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श्रेय:
संगीत एवम रिकॉर्डिंग - सूर्य राजकमल
लेखक - रमन द्विवेदी
भक्तों नमस्कार! प्रणाम! और हार्दिक अभिनन्दन! भक्तों आज हम आपको अपने लोकप्रिय कार्यक्रम दर्शन के माध्यम से जिस मंदिर की यात्रा करवाने जा रहे हैं! वो पहाड़ों के मध्य घने वन में स्थित है भक्तों हम बात कर रहे हैं गोविन्द वल्लभ पन्त बाँध के पास स्थापित वनदेवी मंदिर की!
मंदिर के बारे में:
भक्तों रेणुकूट स्थित वनदेवी मंदिर सोनभद्र जिले के रेणुकूट नामक स्थान पर स्थित है. जो रेणुकूट रेलवे स्टेशन से लगभग 6 किमी और रॉबर्ट्सगंज से लगभग 76 किमी की दूरी पर, उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में रिहंद बांध से लगभग 1 किमी आगे रेणुकूट-शक्तिनगर रोड पर पहाड़ों के मध्य स्थापित है। वनदेवी मंदिर वन की वनदेवी को ही समर्पित है।
मंदिर का इतिहास:
भक्तों रेणुकूट स्थित वनदेवी मंदिर का इतिहास लगभग 70 वर्ष पुराना है कहा जाता है कि वनदेवी की मूर्ति रिहंद बाँध की खुदाई के दौरान ही प्राप्त हुई थी जिसे यहाँ स्थापित कर मंदिर बनवा दिया गया. मंदिर में विराजमान देवी जी को नारियल और चुनरी चढ़ाया जाता है।
वनदेवी का परिचय:
भक्तों..वनदेवी, महर्षि वाल्मीकि द्वारा दिया हुआ जगत्जननी सीता का एक नाम हैं. जब भगवान् श्रीराम ने जगत्जननी सीता का परित्याग कर दिया तब महर्षि वाल्मीकि माता सीता को सादर अपने आश्रम ले गए और उन्हें अपने आश्रम में अपनी पुत्री की तरह रखा था. उसी आश्रम में वनदेवी की संज्ञा जगत्जननी सीता ने अपने अखण्ड पतिव्रत धर्म का पालन करते हुए अपने पुत्र लव-कुश को जन्म दिया था।
नजदीकी दर्शनीय स्थल:
भक्तों यदि आप रेणुकूट स्थित वनदेवी मंदिर की यात्रा पर जा रहे हैं और सैर सपाटे में रूचि रखते हैं तो रेणुकूट और सोनभद्र में मारकंडेय ऋषि की तपोस्थली कंडाकोट, मत्स्येंद्रनाथ गुफा, चुनहवा दरी, अमिला धाम, सिलहट बांध, नगवां बांध, भैंसहवा नाला, नल राजा महादेव, बरैला शिव मंदिर, ब्लैक बक घाटी महुअरिया, ओम पर्वत, मंगलेश्वर महादेव, सलखन फासिल्स पार्क, गोठानी संगम तट स्थित सोमेश्वर महादेव, कुंडवासिनी देवी, ओबरा बांध, रेणुकूट राधा कृष्ण मंदिर, बेलवादह, चिल्का झील, औड़ी पहाड़ी स्थित हनुमान मंदिर जैसे दर्शनीय पर्यटन स्थल हैं जहाँ आप अपने समय और सुविधा के अनुसार घूम फिर कर अपनी यात्रा को विस्तार दे सकते हैं|
सबसे अच्छा समय:
भक्तों अगर आप वनदेवी के दर्शनार्थ रेणुकूट यात्रा का विचार कर रहे हैं तो आप यहाँ की यात्रा किसी भी समय कर सकते हैं। परन्तु सितम्बर से अप्रैल का समय यहाँ की यात्रा का सबसे अच्छा समय है।
भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद। दर्शन ! 🙏
इस कार्यक्रम के प्रत्येक एपिसोड में हम भक्तों को भारत के प्रसिद्ध एवं प्राचीन मंदिर, धाम या देवी-देवता के दर्शन तो करायेंगे ही, साथ ही उस मंदिर की महिमा उसके इतिहास और उसकी मान्यताओं से भी सन्मुख करायेंगे। तो देखना ना भूलें ज्ञान और भक्ति का अनोखा दिव्य दर्शन। 🙏
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि तिलक किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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