Aapne 90s ki news ka ehsas kara diya mam. Such a wonderful voice & what a News that you have Deliver👏🏻
@tabassumkhan52732 жыл бұрын
बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आप बधाई की पात्र हैं। दिलकश आवाज़, विषय की सघनता और और भाषा पर जबरदस्त पकड़ ने इस छोटी सी प्रस्तुति को अमर कर दिया है।
@roo76922 жыл бұрын
thank you for this piece. beautiful analysis and narration.
@anchalrawat85682 жыл бұрын
Wow, such a beautiful narration of Ismat Chughtai. I was in my first year and I read lihaaf as my optional paper but this story was so impressive and it has made an impact on me.
@sunilkumarmohanto92492 жыл бұрын
बहुत ही बेहतरीन शोध है
@astra5272 жыл бұрын
What a nice way to give tribute to this legendary lady. Aapke aldlfaz az aur andaze bayan bahot hi shandar hai. I'm a great fan of yours as well Damini ji. My mother used to read Ismat Chughtai's articles and novels when I was small. She used to stay in our neighborhood whenever she visited my town. But never got a chance to see her or meet her.
@mayukhsrivastava30632 жыл бұрын
"Aurat paida nahi hoti, banayi jaati hai"- This one line is so true and so saddening.
@sanjaydubey54722 жыл бұрын
Sahitya Samaj ka Darpan Hota hai. Jai Hind , Jai Bharat.---- Aam Jan Adhikar Manch, Buxar, Bihar.
@शेरफिरोजखान2 жыл бұрын
The wire,,, ko Dil se Salam करता हूं
@adeshyadav76682 жыл бұрын
Sadar Naman to all those who have courage to face and follow the New path which is not old and dakiyanoosi
@vinayjadhav34372 жыл бұрын
Lesbian theme in 1941.. I can't even imagine reaction in that times ! The liberated lady in true sense.. Thank You The wire.
@jusabkhatri732 жыл бұрын
दामिनी बेटी,इस्मत जी की जीवनी को आपने हार्ट टीचिंग करदै इस तरह उजागर किया धन्यवाद ।
@sarojlata86572 жыл бұрын
इसमते मरा नहीं करतीं! वे मरनी भी नहीं चाहिये! नहीं तो समाज सड़ जाएगा! दामिनी जी आपकी प्रस्तुति बहुत ही गरिमापूरण होती है! ७०,८० के दशक की धर्मयुग जैसी पत्रिका के पाठन का आनन्द याद आ जाता है!
@satyanarainsrivastava64992 жыл бұрын
बहुत अच्छा और सर्वांगीण समग्र चित्रण।सुस्पष्ट वाचन।धन्यवाद।
@meenathapa10702 жыл бұрын
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 💞 आपके बोलने का अंदाज बहुत अच्छा है 🙏 इस्मत आपा को सादर नमन 🙏🙏
@ajay345552 жыл бұрын
Jai Bheem Jai Bharat Jai Samvidhaan Jai Loktantra. Jai Bharat Ratna Dr. Bheem Rao Ambedkar Ji. U r versatile Journalist Damini Yadav Ji. Aapki Patrakarita Ko Hazaro Topo Ki Salami. Aapki Awaaz Mein Kaafi Zyada Achchi Lagta Hai Mujhe. Aap Hamesha Saree Mein Kaafi Zyada Achchi Lagti Hai Damini Yadav Ma'am Ji. Regards Ajay Kumar. Thank You.
@waseematabassum14672 жыл бұрын
Wow ma'am your content is always so powerful. The rich but yet simple and understandable hindi. Simply great.
@swatantravidrohi2 жыл бұрын
Great information about Ismat Ji. Thank you.
@balekundrigulnaz42972 жыл бұрын
A great tribute to a great lady, by the wire 👏 😍
@satishhanda17572 жыл бұрын
Damini deserves kudos for the presentation of a higher caliber!
@mdnoushadali712 жыл бұрын
सुक्रिया बहुत बहुत साहित्य की जानकारी देने के लिए
@ny82812 жыл бұрын
Lovely Damini ji. 🌺 "It is better to walk in darkness then to walk in the shadow" In a world that wants women to whisper, Ismat Chughtai chose to yell - strong women. 🙂🍃
@sabachaudhary89202 жыл бұрын
When I was in woman's college Aligarh in 1976 ismat apa had visited new hostel there was her talk in common room I was there took her autograph also good time.
@shubhashlingade60182 жыл бұрын
Congratulations to this madam and salute them
@omprakashkashyap40662 жыл бұрын
Thanks good information 👍👍
@btsioveyou56842 жыл бұрын
Damne devi ji bahut bahut sukriya
@SJain-gj8xk2 жыл бұрын
Daminiji, aap hamesha achchi prastuti le kar aati hain.
@harshitdurgapal47382 жыл бұрын
बहुत खूबसूरत अंदाजेबयां। धन्यवाद 😊
@murtadah63272 жыл бұрын
मैंने शायद उर्दू के “शमा” माहनामे में कभी उन्हें पढ़ा था।इस प्रोग्राम का आलेख और प्रस्तुति दोनों बहुत अच्छे थे। बहुत शुक्रिया, दामिनी जी, आपका।
@prabalpratapsinghthakur79802 жыл бұрын
दामिनी मैम ने बहुत ही खूबसूरत अंदाज में इस्मत आपा की जानकारी उन्हें बहुत-बहुत धन्यवाद।
@R.K.0.0.72 жыл бұрын
हमारा आपसे अनुरोध है की कृपया UPSSSC की नाकारियों को उजागर करने का कष्ट करें यहां 5 साल हो जाते हैं परीक्षा नहीं होती हो भी जाती है तो रिजल्ट नहीं आता और लीक सबसे ज्यादा होता है जिसे अमुमन दबा दिया जाता है और अब आयोग के पास सिर्फ दो काम है पहला अपरिहार्य कारणों से परीक्षा स्थगित करना और दूसरा कलेण्डर जारी करना जिसमें शायद ही कोई परीक्षा कलेण्डर के अनुसार हुयी हो उससे बड़ी एक समस्या है आजकल छात्र भुगत रहे हैं जो है UPSSSC PET का सिस्टम यह एक साल तक मान्य होता है एक साल में आने वाली सारी भर्तीयों की मुख्य परीक्षा इसी प्रारंभिक परीक्षा के तहत होती हैं यह सिस्सटम केवल ज्यादा से ज्यादा फीस जमा करने के लिये बनाया गया है और फीस जमा करवा लेने के बावजूद भी परीक्षा प्रवेश पत्र जारी ही नहीं किया जाता है कुछ इस तरह है आयोग की तुगलकी प्रक्रिया ---- 1. आयोग पेट की अर्थात प्रारंभिक परीक्षा आयोजित करता है जिसमें लाखों बच्चे बैठते हैं 18 सितम्बर 2022 होने वाली परीक्षा अब अपरिहार्य कारणों से 15-16 अक्टूबर को होगी जिसमें 45 लाख प्रतियोगी बैठेगें 2. इस प्रारम्भिक परीक्षा में सभी पास हो जाते है 0 मार्क्स वाले को छोड़ कर 3. उसके बाद पेट के माध्यम से भर्ती निकाली जाती है मुख्य परीक्षा के लिये फॉर्म उसमें भी फॉर्म भरना पड़ता है और फीस जमा करनी होती है SSC से एक कदम आगे हैै SSC में एक बार ही फीस ली जाती है 4. मुख्य परीक्षा में सभी फॉर्म भर सकते हैं 1 मार्क्स वाला भी बस यहीं खेल करता है आयोग फॉर्म तो सभी से भरवा लेता है लेकिन एडमिट कार्ड केवल टॉप 2-3 प्रतिशत लोगों के ही जारी करता है वो भी फीस जमा करने के बाद और बाकी लोग इसी आश में फॉर्म भरते है की मुझ भी एक मौका मिल जाये मैं ये नौकरी पा लूँ और परीक्षा होने तक तैयारी भी करते हैं फिर आयोग आता है और कहता है सब लोग अपना अपना एडमिट कार्ड निकाल लो जिनको शार्ट लिस्ट किया गया है वो एडमिट कार्ड की फीस जमा कर एडमिट कार्ड डाउनलोड कर लें एडमिट कार्ड की भी फी ली जाती है और यहीं बाकियों के सपने टूट जाते हैं बिना मुख्य परीक्षा दिये ही बाहर हो जाते हैं 5. आयोग को चाहिये की पेट की कटऑफ निर्धारित करे जैसे सीटेट और यूपी टेट में होता है अगर उस तरह भी न बने तो कम से कम पेट की कटऑफ तो निकाली जानी चाहिये जिससे पास हुए लोग ही मुख्य परीक्षा का फॉर्म भरेगें और मुख्य परीक्षा की तैयारी करने के बाद परीक्षा में बैठने को तो मिलेगा जिनका नहीं होगा वो अपनी अगली परीक्षा की तैयारी करेगें इस अनिश्चितता से तो बचे रहेगें की मुझे मुख्य परीक्षा देने को मिलेगी या नहीं । उसके अलावां बहुत सी ऐसी भर्ती परीक्षायें हैं जो 5-5 साल हुयी ही नहीं है या रिजल्ट नहीं या डीवी नहीं हुई ग्राम विकास अधिकारी 2018 की परीक्षा होने के बाद रद्द कर दी गयी थी उसके बाद आजतक उसका कुछ नहीं हुआ परीक्षा रद्द करके दोबारा कराने का फैसला हाइकोर्ट द्वारा दिया जा चुका है और सुप्रीम कोर्ट द्वारा अन्तिम आदेश भी दिया जा चुका है
@vishaldrishti74772 жыл бұрын
जिस देश की जाहिल जनता पांच किलो राशन और हिंदू मुस्लिम पर बिक जाती हो वहां ऐसे मुद्दों पर कौन बात करेगा राहुल जी भूल जाओ नौकरी पकोड़े तलों
@SrikantPathak-u8w Жыл бұрын
Jamana Badre Shauk Se Sun Raha Thaa , Vo He So Gain Daastan Kahte -Kahte .
@nareshdev41192 жыл бұрын
Ismat Aapa, Rajinder Singh Bedi and Manto belonged to a bold literary triangle of Urdu literature. Their Urdu literature was revolting & fearless, quite different from the fourth pillar of Urdu literature, i.e., Krishan Chander's literary writings.
@noorhasan12552 жыл бұрын
Great way of expression
@cheernestorevolutionary18402 жыл бұрын
Great lady Ismat aapa
@laxyans27412 жыл бұрын
Sublime programme.Thx
@siddharthsawhney4362 жыл бұрын
Keep up the good work. Thank you so much for showing a mirror to this millennial (or self proclaimed modern) generation of ours..Thanks for throwing light on the works of such a great writer. I'll definitely read the works of Ismat Chugtai ji. Thanks for the recommendation.
@imranparvez69282 жыл бұрын
Beautiful narration mam..
@Tara-xl5bq2 жыл бұрын
Aapki aawaz bahot mesmerizing hai
@rehanahmed30282 жыл бұрын
Bahut hi achhi prastuti.Shukriya
@samariqbal76952 жыл бұрын
Waah
@mohsinafzaal71592 жыл бұрын
Beautiful ❤️
@nasreenfatima48702 жыл бұрын
Bahut achchha laga ismat apa ke bare me sun kr apne bachpan me ismat apa ko aksar masood mhal aligarh me dekhti thi
@ABCDIND2 жыл бұрын
Great presentation
@Gurugramrahmat2 жыл бұрын
Very well written, deep
@opdabas18202 жыл бұрын
Liked ur commentary on her
@roopabee85422 жыл бұрын
Thank you.
@gcsindia5282 жыл бұрын
Excellent anchor
@Juber_Human2 жыл бұрын
Female manto ❤️
@adeshyadav76682 жыл бұрын
She has place in my mind like ismat bhaiya
@sudhataneja87112 жыл бұрын
This great lady once said, ki wo apne hindu doston ke khane mein chupke se meat mila deti thi , to bada sukun milta thaa. Wow, so proud of this lady. 👍🙄
@samariqbal76952 жыл бұрын
Gjb
@vimlaahlawat18672 жыл бұрын
✌🏻
@muhajir-hindustani2 жыл бұрын
❤️🙏❤️
@rehmatrehmat64702 жыл бұрын
👍🤲🤲❤
@adeshyadav76682 жыл бұрын
Lateef is also very respectfully remembered in IAF,who as CAS, started ration for fighter pilots,in place of ration allowance, which insured quality of food and calories for ever
@natureview36202 жыл бұрын
Your narration about this program is very nice
@mendalorianindic17382 жыл бұрын
Apko Urdu se itna pyar kyu hai ..
@rafiquesraddha39472 жыл бұрын
Ismat aunty ke bare mein programme bahot chotta hai. Maine unko kareeb se dekha hai, bahot kuch seekha hai. Unko ne ajeeb admi jo Guru Dutt ki kahani thi ko mere Walid ke nam dedicate kya tha.
@sssaaa41772 жыл бұрын
Madame aap ki awaz ki khoobsoorati aap se kutch ziyada sun ne ki asha karta hai.
@babalushorts59982 жыл бұрын
Best of luck for the day I will get you a call to jawab do good morning Bhaiya
@prakashchandra692 жыл бұрын
देवनागरी नहीं नागरी कहिए.मैकडोनाल्ड ने नागरी को मान्यता दी और मदनमोहन मालवीय ने नागरी की मान्यता के लिए आवेदन किया था.
@शेरफिरोजखान2 жыл бұрын
🇮🇳🙏🇮🇳🌹♥️🙏♥️🌹👌🏼👌
@mrbantie2 жыл бұрын
can you respect all the godi media female anchors because they also ask harsh questions?? should such woman be loved and respected???
@sunilkumarmohanto92492 жыл бұрын
वैसे भी वायर के विडियो देखने ऑ समझने के लिए सरल एवम साधारण शब्दों के प्रयोग होते है, am दर्शकों के लिए आसान एवम सकारात्मक है
@shambhunathverma82682 жыл бұрын
आजाद खयाल किरदार से रुबरु कराया. साहिर साहब के खयाल की तरह लोग आज हों तो इस्मत भी होंगी. वीडियो बहुत अच्छा लगा.
@ادارہفہمِتعلیم2 жыл бұрын
ارے بھائی چوری چھوڑیں۔ عصمت اردو کی تھیں لیکن آپ اگر اسے سمجھتے ہیں تو سمجھیں، ہندی نہیں کہیں۔ اردو ادب کو ہندی ادب کے لئے چوری نہ کریں۔
@mohsinafzaal71592 жыл бұрын
No need to get so emotional, Urdu or Hindi, both are our languages! We use them in our daily lives interchangeably…..and that’s the beauty of these 2 languages….. they unite us….😊
@ادارہفہمِتعلیم2 жыл бұрын
@@mohsinafzaal7159 تو پیارے اگر کوئی یہ طعنہ دے کہ "سمجھ میں نہیں آرہا، کیا میں اردو میں بات کررہا ہوں کیا؟" تو اسے خدا مان لینا، سجدہ کرلینا۔
@VIJAYKUMAR-tu8sp2 жыл бұрын
اس میں کوی شک نہیں ھے کہ اردو اور ھندی دو مختلف زبانیں ھیں لیکن دونوں ایک ھی ماں کی بچیاں ھیں۔ دونوں نے ھیں بھارت کو ایک کرنے کا کام کیا ھے۔
@DrSunilShukla2 жыл бұрын
बेह्तरीन
@tufailahmad67742 жыл бұрын
Thanks Damini ji I am always in favour of human rights without sex discrimination but why she accepted to burn her dead body when it's not religious idea I think this is good way of respect human dead body and scientific lally better than burning because burning practice is very cruel even its dead body which is lovely for me or you and how can you burn it adding pollution with air and every body can't get sandal wood and ghee so it's costly today burning by electrical device is also costly and increasing heat in the environment, I am not saying this because its done by muslims no but I found its best way
@sssaaa41772 жыл бұрын
Her fertile brain was declining as she aged, and she started borrowing from english literature.
@gargsamyt2 жыл бұрын
My, what huge bindi you have! all the better to fool you with my political narrative. Ismat - was she ashraf Or pasmanda?
@R.K.0.0.72 жыл бұрын
हमारा आपसे अनुरोध है की कृपया UPSSSC की नाकारियों को उजागर करने का कष्ट करें यहां 5 साल हो जाते हैं परीक्षा नहीं होती हो भी जाती है तो रिजल्ट नहीं आता और लीक सबसे ज्यादा होता है जिसे अमुमन दबा दिया जाता है और अब आयोग के पास सिर्फ दो काम है पहला अपरिहार्य कारणों से परीक्षा स्थगित करना और दूसरा कलेण्डर जारी करना जिसमें शायद ही कोई परीक्षा कलेण्डर के अनुसार हुयी हो उससे बड़ी एक समस्या है आजकल छात्र भुगत रहे हैं जो है UPSSSC PET का सिस्टम यह एक साल तक मान्य होता है एक साल में आने वाली सारी भर्तीयों की मुख्य परीक्षा इसी प्रारंभिक परीक्षा के तहत होती हैं यह सिस्सटम केवल ज्यादा से ज्यादा फीस जमा करने के लिये बनाया गया है और फीस जमा करवा लेने के बावजूद भी परीक्षा प्रवेश पत्र जारी ही नहीं किया जाता है कुछ इस तरह है आयोग की तुगलकी प्रक्रिया ---- 1. आयोग पेट की अर्थात प्रारंभिक परीक्षा आयोजित करता है जिसमें लाखों बच्चे बैठते हैं 18 सितम्बर 2022 होने वाली परीक्षा अब अपरिहार्य कारणों से 15-16 अक्टूबर को होगी जिसमें 45 लाख प्रतियोगी बैठेगें 2. इस प्रारम्भिक परीक्षा में सभी पास हो जाते है 0 मार्क्स वाले को छोड़ कर 3. उसके बाद पेट के माध्यम से भर्ती निकाली जाती है मुख्य परीक्षा के लिये फॉर्म उसमें भी फॉर्म भरना पड़ता है और फीस जमा करनी होती है SSC से एक कदम आगे हैै SSC में एक बार ही फीस ली जाती है 4. मुख्य परीक्षा में सभी फॉर्म भर सकते हैं 1 मार्क्स वाला भी बस यहीं खेल करता है आयोग फॉर्म तो सभी से भरवा लेता है लेकिन एडमिट कार्ड केवल टॉप 2-3 प्रतिशत लोगों के ही जारी करता है वो भी फीस जमा करने के बाद और बाकी लोग इसी आश में फॉर्म भरते है की मुझ भी एक मौका मिल जाये मैं ये नौकरी पा लूँ और परीक्षा होने तक तैयारी भी करते हैं फिर आयोग आता है और कहता है सब लोग अपना अपना एडमिट कार्ड निकाल लो जिनको शार्ट लिस्ट किया गया है वो एडमिट कार्ड की फीस जमा कर एडमिट कार्ड डाउनलोड कर लें एडमिट कार्ड की भी फी ली जाती है और यहीं बाकियों के सपने टूट जाते हैं बिना मुख्य परीक्षा दिये ही बाहर हो जाते हैं 5. आयोग को चाहिये की पेट की कटऑफ निर्धारित करे जैसे सीटेट और यूपी टेट में होता है अगर उस तरह भी न बने तो कम से कम पेट की कटऑफ तो निकाली जानी चाहिये जिससे पास हुए लोग ही मुख्य परीक्षा का फॉर्म भरेगें और मुख्य परीक्षा की तैयारी करने के बाद परीक्षा में बैठने को तो मिलेगा जिनका नहीं होगा वो अपनी अगली परीक्षा की तैयारी करेगें इस अनिश्चितता से तो बचे रहेगें की मुझे मुख्य परीक्षा देने को मिलेगी या नहीं । उसके अलावां बहुत सी ऐसी भर्ती परीक्षायें हैं जो 5-5 साल हुयी ही नहीं है या रिजल्ट नहीं या डीवी नहीं हुई ग्राम विकास अधिकारी 2018 की परीक्षा होने के बाद रद्द कर दी गयी थी उसके बाद आजतक उसका कुछ नहीं हुआ परीक्षा रद्द करके दोबारा कराने का फैसला हाइकोर्ट द्वारा दिया जा चुका है और सुप्रीम कोर्ट द्वारा अन्तिम आदेश भी दिया जा चुका है