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जगजीत सिंह अरोड़ा और ए ए के नियाज़ी एक मेज़ के सामने बैठे और दोनों ने आत्मसमर्पण के दस्तावेज़ों की पाँच प्रतियों पर हस्ताक्षर किए. नियाज़ी थोड़े परेशान हुए क्योंकि उनके पास कलम नहीं था. जनरल अरोड़ा की बगल में खड़े एक भारतीय अफ़सर ने उन्हें अपना पेन दिया. पता नहीं क्या सोचकर नियाज़ी ने अपना पूरा नाम नहीं लिखा सिर्फ़ ए ए के निया ही लिखा. इस बारे में जनरल अरोड़ा को बताया गया. उन्होंने फिर नियाज़ी से बात की. इसके बाद नियाज़ी ने फिर अपना पूरा नाम लिखा. नियाज़ी ने अपनी वर्दी पर लगे बिल्ले हटाए और अपनी .38 रिवॉल्वर निकालकर अरोड़ा को सौंप दी. उन्होंने अधीनता स्वीकार करने की मुद्रा में अपने माथे को जनरल अरोड़ा के माथे से लगाया. उस समय उनकी आँखों से आँसू बह रहे थे. पूरा समारोह सिर्फ़ 15 मिनट में समाप्त हो गया.
वीडियो: रेहान फ़ज़ल और देबलिन रॉय
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