swami Dayanand saraswati,a brahmin ,who brought forward the misinterpretation of caste system in Hinduism n who preached 'Back to Vedas '
@shardasaar-motivation104511 ай бұрын
बहुत अजीब बात है कि अच्छे खासे अमीर पढ़े-लिखे S C / ST रिजर्वेशन छोड़ नही रहे हैं जबकि बहुत गरीब SC ST को रिजवेशन का लाभ उठाने नही दे रहे ये देखकर बहुत दुःख होता है कॉन्वेट एजूकेटेड लोग रिजर्वेशन ले रहे है खुद के समाज के गरीबो को भी लाभ नही लेने देते। पावर मिलने पर सभी खुद लाभ पाना चाहते है। दूसरो को दोष देने से पहले खुद को देखना चाहिए |
@rahulatheist2 ай бұрын
@pakhi_pihu10 that's true'
@SatyaprakashMahilange-x7v2 ай бұрын
@@shardasaar-motivation1045I am not agree with you, aapne jo kaha ki amir sc st garib ko rok rahe hai bilkul bebuniyadi hai
@vaibhavmore13252 ай бұрын
इतना प्यार अभी क्यो umad रहा है क्यो की sc st के पाढे लिखे आपके जिजू बन रहे हैं इतना दर्द जब achut banaya tabhi सुदामा कोटा lete समय kahaa मर गया ?
@mouryagroupofeducation890621 күн бұрын
जाती यह बहुत ही सली गड़ी घटिया और अमानवीय प्रथा है जो इंसानियत का खून पीती है और इसे पालनेवाले बहुत हरमी किस्म के लोग है। ऐसी गंदी प्रथा को मानने वाले को मेरा सवाल है कि😢 इतनी गण
@Indian1947-m1l Жыл бұрын
छोड दो यार अतीत को आज दुनिया और देश का वर्तमान इन्सान बनकर इन्सानियत के बागोसे भरा पडा है. क्यो खोद रहे हो कबर अतीत कि उसमे मुडदा मरा पडा है और यहा चांद तरो को छुनेवाला इन्सान खडा है. 🇮🇳🙏
@deepak-maan009 Жыл бұрын
Hum bhi chodna chahte hai lekin maa bahene surakshit nahi hai aur shiksha ka aadhikaar maangna agar dwaesh hai to batao haq maangna swabhimaan se jeena mehnat ka paisa milna chaiye to dikkat kya hai
@Patr600 Жыл бұрын
Usi same logic se ye baat unko bhi samjh Leni chahiye ki koi chand chabdev nahi hai ek gola hai koi insan nahi jo ki kuch fictional story mai moon ko ek insan jaise dekhaya geye un kathvachak bhi ko gyan de dia karo ham to jahte hai uper universe mai na koi chandr dev na koi Surya Dev na unko koi bandar kha sakte hai samjha it a knowledge unko bhi hai jo chand pe nahi gey aur jo jakar abhi geye phir bhi andbhakt ho hai
@SK-ge3vi Жыл бұрын
Totally agree with you
@mangeshkumarman41442 ай бұрын
क्या आज जाति व्यवस्था कहा हो गईं जातियों में उच्च निम्न की भावना खत्म हो गई है?
@Dineshkumar-ni5js6 ай бұрын
माननीय पंचम वर्ण झूठ है जबकि वर्ण व्यवस्था में केवल चार वर्णों हीं है जिसे आज भी ब्राह्मण मानता है आप पांचवां वर्ण बताकर एक अंतर विरोध पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं
@nareshnareshkumar7764 Жыл бұрын
"माननीय प्रोफेसर मुकेश कुमार जी, माननीय प्रोफेसर राम पुनयानी जी जय बाबा साहब" आपने जाति के बारे में विस्तार से समझाया इसके लिए आपका बेहद शुक्रिया अदा करता हूं, ब्राह्मण या सवर्ण को पीढ़ी दर पीढ़ी हराम का खाने की आदत पड़ी हुई है इसलिए ये जाति को कभी भी खत्म नहीं होने देंगे, बहुजन समाज को खुद जाति खत्म करनी होगी । "जय भीम -जय संविधान-जय विज्ञान"
@saurabhtyagi8213 Жыл бұрын
200 m s 180 number laakar bhi select n ho pana. Aur doosra 120 p hi select ho kar naukri pa leta h. Haram ko kaun kha rha soche bhai saab.
@nareshnareshkumar7764 Жыл бұрын
@@saurabhtyagi8213 मेहनत और योग्यता से लिए गए 120 अंक भी काफी होते हैं,नकल, सिफारिश,जाति की गुंडागर्दी से बनाई गई 180 अंक वाली नकली मैरिट भी कुछ नहीं होती,EWS सुदामा आरक्षण वाले मैरिटधारी तुम्हारी मैरिट SC, ST, OBC से भी नीचे रहती है, 2000 सालों से पीढ़ी दर पीढ़ी जाति का 100 फीसदी आरक्षण खाने वाले भाई साहब अपने गिरेबान में झांक कर देख लें ताकि हकीकत का पता लग जाए ।
@nareshnareshkumar7764 Жыл бұрын
@@Pakhshiva बहुजन का मतलब है जो संख्या में ज्यादा हो उसे बहुजन कहते हैं,तुम ऐसे वर्ग से हो, ये वर्ग जिस थाली में खाता है उसी में छेद करता है, बाबा साहब, संविधान का दिया सबकुछ खाता है लेकिन गुलामी ब्राह्मण हरामखोरों की करता है इसलिए तुम दो मुहें सांप हो ।
@UdaySingh-nf7tu Жыл бұрын
अंग्रेजों के पहले कितना जातियां था भारत में?
@nareshnareshkumar7764 Жыл бұрын
@@UdaySingh-nf7tu अंग्रेजों से पहले सभी जातियां थीं भारत में अपने कुकर्मों का ठीकरा अंग्रेजों के सिर फोड़कर सच्चाई को छूपाने की नाकाम कोशिश न करें ।
@sidharthawason955 Жыл бұрын
सर, जब वर्ण व्यवस्था के अनुसर शूद्र पैरों से पैदा हुआ तब ही तो नीव पड़ गई थी जाति व्यवस्था की। क्योंकि छोटा और मैला ढोने का काम को निचला पायदान मिला, वर्ण तो केवल शब्द मात्र रह जाता है...
@sanilmore471511 ай бұрын
शुद्र यानी आछुत नही शुद्र यानी आजके ओबीसी यानी जिनका जनेऊ संस्कार नही होता है वह शुद्र अछूत और अदिवासी तो वर्ण बाह्य है यानी अतिशुद्र
@sidharthawason95511 ай бұрын
तुमको अभी और समझना है दोस्त, बात यहां ख़त्म नहीं होती है। मेरे अनुसर हिंदू धर्म उठाईगीरी का धर्म है तभी वह कोई नाम नहीं दे पाते हैं, सोचना@@sanilmore4715
@Gyan4more10 ай бұрын
ये दोनो दलित विमर्श या मार्क्सवादी इतिहास कार है इसीलिए इनका सारा विश्लेषण इस तरह का होता है। इनकी बताईं गयी बाते सच्चाई से ज्यादा एक खास दृष्टिकोण को प्रेरित करने के लिए ज्यादा है । जो कि बिना सेंसर मीडिया youtube का फायदा उठा रहे है और लोगो की अज्ञानता का ।
@s.d.r.kharaal8258 ай бұрын
Dalit hone ka aap kya yah matlab nikaal rahe hain ki inka vishleshanrn ek tarfa hai, biased hai, mujhe to aisa nahin lagaa. Manusmriti ko pardh ke dekh lo, Brahamsootr, Puraanrn, aadi grantho ko pardh ke dekh lo, bahut bahut discriminatory aur heen baatein likhi hain Anaaryau logon ke baare mein. 'Anaaryau Adham' jaese shabd likhe hain, kya vaesa bhedbhaav aap sahi samjhate ho??? Anaaryau logon ko hee 'Shoodron' mein rakhaa Aaryau logon ne. Bhedbhaav kiya, spasht dikhta hai shaastron mein. Aap usse bhee to analyse karo. Maana Mughals ne Muslims ne daman kiya logon ka convert kiya talvaar kee dhaar par, lekin Muslims ko Hindu Dharam Shaastron mein milaavat kar paana itna aasaan nahin tha. Kehne ka matlab, jab Manusmriti rachi gayi aaj se 1300 varshon ke dauraan, jab punnah praacheen Vaedik Dharam ko Poaraanrnik Dharam ke roop mein sthaapit karne ke prayaas huye aaj se 1300 varshon poorv ke yug mein (Buddhism ke decline ke baad) to shaastron mein biased, derogatory aur discriminatory baatein likh daaliin gayiin. Varnrnvyauvastha ko rigid kar diya gayaa. Vaedik Kaal mein jaateeyaan thiin, jaatiparak bhedbhaav nahin tha. Poaraanrnik Kaal mein vah rigid huaa jo aaj hum dekhte hain samaaj ke ander mein.
@PradeepKumar-qe5by3 ай бұрын
सर जी ज्ञान मत दो वैदिक काल पढ़ो सब कुछ समझ में आ जाएगा की ये जाति, छुआ छूत आदि भेदभाव कहा से शुरू हुआ। ठीक है।
@mangeshkumarman41442 ай бұрын
आपके अनुसार वेद पुराण स्मृतिया कब लिखी गईं हैं??
@mangeshkumarman41442 ай бұрын
@@PradeepKumar-qe5byजरा बताएं वेद कब लिखे गए कब था वैदिक युग?? आपके ज्ञान के अनुसार?? फिर आपके ज्ञान से रूबरू होंगे हम भी।
@vivekYadav-jw1jb2 ай бұрын
Apke anusaar मनुस्मृति sahi hai
@Webchekfact Жыл бұрын
जातिवाद इस देश की सबसे बड़ी समस्या है, जाति जन्म से होती है, करम से नहीं, जो बोलता है जाति करम से होती है है वो दुनिया का सबसे बड़ा झूठा है
@VijayKumar-pc6gb2 ай бұрын
जाति व्यवस्था कभी मिट नही सकती है.आज जाति आधारित आरक्षण मिल रहा है.जाति के आधार पर संगठन बने हुए हैं.सवर्ण की बात छोङिये यदि कोई शूद्र या पिछङे जाति का लङका पिछङी जाति या शूद्र की लङकी से जो उसकी जाति का नही है शादी नही होने देते हैं.हरियाणा में तो गोत्र के बाहर शादी करने पर सजा मिलती है.जाति आधारित मानसिकता सिर्फ सामान्य लोंगों मे नही है बल्कि ऊंचे पद पर बैठे अधिकारियों और राजनेताओ में भी है जाति के आधार पर पारोटियां बनी हुई हैं और यदि वह पार्टी सत्ता में आती है तो सबसे ज्यादा फायदा उन्ही जातियों को मिलता है.जो पार्टी जाति आधारित नही है वह जाति और धर्म का कार्ड खेलती है.सभी जातियों को पता है कि हमारी पार्टी कौन है?लेकिन कुछ जातियां बिना पार्टियों के हैं और ये जातियां फ्लोटिंग में रहती हैं और जो पार्टी थोङा लालच दे देती है वो उधर चली जाती हैं.हमारी जाती की कोई पारोटी नही है और इसलिए हमारी जाति सबको वोट देती है.एक ही जाति के गांव में सभी पार्टियों के वोटर हैं.
@SidhantDhagare-b4y2 ай бұрын
Ha Bhai dalit bhi jatise bahar shadi nahi karte.
@mukeshsaxena49992 ай бұрын
रामपुरिया जी आप बहुत ज्ञानी है मुस्लिम समुदाय के बारे मैं बताए 😢😢😢😢😢😢😢 डर लगता है 😢😢😢फटू रामजी 😢😢
@dharminderpannu2 ай бұрын
I use to love major gaurav arya but he's basterd I'm came to this basterd same thing muslim are bad but major gaurav arya doing very bad and he's making Sikhs away from hindus3
@prashantrdgmcАй бұрын
फट के फ्लावर हो जाती है
@girdharrathi6728 Жыл бұрын
केवल भारत में नहीं, दुनियाभर में। चर्च कालों और गोरों के, मस्जिद शिया और सुन्नी के, गुरुद्वारे दलितों के, और इजराइल के यहूदी यूरोप और अफ्रीका के अलहदा हैं।
@mnsundher Жыл бұрын
Bhaisaheb, vahaa sab bedbhaav me 2 ya 3 category ke hai..India me minimum 10,000 jaatiya hai
@ShivamRaikwar-sq3nb Жыл бұрын
जाति वर्ण व्यवस्था बौद्ध के जन्म से पहले से प्रचलित है शाक्य मुनि शुद्धोधन क्षत्रिय वर्ण के थे फिर मौर्य कोइरी सेनी शाक्य कुशवाहा और भी अन्य जातियां और चारों वर्ण बौद्ध ग्रंथ महावंश लिखा है इससे पता चलता है आर्य भी भारत के मूलनिवासी है या फिर तुम आर्यो पर जाति वर्ण व्यवस्था जबरदस्ती थोप रहे हो
@rish5571 Жыл бұрын
ये राम पुमनियानी एक घोषित वामपंथी है। जो धर्म को नहीं मानता। लेकिन बात जाती और धर्म पे करना है। इसिको पाखंड बोलते है। वैसे भी इन वामपंथियों की पोल अब खुल चुकी
@askme95724 ай бұрын
Thum kone ho ? Maanuwadi ya Chamar ? Maanuwadi khud ko ooncha samajthay hain . Ore bollthay hain : Garv say bollo :Meh Hindus hain . Brahmin baap appni beti Chamar kay beta ko kabhi nrhi dhayga . Besharam bolltha hai , ham Hindu hain .
@natthansingh70752 ай бұрын
Murkho ka ye hi jabab sunne ko milta hai,
@sarozkumar3939 Жыл бұрын
पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती गुरू घंटाल है। 😢
@sidharthbhardwaj3928 Жыл бұрын
Very important information. Jati ki utpatti ka Karn chahey koi bhi ho, bt yeh sachchai hai ki Bharat ki yeh bahut hi jatil aur purani smasiya hai jb tk iska sampooran hl nhi kia gayia tb tk desh ka biksit hona mushkil sa lagta hai. Iss smasiya ko national debate priority pr rakhkr sthai hl nikalna chahiye desh ki khush Hali k liye.
@A.H.Sheikh Жыл бұрын
दलित समाज के लोग शिक्षित होकर आरक्षण का लाभ लेकर सरकारी नौकरियों में ऊंचे पदों पर बैठने के बाद अपने आप को ऊंची जाति का बताने लगते है l इनकी संताने अपने नाम के साथ दुबे, तिवारी, पाण्डेय, खरे , राय , सक्सेना लगाते हैं l
@Patr600 Жыл бұрын
Koi nahi bata deta hai sanjha ne aur surname pe kisa copyright naho hote vaise to dalit sikh bhi sing lagte hai to kya tumhare jahil logic se vo log bhi upper caste banna ki koshish karte hai afican log English name rakhte hai apne to kya unko gora banna hai logic kaha lagte ho tumlog aur dusro baat vo reservation ki faihde unko ki milega na muslim ko separate country di gai usi logic se sc st reservation hai desh mai seedha baat separate electorate chodke unko reservation hai kyu na le vo
@prathameshwankhade89882 ай бұрын
@@Patr600aur sun ghatiya dharm ke ghatiya log muradabad Baki OBC SC ST MINORITIES ZINDABAAD Manuwad murdabad 😈
@mangeshkumarman41442 ай бұрын
@@A.H.Sheikh कहां किस जिले में कोई नौकरी पाने के बाद डूबे तिवारी आदि बन गया??
@amritladhar2265 Жыл бұрын
Very helpful information. I teach intercultural communication in Canada and sometimes some students from other countries ask me about caste system. I agree with Baba saheb that caste system is so seeped in our DNA that it can not be eliminated. All the social reformers tried and failed.
@NemdhariMahto-rw3xi Жыл бұрын
Caste system is not going because low castes people don't want to let it go because of reservations . Different dalits also discriminate each other, Karmali don't like Chamar ,Chamar don't like Dom etc . Industrialization and real education can definitely eradicate it . Hate only begets hate .
@r.k3261 Жыл бұрын
Exactly 💯 they won't let it go because they want reservation@@NemdhariMahto-rw3xi
@valsalankanara Жыл бұрын
It was slowly slowly disappearing from the surface but since 1990 s the rise of the right wing RSS Hindutwa political movement brings it back track, because of its suits their brahmanical agendas. But social resistance should continue….against this ugly criminal anti human brahmanical caste system.
@dwaipayandey4729 Жыл бұрын
Caste system can only be eliminated by promoting intercaste marriage.
@drabhibds Жыл бұрын
yes its just like class system and loyalty to the British Crown in Canada and discriminating against Indigenous Brown and yellow people..Hope you learnt about that too inc Canada teacher...hopefully you didnt need any funding to learn that?
@BrajeshKumar-qw9gxАй бұрын
बहुत अच्छा काम हो रहा है सत्य हिंदी द्वारा बहुत बहुत आभार 🙏
@omprakashdubey7325 Жыл бұрын
Prof Punyani is false intellectual. He should first read them start teaching.
@SunilKumar-l7d6b3 ай бұрын
No any dharm is hindu but way of life...
@VidurlalvidurrVidur2 ай бұрын
बिल्कुल सही विश्लेषण किया गया है 🇮🇳🤗❤❤❤
@parshurammanda26405 ай бұрын
Sir, you have only Rampuniyani as your history expert.great.Leftist nobel prize to Rampuniyani a medoco
@drnirmalmaakhewala14972 ай бұрын
नमस्कार आदरणीय कृपया इस बात का इतिहास बताने की कोशिश करीयगा कि पंजाब में जमीन की मालकी सिर्फ एक जाती के पास कैसे आई, जिस जाती की आबादी पंजाब की कुल आबादी का सिर्फ 20% है। पंजाब की बाकी 80% आबादी कैसे जमीन की मालकी का अधिकार प्राप्त करने से वंचित रह गई? । आपका आभारी रहूंगा। 🙏
@KundanBhumi Жыл бұрын
Waise ye so called historian islam ka bdai krte chalta h 😂😂😂
@RahulSharma-wt1vy Жыл бұрын
Khatarnaak aadmi h Islam atankwaad ko v ye justify kar deta h buddha😂
@deepak-maan009 Жыл бұрын
Nahi usne sabko bola hai
@Patr600 Жыл бұрын
@@RahulSharma-wt1vyvaise hi jaise tum hindu dhram ki log apne justified kar deta ho angrej bhi milvat ki rona roke ki hindus to doodh ki dhule hai
@jagdishpant9832 Жыл бұрын
सबसे ज्यादा अछूत जाति मैला ढोने वाले भंगियों की जाति है इसका कब से शुरू हुआ भारत में। इसका इतिहास बताओ। अगर नहीं मालूम तो मै आपको बताता हूं।
@UdaySingh-nf7tu Жыл бұрын
तथ्यों के आलोक में डाक्टर अम्बेडकर शुद्र कौन थे अवलोकन और समिक्षा पढ़कर आओ फिर समझ आएगा?
@girdharrathi6728 Жыл бұрын
मनु से पहले जैनों ने यह कहा-- जन्मना जाति नहीं होती, कर्मणा होती हैं। इतिहास पर फिर सोचिए।
@subhashdhurve50182 ай бұрын
क्षत्रिय मतलब राजाओं के पीछे छतरी लेकर चलने वाले।
@vedprasadkuldeep66662 ай бұрын
प्रिय आदरणीय सर आपका निर्भीकता निष्पक्षता,सत्यता ही आपको महान बनाता है।
@krishnabhanushali129 Жыл бұрын
आबेडक शाबने ही बनाई जातीं प्रथा इसे पहले कीशीको नहीं पता था
@mangeshkumarman41442 ай бұрын
तुलसी की रामचरित मानस पढ़ लो एक बार क्यों मूर्खता वाली बात कर दिए तुलसी ने किनको नीच अधम कहा है??
@KuldeepSingh-ww7nl11 ай бұрын
Very nice explanation, Sir
@tekuvaswani48595 ай бұрын
अन्य धर्मों में जाति व्यवस्था केवल भारतीय उपमहाद्वीप में प्रचलित है । उल्लेखनीय है कि अरब मुल्कों में ऐसा दिखाई नहीं देता । अफ्रीकी मुल्कों के ईसाइयों में भी जाति व्यवस्था नहीं पाई जाती है ।
@SidhantDhagare-b4y2 ай бұрын
@@tekuvaswani4859 yaman me jati vyvasta paai jati hay
@SidhantDhagare-b4y2 ай бұрын
Yaman me bhi jati vyvsta hay.
@sarafarazbazmi4185 Жыл бұрын
Useful informations Thank you
@Mr5519552 ай бұрын
Very educative👍 thank you Mukesh Kumar Sir 🙏
@judhistirdas17632 ай бұрын
In ancient times a clever and opertunists section of people imposed the cast system in bharat. Thanks.
@VijayKumar-qb4rb Жыл бұрын
प्रोफेसर पुण्यानी सर की संस्कृत की शिक्षा कहां तक हुई है !
@Sanjaykumar-zl3po10 ай бұрын
Dono pagal ho jati jab koi praman nahi to karam se mana jayega
@Sueprman-t2e2 ай бұрын
ये पुण्यांनी बंदा पहेले मिनट मे ही गलती कर बैठा... Aryan Invasion Theory सिरेसे खारीज हो चुकी है... ये वीडियो इन दोनोके prejudices उजागर कर देता है...
@dwaipayandey4729 Жыл бұрын
Informative discussion
@tahiritahir40611 ай бұрын
Please have English added in caption in addition to hindi
@rajeshwarkrishnamaindola7121 Жыл бұрын
बहुत सार्थक चर्चा। 🙏
@nageshjawale1763 ай бұрын
प्रो पुनिया क्या कह रहे है, गौतम बुद्ध ने जाति का विरोध किया था? क्या बुद्ध के समय हिंदू धर्म और उसकी जाति व्यवस्था होने का सबूत मिला है। अप्रतेक्ष प्रो पुनिया तो हिंदू धर्म और जाति वेवस्था बुद्ध से पहिले होने का दावा कर रहे है
@mangeshkumarman41442 ай бұрын
प्रोफेसर साहब आप कह रहे हो वर्ण व्यवस्था बुद्ध के समय था तो इसका अर्थ हुआ मनु स्मृति या वेद बुद्ध के पहले रहा होगा?? जो की सत प्रतिशत लगत लग रहा है। क्योंकि आज से हजार, 12 सौ साल के आस पास देव नागरीय लिपि में ऋ क्ष त्र वर्ण ही नही थे??
@banti000 Жыл бұрын
यह विडियो बोहत अच्छा है।
@SamajikNyay8Ай бұрын
सुन्दर विश्लेषण।
@bhagwantkishore50612 ай бұрын
Thanks Mukesh ji and Puniani ji for delivering good questions and good answers over harmful division of indian humans by harmful selfice divisive forces. No outer is responsible for the merciful state of India. If it was invaded and plundered, it was due to the bewqoofi of learned classes of India who propagated themselves above the others. Truly, brahmins are by and large responsible for it. Still, they are carrying out self goals. They therefore responsible for bigotry and fanaticism, to which you can call hindutatva. And it is envy of liberty and the liberal. That is why, Punjab is pinching needle for them and thus they keep it boiling. Even, demarcated it suitably. Eg, no punjabi can by land in Himachal which was its part. Entry in it also entails fee. Yes, Dr. Ambedkar seems to me more intelligent than MDKC Gandhi in view of India should be progressive. We can see it through Hindu Code Bill HCB. Otherwise, where were the Indian women and Dalits, RBI, Bhakhrha Nangal dam, industry. Hats off to Dr. Ambedkar Sahib. He is truly the India framer and producer. We as true india will always owe him. Very wise indian in the world. He is akin to slap on Vern & caste producers and propagators. Lot of thanks 🙏 of both of you. You are really sepoy of social army which is indispensable and acutely desired & required.
@DheerajNavin-ln5wn10 ай бұрын
Excellent expose'!
@purushottamwelhe45145 ай бұрын
अछूत, यह शब्द और यह व्यवस्था बुध्द के समय नहीं थी. यह बुध्द धम्म के बाद उपयुक्त शब्द है.
@sujoyghosh3744 Жыл бұрын
Mukesh sir daily ek vdo hum logo ke liye laya kare. Brahmani media dekhna band kiya pa abhi utube me bhi inhi brahmano bharmar hai. Ap aur puniyani sir ko sunte hai to kuch gyan zaroor milta hai jo purna rup se sach hai.dhanyabad
@ChambalGiri Жыл бұрын
पहली बात फुले, अंबेडकर, पेरियार की किताबो मैं 1860 से पहले का कही कोई प्रमाण नहीं है शोषण, छुआछूत का। दूसरी बात अंबेडकर, पेरियार, शाहू ने बहिष्कृत महासभा बनाई थी शुद्र महासभा या दलित महासभा नही बनाई थी
@Patr600 Жыл бұрын
Accha to phir Kabir das ravidas ki doge mai jati kaise a jati hai batna zara gurur nanak ki bhi jati thi kis duniya mai ho tum aur suno dalit ko untohnbles bolte hai kuch dimag laga liya karo saboot nahi aa jata hai saboot kya realty hai monarch system tha pehle to phir usme to gareeb class ki shoshan hina bilkul sahi baat thi kyoki Raja mahraj raaj ka chahte tha sako common sense laga liya karo
@RanjeetVerma-vw4sf11 ай бұрын
👉 👉 Best Analysis ❤👍🙏🙏
@sarabxyz Жыл бұрын
It's the same as serfdom in Poland. Same problems.
@chandrashekharhs97386 ай бұрын
Very good video. We should tell the truth and correct all our past mistakes. Similarly, please make a video on gender inequalities of other religions.
@naveenvishwakarma7551 Жыл бұрын
क्या हिंदू धर्म बौद्ध धर्म w जैन धर्म से पुराना है , ? क्या इसके पुरातात्विक सबूत मिलते हैं ???
@MaheshchandraSharma-qx4ny8 ай бұрын
हिन्दू जैन बौद्ध का इतिहास दर्शन 50हजार वर्ष से भी अधिक पुराना।क्रिश्चियन 2000व मुस्लिम 1400वर्ष पुराने ।
@mangeshkumarman41442 ай бұрын
हिंदू धर्म कब बना?? हिन्दू शब्द किस भाषा का शब्द है किस ने कहां हिंदू ?? पंडित दयानन्द सरस्वती, पंडित बाल गंगा धर्म तिलक आदि बरहमनों में अपने आप को हिंदू कहने से इंकार क्यों किया??
@atulvaidya3104 Жыл бұрын
Please make video on burka and quran
@RahulSharma-wt1vy Жыл бұрын
😂 not possible agenda fail ho jayega
@deepak-maan009 Жыл бұрын
@@RahulSharma-wt1vyNahi bolte hai mai bolta hu islam hamesha kaum ka saath deta hai ye baat pata hai humko
@deepak-maan009 Жыл бұрын
BJP Ko Vote Diya Tha Bina Jaati Dekhe Sabka Saath Diya Kabhi Virodh Nahi Kiya
@RahulSharma-wt1vy Жыл бұрын
@@deepak-maan009 matlab
@deepak-maan009 Жыл бұрын
@@RahulSharma-wt1vy MATLAB bhosdike likh to diya ab baar baar kya bolu tujhko corona mai sab Hindu ek dusre Hindu ko loot rahe the aur pvt hospital ne room block kar diye Jo paisa dega WO zinda rahega health insurance rakhe reh gaye koi claim nahi mila Jo log rent par reh rahe the unko house owner ne nikal diya aur unka samaan rakh liya kiraye ke badle to last mai insaan desh chodkar Hindu ekta chodkar aapni jaati ke support karunga chahe mujhko iske liye dusri caste ke logo ki hatya karni pade
@bkram21842 ай бұрын
सबसे पहले महाप्रतापी राजा जिसपर महापुराण चवर पुराण है जो 18 पुराणों में एक ही मानव समाज के प्रतापी राजा थे तभी तो चवर पुराण लिखा गया, इतने बड़े प्रतापी राजा जरूर श्रेष्ठ जाति के होंगे , तो इतने प्रतापी राजा चमार कैसे हो सकते हैं। उस चंवर राजा के राज में ब्राह्मण सर्वश्रेष्ठ जाति ही नहीं सकते। इस वर्णव्यवस्था पर कोई सोचने वाला कोई नहीं है अभी।
@sanjaykanojia5049Ай бұрын
HAPPY DIPAWLI 🙂🙏🌺💝
@sarabxyz Жыл бұрын
Recent studies of Ancient DNA have proved when it became too much. Also DNA differences of various castes
@AshokGupta-oq6hs3 ай бұрын
Sirs, caste system is the basis of hindu identity and social stability. Has any hindu in india or elsewhere has erased their caste surname with exceptions like Mr Mukesh , Mr Ashutosh and some others. Even some converted muslims and pakistani/ bangladeshis carry their caste names.
@PS-ns5kn3 ай бұрын
Only those muslims carry their caste name who converted from upper caste😂. Majority are converted from low caste they don't do this things.
@dharmendracmalaviyadharmen9542 Жыл бұрын
सनातन धर्म कि जय
@mangeshkumarman41442 ай бұрын
सनातन धर्म क्या होता है?? उसकी कोई किताब बताएं जिसमे आपके धर्म को सनातन धर्म कहा गया है ?? हां धम्म पद में आया है एस धम्मो सनतनो जो बौद्ध की किताब है
@brahmdeosingh4284Ай бұрын
Punia ji jati pratha sahi bykhya nahi kar rahe hai
@fazlulkarim9123 Жыл бұрын
Concept of vedic era has been discarded by modern historian long back. Please interview Prof Rajendra Prasad Singh.
@jagtardeol74432 ай бұрын
❤❤ ❤❤❤ good job sir
@Dr.Dpsingh Жыл бұрын
आज़ भी, नौकरी में चार जातियां हैं जैसे कि 1/2/3/4 क्लास
@deepak-maan009 Жыл бұрын
Wo class hai agar forth grade mai koi rajput ladki hai to hum chod denge
@prathameshwankhade89882 ай бұрын
Tobgjstiya dharm mit ke hi rahega beta.
@SidhantDhagare-b4y2 ай бұрын
Job badal sakte ho jaati nahi.
@avadhutjoshi79611 ай бұрын
🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣बहुत हसी आती है मुझे जबभी कोई जाती और धर्म की बात करता है.
@avadhutjoshi79611 ай бұрын
@@Akindia-e2x पर आज के देशके हालात बडे खराब है. अपने अहंकार की तुष्टीकरण के लीये लोगोंको जानवर के बुद्धिश्रेणीमें ढकेल रहे है. 🙏. अवधूत जोशी
@rakasindri2 ай бұрын
Hansna bhi chaiye...Kyuki Bhagwan ek Chhawla hai aur log Allah aur Ram ke liye fight bhi krte ha...kya jahilpna h
@p.c.malviya64118 ай бұрын
Very informative discussion
@ramawatarpahariya4967Ай бұрын
प्रो पुनियानी सर की इस विषय में कोई पुस्तक हो तो बताने की कृपा करें
@veezeekatre2 ай бұрын
मुकेश जी,शायद एक विषय पर पुन्यानी जी से टिप्पणी लेनी थी,जो सुप्रीम कोर्ट ने जातियों में वर्गीकरण का निर्णय दिया,उस पर उनका क्या कहना है। धन्यवाद
@pardeeptandon Жыл бұрын
The caste system in Hinduism is a form of racism that requires reform. The Abrahamic religions have undergone reform and have ceased their racist practices.
@NemdhariMahto-rw3xi Жыл бұрын
Abhrahmic religions kill each even today because of religious superiority
@vinodh7828 Жыл бұрын
Abrahmic religions problem is not racism. empariliastic religion is the problem they believe there religion is true relgion moslty islamist and some what cristianity. The whole world should become muslim, kayamat aayag, kaafir ko allah jalayaga. Muslimo ko swarga bejega. Iska matlab islamist ke hisab se other religion wale allah ko chodake dusre bagwan ko pujake paap kar rahe hai. Uski hisab se other religion wale kafir means kufr karne wale yani paapi log hai inka jine se marna accha hai ye racism se dangerous hai.
@vinodh7828 Жыл бұрын
Racism and castiesm are not religion effects its social effects.
@kmasif164 Жыл бұрын
Judaism is still an ethno/racist religion. Only a person born into Jewish family is considered Jew. Outsiders cannot convert into Judaism. This is much like Bramhanism where there is no concept of outsiders converting. Christianity/Islam never had racism in their theology hence they are widespread across the world.
@vinodh7828 Жыл бұрын
@@kmasif164 isko racism nahi kehte emperealism kehte hai muslim/ christian pura duniya unke dharm me convert karna chahata hai us convertion ke liye dawat dena padta hai pir pike banake baite hai unki ideology se communities me sangarsh huta hai.
@Sammy-lv9iv3 ай бұрын
I agree with sir puniyani ji's opinion on caste system and how with the advent of britishers along with their modern institutions, caste system suffered a major setback in the subcontinent. With the establishment of modern institutions, industries, plantations and english based education, they introduced the class system of stratification making caste system insignificant in urban areas. The places where forces of modernisation failed to influence the society, especially in the backward regions such as villages and smaller towns, caste system wasn't replaced by the class sytem of stratification and remained in continuance. The reason why Ambedkar was in support of modernisation and rapid industrialization of indian society and considered villages as hotbeds or epicenter of caste system. The popular right wing agenda of blaming britishers for the introduction of caste system and caste based discriminations come from their vague explanation of european based feudalism which also functioned as a hierarchy of different groups associated with land and surplus generation and extraction. But, a type of feudalism or samanthwaad giving rise to consolidation of caste system emerged first under the Brahmin rulers of Gupta dynasty. Such diversification in caste system was witnessed a long time ago even before the advent of Islam into this subcontinent. Asiatic mode of production was one of the major components for the maintenance of this rigidity in the caste system although considered a controversial aspect by many prominent historians till date.
@subhashdhurve50182 ай бұрын
प्राचीन गढ़ किलों के बारे में भी एक व्याख्यान किया जाए ।
@MohanLalAryMohanLalAry2 ай бұрын
Prof ram puniyani ji ko ❤dill se salute .ish perkar k biyakhan debate honey chaye
@deepakkushwah-yz5uq Жыл бұрын
Aise hi videos late raho ❤❤
@NemdhariMahto-rw3xi Жыл бұрын
Dominate groups of any kind will suppress weak
@Kamalkamal-nn9ig Жыл бұрын
Sabse jaroori mudda thanks sir
@FestivalsInIndia Жыл бұрын
So called expert could not tell how & when वर्ण changed to जाति? how & when 4 वर्ण changed to 6500 जाति? Who created the word जाति or caste?
@purushottamwelhe45142 ай бұрын
ब्राम्हण्यवाद अलग है और हिंदुधर्म अलग है. हिंदुस्थान यह भौगोलिक स्थान दर्शक शब्द है. सिंधू नदीके आसपास रहणें वाले लोगोंकौ हिंदु खहा गया. भारत का हर आदमी हिंदुस्थानी है, इंडियन है, भारतीय है. ब्राम्हण्यवाद ने अपणे स्वार्थ के लिए ब्राम्हण्यवाद को हिंदुधर्म बना दिया. हम सब, अपणे अपणें संप्रदायोंको धर्म समझ रहे है. यही सबसे बडी समस्या है.
@gsrao64512 ай бұрын
Impact of EPS’95 pension issue is clear on results
@khalidroushan82502 ай бұрын
वैदिक काल se जाती pratha आया hai
@dineshmaurya-k2q2 ай бұрын
Sir, he did not have any Sanatan, his religion is only Bhagwat Dharma and Hinduism started doing Hinduism from the 18th century. He made Akbar his Mukund Brahmin.
@beinghuman852 Жыл бұрын
Looks Kings and Priests created social divisions to keep their position as is
@Hitchiking_in_EuropeАй бұрын
Caste division and subsequent discrimination are the sole reason for the decay of Hindu society, which was exploited by the missionaries and evangelists of the other faiths, if not force-conversion.
@gurdarshanbadhan97663 ай бұрын
Thanks
@pushpindersingh8101 Жыл бұрын
Very informative discussion.
@nandkishoreprasad2697 Жыл бұрын
हिना याना बौद्धिजम को मानने वाले को ही अछुत कहलाएं
@SukhdevBadhan2 ай бұрын
Jai Bheem. Please must read ‘ castes in India its origin and mechanism ,writing and speechs of Babba saheb Ambedkar vol. 1
@bhagwanmishra724326 күн бұрын
इस सार्थक बातचीत का निष्कर्ष निरर्थक हीं रहा।इस विमारी का कोई इलाज नहीं दिखाई देता। आधुनिक राजनीति बहुतेरे दलों बाली वोट प्रणाली जाति और संप्रदाय वाद को बढ़ावा दे रहा है। नया वर्ग वाद जो राजसत्ता ने बहुत सोच समझकर बनाया है जनरल सामान्य वर्ग, अन्य पिछड़ा वर्ग,जन जाति प्रजाति वर्ग और अनुसूचित जाति प्रजाति वर्ग तथा अब एक पांचवां अति पिछड़ा दलित शोषित वंचित वर्ग।न पहले बाला ठीक न अब बाला ठीक। बड़ी भूल तो आजादी के बाद संविधान बनते समय हो गई।तब जाति प्रजाति धर्म को आधार न बना कर आर्थिक सामाजिक शैक्षणिक शारीरिक आधारित राजनैतिक शासन प्रणाली अपनाई गई होती। स्कूलों में धर्म और जाति सरनेम न लिखा गया होता भले अपने अपने कस्टम से लोग जीते रहते। सरकार न्याय दंड रक्षा शिक्षा स्वास्थ्य भौतिक विकास योजना सर्व मानवीय विकास पर काम करतीं। सभी भाषाओं के विकास सामाजिक समरसता समानता के आधार पर लोकतांत्रिक व्यवस्था कायम करतीं तो। धन्यवाद
@rupeshbharadwaj Жыл бұрын
Sir it’s full of misinterpretation/misinformation, maybe not deliberate. A lot of loose assumptions are discussed as facts.