अपने दिल के दिपक को. लालाजी बाबूजी चारीजी दाजीजी के पद चिन्हो पर चलकर. उनके नियमों का पालन. लगन. मेहनत. परिश्रम करके. उनके जैसा बनाना है. जीवन का सत्य व उसका रहस्य क्या है. चमत्कार से नही अनुभव से पाना है. चमत्कार का दूसरा नाम अनुभव है. आदि... प्रितम को प्रेम व प्यार भरा प्रणाम