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मराठवाड्यामधील वारकरी सांप्रदायिक भजनातील अभंग आणि गवळणी.
गायक - शंकर बुवा डांगे, सारंग बुवा थोरात सवडकर
तबला पखवाज साथ - निळकंठ महाराज तांबिले, माऊली महाराज तांबिले.
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• नवीन अभंग गवळणी - सांप...
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अनुक्रमणिका.....
⚫ जय जय राम कृष्ण हरी ( नवीन चाल )
⚫ रूप पाहता लोचणी ( नवीन चाल )
⚫ जय जय विठ्ठल रखुमाई
⚫ रूप सावळे सुकुमार
⚫ त्रिशुळावरी काशिपुरी
⚫ देवा माझे मन लागो तुझे चरणी
⚫ जात्याच्या मुखी घालिते मोत्याचे दाने
⚫ दगडाच्या टाळामधूनी गायीले अभंग
⚫ दळीता कांडीता तुज गाईन रे अनंता
⚫ नाम जनार्दन रूप जनार्दन
⚫ या रे नाचू प्रेमानंदे
⚫ दिनाची माऊली आजी म्या देखीली
⚫ चला बाई वृंदावनी रासक्रीडा पाहू
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